बठिंडा में 7 इमारतों को किया सील:हाईकोर्ट के 2008 के फैसले को किया लागू, अवैध रुप से संचालित थी कॉमर्शियल एक्टीविटी

बठिंडा में 7 इमारतों को किया सील:हाईकोर्ट के 2008 के फैसले को किया लागू, अवैध रुप से संचालित थी कॉमर्शियल एक्टीविटी

बठिंडा की अफीम वाली गली में स्थित अवैध कॉमर्शियल गोदाम बंद करने के पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट द्वारा 2008 को दिए आदेश को नगर निगम ने 16 साल बाद लागू किया है। आज रिहायशी इमारतों में चल रहे 7 गोदाम और दुकानों के मालिकों को नोटिस जारी कर सील कर दिया गया। आपको बता दें कि, हाईकोर्ट के आदेश लागू कराने के लिए तत्कालीन कमिश्नर से लेकर निकाय मंत्री तक को पत्र लिखे गए। इन दुकानों- गोदामों को साल 2019 में एक बार सील भी किया गया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते यह अवैध गोदाम कुछ ही दिन बाद फिर खुल गए, जो अब तक चल रहे हैं। सोमवार को एमटीपी सुरिंदर बिंदरा ने एक बार फिर मौका-मुआयना कर दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं। लंबे समय तक चर्चा में रहा मामला बता दें कि, नगर निगम दफ्तर से मात्र 100 मीटर दूर अफीम वाली गली में अवैध निर्माण का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है। लेकिन अवैध तरीके से चल रहे 6 कॉमर्शियल गोदामों को बिल्डिंग ब्रांच ने हाईकोर्ट के इसी फैसले का हवाला देते हुए 10 सितंबर 2019 को सील किया था। एक सप्ताह बाद ही यह गोदाम फिर खुल गए। इससे पहले भी 17 जुलाई 2016 को तत्कालीन निगम कमिश्नर ने अफीम वाली गली में कॉमर्शियल निर्माण को तोड़ने का आदेश दिए थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते इसे अमल में नहीं लाया जा सका था। हाईकोर्ट ने करार दी थी ब्लाइंड स्ट्रीट साल 2006 में डॉ. वितुल गुप्ता और सुरिंदर काटिया ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें अफीम वाली गली में चल रहे अवैध गोदामों को बंद करने की मांग उठाई थी। हाईकोर्ट ने 3 नवंबर 2008 को सुनाए फैसले में अफीम वाली गली को ब्लाइंड स्ट्रीट करार दिया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके इस गली में कॉमर्शियल एक्टिविटी चलती रही। डॉ. वितुल गुप्ता ने हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करने का हवाला देते हुए निकाय मंत्री व निगम कमिश्नर को लिखित शिकायत भी दी थी। निगम अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करने पर उन्होंने 2017 में तत्कालीन निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिंद्धू को भी शिकायत भेजी। इसके बाद 4 नवंबर 2019 को तत्कालीन निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा को भेजी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 10 सितंबर 2019 को सील की गई थी सहायक टाउन प्लानर के 4 अगस्त 2024 को दुकान मालिकों को जारी नोटिस के अनुसार अफीम वाली गली में 4 सितंबर 2023 को मुआयना किया गया। इस दौरान पाया गया कि मास्टर प्लान का उल्लंघन करके बिना नक्शा पास करवाए कॉमर्शियल दुकानें और गोदाम का निर्माण किया गया है। जोकि गैर कानूनी और पीएमसी एक्ट 1976 की धारा 258 का उल्लंघन है। अब तीन दिन में अनधिकृत निर्माण को बंद करने की हिदायत दी गई है। बठिंडा की अफीम वाली गली में स्थित अवैध कॉमर्शियल गोदाम बंद करने के पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट द्वारा 2008 को दिए आदेश को नगर निगम ने 16 साल बाद लागू किया है। आज रिहायशी इमारतों में चल रहे 7 गोदाम और दुकानों के मालिकों को नोटिस जारी कर सील कर दिया गया। आपको बता दें कि, हाईकोर्ट के आदेश लागू कराने के लिए तत्कालीन कमिश्नर से लेकर निकाय मंत्री तक को पत्र लिखे गए। इन दुकानों- गोदामों को साल 2019 में एक बार सील भी किया गया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते यह अवैध गोदाम कुछ ही दिन बाद फिर खुल गए, जो अब तक चल रहे हैं। सोमवार को एमटीपी सुरिंदर बिंदरा ने एक बार फिर मौका-मुआयना कर दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं। लंबे समय तक चर्चा में रहा मामला बता दें कि, नगर निगम दफ्तर से मात्र 100 मीटर दूर अफीम वाली गली में अवैध निर्माण का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है। लेकिन अवैध तरीके से चल रहे 6 कॉमर्शियल गोदामों को बिल्डिंग ब्रांच ने हाईकोर्ट के इसी फैसले का हवाला देते हुए 10 सितंबर 2019 को सील किया था। एक सप्ताह बाद ही यह गोदाम फिर खुल गए। इससे पहले भी 17 जुलाई 2016 को तत्कालीन निगम कमिश्नर ने अफीम वाली गली में कॉमर्शियल निर्माण को तोड़ने का आदेश दिए थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते इसे अमल में नहीं लाया जा सका था। हाईकोर्ट ने करार दी थी ब्लाइंड स्ट्रीट साल 2006 में डॉ. वितुल गुप्ता और सुरिंदर काटिया ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें अफीम वाली गली में चल रहे अवैध गोदामों को बंद करने की मांग उठाई थी। हाईकोर्ट ने 3 नवंबर 2008 को सुनाए फैसले में अफीम वाली गली को ब्लाइंड स्ट्रीट करार दिया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके इस गली में कॉमर्शियल एक्टिविटी चलती रही। डॉ. वितुल गुप्ता ने हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करने का हवाला देते हुए निकाय मंत्री व निगम कमिश्नर को लिखित शिकायत भी दी थी। निगम अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करने पर उन्होंने 2017 में तत्कालीन निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिंद्धू को भी शिकायत भेजी। इसके बाद 4 नवंबर 2019 को तत्कालीन निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा को भेजी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 10 सितंबर 2019 को सील की गई थी सहायक टाउन प्लानर के 4 अगस्त 2024 को दुकान मालिकों को जारी नोटिस के अनुसार अफीम वाली गली में 4 सितंबर 2023 को मुआयना किया गया। इस दौरान पाया गया कि मास्टर प्लान का उल्लंघन करके बिना नक्शा पास करवाए कॉमर्शियल दुकानें और गोदाम का निर्माण किया गया है। जोकि गैर कानूनी और पीएमसी एक्ट 1976 की धारा 258 का उल्लंघन है। अब तीन दिन में अनधिकृत निर्माण को बंद करने की हिदायत दी गई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर