‘सरकार बच्चों को मां से जुदा क्यों कर रही है? इसमें हमारा क्या गुनाह है? मेरी 1 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है। हम बच्चों के बिना कैसे रह पाएंगे? मैं सरकार से कहना चाहूंगी कि सरकार मांओं पर ये जुल्म न करे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि बच्चों से जुदा होना पड़ेगा।’ यह बातें मेरठ की रहने वाली सना ने कही। सोमवार को सना अपने दोनों बच्चों (3 साल के बेटे और 1 साल की बेटी) को पाकिस्तान भेजने के लिए अटारी बॉर्डर पहुंची। यहां पर उसने दोनों बच्चों को पति को सौंप दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में टेरर अटैक हुआ था। इसके बाद 27 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी किए सभी वीजा रद्द कर दिए। उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश दिया था। सना के पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं है, जबकि उसके बच्चे पाकिस्तान के नागरिक हैं। इसलिए बच्चों को पाकिस्तान भेजना पड़ा। सना बोली- मैं इंडियन, लेकिन मेरे बच्चे पाकिस्तानी
सरधना के घोसियान मोहल्ले के रहने वाली सना ने मीडिया से बातचीत में कहा- मुझे मजबूरन अपने दोनों बच्चों (बेटा- मुस्तफा, बेटी- महानूर) को खुद से जुदा करना पड़ रहा है। क्योंकि मैं इंडियन हूं और मेरे बच्चे पाकिस्तानी हैं। इसलिए बच्चों को वापस पाकिस्तान भेजना पड़ रहा। मेरे पास हिंदुस्तान की नागरिकता है। अब तक पाकिस्तान की नागरिकता नहीं मिली है। इस वजह से मैं पाकिस्तान नहीं जा सकती। मेरे दोनों बच्चे पाकिस्तानी वीजा पर 45 दिन के लिए भारत आए हैं। वो दोनों अब भारत में नहीं रह सकते। बॉर्डर पर मेरे पति डॉ. बिलाल उन्हें लेने आए। बच्चों के पाकिस्तान जाते ही फूटकर रोई सना शाम लगभग 4.30 बजे सना ने अपने दोनों बच्चों को बॉर्डर के उस पार पाकिस्तान में रहने वाले अपने पति को सौंप दिया। सना बेटे मुस्तफा का हाथ पकड़े थी और बेटी को गोद में लिए थी। बॉर्डर के उस पार उसके पति अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। अटारी बॉर्डर पर तैनात भारत की आर्म फोर्सेस ने पहले सना की जांच की। फिर उसके डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया। चेकिंग के बाद अधिकारियों ने सना के बेटे मुस्तफा का हाथ मां के हाथ से छुड़ाया। फिर उसकी बेटी को गोद से लिया। बच्चों को छोड़ने से पहले सना ने उनके गालों और माथे को चूमा। जैसे ही बच्चों ने पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किया, सना फूट-फूटकर रोने लगी। मां को रोते देख बच्चे भी रो पड़े। पाकिस्तान की सीमा प्रवेश करने पर फिर से डॉक्यूमेंट की जांच हुई। 2 मिनट तक बिलाल और सना एक-दूसरे को देखते रहे
इसके बाद पाकिस्तान की आर्मी ने दोनों बच्चों को उनके पिता के सुपुर्द कर दिया। जैसे ही मुस्तफा अपने पिता के पास पहुंचा वह पापा के गले लगकर रोने लगा। फिर बिलाल ने बेटी को गोद में लिया। करीब दो मिनट तक बिलाल और सना एक-दूसरे को देखते रहे। फिर हाथ हिलाते हुए चले गए। इधर सना खड़े होकर काफी देर बच्चों को जाते देखती रही। फिर अपने अब्बू के साथ मेरठ के लिए रवाना हो गई। सना 25 अप्रैल को भी बच्चों के साथ अटारी बॉर्डर पहुंची थी
सरकार के आदेश के बाद सना 25 अप्रैल को भी बच्चों के साथ अटारी बॉर्डर पहुंची थी। सना के पास भारतीय और बच्चों के पास पाकिस्तान का पासपोर्ट था। इसलिए भारतीय सेना ने सना को यह कहते हुए वापस कर दिया था कि आपके पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं है। लेकिन, आपके बच्चों को पाकिस्तान भेजा जा सकता है। लेकिन, सना ने तब बच्चों को अकेले भेजने से इनकार कर दिया था। फिर सुरक्षा एजेंसियों ने सना और उनके दोनों बच्चों को अमृतसर भेज दिया था। सना को 4 साल बाद मिलेगी पाकिस्तानी नागरिकता
सना ने बताया- पाकिस्तान में शादी करने के 9 साल बाद ही वहां की नागरिकता मिलती है। मौजूदा वक्त में मेरे पास हिंदुस्तानी नागरिकता है। मेरी शादी के 5 साल हुए हैं, इसलिए नागरिकता मिलने में 4 साल और लगेंगे। मेरे दोनों बच्चे कराची में पैदा हुए, इसलिए उनके पास पाकिस्तानी नागरिकता है। घोसियान मोहल्ले में रहने वाले पीरुद्दीन की बेटी सना की शादी 2020 में पाकिस्तान के कराची में रहने वाले डॉ. बिलाल से हुई थी। सना 40 दिन के वीजा पर अपने दोनों बच्चों के साथ अपने मायके आई थी। यहां परिवार में 26 अप्रैल को एक शादी का कार्यक्रम था। लेकिन इसी बीच कश्मीर के पुलवामा में टेरर अटैक हो गया। —————————– ये खबर भी पढ़िए- बाघा बॉर्डर से वापस भेजी गई सना…पति इंतजार करता रहा, मेरठ में मां ने कहा- बेटी की शादी पाकिस्तान में की, क्या यही हमारा गुनाह? पाकिस्तान में हमारी 50 साल पुरानी रिश्तेदारी है। मेरी 2 ननद कराची में हैं। यही सोचकर बेटी की शादी पाकिस्तान में कर दी। हमने कोई गुनाह थोड़े किया, जो अब हम परेशानी उठा रहे हैं। ये कहना है सना की मां जुबैदा का। वह भारत सरकार से सवाल पूछती हैं- हमारी बेटी भारत में रहे और उसके दुधमुंहे बच्चे पाकिस्तान भेज दिए जाएं…ये कैसे मुनासिब है? हम परेशान हैं, बस इतना चाहते हैं कि बेटी पाकिस्तान अपनी सुसराल लौट जाए। पढ़ें पूरी खबर ‘सरकार बच्चों को मां से जुदा क्यों कर रही है? इसमें हमारा क्या गुनाह है? मेरी 1 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है। हम बच्चों के बिना कैसे रह पाएंगे? मैं सरकार से कहना चाहूंगी कि सरकार मांओं पर ये जुल्म न करे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि बच्चों से जुदा होना पड़ेगा।’ यह बातें मेरठ की रहने वाली सना ने कही। सोमवार को सना अपने दोनों बच्चों (3 साल के बेटे और 1 साल की बेटी) को पाकिस्तान भेजने के लिए अटारी बॉर्डर पहुंची। यहां पर उसने दोनों बच्चों को पति को सौंप दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में टेरर अटैक हुआ था। इसके बाद 27 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी किए सभी वीजा रद्द कर दिए। उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश दिया था। सना के पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं है, जबकि उसके बच्चे पाकिस्तान के नागरिक हैं। इसलिए बच्चों को पाकिस्तान भेजना पड़ा। सना बोली- मैं इंडियन, लेकिन मेरे बच्चे पाकिस्तानी
सरधना के घोसियान मोहल्ले के रहने वाली सना ने मीडिया से बातचीत में कहा- मुझे मजबूरन अपने दोनों बच्चों (बेटा- मुस्तफा, बेटी- महानूर) को खुद से जुदा करना पड़ रहा है। क्योंकि मैं इंडियन हूं और मेरे बच्चे पाकिस्तानी हैं। इसलिए बच्चों को वापस पाकिस्तान भेजना पड़ रहा। मेरे पास हिंदुस्तान की नागरिकता है। अब तक पाकिस्तान की नागरिकता नहीं मिली है। इस वजह से मैं पाकिस्तान नहीं जा सकती। मेरे दोनों बच्चे पाकिस्तानी वीजा पर 45 दिन के लिए भारत आए हैं। वो दोनों अब भारत में नहीं रह सकते। बॉर्डर पर मेरे पति डॉ. बिलाल उन्हें लेने आए। बच्चों के पाकिस्तान जाते ही फूटकर रोई सना शाम लगभग 4.30 बजे सना ने अपने दोनों बच्चों को बॉर्डर के उस पार पाकिस्तान में रहने वाले अपने पति को सौंप दिया। सना बेटे मुस्तफा का हाथ पकड़े थी और बेटी को गोद में लिए थी। बॉर्डर के उस पार उसके पति अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। अटारी बॉर्डर पर तैनात भारत की आर्म फोर्सेस ने पहले सना की जांच की। फिर उसके डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया। चेकिंग के बाद अधिकारियों ने सना के बेटे मुस्तफा का हाथ मां के हाथ से छुड़ाया। फिर उसकी बेटी को गोद से लिया। बच्चों को छोड़ने से पहले सना ने उनके गालों और माथे को चूमा। जैसे ही बच्चों ने पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किया, सना फूट-फूटकर रोने लगी। मां को रोते देख बच्चे भी रो पड़े। पाकिस्तान की सीमा प्रवेश करने पर फिर से डॉक्यूमेंट की जांच हुई। 2 मिनट तक बिलाल और सना एक-दूसरे को देखते रहे
इसके बाद पाकिस्तान की आर्मी ने दोनों बच्चों को उनके पिता के सुपुर्द कर दिया। जैसे ही मुस्तफा अपने पिता के पास पहुंचा वह पापा के गले लगकर रोने लगा। फिर बिलाल ने बेटी को गोद में लिया। करीब दो मिनट तक बिलाल और सना एक-दूसरे को देखते रहे। फिर हाथ हिलाते हुए चले गए। इधर सना खड़े होकर काफी देर बच्चों को जाते देखती रही। फिर अपने अब्बू के साथ मेरठ के लिए रवाना हो गई। सना 25 अप्रैल को भी बच्चों के साथ अटारी बॉर्डर पहुंची थी
सरकार के आदेश के बाद सना 25 अप्रैल को भी बच्चों के साथ अटारी बॉर्डर पहुंची थी। सना के पास भारतीय और बच्चों के पास पाकिस्तान का पासपोर्ट था। इसलिए भारतीय सेना ने सना को यह कहते हुए वापस कर दिया था कि आपके पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं है। लेकिन, आपके बच्चों को पाकिस्तान भेजा जा सकता है। लेकिन, सना ने तब बच्चों को अकेले भेजने से इनकार कर दिया था। फिर सुरक्षा एजेंसियों ने सना और उनके दोनों बच्चों को अमृतसर भेज दिया था। सना को 4 साल बाद मिलेगी पाकिस्तानी नागरिकता
सना ने बताया- पाकिस्तान में शादी करने के 9 साल बाद ही वहां की नागरिकता मिलती है। मौजूदा वक्त में मेरे पास हिंदुस्तानी नागरिकता है। मेरी शादी के 5 साल हुए हैं, इसलिए नागरिकता मिलने में 4 साल और लगेंगे। मेरे दोनों बच्चे कराची में पैदा हुए, इसलिए उनके पास पाकिस्तानी नागरिकता है। घोसियान मोहल्ले में रहने वाले पीरुद्दीन की बेटी सना की शादी 2020 में पाकिस्तान के कराची में रहने वाले डॉ. बिलाल से हुई थी। सना 40 दिन के वीजा पर अपने दोनों बच्चों के साथ अपने मायके आई थी। यहां परिवार में 26 अप्रैल को एक शादी का कार्यक्रम था। लेकिन इसी बीच कश्मीर के पुलवामा में टेरर अटैक हो गया। —————————– ये खबर भी पढ़िए- बाघा बॉर्डर से वापस भेजी गई सना…पति इंतजार करता रहा, मेरठ में मां ने कहा- बेटी की शादी पाकिस्तान में की, क्या यही हमारा गुनाह? पाकिस्तान में हमारी 50 साल पुरानी रिश्तेदारी है। मेरी 2 ननद कराची में हैं। यही सोचकर बेटी की शादी पाकिस्तान में कर दी। हमने कोई गुनाह थोड़े किया, जो अब हम परेशानी उठा रहे हैं। ये कहना है सना की मां जुबैदा का। वह भारत सरकार से सवाल पूछती हैं- हमारी बेटी भारत में रहे और उसके दुधमुंहे बच्चे पाकिस्तान भेज दिए जाएं…ये कैसे मुनासिब है? हम परेशान हैं, बस इतना चाहते हैं कि बेटी पाकिस्तान अपनी सुसराल लौट जाए। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बच्चों को पाकिस्तान भेजने के बाद फूट-फूटकर रोई:मेरठ की सना ने बॉर्डर पर सौंपे बेटा-बेटी, बोली- अब कैसे रहूंगी
