फाजिल्का में विधायक और अधिकारी में तनातनी:शगुन स्कीम में लाभार्थी आय को लेकर विवाद, MLA ने फोन पर लगाई फटकार

फाजिल्का में विधायक और अधिकारी में तनातनी:शगुन स्कीम में लाभार्थी आय को लेकर विवाद, MLA ने फोन पर लगाई फटकार

पंजाब के फाजिल्का जिले में शगुन स्कीम को लेकर विधायक नरेंद्र पाल सवना और तहसील भलाई अधिकारी के बीच विवाद सामने आया है। मामला तब शुरू हुआ, जब गांव मुहार खीवा के महेंद्र कुमार नामक व्यक्ति को स्कीम का लाभ नहीं मिला और वह विधायक के पास पहुंचा। विधायक ने तहसील भलाई अधिकारी अशोक कुमार को फोन कर फटकार लगाई और कार्रवाई की चेतावनी दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। नियमों के तहत की थी फाइल खारिज जवाब में अशोक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट की। भलाई अधिकारी के अनुसार जून 2024 में आई फाइल एक महीने के भीतर ही नियमों के तहत खारिज कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि शगुन स्कीम के लिए लाभार्थी की वार्षिक आय 32,790 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि महेंद्र सिंह के दस्तावेजों में 90,000 रुपए की आय दर्शाई गई थी। 90 हजार आय का मंगवाया प्रमाण पत्र दूसरी ओर महेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने मूल फाइल में 30 हजार रुपए वार्षिक आय दिखाई थी। उनका आरोप है कि बाद में विभाग ने औपचारिकता के लिए उनके बेटे से 90 हजार रुपए की आय का प्रमाण पत्र मंगवाया। विवाद ने स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। विधायक और अधिकारी के बीच यह टकराव चर्चा का विषय बना हुआ है l जबकि महेंद्र सिंह इंसाफ की गुहार लगा रहा है l जिसका कहना है कि पहले उसे फाइल पास होने का भरोसा देकर फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया l पंजाब के फाजिल्का जिले में शगुन स्कीम को लेकर विधायक नरेंद्र पाल सवना और तहसील भलाई अधिकारी के बीच विवाद सामने आया है। मामला तब शुरू हुआ, जब गांव मुहार खीवा के महेंद्र कुमार नामक व्यक्ति को स्कीम का लाभ नहीं मिला और वह विधायक के पास पहुंचा। विधायक ने तहसील भलाई अधिकारी अशोक कुमार को फोन कर फटकार लगाई और कार्रवाई की चेतावनी दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। नियमों के तहत की थी फाइल खारिज जवाब में अशोक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट की। भलाई अधिकारी के अनुसार जून 2024 में आई फाइल एक महीने के भीतर ही नियमों के तहत खारिज कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि शगुन स्कीम के लिए लाभार्थी की वार्षिक आय 32,790 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि महेंद्र सिंह के दस्तावेजों में 90,000 रुपए की आय दर्शाई गई थी। 90 हजार आय का मंगवाया प्रमाण पत्र दूसरी ओर महेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने मूल फाइल में 30 हजार रुपए वार्षिक आय दिखाई थी। उनका आरोप है कि बाद में विभाग ने औपचारिकता के लिए उनके बेटे से 90 हजार रुपए की आय का प्रमाण पत्र मंगवाया। विवाद ने स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। विधायक और अधिकारी के बीच यह टकराव चर्चा का विषय बना हुआ है l जबकि महेंद्र सिंह इंसाफ की गुहार लगा रहा है l जिसका कहना है कि पहले उसे फाइल पास होने का भरोसा देकर फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया l   पंजाब | दैनिक भास्कर