बच्चे से बोले किडनैपर्स-चिल्लाए तो गर्दन तोड़ दूंगा:मथुरा में 36 घंटे बदमाशों के चंगुल में रहा; बोला- गोलियां चल रही थीं, लगा मर जाऊंगा

बच्चे से बोले किडनैपर्स-चिल्लाए तो गर्दन तोड़ दूंगा:मथुरा में 36 घंटे बदमाशों के चंगुल में रहा; बोला- गोलियां चल रही थीं, लगा मर जाऊंगा

मथुरा पुलिस ने 12 साल के रूपेश को किडनैपिंग के 36 घंटे में बरामद कर लिया। इस दौरान पुलिस ने दो बदमाशों के पैर में गोली मारी। बदमाशों ने 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। किडनैपिंग के बाद से पुलिस बदमाशों को लगातार सर्च कर रही थी। इस बीच बदमाश बच्चे को मथुरा से भरतपुर, आगरा और फिर धौलपुर ले गए। मंगलवार रात बच्चे को एक टेंट में रखा। बुधवार देर शाम पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया। मुठभेड़ में दोनों बदमाशों को गोली लगी। SSP शैलेश पांडेय ने 12 साल के बच्चे को जब परिवार के हवाले किया, तब वे लोग रो पड़े। इस केस की मॉनिटरिंग DGP ऑफिस (लखनऊ) से हो रही थी। पहले पढ़िए बच्चे की जुबानी 36 घंटे की किडनैपिंग की कहानी एक बदमाश गर्दन पकड़े था, बोला- चिल्लाए तो तोड़ दूंगा
रूपेश ने बताया- मुझे बाइक पर बैठाने के बाद पीछे बैठे शख्स ने 2-3 थप्पड़ मारे। मैं डर गया कि जाने अब क्या होने वाला है? बाइक काफी देर तक सड़क पर दौड़ती रही। कई बार मन में आया कि चिल्लाऊं, लेकिन एक बदमाश पीछे से मेरी गर्दन पकड़े था। वो कह रहा था कि चिल्लाए तो गर्दन ही तोड़ दूंगा। वो लोग आपस में बात करते चल रहे थे। करीब डेढ़ घंटे बाद वे लोग एक होटल पर रुके। मेरा मुंह एक गमछे से ढक दिया। मुझे खाना खिलाया, फिर अपना खाना पैक करवा लिया। फिर वो लोग मुझे बाइक पर लेकर काफी देर तक चलते रहे। एक गांव जैसी जगह पर पहुंचे। यहां एक मोबाइल टॉवर के पास बाइक खड़ी कर दी। मुझे उसके पीछे लगे एक टेंट के पास ले गए। रातभर टेंट में ही रखा। मेरे हाथ-पैर बांधकर एक जगह पर बैठा दिया। दोनों बाहर बैठकर खाना खाने लगे। फिर अचानक उनके पास एक फोन आया। मुझे बाइक पर बैठाकर वे दोनों फिर चल दिए। रास्ता देखकर मुझे लगा कि ये जहां से आए हैं, वहीं वापस जा रहे हैं। कुछ देर में बदमाश बोले- पुलिस घेर रही है। बच्चा यहीं छोड़ देते हैं। इतने में पुलिस की जीप दिखाई दी। एक बदमाश ने तमंचा निकाल लिया। फिर मैंने आंखें बंद कर लीं। गोली चलने की आवाज आ रही थी। मुझे लगा कि मैं मर जाऊंगा। कुछ देर में कुछ लोगों ने मुझे पकड़ा, गोद में ले लिया। आंखें खोलीं, तो वो पुलिस वाले थे। अब पढ़िए किडनैपिंग और फिर पुलिस के बच्चे तक पहुंचने की कहानी… किडपैनिंग के 1 घंटे के अंदर फोन आया, 10 लाख रुपए दे दो
मामला मथुरा के फरह इलाके का है। गंजौली गांव के रहने वाले किसान मनोज का बेटा रूपेश 7वीं क्लास का स्टूडेंट है। वह मंगलवार को अपने भाई भूपेश के साथ साइकिल से ओल कस्बा से जा रहा था। गांव के बाहर बाइक पर 2 बदमाश पहुंचे। उन्होंने दोनों को रोक लिया। रूपेश को बाइक पर बैठाने के लिए खींचने लगे। भूपेश ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, तो एक बदमाश ने बाइक से उतर कर उसको पीट दिया। फिर दोनों बदमाश रूपेश को बाइक पर बैठाकर भाग निकले। भूपेश घर पहुंचा और पूरी बात अपने पिता मनोज को बताई। ठीक 1 घंटे के अंदर मनोज के मोबाइल पर एक कॉल आ गया। बदमाशों ने कहा- तुम्हारा बच्चा हमारे पास है। पुलिस को जानकारी दी तो बच्चे के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। हमें 10 लाख रुपए चाहिए। पैसा कहां और कैसे देना है, ये दोबारा फोन करके बताएंगे। पुलिस को जानकारी मिलते ही 7 टीमें एक्टिव हुईं
एक तरफ बदमाशों ने फोन किया। दूसरी तरफ मनोज ने पुलिस को किडनैपिंग के बारे में बता दिया। मथुरा के SSP शैलेश पांडेय ने बदमाशों की घेराबंदी के लिए 7 टीमें बनाईं। फिरौती के कॉल ट्रेसिंग शुरू हुई। 1 टीम को यही टास्क दिया गया। 3 पुलिस टीमें भरतपुर, आगरा और धौलपुर रवाना की गईं। बुधवार शाम बदमाशों की लोकेशन फरह इलाके शहजादपुर गुर्जर पुलिया के पास मिली। यहां पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया। माइक पर अनाउंसमैंट किया कि बच्चा हमें सौंप दो। लेकिन, बदमाशों की तरफ से गोली चलने के बाद पुलिस ने फायरिंग की। पुलिस की गोली से दोनों बदमाश घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने अछनेरा के तुरकिया में रहने वाले दोनों बदमाशों देवेंद्र और अरब सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुठभेड़ में देवेंद्र के जहां एक पैर में गोली लगी, वहीं अरब सिंह के दोनों पैरों में गोली लगी हैं। पुलिस ने दोनों बदमाशों से रूपेश को सकुशल बरामद कर लिया। बदमाश बोले- हमारे ऊपर कर्ज था, चुकाने के लिए किडनैपिंग की
बदमाशों ने बताया, उनके ऊपर कर्ज था। चुकाने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए किडनैपिंग का प्लान बनाया। देवेंद्र एक ढाबा पर कुक है, अरब सिंह किसान है। दोनों दोस्त हैं और एक ही गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि रूपेश को ही किडनैप करना है, ऐसा प्लानिंग में नहीं था। देवेंद्र और अरब ने बताया कि पहली बार उन्होंने किडनैपिंग की। इसके लिए वह 4-5 दिन से आस-पास के गांव में घूम रहे थे। मंगलवार की शाम को रूपेश और भूपेश अकेले जाते दिखाई दिए। जिसके बाद रूपेश का किडनैप कर लिया। पुलिस के लिए CCTV बना अहम सुराग SSP शैलेश पांडेय ने बताया- बदमाश रूपेश को लेकर भरतपुर के रूपवास पहुंचे। वहां एक होटल पर खाना खाया था। यहां लगे CCTV में दोनों बदमाश दिखे थे। यहां से निकलने के बाद उनकी लोकेशन नहीं मिली। पुलिस टीमें लगातार अपहरण करने वालों की तलाश में लगी रहीं। बदमाश होटल से बच्चे को लेकर सैंपऊ गांव के पास लगे मोबाइल टॉवर के पीछे एक टेंट में ले गए थे। तय हुआ था कि राजा की मंडी स्टेशन पर फिरौती के 10 लाख रुपए लेंगे। उन्होंने रूपेश के परिवार को 2 बार फोन किया था। जिसमें फिरौती आगरा के राजा मंडी स्टेशन के पास देने के लिए कहा गया। इस बीच भी पुलिस बदमाशों का पीछा कर रही थी। इस बीच बदमाश बच्चे को लेकर मथुरा की तरफ भागे। लेकिन शहजादपुर गुर्जर गांव के पास करनाल नहर की पुलिया पर उन्हें घेर लिया गया। 3 भाई बहन में सबसे छोटा है रूपेश
बेटे की सकुशल बरामदगी के बाद परिवार खुश है, वहीं रूपेश अभी भी सहमा है। रूपेश के ताऊ सुरेंद्र ने बताया- अपहरण करने के एक घंटे बाद आरोपियों ने फिरौती के लिए कॉल कर दी। हम पैसे की व्यवस्था करने लगे। अच्छा हुआ कि पुलिस को जानकारी दे दी। हमें लग रहा था कि हम इतने पैसे वाले नहीं है, फिर हमारा बच्चा क्यों बदमाश ले गए? रूपेश के पिता मनोज पेशे से किसान हैं। उनके 2 बेटे और एक बेटी है। बेटी सबसे बड़ी है फिर बेटा भूपेश और सबसे छोटा रूपेश है। यह खबर भी पढ़ें दो लड़कियां साथ जीना चाहती थीं…ट्रेन से कट गईं:अलीगढ़ में घरवालों को रिश्ता पसंद नहीं था अलीगढ़ के दाउद खां रेलवे स्टेशन के पास दो सहेलियों ने राजधानी एक्सप्रेस से कट कर जान दे दी। दोनों के शव कई टुकड़ों में रेलवे ट्रैक पर बिखर गए। जान देने वाली खुशबू LLB और तनु B.Sc रही थी। दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रेलवे ट्रैक पर खड़ी रहीं। ड्राइवर हॉर्न बजाता रहा, लेकिन वे ट्रैक से नहीं हटीं। यहां पढ़ें पूरी खबर मथुरा पुलिस ने 12 साल के रूपेश को किडनैपिंग के 36 घंटे में बरामद कर लिया। इस दौरान पुलिस ने दो बदमाशों के पैर में गोली मारी। बदमाशों ने 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। किडनैपिंग के बाद से पुलिस बदमाशों को लगातार सर्च कर रही थी। इस बीच बदमाश बच्चे को मथुरा से भरतपुर, आगरा और फिर धौलपुर ले गए। मंगलवार रात बच्चे को एक टेंट में रखा। बुधवार देर शाम पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया। मुठभेड़ में दोनों बदमाशों को गोली लगी। SSP शैलेश पांडेय ने 12 साल के बच्चे को जब परिवार के हवाले किया, तब वे लोग रो पड़े। इस केस की मॉनिटरिंग DGP ऑफिस (लखनऊ) से हो रही थी। पहले पढ़िए बच्चे की जुबानी 36 घंटे की किडनैपिंग की कहानी एक बदमाश गर्दन पकड़े था, बोला- चिल्लाए तो तोड़ दूंगा
रूपेश ने बताया- मुझे बाइक पर बैठाने के बाद पीछे बैठे शख्स ने 2-3 थप्पड़ मारे। मैं डर गया कि जाने अब क्या होने वाला है? बाइक काफी देर तक सड़क पर दौड़ती रही। कई बार मन में आया कि चिल्लाऊं, लेकिन एक बदमाश पीछे से मेरी गर्दन पकड़े था। वो कह रहा था कि चिल्लाए तो गर्दन ही तोड़ दूंगा। वो लोग आपस में बात करते चल रहे थे। करीब डेढ़ घंटे बाद वे लोग एक होटल पर रुके। मेरा मुंह एक गमछे से ढक दिया। मुझे खाना खिलाया, फिर अपना खाना पैक करवा लिया। फिर वो लोग मुझे बाइक पर लेकर काफी देर तक चलते रहे। एक गांव जैसी जगह पर पहुंचे। यहां एक मोबाइल टॉवर के पास बाइक खड़ी कर दी। मुझे उसके पीछे लगे एक टेंट के पास ले गए। रातभर टेंट में ही रखा। मेरे हाथ-पैर बांधकर एक जगह पर बैठा दिया। दोनों बाहर बैठकर खाना खाने लगे। फिर अचानक उनके पास एक फोन आया। मुझे बाइक पर बैठाकर वे दोनों फिर चल दिए। रास्ता देखकर मुझे लगा कि ये जहां से आए हैं, वहीं वापस जा रहे हैं। कुछ देर में बदमाश बोले- पुलिस घेर रही है। बच्चा यहीं छोड़ देते हैं। इतने में पुलिस की जीप दिखाई दी। एक बदमाश ने तमंचा निकाल लिया। फिर मैंने आंखें बंद कर लीं। गोली चलने की आवाज आ रही थी। मुझे लगा कि मैं मर जाऊंगा। कुछ देर में कुछ लोगों ने मुझे पकड़ा, गोद में ले लिया। आंखें खोलीं, तो वो पुलिस वाले थे। अब पढ़िए किडनैपिंग और फिर पुलिस के बच्चे तक पहुंचने की कहानी… किडपैनिंग के 1 घंटे के अंदर फोन आया, 10 लाख रुपए दे दो
मामला मथुरा के फरह इलाके का है। गंजौली गांव के रहने वाले किसान मनोज का बेटा रूपेश 7वीं क्लास का स्टूडेंट है। वह मंगलवार को अपने भाई भूपेश के साथ साइकिल से ओल कस्बा से जा रहा था। गांव के बाहर बाइक पर 2 बदमाश पहुंचे। उन्होंने दोनों को रोक लिया। रूपेश को बाइक पर बैठाने के लिए खींचने लगे। भूपेश ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, तो एक बदमाश ने बाइक से उतर कर उसको पीट दिया। फिर दोनों बदमाश रूपेश को बाइक पर बैठाकर भाग निकले। भूपेश घर पहुंचा और पूरी बात अपने पिता मनोज को बताई। ठीक 1 घंटे के अंदर मनोज के मोबाइल पर एक कॉल आ गया। बदमाशों ने कहा- तुम्हारा बच्चा हमारे पास है। पुलिस को जानकारी दी तो बच्चे के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। हमें 10 लाख रुपए चाहिए। पैसा कहां और कैसे देना है, ये दोबारा फोन करके बताएंगे। पुलिस को जानकारी मिलते ही 7 टीमें एक्टिव हुईं
एक तरफ बदमाशों ने फोन किया। दूसरी तरफ मनोज ने पुलिस को किडनैपिंग के बारे में बता दिया। मथुरा के SSP शैलेश पांडेय ने बदमाशों की घेराबंदी के लिए 7 टीमें बनाईं। फिरौती के कॉल ट्रेसिंग शुरू हुई। 1 टीम को यही टास्क दिया गया। 3 पुलिस टीमें भरतपुर, आगरा और धौलपुर रवाना की गईं। बुधवार शाम बदमाशों की लोकेशन फरह इलाके शहजादपुर गुर्जर पुलिया के पास मिली। यहां पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया। माइक पर अनाउंसमैंट किया कि बच्चा हमें सौंप दो। लेकिन, बदमाशों की तरफ से गोली चलने के बाद पुलिस ने फायरिंग की। पुलिस की गोली से दोनों बदमाश घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने अछनेरा के तुरकिया में रहने वाले दोनों बदमाशों देवेंद्र और अरब सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुठभेड़ में देवेंद्र के जहां एक पैर में गोली लगी, वहीं अरब सिंह के दोनों पैरों में गोली लगी हैं। पुलिस ने दोनों बदमाशों से रूपेश को सकुशल बरामद कर लिया। बदमाश बोले- हमारे ऊपर कर्ज था, चुकाने के लिए किडनैपिंग की
बदमाशों ने बताया, उनके ऊपर कर्ज था। चुकाने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए किडनैपिंग का प्लान बनाया। देवेंद्र एक ढाबा पर कुक है, अरब सिंह किसान है। दोनों दोस्त हैं और एक ही गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि रूपेश को ही किडनैप करना है, ऐसा प्लानिंग में नहीं था। देवेंद्र और अरब ने बताया कि पहली बार उन्होंने किडनैपिंग की। इसके लिए वह 4-5 दिन से आस-पास के गांव में घूम रहे थे। मंगलवार की शाम को रूपेश और भूपेश अकेले जाते दिखाई दिए। जिसके बाद रूपेश का किडनैप कर लिया। पुलिस के लिए CCTV बना अहम सुराग SSP शैलेश पांडेय ने बताया- बदमाश रूपेश को लेकर भरतपुर के रूपवास पहुंचे। वहां एक होटल पर खाना खाया था। यहां लगे CCTV में दोनों बदमाश दिखे थे। यहां से निकलने के बाद उनकी लोकेशन नहीं मिली। पुलिस टीमें लगातार अपहरण करने वालों की तलाश में लगी रहीं। बदमाश होटल से बच्चे को लेकर सैंपऊ गांव के पास लगे मोबाइल टॉवर के पीछे एक टेंट में ले गए थे। तय हुआ था कि राजा की मंडी स्टेशन पर फिरौती के 10 लाख रुपए लेंगे। उन्होंने रूपेश के परिवार को 2 बार फोन किया था। जिसमें फिरौती आगरा के राजा मंडी स्टेशन के पास देने के लिए कहा गया। इस बीच भी पुलिस बदमाशों का पीछा कर रही थी। इस बीच बदमाश बच्चे को लेकर मथुरा की तरफ भागे। लेकिन शहजादपुर गुर्जर गांव के पास करनाल नहर की पुलिया पर उन्हें घेर लिया गया। 3 भाई बहन में सबसे छोटा है रूपेश
बेटे की सकुशल बरामदगी के बाद परिवार खुश है, वहीं रूपेश अभी भी सहमा है। रूपेश के ताऊ सुरेंद्र ने बताया- अपहरण करने के एक घंटे बाद आरोपियों ने फिरौती के लिए कॉल कर दी। हम पैसे की व्यवस्था करने लगे। अच्छा हुआ कि पुलिस को जानकारी दे दी। हमें लग रहा था कि हम इतने पैसे वाले नहीं है, फिर हमारा बच्चा क्यों बदमाश ले गए? रूपेश के पिता मनोज पेशे से किसान हैं। उनके 2 बेटे और एक बेटी है। बेटी सबसे बड़ी है फिर बेटा भूपेश और सबसे छोटा रूपेश है। यह खबर भी पढ़ें दो लड़कियां साथ जीना चाहती थीं…ट्रेन से कट गईं:अलीगढ़ में घरवालों को रिश्ता पसंद नहीं था अलीगढ़ के दाउद खां रेलवे स्टेशन के पास दो सहेलियों ने राजधानी एक्सप्रेस से कट कर जान दे दी। दोनों के शव कई टुकड़ों में रेलवे ट्रैक पर बिखर गए। जान देने वाली खुशबू LLB और तनु B.Sc रही थी। दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रेलवे ट्रैक पर खड़ी रहीं। ड्राइवर हॉर्न बजाता रहा, लेकिन वे ट्रैक से नहीं हटीं। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर