पंजाब के बठिंडा जिले के रायके कलां गांव में धान की खरीद में हो रही देरी और अन्य समस्याओं के बीच सोमवार देर शाम पुलिस और किसानों में झड़प हो गई। किसानों ने तहसीलदार व खरीद निरीक्षक को बंधक बना लिया था। पुलिस पहुंची तो उन पत्थर चलाए गए, अंत में लाठीचार्ज हुआ। वहीं, पुलिस ने अब भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज कर लिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, किसानों का धान बिना नमी जांचे ही खरीदने से प्रशासन ने इनकार कर दिया था, जिसके बाद किसानों का गुस्सा भड़क उठा। 3:30 बजे के आसपास, भारतीय किसान यूनियन के लगभग 20-25 कार्यकर्ता रायके कलां गांव स्थित मंडी में एकत्र हुए। दोनों पक्षों की बहस के बाद मौजूदा तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को बंधक बना लिया गया। जिसके बाद पुलिस को मौके पर आना पड़ा। शाम 5.30 बजे पुलिस ने किया हस्ताक्षेप भड़के किसानों ने तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को कई घंटे तक बंधक बनाए रखा। पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। शाम 5:30 बजे पुलिस मंडी में पहुंच गई। पहले तो किसान नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन कुछ उग्र किसान नेताओं ने धक्का मुक्की व पत्थराव शुरू कर दिया। जिसके बाद मामले को शांत कराने के लिए लाठीचार्ज किया गया। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की तैयारी में पुलिस पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि धान की नमी जांच के नाम पर उनकी फसल को खरीदा नहीं जा रहा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। किसानों ने मांग रखी है कि सरकार धान की खरीद को पारदर्शी बनाए और बिना नमी की जांच के भी खरीद प्रक्रिया को तेजी से पूरा करे। उनका आरोप है कि नमी जांच के नाम पर खरीद में देरी हो रही है, जिससे उनकी फसल खराब हो सकती है। किसान नेताओं ने किया विरोध बठिंडा में हुई घटना का अन्य किसान संगठनों ने भी विरोध शुरू कर दिया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने इसका घटना का विरोध किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र की सरकार के साथ मिल गए हैं और बड़े घरानों का किसानों की मंडियों पर कब्जा करवाना चाहते हैं। पंजाब के बठिंडा जिले के रायके कलां गांव में धान की खरीद में हो रही देरी और अन्य समस्याओं के बीच सोमवार देर शाम पुलिस और किसानों में झड़प हो गई। किसानों ने तहसीलदार व खरीद निरीक्षक को बंधक बना लिया था। पुलिस पहुंची तो उन पत्थर चलाए गए, अंत में लाठीचार्ज हुआ। वहीं, पुलिस ने अब भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज कर लिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, किसानों का धान बिना नमी जांचे ही खरीदने से प्रशासन ने इनकार कर दिया था, जिसके बाद किसानों का गुस्सा भड़क उठा। 3:30 बजे के आसपास, भारतीय किसान यूनियन के लगभग 20-25 कार्यकर्ता रायके कलां गांव स्थित मंडी में एकत्र हुए। दोनों पक्षों की बहस के बाद मौजूदा तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को बंधक बना लिया गया। जिसके बाद पुलिस को मौके पर आना पड़ा। शाम 5.30 बजे पुलिस ने किया हस्ताक्षेप भड़के किसानों ने तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को कई घंटे तक बंधक बनाए रखा। पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। शाम 5:30 बजे पुलिस मंडी में पहुंच गई। पहले तो किसान नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन कुछ उग्र किसान नेताओं ने धक्का मुक्की व पत्थराव शुरू कर दिया। जिसके बाद मामले को शांत कराने के लिए लाठीचार्ज किया गया। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की तैयारी में पुलिस पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि धान की नमी जांच के नाम पर उनकी फसल को खरीदा नहीं जा रहा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। किसानों ने मांग रखी है कि सरकार धान की खरीद को पारदर्शी बनाए और बिना नमी की जांच के भी खरीद प्रक्रिया को तेजी से पूरा करे। उनका आरोप है कि नमी जांच के नाम पर खरीद में देरी हो रही है, जिससे उनकी फसल खराब हो सकती है। किसान नेताओं ने किया विरोध बठिंडा में हुई घटना का अन्य किसान संगठनों ने भी विरोध शुरू कर दिया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने इसका घटना का विरोध किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र की सरकार के साथ मिल गए हैं और बड़े घरानों का किसानों की मंडियों पर कब्जा करवाना चाहते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोहाली में लिखे खालिस्तानी नारे:पन्नू ने वीडियो में कहा- अमृतसर-चंडीगढ़ एयरपोर्ट कल रहेगा बंद, मोदी-शाह को बताया हिंदु आतंकी पंजाब के मोहाली में एयरपोर्ट रोड कुंबड़ा पर खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने देश विरोधी नारे लिखवाए हैं। इन नारों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाते हुए उन्हें “हिंदू आतंकवादी” बताया गया। पन्नू ने अपना वीडियो जारी कर सिख युवाओं से 17 नवंबर को पंजाब में अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद करने का आह्वान किया है। आतंकी पन्नू ने अपना ये वीडियो जारी कर बीते दिनों प्रवासियों की हाथों कत्ल किए गए युवक की हत्या मामले में लोगों को भड़काने का प्रयास भी किया है। पन्नू ने वीडियो में कहा कि इन हिंदू आतंकियों की जड़ें आयोध्या से हिलानी पड़ेंगी। आज खालिस्तानी समर्थकों ने नारे लिखवाएं हैं। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को हिंदू आतंकी कहा है। 17 नवंबर को अमृतसर-चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद रहेगा। इन हिंदू आतंकियों ने बच्चों को छीन कर कत्ल करना है। सामने उनकी लाशें पड़ी हैं। पंजाब इंडीपेंडेंट रेफरेंडम अंधेरी की तरह आपकी तरफ आ रहा है। ये पंजाब की धरती को भारत के कब्जे से हटाएगा। पन्नू की धमकी में तीन बड़ी बातें 1. प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को निशाना बनाना पन्नू ने अपने बयान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “हिंदू आतंकवादी” कहकर उकसाने वाले आरोप लगाए। इसके साथ, उन्होंने हिंदुत्व विचारधारा को “हिंसक” बताते हुए इसे अयोध्या से उखाड़ने की बात कही। यह बयान सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और सिख समुदाय को भड़काने का प्रयास है। जिसे SFJ द्वारा खालिस्तान आंदोलन के समर्थन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 2. एयरपोर्ट बंद करने का आह्वान पन्नू ने वीडियो के माध्यम से 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट को बंद करने की योजना का ऐलान किया। यह कदम पंजाब के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को बाधित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। SFJ ने इस आंदोलन को खालिस्तान जनमत संग्रह से जोड़ते हुए इसे सिख समुदाय की “आजादी” का रास्ता बताया है। इस तरह की कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही हैं। 3. प्रवासियों की हत्या का संदर्भ और सांप्रदायिकता भड़काना पन्नू ने हाल ही में प्रवासियों के हाथों कथित तौर पर हुई सिख युवाओं की हत्या का जिक्र करते हुए इसे “हिंदू आतंकवाद” से जोड़ा। उन्होंने इस घटना का इस्तेमाल सांप्रदायिक विद्वेष बढ़ाने और लोगों को भड़काने के लिए किया। इस प्रकार की बयानबाजी पंजाब की शांति और सामुदायिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है। पहले भी एयरपोर्ट बंद रखने की दे चुका धमकी 17 नवंबर को अमृतसर-चंडीगढ़ बंद रखने की ये धमकी 8 दिन पहले भी खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी थी। तब पन्नू ने सिख कर्मियों को एयरपोर्ट में कृपाण ना पहनने के आदेश के खिलाफ वीडियो वायरल किया था। जिसमें पन्नू ने कहा था- भारत सरकार आने वाले दिनों में दस्तार (पगड़ी) पर भी प्रतिबंध लगा सकती है। इसके बाद सिखों को अपने धार्मिक प्रतीकों को घर में पहनने पर भी भारत सरकार रोक सकती है। पन्नू ने पंजाब के युवाओं को भड़काने की कोशिश की है, और रोष में 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट्स को बंद करवाने की बात कही है। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। पन्नू पर करीब 12 केस, सोशल मीडिया पर करता है भड़काऊ बयानबाजी SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 12 मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर में SFJ द्वारा कई वर्षों से सोशल मीडिया पर विभिन्न अलगाववादी पोस्ट के बारे में जानकारी दी गई थी। इनमें वह आतंकियों का समर्थन करता था। पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है। इसके अलावा हाल ही में G20 मीटिंग के दौरान दिल्ली में मेट्रो स्टेशन पर लिखे खालिस्तानी नारे भी पन्नू के कहने पर ही लिखे गए थे। पन्नू सोशल मीडिया के जरिए ही युवाओं को अपने झांसे में लेता है और फिर उन्हें भारत के ही खिलाफ भड़का देता है।
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आनंदपुर साहिब में राहुल गांधी की आखिरी चुनाव प्रचार:खटकड़ कलां में करेंगे जनसभा, विजय इंद्र सिंगला के लिए मांगेंगे वोट कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज दूसरे दिन भी पंजाब में मौजूद हैं। इस दौरान वे लोकसभा क्षेत्र श्री आनंदपुर साहिब से पार्टी प्रत्याशी विजय इंदर सिंगला के पक्ष में खटकड़ कलां में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करेंगे। इस चुनाव में राहुल गांधी की यह आखिरी चुनावी रैली होगी। इस मौके पर पार्टी की वरिष्ठ कार्यकारिणी के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंजाब में डेरा डाले हुए हैं। यहां पर आयोजित की जाएगी रैली राहुल गांधी की खटकड़ कलां में यह रैली शहीद भगत सिंह म्यूजियम के नजदीक ही संपन्न होगी। रैली का समय दोपहर तीन बजे रखा गया है। इससे पहले बुधवार को राहुल गांधी की तरफ से लुधियाना व पटियाला में रैली को संबोधित किया गया था। इस दौरान उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया था कि उनकी सरकार आने पर सभी वर्गों की हालत सुधरेगी। किसान से लेकर युवाओं व महिलाओं की किस्मत बदलेगी। इससे पहले राहुल गांधी ने अमृतसर में एक जनसभा को संबोधित किया था। आनंदपुर साहिब सीट बनी चुनौती लोकसभा हलका श्री आनंदपुर साहिब सीट में मुकाबला चौकाना है। कांग्रेस की तरफ से यहां पर पार्टी के दिग्गज नेता व मुख्य विजय इंद्र सिंगला को चुनावी मैदान में उतारा गया है। हालांकि लोकसभा हलके के अधीन आती 9 विधानसभा सीटों में से 7 पर आप के विधायक हैं। जबकि एक सीट शिरोमणि अकाली दल व एक पर बसपा का विधायक है। जबकि पार्टी का कोई विधायक नहीं है। हालांकि कई दिग्गज नेता इस हलके से हैं। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
हरियाणा-पंजाब में ED ने छापेमारी की:NHPC के CGM की 4 प्रॉपर्टीज जब्त, कीमत 47 लाख रुपये; आय से अधिक 1 करोड़ की संपत्ति
हरियाणा-पंजाब में ED ने छापेमारी की:NHPC के CGM की 4 प्रॉपर्टीज जब्त, कीमत 47 लाख रुपये; आय से अधिक 1 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब-हरियाणा में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक (CGM) हरजीत सिंह पुरी और उनकी पत्नी अरविंदरजीत कौर की 47 लाख रुपये की संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त कर ली है। जब्त की गई संपत्तियां हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के लुधियाना में हैं, जो आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ी हैं। केंद्रीय एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। सीजीएम (वित्त) रहते हुए कमाया पैसा जांच में पता चला कि पुरी ने एनएचपीसी में सीजीएम (वित्त) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर भ्रष्ट आचरण और रिश्वतखोरी में शामिल होने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, और अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। ईडी अधिकारी ने कहा, “हरजीत सिंह पुरी और उनकी पत्नी की फरीदाबाद और लुधियाना जिलों में स्थित 47 लाख रुपये (लगभग) मूल्य की कुल चार अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है।” 1.04 करोड़ रुपए आय से अधिक कमाए ईडी की जांच का अनुमान है कि पुरी के पास आय से अधिक संपत्ति का कुल मूल्य लगभग 1.04 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने कहा, “एनएचपीसी में सीजीएम (वित्त) के रूप में पुरी ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के अपराध करने के लिए अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग किया, जिससे अपराध की आय अर्जित हुई है।” मामले में आगे की जांच जारी है।