फिरोजाबाद में बंदी की मौत के बाद शुक्रवार रात 3 घंटे तक बवाल चला। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। आक्रोशित भीड़ ने रोड पर खड़ी बाइकें फूंक दीं। एम्बुलेंस तोड़ दी। सीओ हिमांशु गौरव और सिटी मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार को भागकर जान बचानी पड़ी। उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पथराव कर रहे लोगों को पुलिस ने घसीट-घसीट कर पीटा। हवा में 6 राउंड फायरिंग की। घटना में करीब 10 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 5 पुलिसकर्मी भी हैं। एक SI का सिर फट गया। विरोध बढ़ता देख आसपास के 5 थानों से पुलिस बुला ली गई। एक कंपनी PAC भी आई। SSP समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों से बात की। उन्हें समझाया। तब कहीं जाकर हालात काबू हुए। पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया। रात में सभी को छोड़ दिया गया। शनिवार सुबह बंदी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बवाल की 3 तस्वीरें देखिए… 19 जून को बिगड़ी तबीयत, 21 को हुई मौत
थाना दक्षिण के नगला पचिया निवासी आकाश सिंह (28) को पुलिस ने 17 जून को बाइक चोरी के मामले में जेल भेजा था। 19 जून को जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 21 जून को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। एम्बुलेंस बीच सड़क रोककर करने लगे प्रदर्शन
पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। एंबुलेंस से शव को घर लेकर जाते समय परिजनों ने थाना दक्षिण के हिमायूंपुर चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। बीच सड़क पर महिलाएं और पुरुष बैठ गए। नारेबाजी शुरू कर दी। भीम आर्मी के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे। पथराव होते ही पुलिस को भी भागना पड़ा
जाम की सूचना पर पुलिस पहुंची। परिजनों को समझाने का प्रयास करने लगी। इसी बीच लोग एंबुलेंस को चारों ओर से घेरकर खड़े हो गए। पुलिस ने हटाने का प्रयास किया तो लोगों ने ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। मौके पर भगदड़ मच गई। पथराव होता देख पुलिस टीम को उल्टे पांव भागना पड़ा। आधे घंटे तक पत्थरबाजी
इसके बाद कई थानों की फोर्स और पीएसी आई। उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे आक्रोशित लोगों ने सड़क किनारे खड़ी बाइक को आग लगा दी। एम्बुलेंस में भी तोड़फोड़ कर दी। आधे घंटे तक जमकर ईंट-पत्थर फेंके गए। बवाल करने वालों में युवा और महिलाएं थीं
पुलिस अधिकारियों का कहना है- प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा और महिलाएं थीं। बवाल बढ़ता देख व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं। जाम लगाने से लेकर पत्थरबाजी और लाठीचार्ज तक करीब 3 घंटे तक बवाल चला। पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- जाम लगाने के बाद रात 8 बजे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। हालात बेकाबू हो गए। पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई लोगों को चोटें आई। लोग जान बचाने के लिए घरों में घुस गए। पुलिस खींचकर लोगों को घर से बाहर लाई और जमकर पीटा। SSP सौरभ दीक्षित ने बताया, पीड़ित पक्ष के साथ कई लोग इकट्ठा थे, उन्हें समझाया जा रहा था। इसी बीच अराजक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए हालात को संभाला। जिन्होंने कानून को हाथ में लिया है, उन पर कार्रवाई जरूर होगी। 4 लोगों को हिरासत में लिया गया। गुरुवार रात भी बिगड़ी थी तबीयत
जेल सुप्रीटेंडेंट एके सिंह ने बताया-19 जून को चोरी के मामले में आरोपी को जेल लाया गया था। गुरुवार रात उसकी तबीयत खराब हुई थी। डॉक्टरों ने जेल में उसे दवा दी, वह ठीक हो गया था। शुक्रवार सुबह 5 बजे अचानक फिर उसकी तबीयत बिगड़ी। उसे जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। फिरोजाबाद में बंदी की मौत के बाद शुक्रवार रात 3 घंटे तक बवाल चला। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। आक्रोशित भीड़ ने रोड पर खड़ी बाइकें फूंक दीं। एम्बुलेंस तोड़ दी। सीओ हिमांशु गौरव और सिटी मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार को भागकर जान बचानी पड़ी। उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पथराव कर रहे लोगों को पुलिस ने घसीट-घसीट कर पीटा। हवा में 6 राउंड फायरिंग की। घटना में करीब 10 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 5 पुलिसकर्मी भी हैं। एक SI का सिर फट गया। विरोध बढ़ता देख आसपास के 5 थानों से पुलिस बुला ली गई। एक कंपनी PAC भी आई। SSP समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों से बात की। उन्हें समझाया। तब कहीं जाकर हालात काबू हुए। पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया। रात में सभी को छोड़ दिया गया। शनिवार सुबह बंदी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बवाल की 3 तस्वीरें देखिए… 19 जून को बिगड़ी तबीयत, 21 को हुई मौत
थाना दक्षिण के नगला पचिया निवासी आकाश सिंह (28) को पुलिस ने 17 जून को बाइक चोरी के मामले में जेल भेजा था। 19 जून को जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 21 जून को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। एम्बुलेंस बीच सड़क रोककर करने लगे प्रदर्शन
पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। एंबुलेंस से शव को घर लेकर जाते समय परिजनों ने थाना दक्षिण के हिमायूंपुर चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। बीच सड़क पर महिलाएं और पुरुष बैठ गए। नारेबाजी शुरू कर दी। भीम आर्मी के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे। पथराव होते ही पुलिस को भी भागना पड़ा
जाम की सूचना पर पुलिस पहुंची। परिजनों को समझाने का प्रयास करने लगी। इसी बीच लोग एंबुलेंस को चारों ओर से घेरकर खड़े हो गए। पुलिस ने हटाने का प्रयास किया तो लोगों ने ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। मौके पर भगदड़ मच गई। पथराव होता देख पुलिस टीम को उल्टे पांव भागना पड़ा। आधे घंटे तक पत्थरबाजी
इसके बाद कई थानों की फोर्स और पीएसी आई। उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे आक्रोशित लोगों ने सड़क किनारे खड़ी बाइक को आग लगा दी। एम्बुलेंस में भी तोड़फोड़ कर दी। आधे घंटे तक जमकर ईंट-पत्थर फेंके गए। बवाल करने वालों में युवा और महिलाएं थीं
पुलिस अधिकारियों का कहना है- प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा और महिलाएं थीं। बवाल बढ़ता देख व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं। जाम लगाने से लेकर पत्थरबाजी और लाठीचार्ज तक करीब 3 घंटे तक बवाल चला। पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- जाम लगाने के बाद रात 8 बजे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। हालात बेकाबू हो गए। पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई लोगों को चोटें आई। लोग जान बचाने के लिए घरों में घुस गए। पुलिस खींचकर लोगों को घर से बाहर लाई और जमकर पीटा। SSP सौरभ दीक्षित ने बताया, पीड़ित पक्ष के साथ कई लोग इकट्ठा थे, उन्हें समझाया जा रहा था। इसी बीच अराजक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए हालात को संभाला। जिन्होंने कानून को हाथ में लिया है, उन पर कार्रवाई जरूर होगी। 4 लोगों को हिरासत में लिया गया। गुरुवार रात भी बिगड़ी थी तबीयत
जेल सुप्रीटेंडेंट एके सिंह ने बताया-19 जून को चोरी के मामले में आरोपी को जेल लाया गया था। गुरुवार रात उसकी तबीयत खराब हुई थी। डॉक्टरों ने जेल में उसे दवा दी, वह ठीक हो गया था। शुक्रवार सुबह 5 बजे अचानक फिर उसकी तबीयत बिगड़ी। उसे जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर