सब्जी मंडी में बड़े पैमाने पर घोटाले हो रहे : चेयरमैन

सब्जी मंडी में बड़े पैमाने पर घोटाले हो रहे : चेयरमैन

भास्कर न्यूज |लुधियाना सब्ज़ी मंडी में करोड़ों रुपये के घोटाले का खेल चल रहा है। गेट नंबर-2 का कंडा 7 महीनों से खराब पड़ा है, जिसमें से छोटे-बड़े करीब 500 वाहन रोज़ाना मंडी में बिना तोले ही आ रहे हैं। इन वाहनों पर कोई सरकारी निगरानी नहीं है, ठेकेदारों के आदमी अपनी मर्जी से सीधे पर्ची काट रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि इस पूरे सिस्टम में मार्केट कमेटी के सुपरवाइज़र तक शामिल हैं, जो या तो मौके पर होते नहीं या आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसमें जो पिछले 10 सालों से सुपरवाइजर का काम कर रहे हैं। इसमें एक सुपरवाइजर को विजिलेंस द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इसके बावजूद वह आज भी मंडी में सुपरवाइजर का काम कर रहे हैं। जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों के नुकसान हो रहा है। 8 सितंबर 2024 को इंदर ट्रेडिंग कंपनी को कंडे का ठेका मिला था। दो साल का ये ठेका 71.67 लाख में दिया था, लेकिन अब तक कंडा चालू ही नहीं हुआ। इससे करोड़ों रुपए का नुकसान सरकारी खजाने को हो रहा है। वहीं, इस पूरे गोरख धंधे का फायदा आढ़तियों और ठेकेदारों को मिल रहा है। इस मामले पर जब मार्केट कमेटी के चेयरमैन गुरमेज सिंह गिल से बात की गई तो उन्होंने माना कि मंडी में बड़े पैमाने पर घोटाले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ठेकेदार को नोटिस भेजकर जल्द जवाब मांगा है। कई मुलाजिम इसमें शामिल हैं जो आढ़तियों से मिलकर सरकार को चूना लगा रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इससे पहले जुगनू इंजीनियरिंग कंपनी को 16 जुलाई 2021 से 15 जुलाई 2023 तक कंडे का ठेका दिया था जोकि लगभग 65 लाख का था। इस दौरान एक साल तक कंपनी ने मार्किट कमेटी को एक भी किश्त नहीं दी। इसके बाद इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इसके बाद कमेटी ने खुद कंडा चलाया और अब फिर नए ठेकेदार को सौंप दिया लेकिन हाल वही का वही है। सब्ज़ी और फ्रूट से भरे ट्राले मंडी में बिना किसी तौल के एंट्री कर रहे हैं। नियम के मुताबिक, हर ट्रॉले पर माल के कुल मूल्य की 1% मार्किट फीस लगती है। यानी 10 लाख के माल पर 10 हजार की पर्ची बनती है। लेकिन यहां न तो तौल हो रहा है, न ही मार्किट कमेटी का सुपरवाइज़र मौजूद है। सीधे ठेकेदार के कारिंदे पर्ची काट रहे हैं और पैसे की सीधी डील हो रही है। भास्कर न्यूज |लुधियाना सब्ज़ी मंडी में करोड़ों रुपये के घोटाले का खेल चल रहा है। गेट नंबर-2 का कंडा 7 महीनों से खराब पड़ा है, जिसमें से छोटे-बड़े करीब 500 वाहन रोज़ाना मंडी में बिना तोले ही आ रहे हैं। इन वाहनों पर कोई सरकारी निगरानी नहीं है, ठेकेदारों के आदमी अपनी मर्जी से सीधे पर्ची काट रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि इस पूरे सिस्टम में मार्केट कमेटी के सुपरवाइज़र तक शामिल हैं, जो या तो मौके पर होते नहीं या आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसमें जो पिछले 10 सालों से सुपरवाइजर का काम कर रहे हैं। इसमें एक सुपरवाइजर को विजिलेंस द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इसके बावजूद वह आज भी मंडी में सुपरवाइजर का काम कर रहे हैं। जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों के नुकसान हो रहा है। 8 सितंबर 2024 को इंदर ट्रेडिंग कंपनी को कंडे का ठेका मिला था। दो साल का ये ठेका 71.67 लाख में दिया था, लेकिन अब तक कंडा चालू ही नहीं हुआ। इससे करोड़ों रुपए का नुकसान सरकारी खजाने को हो रहा है। वहीं, इस पूरे गोरख धंधे का फायदा आढ़तियों और ठेकेदारों को मिल रहा है। इस मामले पर जब मार्केट कमेटी के चेयरमैन गुरमेज सिंह गिल से बात की गई तो उन्होंने माना कि मंडी में बड़े पैमाने पर घोटाले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ठेकेदार को नोटिस भेजकर जल्द जवाब मांगा है। कई मुलाजिम इसमें शामिल हैं जो आढ़तियों से मिलकर सरकार को चूना लगा रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इससे पहले जुगनू इंजीनियरिंग कंपनी को 16 जुलाई 2021 से 15 जुलाई 2023 तक कंडे का ठेका दिया था जोकि लगभग 65 लाख का था। इस दौरान एक साल तक कंपनी ने मार्किट कमेटी को एक भी किश्त नहीं दी। इसके बाद इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इसके बाद कमेटी ने खुद कंडा चलाया और अब फिर नए ठेकेदार को सौंप दिया लेकिन हाल वही का वही है। सब्ज़ी और फ्रूट से भरे ट्राले मंडी में बिना किसी तौल के एंट्री कर रहे हैं। नियम के मुताबिक, हर ट्रॉले पर माल के कुल मूल्य की 1% मार्किट फीस लगती है। यानी 10 लाख के माल पर 10 हजार की पर्ची बनती है। लेकिन यहां न तो तौल हो रहा है, न ही मार्किट कमेटी का सुपरवाइज़र मौजूद है। सीधे ठेकेदार के कारिंदे पर्ची काट रहे हैं और पैसे की सीधी डील हो रही है।   पंजाब | दैनिक भास्कर