<p style=”text-align: justify;”>बकरीद को लेकर बयानबाजी पर AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा कि संविधान इजाजत देता है कि सब अपना-अपना त्योहार मनाए. हमारे हिंदू भाई मनाते हैं, सिख भाई, क्रिश्चन भाई और मुसलमानों को भी अपना त्योहार मनाने का पूरा अधिकार है. हम पूरे कायदा कानून का पालन करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “सदियों से बकरीद मनाया जा रहा है. मुसलमानों पर फर्ज है कि वो बकरीद पर कुर्बानी करें. सरकार की गाइडलाइंस है कि आप बकरे को खरीद सकते हैं, बेच सकते हैं और कुर्बानी कर सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अब कुछ लोग जो नफरत फैलाना चाहते हैं…'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके आगे उन्होंने कहा, “हर साल सोसाइटी के अंदर कुर्बानियां होती हैं. बीएमसी वाले आते हैं, सर्वे करते हैं, परमिशन देते हैं, उसके बाद कुर्बानी होती है. यहां पर काफी सोसाइटी में बीएमसी ने परमिशन दे दी…अब कुछ लोग जो नफरत फैलाना चाहते हैं, वो जाते हैं बीएमसी के कर्मचारियों के पास, उनको बोला जाता है कि तू ऑर्डर वापस ले. दबाव बनाते हैं और ऑर्डर वापस ले लेते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अब बकरा लेकर आदमी कहां जाएगा'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>AIMIM नेता ने आगे कहा, “क्या ये धांधली नहीं है? हम जब फोन करते हैं तो बोलते हैं कि ऊपर से दबाव है. अब बताइए बकरा लेकर वो कहां जाएगा? उसको तो आपने इजाजत दिया था, वो बकरा लेकर आया था, अब वो आदमी कहां जाएगा? कहीं न कहीं सरकार को इस पर उचित कदम उठाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जीव हत्या और बकवास…'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वारिस पठान ने ये भी कहा, “ये हर साल देखा जाता है कि जब ईद का त्योहार आने वाला होता है उसके 8-10 दिन पहले कुछ नफरती लोग जाग उठते हैं. जीव हत्या और बकवास लेकर आ जाते हैं…वर्चुअल कुर्बानी कैसे कर सकते हैं?…हमारे खाने पीने से नफरत, हिजाब से नफरत, वक्फ की जमीन हड़पने की बात होती है. अब तो परमिशन देकर मुकड़ जाते हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कल कहेंगे कि चिकन मत खाओ'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके आगे उन्होंने कहा, “आज ये लोग बोल रहे हैं कि बकरे की कुर्बानी मत करो, कल बोलेंगे कि चिकन मत खाओ, परसों बोलेंगे कि मछली मत खाओ. नितेश राणे जो नफरत फैला रहा है वो तो फिशरीज एंड पोर्ट्स का मिनिस्टर है तो क्या सरकार इस डिपार्टमेंट को बंद कर देगी? नहीं न तो फिर हर इंसान को खाने पीने का अधिकार है. ये संवैधानिक अधिकार है आप उसको नहीं रो सकते.”</p> <p style=”text-align: justify;”>बकरीद को लेकर बयानबाजी पर AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा कि संविधान इजाजत देता है कि सब अपना-अपना त्योहार मनाए. हमारे हिंदू भाई मनाते हैं, सिख भाई, क्रिश्चन भाई और मुसलमानों को भी अपना त्योहार मनाने का पूरा अधिकार है. हम पूरे कायदा कानून का पालन करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “सदियों से बकरीद मनाया जा रहा है. मुसलमानों पर फर्ज है कि वो बकरीद पर कुर्बानी करें. सरकार की गाइडलाइंस है कि आप बकरे को खरीद सकते हैं, बेच सकते हैं और कुर्बानी कर सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अब कुछ लोग जो नफरत फैलाना चाहते हैं…'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके आगे उन्होंने कहा, “हर साल सोसाइटी के अंदर कुर्बानियां होती हैं. बीएमसी वाले आते हैं, सर्वे करते हैं, परमिशन देते हैं, उसके बाद कुर्बानी होती है. यहां पर काफी सोसाइटी में बीएमसी ने परमिशन दे दी…अब कुछ लोग जो नफरत फैलाना चाहते हैं, वो जाते हैं बीएमसी के कर्मचारियों के पास, उनको बोला जाता है कि तू ऑर्डर वापस ले. दबाव बनाते हैं और ऑर्डर वापस ले लेते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अब बकरा लेकर आदमी कहां जाएगा'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>AIMIM नेता ने आगे कहा, “क्या ये धांधली नहीं है? हम जब फोन करते हैं तो बोलते हैं कि ऊपर से दबाव है. अब बताइए बकरा लेकर वो कहां जाएगा? उसको तो आपने इजाजत दिया था, वो बकरा लेकर आया था, अब वो आदमी कहां जाएगा? कहीं न कहीं सरकार को इस पर उचित कदम उठाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जीव हत्या और बकवास…'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वारिस पठान ने ये भी कहा, “ये हर साल देखा जाता है कि जब ईद का त्योहार आने वाला होता है उसके 8-10 दिन पहले कुछ नफरती लोग जाग उठते हैं. जीव हत्या और बकवास लेकर आ जाते हैं…वर्चुअल कुर्बानी कैसे कर सकते हैं?…हमारे खाने पीने से नफरत, हिजाब से नफरत, वक्फ की जमीन हड़पने की बात होती है. अब तो परमिशन देकर मुकड़ जाते हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कल कहेंगे कि चिकन मत खाओ'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके आगे उन्होंने कहा, “आज ये लोग बोल रहे हैं कि बकरे की कुर्बानी मत करो, कल बोलेंगे कि चिकन मत खाओ, परसों बोलेंगे कि मछली मत खाओ. नितेश राणे जो नफरत फैला रहा है वो तो फिशरीज एंड पोर्ट्स का मिनिस्टर है तो क्या सरकार इस डिपार्टमेंट को बंद कर देगी? नहीं न तो फिर हर इंसान को खाने पीने का अधिकार है. ये संवैधानिक अधिकार है आप उसको नहीं रो सकते.”</p> महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे को राज ठाकरे की पार्टी का जवाब, ‘लोग तो 2014 में…’, CM फडणवीस और कांग्रेस ने क्या कहा?
बकरीद की कुर्बानी का जिक्र कर वारिस पठान का बड़ा बयान, ‘हमारे खाने-पीने से नफरत…’
