बजट में मखाना बोर्ड के गठन के ऐलान से विधानसभा चुनाव में कैसे मिलेगा फायदा? समझें पूरा गणित

बजट में मखाना बोर्ड के गठन के ऐलान से विधानसभा चुनाव में कैसे मिलेगा फायदा? समझें पूरा गणित

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Assembly Election 2025:</strong> बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. उससे पहले 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया गया है. जिसमें चुनावी राज्य बिहार के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई है. उसमें से एक बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान भी है. मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा न सिर्फ विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के लिए एक आर्थिक प्रोत्साहन है बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है. ये मल्लाह समुदाय को भी खुश करने की एक बड़ी कोशिश है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>30 प्रतिशत सीटों पर पड़ेगा प्रभाव</strong><br />मखाना बोर्ड के गठन से मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों की 243 विधानसभा सीटों में से कम से कम 30 प्रतिशत सीटों पर चुनावी प्रभाव पड़ने की संभावना है. बिहार देश में सबसे बड़ा मखाना उत्पादक है. मखाने का 90 प्रतिशत हिस्सा बिहार से ही प्राप्त होता है. मखानों की खेती व कटाई पूरी तरह से मल्लाहों के द्वारा की जाती है जो सबसे गरीब समुदायों में से एक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मखानों की अधिकांश खेती उत्तरी बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और किशनगंज बेल्ट तक की जाती है. बिहार में मल्लाह समाज की आबादी लगभग 2.6 प्रतिशत है. जो नदीं क्षेत्रों पर केंद्रित है. बिहार में मखाना बोर्ड के गठन से मल्लाह किसानों की कमाई में सुधार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मल्लाह समुदाय को मिलेगा विशेष फायदा</strong><br />मखाना बोर्ड के गठन के ऐलान पर जेडीयू नेता संजय झा की भी प्रतिक्रिया आई है. &lsquo;इंडियन एक्सप्रेस&rsquo; से बातचीत के दौरान उन्होंने मखाना बोर्ड के गठन के ऐलान को केंद्र की महत्वपूर्ण घोषणा बताया. उन्होंने कहा कि मखाना की अंतराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़ रही है. बिहार इसका सबसे बड़ा उत्पादक है. इससे न केवल बिहार के मखाना उद्योग का प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि मछुआरों के गरीब समुदायों को मदद भी मिलेगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत मखाना बोर्ड प्रशिक्षण, पैकेजिंग के माध्यम से बिहार में उत्पादित मखाने का मूल्य बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे मल्लाह समुदाय के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. किसानों की कमाई में सुधार होने से उनके जीवन की गुणवत्ता भी सुधरेगी. मखाना बोर्ड के गठन से बीजेपी की रणनीति और बिहार की आर्थिक प्रगति को नया आयाम मिलने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”वित्त मंत्री ने पहनी मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, गिफ्ट करने वाली दुलारी देवी ने किया धन्यवाद, जानें क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/dulari-devi-thanks-fm-nirmala-sitharaman-wearing-madhubani-painting-saree-presenting-union-budget-2025-ann-2875555″ target=”_blank” rel=”noopener”>वित्त मंत्री ने पहनी मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, गिफ्ट करने वाली दुलारी देवी ने किया धन्यवाद, जानें क्या कहा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Assembly Election 2025:</strong> बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. उससे पहले 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया गया है. जिसमें चुनावी राज्य बिहार के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई है. उसमें से एक बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान भी है. मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा न सिर्फ विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के लिए एक आर्थिक प्रोत्साहन है बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है. ये मल्लाह समुदाय को भी खुश करने की एक बड़ी कोशिश है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>30 प्रतिशत सीटों पर पड़ेगा प्रभाव</strong><br />मखाना बोर्ड के गठन से मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों की 243 विधानसभा सीटों में से कम से कम 30 प्रतिशत सीटों पर चुनावी प्रभाव पड़ने की संभावना है. बिहार देश में सबसे बड़ा मखाना उत्पादक है. मखाने का 90 प्रतिशत हिस्सा बिहार से ही प्राप्त होता है. मखानों की खेती व कटाई पूरी तरह से मल्लाहों के द्वारा की जाती है जो सबसे गरीब समुदायों में से एक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मखानों की अधिकांश खेती उत्तरी बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और किशनगंज बेल्ट तक की जाती है. बिहार में मल्लाह समाज की आबादी लगभग 2.6 प्रतिशत है. जो नदीं क्षेत्रों पर केंद्रित है. बिहार में मखाना बोर्ड के गठन से मल्लाह किसानों की कमाई में सुधार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मल्लाह समुदाय को मिलेगा विशेष फायदा</strong><br />मखाना बोर्ड के गठन के ऐलान पर जेडीयू नेता संजय झा की भी प्रतिक्रिया आई है. &lsquo;इंडियन एक्सप्रेस&rsquo; से बातचीत के दौरान उन्होंने मखाना बोर्ड के गठन के ऐलान को केंद्र की महत्वपूर्ण घोषणा बताया. उन्होंने कहा कि मखाना की अंतराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़ रही है. बिहार इसका सबसे बड़ा उत्पादक है. इससे न केवल बिहार के मखाना उद्योग का प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि मछुआरों के गरीब समुदायों को मदद भी मिलेगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत मखाना बोर्ड प्रशिक्षण, पैकेजिंग के माध्यम से बिहार में उत्पादित मखाने का मूल्य बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे मल्लाह समुदाय के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. किसानों की कमाई में सुधार होने से उनके जीवन की गुणवत्ता भी सुधरेगी. मखाना बोर्ड के गठन से बीजेपी की रणनीति और बिहार की आर्थिक प्रगति को नया आयाम मिलने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”वित्त मंत्री ने पहनी मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, गिफ्ट करने वाली दुलारी देवी ने किया धन्यवाद, जानें क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/dulari-devi-thanks-fm-nirmala-sitharaman-wearing-madhubani-painting-saree-presenting-union-budget-2025-ann-2875555″ target=”_blank” rel=”noopener”>वित्त मंत्री ने पहनी मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, गिफ्ट करने वाली दुलारी देवी ने किया धन्यवाद, जानें क्या कहा?</a></strong></p>  बिहार अयोध्या में दलित युवती की नृशंस हत्या, आंखें निकालीं, बिना कपड़े का भयावह हालत में मिला शव