बरगाड़ी में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में डेरामुखी बाबा राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटा दी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में राम रहीम को नोटिस जारी किया है। साथ ही चार सप्ताह में जवाब मांगा है। सात महीने पहले लगी थी केस पर स्टे करीब सात महीने पहले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत सिंह राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए फरीदकोट जिले में घटित हुए बेअदबी मामले की चल रही प्रिसिडिंग पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई दी गई थी। गुरमीत सिंह द्वारा बेअदबी मामले में दर्ज तीनों मामलों की जांच पंजाब सरकार की SIT की जगह CBI से ही जांच करवाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जानबूझकर मामले में फंसाया उस समय गुरमीत सिंह का कहना था कि उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है, ऐसे में बेअदबी मामले से जुड़ी एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने के जो आदेश सरकार ने रद्द किए हैं, उन आदेशों को रद्द कर इस मामले की सीबीआई से ही जांच करवाई जाए। विधानसभा में प्रस्ताव भी पास किया था उक्त याचिका पर राज्य सरकार ने अपना जबाब दायर करते हुए हाईकोर्ट को बताया था कि इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश वापस लेते हुए विधानसभा में प्रस्ताव भी पास किया था, और हाईकोर्ट के आदेश पर ही उक्त मामले की SIT जांच कर रही है, और अब डेरा प्रमुख द्वारा यह मांग करना गलत है, जिसे देखते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज किया जाए। यह है बेअदबी और गोलीकांड मामला 12 अक्तूबर 2015 को फरीदकोट के बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटना हुई। इसके बाद सिख संगठनों ने कोटकपूरा और बहबल कलां में विरोध प्रदर्शन किए, जिसे पुलिस ने खत्म कराने की कोशिश की। इस दौरान 14 अक्तूबर को कोटकपूरा और बहबल कलां में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग किया। बहबल कलां में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 2 सिख युवकों की मौत हो गई थी। कोटकपूरा में भी फायरिंग हुई, जिसमें करीब 100 प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। 7 अगस्त 2018 को पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ इरादा-ए-कत्ल का केस दर्ज किया था। करीब एक महीना पहले तीनों मामलों में SIT सप्लीमेंट्री चालान कोट में पेश कर चुकी है। राम रहीम भी तीनों मामलों में नामजद एक जून 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूप चोरी की घटना में डेरा सच्चा सौदा के 7 अनुयायियों को SIT ने गिरफ्तार किया था। बाद में बेअदबी की साजिश के आरोप में राम रहीम, हर्ष धुरी, प्रदीप कलेर व संदीप बरेटा को भी नामजद किया। बरगाड़ी बेअदबी मामले से जुड़ी तीनों घटनाओं में पंजाब पुलिस की SIT राम रहीम समेत अन्य डेरा अनुयायियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी डेरा अनुयायियों की याचिका पर तीनों केसों को फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ स्थानांतरित कर दिया है। SIT की चार्जशीट में दावा किया गया है कि बरगाड़ी बेअदबी की घटनाओं की साजिश इन तीनों ने महिंदरपाल बिट्टू के साथ मिलकर रची थी। बेअदबी से पहले डेरा सिरसा के पदाधिकारियों ने पंथक नेता बलजीत सिंह दादूवाल की हत्या करने की भी साजिश रची थी, लेकिन उसमें वह सफल नहीं हो सके थे। बरगाड़ी में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में डेरामुखी बाबा राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटा दी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में राम रहीम को नोटिस जारी किया है। साथ ही चार सप्ताह में जवाब मांगा है। सात महीने पहले लगी थी केस पर स्टे करीब सात महीने पहले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत सिंह राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए फरीदकोट जिले में घटित हुए बेअदबी मामले की चल रही प्रिसिडिंग पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई दी गई थी। गुरमीत सिंह द्वारा बेअदबी मामले में दर्ज तीनों मामलों की जांच पंजाब सरकार की SIT की जगह CBI से ही जांच करवाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जानबूझकर मामले में फंसाया उस समय गुरमीत सिंह का कहना था कि उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है, ऐसे में बेअदबी मामले से जुड़ी एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने के जो आदेश सरकार ने रद्द किए हैं, उन आदेशों को रद्द कर इस मामले की सीबीआई से ही जांच करवाई जाए। विधानसभा में प्रस्ताव भी पास किया था उक्त याचिका पर राज्य सरकार ने अपना जबाब दायर करते हुए हाईकोर्ट को बताया था कि इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश वापस लेते हुए विधानसभा में प्रस्ताव भी पास किया था, और हाईकोर्ट के आदेश पर ही उक्त मामले की SIT जांच कर रही है, और अब डेरा प्रमुख द्वारा यह मांग करना गलत है, जिसे देखते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज किया जाए। यह है बेअदबी और गोलीकांड मामला 12 अक्तूबर 2015 को फरीदकोट के बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटना हुई। इसके बाद सिख संगठनों ने कोटकपूरा और बहबल कलां में विरोध प्रदर्शन किए, जिसे पुलिस ने खत्म कराने की कोशिश की। इस दौरान 14 अक्तूबर को कोटकपूरा और बहबल कलां में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग किया। बहबल कलां में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 2 सिख युवकों की मौत हो गई थी। कोटकपूरा में भी फायरिंग हुई, जिसमें करीब 100 प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। 7 अगस्त 2018 को पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ इरादा-ए-कत्ल का केस दर्ज किया था। करीब एक महीना पहले तीनों मामलों में SIT सप्लीमेंट्री चालान कोट में पेश कर चुकी है। राम रहीम भी तीनों मामलों में नामजद एक जून 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूप चोरी की घटना में डेरा सच्चा सौदा के 7 अनुयायियों को SIT ने गिरफ्तार किया था। बाद में बेअदबी की साजिश के आरोप में राम रहीम, हर्ष धुरी, प्रदीप कलेर व संदीप बरेटा को भी नामजद किया। बरगाड़ी बेअदबी मामले से जुड़ी तीनों घटनाओं में पंजाब पुलिस की SIT राम रहीम समेत अन्य डेरा अनुयायियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी डेरा अनुयायियों की याचिका पर तीनों केसों को फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ स्थानांतरित कर दिया है। SIT की चार्जशीट में दावा किया गया है कि बरगाड़ी बेअदबी की घटनाओं की साजिश इन तीनों ने महिंदरपाल बिट्टू के साथ मिलकर रची थी। बेअदबी से पहले डेरा सिरसा के पदाधिकारियों ने पंथक नेता बलजीत सिंह दादूवाल की हत्या करने की भी साजिश रची थी, लेकिन उसमें वह सफल नहीं हो सके थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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