बठिंडा की रमन गोयल को हाईकोर्ट से राहत नहीं:अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई, अदालत ने खारिज कर याचिका

बठिंडा की रमन गोयल को हाईकोर्ट से राहत नहीं:अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई, अदालत ने खारिज कर याचिका

बठिंडा में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नगर निगम बठिंडा के मेयर के पद से हटाई गई रमन गोयल के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिका खारिज कर दी है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में बुधवार को सुनवाई थी, इसमें हाईकोर्ट ने तत्कालीन मेयर को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया और पूर्व में जरनल हाउस की तरफ से पारित अविश्वास प्रस्ताव को सही ठहराते उनकी तरफ से उठाई आपत्ति को खारिज कर दिया। इस तरह से नगर निगम में पिछले 9 माह से मेयर को लेकर चल रही अनिश्चितता का माहौल भी समाप्त हो गया है। इससे पहले नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर अशोक कुमार मेयर का कार्यकारी पदभार संभाल रहे थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद नए मेयर का चयन करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। 15 नवंबर को लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव इससे पहले स्थानीय निकाय विभाग ने भी नगर निगम अधिकारियों को हिदायत दी थी, कि जब तक मामला कोर्ट के विचाराधीन है तब तक यथास्थिति को बनाए रखे और नए मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को अमल में लाने से गुरेज करे। गौरतलब है कि बीती 15 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई रमन गोयल ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी दी थी। उन्होंने अदालत में उक्त प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग रखी थी। इसे लेकर 8 माह से हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मेयर की याचिका पर सुनवाई करते दूसरे पक्ष को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने नहीं दिया स्टे ऑर्डर हाईकोर्ट की तरफ से किसी तरह का स्टे ऑर्डर जारी नहीं किया गया था। मामला अदालत में चलने के कारण नगर निगम में नए मेयर के चयन को लेकर पूरी प्रक्रिया अगले आदेश तक अमल में नहीं लाई जा रही थी। इस बाबत पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से निगम अधिकारियों को जारी किए गए एक पत्र में भी आग्रह कर दिया था। बठिंडा में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नगर निगम बठिंडा के मेयर के पद से हटाई गई रमन गोयल के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिका खारिज कर दी है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में बुधवार को सुनवाई थी, इसमें हाईकोर्ट ने तत्कालीन मेयर को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया और पूर्व में जरनल हाउस की तरफ से पारित अविश्वास प्रस्ताव को सही ठहराते उनकी तरफ से उठाई आपत्ति को खारिज कर दिया। इस तरह से नगर निगम में पिछले 9 माह से मेयर को लेकर चल रही अनिश्चितता का माहौल भी समाप्त हो गया है। इससे पहले नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर अशोक कुमार मेयर का कार्यकारी पदभार संभाल रहे थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद नए मेयर का चयन करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। 15 नवंबर को लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव इससे पहले स्थानीय निकाय विभाग ने भी नगर निगम अधिकारियों को हिदायत दी थी, कि जब तक मामला कोर्ट के विचाराधीन है तब तक यथास्थिति को बनाए रखे और नए मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को अमल में लाने से गुरेज करे। गौरतलब है कि बीती 15 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई रमन गोयल ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी दी थी। उन्होंने अदालत में उक्त प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग रखी थी। इसे लेकर 8 माह से हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मेयर की याचिका पर सुनवाई करते दूसरे पक्ष को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने नहीं दिया स्टे ऑर्डर हाईकोर्ट की तरफ से किसी तरह का स्टे ऑर्डर जारी नहीं किया गया था। मामला अदालत में चलने के कारण नगर निगम में नए मेयर के चयन को लेकर पूरी प्रक्रिया अगले आदेश तक अमल में नहीं लाई जा रही थी। इस बाबत पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से निगम अधिकारियों को जारी किए गए एक पत्र में भी आग्रह कर दिया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर