हरियाणा के पानीपत शहर के सेक्टर 11 स्थित एक किराना स्टोर में चोरी हो गई। दुकान पर रोजाना सामान खरीदने आने वाले दो युवकों ने अपने दोस्त के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब दुकानदार ने सीसीटीवी चेक किया। चोरों ने दुकान के कैश बॉक्स से 52 हजार रुपए की नकदी चुरा ली। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर सीसीटीवी के आधार पर चोरों की तलाश शुरू कर दी है। बीमार होने की वजह सुबह की बजाय शाम को खोली दुकान चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में नितिन ने बताया कि वह NHBC, सेक्टर 11 का रहने वाला है। उसकी सनौली रोड पर आहूजा अस्पताल के पीछे सेवक ट्रेडिंग कंपनी के नाम से किरयाणा स्टोर है। 29 जून की रात 10 बजे वह अपनी दुकान बंद कर घर चला गया था। 30 जून को बीमार होने की वजह उसने सुबह की बजाय शाम को अपनी दुकान खोली थी। जिस दौरान उसने देखा कि दुकान के ताले टूटे हुए थे। दुकान के भीतर गया तो देखा कि गल्ला में लगभग 50 से 52 हजार कैश थे, जोकि चोरी हो गए। इसके बाद उसने अपनी दुकान के CCTV कैमरे चेक किए। जिसमें देखा कि तीन लोग दुकान के भीतर घुसकर वारदात की है। जिनमें से दो लड़कों को चह पहचानता है। क्योंकि वे उसकी दुकान पर सामान लेने आते रहते है। उनका नाम फैजान और शराफत है। इनके साथ तीसरा लड़का है। हरियाणा के पानीपत शहर के सेक्टर 11 स्थित एक किराना स्टोर में चोरी हो गई। दुकान पर रोजाना सामान खरीदने आने वाले दो युवकों ने अपने दोस्त के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब दुकानदार ने सीसीटीवी चेक किया। चोरों ने दुकान के कैश बॉक्स से 52 हजार रुपए की नकदी चुरा ली। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर सीसीटीवी के आधार पर चोरों की तलाश शुरू कर दी है। बीमार होने की वजह सुबह की बजाय शाम को खोली दुकान चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में नितिन ने बताया कि वह NHBC, सेक्टर 11 का रहने वाला है। उसकी सनौली रोड पर आहूजा अस्पताल के पीछे सेवक ट्रेडिंग कंपनी के नाम से किरयाणा स्टोर है। 29 जून की रात 10 बजे वह अपनी दुकान बंद कर घर चला गया था। 30 जून को बीमार होने की वजह उसने सुबह की बजाय शाम को अपनी दुकान खोली थी। जिस दौरान उसने देखा कि दुकान के ताले टूटे हुए थे। दुकान के भीतर गया तो देखा कि गल्ला में लगभग 50 से 52 हजार कैश थे, जोकि चोरी हो गए। इसके बाद उसने अपनी दुकान के CCTV कैमरे चेक किए। जिसमें देखा कि तीन लोग दुकान के भीतर घुसकर वारदात की है। जिनमें से दो लड़कों को चह पहचानता है। क्योंकि वे उसकी दुकान पर सामान लेने आते रहते है। उनका नाम फैजान और शराफत है। इनके साथ तीसरा लड़का है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP सांसद की भतीजी युगांडा जेल में बंद:पंजाब के कारोबारी ओसवाल की बेटी, करोड़ों की हेराफेरी के केस में फंसी वसुंधरा
हरियाणा BJP सांसद की भतीजी युगांडा जेल में बंद:पंजाब के कारोबारी ओसवाल की बेटी, करोड़ों की हेराफेरी के केस में फंसी वसुंधरा हरियाणा के कुरुक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल की पत्नी शालू जिंदल की भतीजी और पंजाब के ओसवाल ग्रुप के मालिक पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा 3 अक्टूबर से युगांडा की जेल में बंद है। वसुंधरा पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का आरोप है। पंकज ओसवाल पिछले 17 दिनों से बेटी को ढूंढ रहे थे। परिवार ने बेटी को अवैध हिरासत में रखने के आरोप लगाए थे। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि पंकज ने भारत सरकार के अलावा यूनाइटेड नेशंस वर्किंग ग्रुप से मदद मांगी थी। मामला सामने आने के बाद युगांडा सरकार ने वसुंधरा को कानूनी सहायता देने का भरोसा दिया है। वसुंधरा मंगलवार (22 अक्टूबर) तक जेल से बाहर आ सकती है। युगांडा में रह रहे भारतीयों ने PM से लगाई गुहार
युगांडा में रह रहे भारतीयों को मीडिया रिपोर्ट्स से जब वसुंधरा के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने और गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखे जाने के बारे में पता चला तो उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री से संपर्क साधने की कोशिश की। उन्होंने सरकार से वसुंधरा के बारे में डिटेल मांगी। जिसके बाद युगांडा सरकार की तरफ से भारत सरकार को बताया कि वसुंधरा युगांडा के कपाला शहर की नाकासोंगोला जेल मे बंद है। तंजानिया सरकार की तरफ से वसुंधरा पर यह कार्रवाई की गई। युगांडा सरकार की तरफ से भारत सरकार को ये भी स्पष्टीकरण दिया गया कि वसुंधरा पर सरकार या वहां की पुलिस की तरफ से किसी तरह का टॉर्चर नहीं किया गया, न ही उसे गैरकानूनी ढंग से रखा गया है। वसुंधरा को पहले हुई पूछताछ के आधार पर केस दर्ज कर जेल में बंद किया गया है। पूरी कार्रवाई कानूनी रूप से की गई है। ओसवाल के प्लांट से ही हुई गिरफ्तार
रिपोर्ट्स के मुताबिक वसुंधरा को युगांडा में ओसवाल के प्लांट से करीब 20 हथियारबंद लोगों ने पकड़ा था। उन्होंने गिरफ्तार करने से पहले अपनी पहचान या वारंट नहीं दिखाया था। पंकज ने दावा किया कि कॉर्पोरेट और राजनीतिक हेरफेर के कारण उनकी बेटी की गिरफ्तारी हुई है। उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, इसलिए उसे अवैध रूप से रखा गया है। पंकज के मुताबिक एक पूर्व कर्मचारी ने गारंटर के तौर पर ओसवाल के परिवार के साथ 2 लाख डॉलर का लोन लिया था। जब ओसवाल परिवार ने गारंटी लेने से इनकार कर दिया तो उसने वसुंधरा के खिलाफ झूठे आरोप लगा दिए। बाद में वह शख्स युगांडा से भाग गया। युगांडा में कंपनी की डायरेक्टर है वसुंधरा
पंकज ओसवाल और उनकी पत्नी राधिका ओसवाल पिछले 10 साल से स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं। वह एक आलीशान महल में रहते हैं, जिसकी कीमत 1649 करोड़ रुपए है। वहां वह अपना कारोबार चला रहे हैं। उनकी बेटी वसुंधरा युगांडा में PRO इंडस्ट्रीज की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर है। कंपनी का पूरा कामकाज वसुंधरा ही संभालती है। ऑस्ट्रेलिया में भी विवादों में रह चुके ओसवाल दंपती
पंकज ओसवाल और उनकी पत्नी राधिका पहले भी विवादों में रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में उन पर 100 मिलियन के डॉलर टैक्स चोरी करने और लोन में धांधली के गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद दोनों दंपती ने दिसंबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया छोड़ दिया था। पंकज ओसवाल ने ऑस्ट्रेलिया में ताजमहल जैसा महल बनवाना शुरू किया था। करीब 70 मिलियन डॉलर (करीब 588 करोड़ रुपए) की लागत वाले बंगले का नाम ‘ताज महल ऑन द स्वान’ रखा गया था। टैक्स न चुकाने और बिल्डिंग से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने की वजह से 2010 में इसका निर्माण रोक दिया गया और 2016 में इसे गिराने का आदेश दिया गया। वे इस पर करीब 22 मिलियन डॉलर (185 करोड़) खर्च भी कर चुके थे।
हरियाणा सरकार ने बर्थ सर्टिफिकेट में दी छूट:15 साल की उम्र पार कर चुके बच्चे का नाम दर्ज करवा सकेंगे, स्कूल का डॉक्यूमेंट जरूरी
हरियाणा सरकार ने बर्थ सर्टिफिकेट में दी छूट:15 साल की उम्र पार कर चुके बच्चे का नाम दर्ज करवा सकेंगे, स्कूल का डॉक्यूमेंट जरूरी हरियाणा में 15 साल से ऊपर की उम्र पार कर चुके बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जुड़वा सकते हैं। हरियाणा सरकार ने नियमों में ढील देते इस साल के अंत तक का समय दिया है। इससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी। 15 साल उम्र के बच्चों के पेरेंट्स बिना झंझट के नाम दर्ज करवा पाएंगे। सरकार द्वारा जारी किए गए नियम से जन्म प्रमाणपत्र के खाली कॉलम में नाम लिखवाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई है। इसमें नाम मात्र फीस अधिकतम 30 रुपए देकर नाम दर्ज करवाया जा सकता है। पहले जन्म प्रमाणपत्र के खाली कॉलम में केवल जन्म से 15 वर्ष तक ही नाम दर्ज करवाया जा सकता था। ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने बर्थ सर्टिफिकेट में नाम दर्ज नहीं करवाया था उनको अब दिक्कत आने लग गई थी। बर्थ सर्टिफिकेट ऐसा प्रमाण पत्र है जिसकी हर जगह जरूरत होती है। इसलिए जरूरत महसूस हुई
आज लोग बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर जागरूक हैं क्योंकि बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए इसे आवश्यक किया हुआ है, मगर पहले ऐसा नहीं था। पेरेंट्स इस जरूरी दस्तावेज के लिए ध्यान नहीं देते थे। मगर सरकार ने इसे जरूरी कर दिया है। राज्य सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र की योजनाओं में आवेदन या पासपोर्ट आवेदन आदि में बर्थ सर्टिफिकेट के जरिए नाम और उम्र की तसल्ली की जाती है। सरकार के पास ऐसे कई अभिभावकों की शिकायतें पहुंच रही थी। जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह राहत प्रदान की है। सैकड़ों ऐसे बच्चे हैं, जिनका अभी तक भी जन्म प्रमाणपत्र में नाम दर्ज नहीं है। 31 दिसंबर 2024 तक समय
हिसार नगर निगम जन्म-मृत्यु शाखा रजिस्ट्रार राहुल सैनी ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम दर्ज करवाने के लिए जन्म से 15 साल तक ही आवेदन कर सकते थे। अब 15 वर्ष से ऊपर के बच्चे 31 दिसंबर 2024 तक जन्म प्रमाणपत्र में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। पहले जन्म प्रमाणपत्र के खाली कॉलम में केवल जन्म से 15 वर्ष तक ही नाम दर्ज करवाया जा सकता था, लेकिन सरकार द्वारा इस संबंध में 10 फरवरी 2021 में जारी अधिसूचना के अनुसार 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के नाम जिनके जन्म प्रमाण पत्र में नाम का कॉलम खाली हैं वो अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। यह दस्तावेज जरूरी
हरियाणा में लालू के समधी का यूटर्न:कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर पर देंगे सफाई, दोपहर 12 बजे दिल्ली में करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
हरियाणा में लालू के समधी का यूटर्न:कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर पर देंगे सफाई, दोपहर 12 बजे दिल्ली में करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस दौरान वह कांग्रेस पार्टी छोड़ने और उसके बाद यूटर्न लेने के मामले का खुलासा भी करेंगे। दोपहर 12 बजे नई दिल्ली के रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में कैप्टन अजय यादव की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। बता दें कि 4 दिन पहले यादव ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने के साथ ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ओबीसी सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने X पर कांग्रेस पार्टी पर भड़ास निकालते हुए एक बाद एक कई पोस्ट की। यहां तक की राहुल गांधी को चापसूलों से घिरा हुआ तक बता दिया था। हालांकि एक दिन पहले कैप्टन ने यू-टर्न लेते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा-मैं जन्म से कांग्रेसी हूं और आखिरी सांस तक कांग्रेसी ही रहूंगा। उन्होंने राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा- मैं इस बात से दुखी था कि OBC विभाग के लिए की गई मेरी मेहनत को हाईकमान द्वारा सराहा नहीं जा रहा था। कुछ कठोर शब्दों ने मुझे यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया, लेकिन मैंने ठंडे दिमाग से कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का फैसला किया, खासकर मेरी मार्गदर्शक और नेता सोनिया गांधी जी को। मेरे बेटे चिरंजीव ने मुझे अतीत को भूलने के लिए प्रेरित किया। राहुल गांधी को चापलूसों से घिरा बताया था इससे पहले पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने सीधे तौर पर राहुल गांधी पर निशाना साधा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी चापलूसों से घिरे हुए हैं। अब केंद्रीय नेताओं से बात करना भी मुश्किल हो गया है। कोई अपने पिता के सहयोगी का अपमान नहीं करता। सपनों की दुनिया में जीना सबसे पुरानी पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। OBC सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा 17 अक्टूबर को दक्षिण हरियाणा से कांग्रेस के दिग्गज नेता और OBC सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे पत्र में कैप्टन ने कहा था कि पार्टी हाईकमान द्वारा मेरे साथ किए गए बुरे व्यवहार से वह निराश हैं। विधानसभा चुनाव में बेटे की हार के बाद निराश पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। हालांकि कैप्टन की ये नाराजगी विधानसभा चुनाव आते-आते कम हो गई। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव को फिर से रेवाड़ी सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं।