बठिंडा के सरदारगड़ गांव में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। किसानों ने कहा कि मांगें पूरा नहीं होने पर तीखा संघर्ष करेंगे। किसान नेता जगसीर ने कहा कि बीते दिन शंभू बॉर्डर पर पंजाब से 101 किसान दिल्ली की तरफ जा रहे थे। जब वह रास्ता पार करने लगे, तो बॉर्डर के पास हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जिससे भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहा में रोष है। किसान नेता जसविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कानून लेकर आई थी। हम लम्बे संघर्ष बाद उनको वापस करवाने में सफल हुए थे और कुछ बातों पर हमारा समझौता हुआ था उन बातों को मनाने के लिए दिल्ली जा रहे थे। बठिंडा के सरदारगड़ गांव में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। किसानों ने कहा कि मांगें पूरा नहीं होने पर तीखा संघर्ष करेंगे। किसान नेता जगसीर ने कहा कि बीते दिन शंभू बॉर्डर पर पंजाब से 101 किसान दिल्ली की तरफ जा रहे थे। जब वह रास्ता पार करने लगे, तो बॉर्डर के पास हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके। जिसमें कई किसान घायल हो गए। जिससे भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहा में रोष है। किसान नेता जसविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कानून लेकर आई थी। हम लम्बे संघर्ष बाद उनको वापस करवाने में सफल हुए थे और कुछ बातों पर हमारा समझौता हुआ था उन बातों को मनाने के लिए दिल्ली जा रहे थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बलवंत राजोआना की मर्सी पिटीशन ली जाएगी वापस:अकाल तख्त साहिब की बैठक में फैसला; सिख संगठनों राय देने के लिए भी कहा
बलवंत राजोआना की मर्सी पिटीशन ली जाएगी वापस:अकाल तख्त साहिब की बैठक में फैसला; सिख संगठनों राय देने के लिए भी कहा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या करने वाले बलवंत सिंह राजोआना की मर्सी पटीशन को वापस लेने का फैसला किया गया है। ये फैसला श्री अकाल तख्त साहिब पर आज शुक्रवार हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में लिया गया। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि लंबे समय से ये मर्सी पिटीशन राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है और अब राजओना भी यही चाहता है कि इस पिटीशन को वापस लिया जाए। जत्थेदान ज्ञानी रघबीर सिंह ने 5 तख्तों के जत्थेदारों की बैठक का फैसला बताते हुए कहा कि बैठक में बलवंत सिंह राजोआना पर गंभीरता से विचार किया गया। जिसमें अब उनकी मर्सी पटीशन जो लंबे समय से राष्ट्रपति के पास है, उसे वापस लिया जाए। बलवंत सिंह राजोआना को फांसी की सजा सुनाए 18 साल से अधिक का समय हो चुका और उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए भारत सरकार को भेजी मर्सी पटीशन 12 साल से अधिक समय से विचाराधीन पड़ी है और उस पर कोई फैसला पेंडिंग है। बलवंत सिंह राजोआना की इच्छा पर SGPC ने श्री अकाल तख्त साहिब को खत लिखा। बैठक में फैसला लिया गया कि बलवंत सिंह राजोआना की सिख कौम के लिए दी कुर्बानी बहुत बड़ी है और उनका जीवन कौम की अमानत है। सिख जत्थेबंदियां इस पर अपना विचार जल्द से जल्द श्री अकाल तख्त साहिब को लिख कर भेजें। एक तरफा फैसला लेने के लिए पहले भी कहा बलवंत सिंह राजोआना को पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी बनाया गया था। जिसके बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। एसजीपीसी की तरफ से इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की गई थी और राष्ट्रपति को भी लिखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पहले ही बलवंत सिंह राजोआना पर फैसला लेने के लिए सरकार को कहा। वहीं, राष्ट्रपति को दी गई अर्जी पर आज तक फैसला नहीं हो पाया। कुछ महीने पहले पटियाला की जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। उनकी मांग थी कि एक तरफ का फैसला लिया जाए। वे बंदी सिख भी नहीं हैं, क्योंकि उसे तो मौत की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रपति से मिलना चाहता है एसजीपीसी वफद एसजीपीसी का एक वफद जल्द ही राष्ट्रपति से मिलना चाहता है। एसजीपीसी ने बीते दिनों अंतरिम कमेटी की बैठक में फैसला लिया था कि बलवंत राजोआना की सजा माफी को लेकर वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। लेकिन अब श्री अकाल तख्त साहिब ने मर्सी पटीशन वापस लेने का फैसला किया है। अब एसजीपीसी राष्ट्रपति से मिलेंगे या मर्सी पिटीशन वापस लेंगे, इस पर फैसला लिया जाना है।
नवांशहर पहुंचे अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य:एसी वर्ग के लोगों की समस्याएं सुनी, अधिकारियों को दिए तुरंत निपटारे के आदेश
नवांशहर पहुंचे अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य:एसी वर्ग के लोगों की समस्याएं सुनी, अधिकारियों को दिए तुरंत निपटारे के आदेश पंजाब अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य चंद्रेश्वर सिंह मोही और वकील परमिला फलियांवाला ने बलाचौर के झुंगियां बेट गांव में पहुंचकर अनुसूचित समुदाय के लोगों की समस्याएं सुनीं। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को खाता संख्या 179 में जल्द से जल्द तालाब बनाने का निर्देश दिया, ताकि गली में जमा पानी को इसमें डाला जा सके। उन्होंने गांव के दोनों पक्षों की बात भी सुनी। यहां यह भी देखा गया है कि अधिकतर गांव में पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है। बता दें कि, बीते दिन गांव में झगड़ा हुआ था, जिसमें ईंटें भी चली थीं, जिस पर सदर थाना बलाचौर पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ क्रॉस केस दर्ज किया है। इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासनिक परिसर में अनुसूचित जाति के लोगों की समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने कहा कि आयोग को नवांशहर जिले से संबंधित 20 शिकायतें मिली थी। जिन्हें गंभीरता से लेते हुए वह इन शिकायतों का समाधान करने के लिए आज यहां पहुंचे हैं। कहा कि उन्हें जाति सूचक शब्द, आपसी लड़ाई-झगड़े, पुलिस विभाग के खिलाफ शिकायत, गलत मामलों में दर्ज कराने, धोखाधड़ी आदि की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने प्राप्त शिकायतों के संबंध में पुलिस अधिकारियों और अन्य विभागों के अधिकारियों को उचित कार्रवाई कर रिपोर्ट आयोग को सौंपने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने जिला प्रबंधकीय परिसर में अन्य लोगों की समस्याएं भी सुनीं और संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दिए। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को सभी विभागों के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की हर माह समीक्षा करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा वरिष्ठता एवं आरक्षण संबंधी समस्याओं का निराकरण सरकारी प्रक्रियाओं से संबंधित गाइड लाइन के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके अलावा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को अनुसूचित जाति से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए एक राजपत्रित रैंक के नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने का भी निर्देश दिए गए।
PSEB चेयरपर्सन ने दिया इस्तीफा:पंजाब सरकार ने किया मंजूर, शिक्षा सचिव को सौंपी चेयरमैन की अतिरिक्त जिम्मेदारी
PSEB चेयरपर्सन ने दिया इस्तीफा:पंजाब सरकार ने किया मंजूर, शिक्षा सचिव को सौंपी चेयरमैन की अतिरिक्त जिम्मेदारी पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) की चेयरपर्सन पूर्व IAS अधिकारी सतबीर बेदी ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से पता चला है कि राज्य सरकार की तरफ से उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। साथ ही उनकी जगह पर शिक्षा विभाग के सचिव को चेयरमैन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। हालांकि इस्तीफा देने की वजह साफ नहीं हो पाई है। नियुक्ति के साथ ही शुरू हो गया था विवाद पंजाब सरकार की तरफ से गत साल सतबीर बेदी को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। हालांकि उनकी नियुक्ति के बाद ही विवाद शुरू हो गए थे। आरोप था कि वह पंजाबी लिखना नहीं जानती है, जिसको बड़ा मुद्दा उठाया गया। हालांकि उनके कार्यकाल में बोर्ड ने कई बड़े कदम उठाए हैं। जिनके बाद में खूब सहारा गया था। सूत्रों के मुताबिक पंजाब सरकार अब ऐसे व्यक्ति को इस पद की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है। जिसे की शिक्षा के क्षेत्र का लंबा अनुभव हो। साथ ही वह बोर्ड को बढ़िया तरीके से आगे ले जा सकें। निजी कारणों के चलते दिया इस्तीफा सतबीर बेदी ने इस्तीफे को निजी कारण बताया है। हालांकि सूत्रों स पता चला है कि कुछ समय बोर्ड से दूरी बना ली थी। उनकी तबीयत भी ठीक नहीं थी। वह दिल्ली चली गई थी। हालांकि उनकी नियुक्ति समय विपक्ष ने सरकार को घेरा था। सरकार पर आरोप था कि दिल्ली के लोगों को पंजाब की कमान दी जा रही है। इससे पहले पंजाब रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) का चेयरमैन सत्य गोपाल ने भी इस्तीफा दिया था। वह भी दिल्ली के पूर्व आईएएस अधिकारी थे।