पंजाब के बठिंडा के प्रताप नगर में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इमिग्रेशन एजेंट गुरप्रीत सिंह जोड़ा उर्फ सनी के घर पर छापेमारी की। एक दर्जन से अधिक एनआईए अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की टीम ने सुबह से ही कार्रवाई शुरू की, जो करीब चार घंटे तक चली। परिवार के मोबाइल किए जब्त जांच के दौरान एजेंसी ने परिवार के मोबाइल जब्त किए और घर की तलाशी ली। गुरप्रीत के भाई मनप्रीत सिंह के अनुसार एनआईए ने उनसे एक विशेष अंतरराष्ट्रीय कॉल के बारे में पूछताछ की। एजेंसी का कहना है कि यह कॉल कुछ आपराधिक तत्वों से जुड़ा हो सकता है। विदेशों से कॉल आना आम बात मनप्रीत ने बताया कि उनके भाई का इमिग्रेशन का व्यवसाय होने के कारण विदेशों से कॉल आना आम बात है, लेकिन एनआईए ने संदिग्ध कॉल के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। जांच के बाद एजेंसी ने गुरप्रीत सिंह को 27 जनवरी को चंडीगढ़ स्थित अपने कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया है, जहां आगे की पूछताछ की जाएगी। पंजाब के बठिंडा के प्रताप नगर में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इमिग्रेशन एजेंट गुरप्रीत सिंह जोड़ा उर्फ सनी के घर पर छापेमारी की। एक दर्जन से अधिक एनआईए अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की टीम ने सुबह से ही कार्रवाई शुरू की, जो करीब चार घंटे तक चली। परिवार के मोबाइल किए जब्त जांच के दौरान एजेंसी ने परिवार के मोबाइल जब्त किए और घर की तलाशी ली। गुरप्रीत के भाई मनप्रीत सिंह के अनुसार एनआईए ने उनसे एक विशेष अंतरराष्ट्रीय कॉल के बारे में पूछताछ की। एजेंसी का कहना है कि यह कॉल कुछ आपराधिक तत्वों से जुड़ा हो सकता है। विदेशों से कॉल आना आम बात मनप्रीत ने बताया कि उनके भाई का इमिग्रेशन का व्यवसाय होने के कारण विदेशों से कॉल आना आम बात है, लेकिन एनआईए ने संदिग्ध कॉल के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। जांच के बाद एजेंसी ने गुरप्रीत सिंह को 27 जनवरी को चंडीगढ़ स्थित अपने कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया है, जहां आगे की पूछताछ की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं
शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता नरिंदर कुमार शर्मा (NK) ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। नरिंदर कुमार शर्मा, शिअद नेता सुखबीर बादल के काफी करीबी माने जाते हैं। वह पटियाला से भी शिअद उम्मीदवार रह चुके हैं। शर्मा ने आज वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले ऐलान किया है कि आज उन्होंने पार्टी के हर पद से इस्तीफा सुखबीर बादल को सौंप दिया है। इस्तीफा देने और पार्टी छोड़ने के कारण यह है कि पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की प्रधानगी से इस्तीफा दिया है। इसलिए मेरी इस पार्टी में रहने की कोई इच्छा नहीं है। हालांकि NK शर्मा ने यह भी कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल अकाली दल के प्रधान बने रहते हैं तो वह पार्टी में इसी तरह पार्टी वर्कर के रूप में काम करते रहेंगे। 3 महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया था आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब से 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तनखैया घोषित होने से पहले पहले बनाया था कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट के माफीनामा के बाद उठा था विवाद अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। जिसके बाद ही सारा विवाद शुरू हो गया। चार गलतियां 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”
खालिस्तानी शूटरों ने एमपी में किया मर्डर:बीच सड़क पर गोलियां मारीं; कनाडा से जिस ऐप से गेस्ट हाउस बुक किया उसी से पकड़े गए
खालिस्तानी शूटरों ने एमपी में किया मर्डर:बीच सड़क पर गोलियां मारीं; कनाडा से जिस ऐप से गेस्ट हाउस बुक किया उसी से पकड़े गए ग्वालियर के डबरा में 7 नवंबर की शाम को 45 वर्षीय जसवंत सिंह गिल उर्फ सोनी सरदार के मर्डर में खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। मामले में पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी संगठन से जुड़े दो शूटर- बरनाला के भदौड़ निवासी अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल और खरड़ के निज्जर रोड निवासी नवजोत सिंह उर्फ नीटू को गिरफ्तार किया है। शूटरों के लिए कनाडा से ही मोहाली में ऑनलाइन एप के जरिए गेस्ट हाउस बुक कराया गया था, जिसमें एक कनाडाई ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल हुआ था। इसी एप से मिले सुराग के आधार पर पुलिस शूटरों तक पहुंची। कनाडा से कैसे जसवंत के मर्डर की साजिश रची गई? दोनों शूटर्स से कैसे संपर्क किया गया और कैसे उनकी गिरफ्तारी हुई, पढ़िए रिपोर्ट… जसवंत की हत्या का मकसद- 8 साल पुराना बदला
7 नवंबर की शाम 7 बजे का वक्त था। डबरा में गोपालबाग सिटी निवासी जसवंत सिंह खाना खाकर बाहर टहल रहा था। तभी बाइक पर दो युवक पहुंचे। दोनों ने जसवंत पर ताबड़तोड़ गोली बरसाईं और फरार हो गए। 37 सेकेंड की ये वारदात और आरोपियों का चेहरा वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। इस वारदात के पीछे 8 साल पुरानी बदले की कहानी है। दरअसल, जसवंत ने 5 फरवरी 2016 को अपनी पत्नी के ममेरे भाई ग्वालियर के आदित्यपुरम निवासी सुखविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने सुखविंदर के पिता राजविंदर और मां बलविंदर कौर को भी गोली मारी थी लेकिन वे बच गए थे। 13 साल की हरमन कौर ने रेफ्रिजरेटर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई थी। इस वारदात को जसवंत ने अवैध संबंध के संदेह के चलते अंजाम दिया था। इसी मामले में उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। उसे साल में 15–15 दिन का पैरोल मिलता था। जसवंत 28 अक्टूबर को ही 15 दिन के पैरोल पर घर आया था। उसकी हत्या की साजिश उसकी पत्नी के दूसरे ममेरे भाई सतपाल ने रची थी, जो इस समय कनाडा में रह रहा है। उसने हत्या के लिए 2.50 लाख रुपए की सुपारी देकर पंजाब के दो शूटर हायर किए थे। टेकनपुर के होटल में रुके थे शूटर, कहा था-बीएसएफ भर्ती में आए
ग्वालियर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की। आरोपियों के हुलिए के आधार पर आसपास के होटलों में पड़ताल की गई। सीसीटीवी कैमरे ट्रैक करने पर पुलिस को टेकनपुर के श्रीकृष्ण होटल में शूटर्स के रुकने की जानकारी मिली। शूटर्स इस होटल में 7 नवंबर को शाम 4 बजे पहुंचे थे। इसके दो घंटे बाद शाम 6 बजे निकल गए थे। होटल में उन्होंने बताया था कि वे बीएसएफ की भर्ती में आए हैं। दोनों शूटर्स के कपड़े और फर्जी आधार कार्ड भी पुलिस को होटल वाले कमरे से मिले। हत्या के बाद दोनों होटल से अपना सामान लिए बगैर ही फरार हो गए थे। शूटर्स के सामान, उनके हुलिए और जसवंत सिंह की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि आरोपी पंजाब के हो सकते हैं। एक टीम एसडीओपी डबरा की अगुवाई में पंजाब रवाना की गई। ग्वालियर पुलिस से पहले पंजाब पुलिस ने पकड़ लिया
ग्वालियर पुलिस से पहले 9 नवंबर को पंजाब के मोहाली की ऑपरेशन स्टेट स्पेशल ऑपरेशंस सेल (एसएसओसी), एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) और फरीदकोट जिला पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए स्वराज एनक्लेव में दबिश दी। टीम ने वहां से अनमोलप्रीत सिंह और नवजोत सिंह नीटू को दबोच लिया। एक लाख रुपए मर्डर से पहले, डेढ़ लाख बाद में दिए
जसवंत सिंह की हत्या की साजिश छह महीने पहले रची गई। तब सुखविंदर का कनाडा में रह रहा बड़ा भाई सतपाल एक शादी समारोह में ग्वालियर आया हुआ था। वह डीडी नगर में रुका था। वहीं उसे पता चला कि जसवंत पैराेल पर 28 अक्टूबर को घर आने वाला है। सतपाल की ससुराल पंजाब में है। उसके खानदान के लोग अब भी पंजाब के मस्तूरा में रह रहे हैं। उसने चचेरे भाई हरजीत उर्फ जीता को इस षड्यंत्र में शामिल किया। दो महीने पहले उसने हरजीत के खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर किए। उसने हरजीत को बताया था कि दो शूटर पंजाब से आएंगे। तब उन्हें एक लाख रुपए देना। शेष डेढ़ लाख रुपए मर्डर के बाद देना। शूटरों के रुकने से लेकर उनकी फरारी और जसवंत सिंह की रेकी का काम जीता को साैंपा गया था। सतपाल ने 2.50 लाख रुपए दो बार में जीता के खाते में पिछले दो महीने में ट्रांसफर किए थे। मर्डर के बाद सतपाल ने अपने पूर्व परिचित ड्राइवर को कॉल कर मोहाली के लिए गाड़ी बुक कराई थी। तब उसने बताया था कि दोनों को गमी में मोहाली जाना है। जिस गेस्ट हाउस में रुके, वहां होती है कनाडा से भी बुकिंग
दोनों शूटर 7 नवंबर को ट्रेन से डबरा आए थे। उनके लिए सतपाल ने निज्जर रोड स्थित स्वराज एनक्लेव कॉलोनी में मकान नंबर 12 के गेस्ट हाउस में बुकिंग कराई थी। ये मकान कॉलोनी के पूर्व प्रधान अमित नंदा का है। वे प्राइवेट जॉब के साथ अपने घर के कुछ कमरों को बतौर गेस्ट हाउस किराए पर देते हैं। इसके लिए उन्होंने एयर बीएनबी नाम का ऑनलाइन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया है। इस ऐप पर कनाडा सहित विदेशों से भी गेस्ट हाउस की बुकिंग होती है। दोनों शूटर्स के लिए इस बार कनाडा स्थित किचनर ओंटारियों से किसी सुखदीप सिंह सिद्धू के नाम से तीन दिन के लिए बुकिंग कराई गई थी। जिसकी आईडी इस्तेमाल की, वो भी जांच के दायरे में
दोनों शूटर्स 7 नवंबर को मर्डर के बाद इस गेस्ट हाउस में अगले दिन शाम 7 बजे पहुंचे थे। हाथ में काले रंग का बैग था। उन्होंने बुकिंग वाउचर दिखाया और एंट्री कर सीधे रूम में चले गए थे। शनिवार सुबह दोनों कॉलोनी में सैर करने के साथ बाजार में खरीदी करने भी निकले थे। शनिवार 9 नवंबर की दोपहर लगभग 12:25 बजे पंजाब पुलिस ने इसी ऐप के माध्यम से उनकी लोकेशन ट्रेस की और घेराबंदी के बाद दबोच लिया। दोनों से पूछताछ में ये बात सामने आई कि एयर बीएनबी ऐप के माध्यम से उक्त गेस्ट हाउस बुकिंग सुखदीप सिंह सिद्धू के इंटरनेशनल मोबाइल नंबर से की गई थी। इससे पहले अक्टूबर में भी ट्राइसिटी में दो जगह गेस्ट हाउस बुक करवाए गए थे। तब दोनों एयरपोर्ट रोड पर सेक्टर-66 के गेस्ट हाउस में करीब 10 दिन रुके थे। वे नयागांव के कांसल क्षेत्र में सुखना लेक के पास भी रुके थे। अब पुलिस ऐप पर बने सुखदीप सिद्धू के अकाउंट को खंगाल रही है कि इस प्रोफाइल पर अपलोड तस्वीर असली है या नकली। दोनों शूटर्स से ये तस्वीर मेल नहीं खाती। खालिस्तानी आतंकी ने इन्हीं शूटरों से कराया था एक और मर्डर
फरीदकोट पुलिस बीते 9 अक्टूबर से दोनों की तलाश में जुटी थी। दोनों शूटरों ने फरीदकोट में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह हरि नाउ उर्फ भोडी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये हत्या कनाडा में गैंगस्टर से खालिस्तानी आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के इशारे पर की गई थी। पंजाब पुलिस ने उस केस में असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद चल रहे सांसद अमृतपाल सिंह को भी आरोपी बनाया है। गुरप्रीत सिंह ‘हरि नाउ टॉक्स’ के नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता था। अर्श डल्ला ने गुरप्रीत की हत्या की सुपारी नवजोत को दी थी, जिसने बाद में अनमोलप्रीत को भी शामिल किया था। अर्श डल्ला ने ही दोनों के लिए पिस्टल, कारतूस और बाइक की व्यवस्था कराई थी। गुरप्रीत की हत्या के बाद फरारी में भी अर्श डल्ला ने ही मदद की। शूटर्स इस हत्याकांड के बाद अमृतसर, एसबीएस नगर, हिमाचल-पंजाब सीमा, चंडीगढ़, मोहाली और खरड़ सहित अलग-अलग शहरों में ठिकाने बदलते रहे। फरारी के दौरान ही दोनों शूटर्स ने ग्वालियर के डबरा में जसवंत सिंह के मर्डर को अंजाम दिया। तीन दिन से हरजीत कर रहा था रेकी
जसवंत सिंह के मर्डर में आरोपी बनाए गए सतपाल सिंह का चचेरा भाई हरजीत उर्फ जीता वारदात से तीन दिन पहले से रेकी कर रहा था। वह शूटरों के साथ डबरा में जसवंत सिंह के घर तक गया था। उसी ने इशारे से जसवंत सिंह की पहचान भी कराई थी। पंजाब पुलिस द्वारा दोनों शूटर्स की गिरफ्तारी और फरीदकोट पुलिस द्वारा 6 दिन की रिमांड लिए जाने की सूचना पाकर ग्वालियर पुलिस भी वहां पहुंची है। वह भी दोनों शूटर्स से पूछताछ में जुटी है। फरीदकोट पुलिस की रिमांड समाप्त होने के बाद ग्वालियर पुलिस दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर लाने के प्रयास में जुटी है। एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह के मुताबिक, जसवंत हत्याकांड में कनाडा में रह रहे सतपाल सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है। 2016 में उसके भाई सुखविंद सिंह की हत्या की रंजिश में इस वारदात को अंजाम दिया गया है। हत्याकांड के सह आरोपी दोनों शूटर्स और चचेरा भाई जीता हैं। जीता की तलाश जारी है। सिर्फ शूटर्स को मोहाली तक इनोवा क्रिस्टा गाड़ी में छोड़ने वाले ड्राइवर को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ में कुछ खास नहीं मिला है। सतपाल कनाडा में है या भारत आया हुआ है, इसके लिए उसके पासपोर्ट की जानकारी निकाली जा रही है। दोनों शूटर्स को 4 और टारगेट किलिंग की मिली थी सुपारी
फरीदकोट एसएसपी प्रज्ञा जैन के मुताबिक, दोनों शूटर्स 18 अक्टूबर को जिरकपुर में गोलीबारी और जबरन वसूली की घटना में भी शामिल थे। यहां उन्होंने एक व्यापारी को गोलीबारी के बाद धमकाया था और उसकी इमारत के मुख्य द्वार पर अर्श डल्ला के नाम का पोस्टर लगाया था। दोनों शूटरों को 4 और टारगेट कीलिंग की सुपारी डल्ला की ओर से दी गई थी। अर्शदीप डल्ला के बारे में दावा किया जा रहा है कि उसे कनाडा सरकार ने 28 अक्टूबर को मिल्टन में हुई गोलीबारी की घटना में गिरफ्तार कर लिया था। अभी वह जेल में है या जमानत मिल चुकी है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। 2 साल पहले 2022 में भारत ने गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के ऑपरेटिव डल्ला को आतंकवादी घोषित किया था। पंजाब के मोगा से कनाडा में जाकर छिपे अर्श पर देश-विदेश में हत्या, जबरन वसूली और जघन्य अपराधों के अलावा आतंकी गतिविधियों में भी संलिप्त रहने का आरोप है। नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने उसे हत्या, आतंक के लिए धन उगाही, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक मुद्दों को बढ़ावा देने और पंजाब में लोगों के बीच आतंक पैदा करने के मामलों में दोषी पाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, अर्शदीप UAPA के तहत वांटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का बेहद करीबी है। उसकी ओर से आतंकी मॉड्यूल ऑपरेट करता है। कनाडा से सतपाल की गिरफ्तारी होगी सबसे बड़ी चुनौती
भारत और कनाडा के बीच 1987 में प्रत्यपर्ण संधि हुई थी। इस संधि के अनुसार कनाडा के न्याय विभाग और भारत के गृह मंत्रालय के बीच सीधे राजनयिक माध्यमों से अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) के जरिए या किसी और स्वीकार्य माध्यम से अनंतिम गिरफ्तारी का अनुरोध किया जा सकता है। लेकिन 2002 से 2020 तक भारत द्वारा मांगे गए केवल छह भगोड़ों को ही कनाडा ने लौटाया है। कनाडा में वर्तमान जस्टिन ट्रूडो सरकार के खालिस्तान समर्थक तेवर के चलते दोनों देशों के संबंध सबसे बुरे दौर में पहुंच चुके हैं। दोनों देश एक-दूसरे के डिप्लोमैट्स तक निकाल चुके हैं। हालांकि, ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह कहते हैं कि सतपाल की गिरफ्तारी के लिए प्रत्यपर्ण संधि के नियमों के मुताबिक इंटरपोल की मदद ली जाएगी। इसके लिए सीबीआई से अनुरोध करेंगे। सतपाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बीच सड़क पर रोका, 3 गोलियां मारीं; हत्या की सजा काट रहे युवक का मर्डर ग्वालियर जिले के डबरा में दो बाइक सवार बदमाशों ने युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावरों ने एक के बाद एक तीन गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले। युवक की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात सिटी थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम करीब 7 बजे की है। जिसकी हत्या की गई, वह भी हत्या के दोष में आजीवन कारावास काट रहा था। 28 अक्टूबर को पैरोल पर छूटकर जेल से घर आया था। पूरी खबर बढ़ें 8 साल पहले जिसने साले की हत्या की उसका मर्डर ग्वालियर के डबरा में गुरुवार रात जिस तरह से शूटर्स ने जसवंत सिंह सरदार की हत्या की है, उससे पुलिस को आशंका है कि शूटर्स पंजाब से हो सकते हैं। दरअसल, ये पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। इसमें शूटर्स के चेहरे साफ नजर आ रहे हैं। शूटर्स ने बिना समय गंवाए महज 37 सेकेंड में जसवंत की हत्या की और फरार हो गए। पूरी खबर पढ़ें
पंजाब में जालंधर-लुधियाना हाईवे किया जाम:धान खरीदी में देरी से किसान नाराज, उचित समर्थन मूल्य की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
पंजाब में जालंधर-लुधियाना हाईवे किया जाम:धान खरीदी में देरी से किसान नाराज, उचित समर्थन मूल्य की मांग को लेकर किया प्रदर्शन धान की खरीद में देरी से खफा किसानों ने जालंधर-लुधियाना- दिल्ली राष्ट्रीय मार्ग को जाम कर दिया है। जालंधर से आगे फगवाड़ा के करीब किसान हाईवे पर बैठ गए हैं। ये प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के मुख्य वक्ता और दोआबा प्रभारी कश्मीर सिंह जंडियाला व समर्थकों की तरफ से किया जा रहा है। कश्मीर सिंह का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, प्रदर्शन जारी रहेगा। कश्मीर सिंह ने बताया कि आज हक्की मांगों को लेकर ये प्रदर्शन किया जा रहा है। मंडिया में पड़ी धान की फसल की खरीद नहीं हो पा रही है। खाद किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। पराली का हल सरकार कर नहीं पा रही है। अंधी बहरी सरकार को जगाने के लिए आज किसानों को सड़क पर आना पड़ा है। किसानों का कहना है कि डीएपी खाद और धान हमारे दो मुख्य मुद्दे हैं। आज 1800-1800 क्विंटल रेट पर धान शैलर खरीदने को बैठे हैं। किसान इसे सस्ते में बेचने को मजबूर हो चुका है। सरकारें बोल रही हैं झूठ कश्मीर सिंह का कहना है कि सरकारें झूठ बोल रही हैं। उन्हें अक्ल ठिकाने लाई जाएगी। धान की खरीद की सिर्फ बातें हो रही हैं। खरीद नहीं हो रही। जब तक प्रशासन की उनकी मांगों को हल नहीं करता, ये प्रदर्शन इसी तरह से जारी रहेगा। जालंधर से लुधियाना जाने के लिए इस रूट का लें सहारा जालंधर से लुधियाना जाने के लिए अब जीटी रोड को स्किप करना ही बेहतर विकल्प है। अगर कोई जालंधर से लुधियाना या लुधियाना से जालंधर आना चाहता है तो वे जालंधर कैंट व गौरायां के बीच ग्रामीण रूट ले सकता है। इसके अलावा फगवाड़ा से होशियारपुर रोड भी अलग विकल्प रहेगा। वहीं अगर कोई होशियारपुर से जालंधर की तरफ आना चाहता है तो उसे शूगर मिल फ्लाई-ओवर की तरफ ना जाते हुए दूसरे फ्लाइ-ओवर से ही जालंधर का रूट लेना होगा।