हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम आज फ्रांस रवाना होगी। 7 सदसीय टीम 20 अक्टूबर तक फ्रांस में विभिन्न डेयरी फर्म का दौरा करेगी और वहां दूध से बनने वाले विभिन्न प्रोडक्ट को बनाने व इनकी मार्केटिंग की जानकारी हासिल करेगी। कृषि मंत्री के अलावा 2 MLA, सरकारी उपक्रम मिल्कफेड के सचिव, MD मिल्कफेड और डेयरी फर्म चलाने वाली 2 महिलाएं फ्रांस जा रही है। विधायकों में स्टेट प्लानिंग बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन भवानी सिंह पठानिया और CPS (मुख्य संसदीय सचिव) संजय अवस्थी शामिल है। बता दें कि हिमाचल सरकार कांगड़ा के ढगवार में आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रदेश का सबसे बड़ा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट बनाने जा रही है। इसके लिए टैंडर अवार्ड कर दिए है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को इस प्लांट के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्माण स्थल पर मशीनरी पहुंचा दी है। पुराने भवनों को गिराने और जमीन को समतल करने का काम शुरू हो गया है। 201 करोड़ से बन रहा मिल्क प्लांट इस प्लांट के लिए राजस्व विभाग ने पशुपालन विभाग के नाम पर 76 कनाल भूमि हस्तांतरित कर दी है। प्रदेश सरकार के इस प्लांट के लिए नाबार्ड से 201 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया है। मिल्क फेडरेशन को पहली किस्त के तौर पर 60 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। प्लांट के तैयार होने के बाद हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन इस दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट का संचालन करेगा। कांग्रेस ने दी थी ये गारंटी हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों बागवानों से गाय व भेंस का दूध क्रमश: 80 व 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीदने का वादा किया था। यह वादा तो पूरा नहीं किया गया, मगर राज्य सरकार ने मिल्कफेड के जरिए खरीदे जाने वाले दूध के दाम में 13.20 रुपए की बढ़ौतरी की है। इसके बाद गाय का दूध 45 रुपए और भेंस का 55 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पशुपालकों से खरीदा जा रहा है। इसी मंशा से मॉडर्न मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है। फ्रांस, यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश राज्य सरकार सोसायटियों के माध्यम से दूध खरीदने की योजना बना रही है। फ्रांस में भी सोसायटी के माध्यम से डेयरी कारोबार खूब फल फूल रहा है। दावा किया जाता है कि यूरोप में फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक और दुनिया का सातवां सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। फ्रांस में 58 हजार डेयरी फॉर्म है। इनमें कुछ बड़े डेयरी फॉर्म का हिमाचल से जाने वाली टीम विजिट करेगी। कॉपरेटिव सेक्टर से कैसे बेहतर बनाया जाए, ये देखेंगे: चंद्र कुमार कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि हिमाचल सरकार मॉडर्न मिल्क प्लांट शुरू करने जा रही है। इसलिए फ्रांस जाकर स्टडी करेंगे कि दूध के कौन कौन से प्रोडक्ट बनाए जाए और इनकी मार्केटिंग कैसे की जाए? दूध की खरीद कॉपरेटिव सेक्टर से कैसे बेहतर बनाई जाए। इन सब चीजों पर फ्रांस में टीम स्टडी करेगी। हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम आज फ्रांस रवाना होगी। 7 सदसीय टीम 20 अक्टूबर तक फ्रांस में विभिन्न डेयरी फर्म का दौरा करेगी और वहां दूध से बनने वाले विभिन्न प्रोडक्ट को बनाने व इनकी मार्केटिंग की जानकारी हासिल करेगी। कृषि मंत्री के अलावा 2 MLA, सरकारी उपक्रम मिल्कफेड के सचिव, MD मिल्कफेड और डेयरी फर्म चलाने वाली 2 महिलाएं फ्रांस जा रही है। विधायकों में स्टेट प्लानिंग बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन भवानी सिंह पठानिया और CPS (मुख्य संसदीय सचिव) संजय अवस्थी शामिल है। बता दें कि हिमाचल सरकार कांगड़ा के ढगवार में आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रदेश का सबसे बड़ा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट बनाने जा रही है। इसके लिए टैंडर अवार्ड कर दिए है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को इस प्लांट के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्माण स्थल पर मशीनरी पहुंचा दी है। पुराने भवनों को गिराने और जमीन को समतल करने का काम शुरू हो गया है। 201 करोड़ से बन रहा मिल्क प्लांट इस प्लांट के लिए राजस्व विभाग ने पशुपालन विभाग के नाम पर 76 कनाल भूमि हस्तांतरित कर दी है। प्रदेश सरकार के इस प्लांट के लिए नाबार्ड से 201 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया है। मिल्क फेडरेशन को पहली किस्त के तौर पर 60 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। प्लांट के तैयार होने के बाद हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन इस दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट का संचालन करेगा। कांग्रेस ने दी थी ये गारंटी हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों बागवानों से गाय व भेंस का दूध क्रमश: 80 व 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीदने का वादा किया था। यह वादा तो पूरा नहीं किया गया, मगर राज्य सरकार ने मिल्कफेड के जरिए खरीदे जाने वाले दूध के दाम में 13.20 रुपए की बढ़ौतरी की है। इसके बाद गाय का दूध 45 रुपए और भेंस का 55 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पशुपालकों से खरीदा जा रहा है। इसी मंशा से मॉडर्न मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है। फ्रांस, यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश राज्य सरकार सोसायटियों के माध्यम से दूध खरीदने की योजना बना रही है। फ्रांस में भी सोसायटी के माध्यम से डेयरी कारोबार खूब फल फूल रहा है। दावा किया जाता है कि यूरोप में फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक और दुनिया का सातवां सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। फ्रांस में 58 हजार डेयरी फॉर्म है। इनमें कुछ बड़े डेयरी फॉर्म का हिमाचल से जाने वाली टीम विजिट करेगी। कॉपरेटिव सेक्टर से कैसे बेहतर बनाया जाए, ये देखेंगे: चंद्र कुमार कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि हिमाचल सरकार मॉडर्न मिल्क प्लांट शुरू करने जा रही है। इसलिए फ्रांस जाकर स्टडी करेंगे कि दूध के कौन कौन से प्रोडक्ट बनाए जाए और इनकी मार्केटिंग कैसे की जाए? दूध की खरीद कॉपरेटिव सेक्टर से कैसे बेहतर बनाई जाए। इन सब चीजों पर फ्रांस में टीम स्टडी करेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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