देश के दो धाकड़ पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। दोनों कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। दोनों ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है। इसके बाद से भाजपा दोनों पर जमकर निशाना साध रही है। इसी कड़ी में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने विनेश और बजरंग पर तंज कसा है। साथ ही कांग्रेस पार्टी और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर भी जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा- ये तो होना ही था। पूरा देश जानता है कि ये पूरा विरोध कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और इसका मास्टरमाइंड दीपेंद्र हुड्डा परिवार था। इस विरोध की नींव उस दिन रखी गई थी, जब हमारे प्रधानमंत्री ने बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। ओलिंपिक में आने लगे थे मेडल, इसलिए रची साजिश संजय सिंह ने कहा, ये पूरी साजिश इसलिए भी रची गई, क्योंकि ओलिंपिक में 4-5 कुश्ती के मेडल आने वाले थे। विरोध का असर उन मेडल पर भी पड़ा। ओलिंपिक वर्ष में दो साल तक कुश्ती की कोई गतिविधि नहीं हुई। इसलिए हमें कम मेडल मिले। हमारे पहलवान अभ्यास नहीं कर पाए। अब इन लोगों का हमारे कुश्ती संघ पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा, वे कांग्रेस में शामिल हो गए, तो इससे साबित होता है कि वे उस विरोध के पीछे थे। बृज भूषण शरण सिंह भाजपा से जुड़े थे, मैं किसी पार्टी या व्यक्ति से जुड़ा नहीं हूं, लेकिन उन्होंने मेरा भी विरोध किया। इसलिए यह पूरा विरोध राजनीति से प्रेरित था। उन्होंने विरोध शुरू किया और बृज भूषण शरण सिंह ने कुश्ती से खुद को अलग कर लिया। इसलिए यह मुद्दा वहीं खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन यह राजनीति से प्रेरित था और इसके पीछे कांग्रेस थी। साक्षी मलिक भी अलग नहीं हैं, वे भी उनके साथ हैं। हरियाणा के 99% खिलाड़ी हमारे साथ हैं। देश के दो धाकड़ पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। दोनों कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। दोनों ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है। इसके बाद से भाजपा दोनों पर जमकर निशाना साध रही है। इसी कड़ी में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने विनेश और बजरंग पर तंज कसा है। साथ ही कांग्रेस पार्टी और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर भी जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा- ये तो होना ही था। पूरा देश जानता है कि ये पूरा विरोध कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और इसका मास्टरमाइंड दीपेंद्र हुड्डा परिवार था। इस विरोध की नींव उस दिन रखी गई थी, जब हमारे प्रधानमंत्री ने बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। ओलिंपिक में आने लगे थे मेडल, इसलिए रची साजिश संजय सिंह ने कहा, ये पूरी साजिश इसलिए भी रची गई, क्योंकि ओलिंपिक में 4-5 कुश्ती के मेडल आने वाले थे। विरोध का असर उन मेडल पर भी पड़ा। ओलिंपिक वर्ष में दो साल तक कुश्ती की कोई गतिविधि नहीं हुई। इसलिए हमें कम मेडल मिले। हमारे पहलवान अभ्यास नहीं कर पाए। अब इन लोगों का हमारे कुश्ती संघ पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा, वे कांग्रेस में शामिल हो गए, तो इससे साबित होता है कि वे उस विरोध के पीछे थे। बृज भूषण शरण सिंह भाजपा से जुड़े थे, मैं किसी पार्टी या व्यक्ति से जुड़ा नहीं हूं, लेकिन उन्होंने मेरा भी विरोध किया। इसलिए यह पूरा विरोध राजनीति से प्रेरित था। उन्होंने विरोध शुरू किया और बृज भूषण शरण सिंह ने कुश्ती से खुद को अलग कर लिया। इसलिए यह मुद्दा वहीं खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन यह राजनीति से प्रेरित था और इसके पीछे कांग्रेस थी। साक्षी मलिक भी अलग नहीं हैं, वे भी उनके साथ हैं। हरियाणा के 99% खिलाड़ी हमारे साथ हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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