जिला हमीरपुर के उप मंडल बड़सर की ग्राम पंचायत पटेरा के निवासी 52 वर्षीय व्यक्ति पर आवारा सांड ने जानलेवा हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिससे इलाके लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल की पहचान रघुवीर के नाम से हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार व्यक्ति अपने घर मे पशुओं को चारा डाल रहा था। तभी आवारा सांड वहां पहुंच गया। जैसे ही रघुवीर सांड को खदेड़ने लगा। तो सांड ने रघुवीर पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसमें रघुवीर बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिर गया। शोर सुनकर पहुंचे लोग जोर-जोर से चिल्लाने पर आवाज सुनकर स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और सांड कड़ी मशक्कत के बाद वहां से भगाया गया। लोगों ने सरकार से आवारा पशुओं से निजात दिलाने की की मांग। लोगों ने की आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग इससे पहले भी आवारा सांड आधा दर्शन लोगों को घायल कर चुका है। लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है की क्षेत्र में घूम रहे आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए। ताकि लोगों को जान माल से हाथ ना धोना पड़े। जिला हमीरपुर के उप मंडल बड़सर की ग्राम पंचायत पटेरा के निवासी 52 वर्षीय व्यक्ति पर आवारा सांड ने जानलेवा हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिससे इलाके लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल की पहचान रघुवीर के नाम से हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार व्यक्ति अपने घर मे पशुओं को चारा डाल रहा था। तभी आवारा सांड वहां पहुंच गया। जैसे ही रघुवीर सांड को खदेड़ने लगा। तो सांड ने रघुवीर पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसमें रघुवीर बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिर गया। शोर सुनकर पहुंचे लोग जोर-जोर से चिल्लाने पर आवाज सुनकर स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और सांड कड़ी मशक्कत के बाद वहां से भगाया गया। लोगों ने सरकार से आवारा पशुओं से निजात दिलाने की की मांग। लोगों ने की आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग इससे पहले भी आवारा सांड आधा दर्शन लोगों को घायल कर चुका है। लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है की क्षेत्र में घूम रहे आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए। ताकि लोगों को जान माल से हाथ ना धोना पड़े। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सरकार पर कंगना का आरोप:बोलीं- सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को देती है, राज्य का खजाना हुआ खाली
हिमाचल सरकार पर कंगना का आरोप:बोलीं- सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को देती है, राज्य का खजाना हुआ खाली हिमाचल प्रदेश के मंडी की सांसद व अभिनेत्री कंगना रनोट ने कर्ज के मामले में राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। उनका आरोप है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार कर्ज लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को देती है। जिससे राज्य का खजाना “खोखला” हो गया है। वह भाजपा के मेंबरशिप अभियान की शुरुआत करने मनाली गांव पहुंची हुई थी। इस दौरान उन्होंने हिमाचल सरकार को जमकर घेरा। लोगों को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाए
लोगों को संबोधित करते हुए अभिनेत्री ने कहा, “हर कोई जानता है कि हिमाचल में भ्रष्टाचार व्याप्त है। कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों को खोखला कर दिया है।” उन्होंने आश्चर्य जताया कि पार्टी चुनावों पर इतना खर्च कैसे करती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “वे कर्ज लेते हैं और सोनिया गांधी को देते हैं, जिससे राज्य खोखला हो गया है। आपदाओं को सरकार ने पीछे धकेला
रनोट ने कहा, “आपदाओं और कांग्रेस सरकार ने राज्य को दशकों पीछे धकेल दिया है। मैं लोगों से मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील करूंगी।” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “अगर हम आपदा कोष देते हैं, तो यह सीएम राहत कोष में जाना चाहिए, लेकिन सभी जानते हैं कि यह सोनिया राहत कोष में जाता है।”
हिमाचल में लैंडस्लाइड की पहले ही मिलेगी जानकारी:आपदा प्रबंधन के लिए 33 सेंसरों से निगरानी, धर्मशाला-शिमला में स्थापित हैं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल
हिमाचल में लैंडस्लाइड की पहले ही मिलेगी जानकारी:आपदा प्रबंधन के लिए 33 सेंसरों से निगरानी, धर्मशाला-शिमला में स्थापित हैं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल हिमाचल प्रदेश में बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए 34 सेंसरों की निगरानी धर्मशाला और शिमला इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) द्वारा की जा रही है, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड (डीएससीएल) से मिली जानकारी के अनुसार यह केंद्र पूरी तरह कार्यात्मक है और किसी भी आपदा न्यूनीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत दो आईसीसीसी शिमला और धर्मशाला में स्थापित किए गए हैं। बाढ़ और भूस्खलन से निपटने में मदद के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर प्रदेशभर में लैंडस्लाइड और अचानक बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इनमें से जिला कांगड़ा के धर्मशाला और शाहपुर में चार अत्याधुनिक यंत्र स्थापित हैं। जिनसे लैंडस्लाइड होने से पहले ही सूचना मिल जाएगी। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों की ओर से बनाए गए इन यंत्रों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। जिनकी मॉनिटरिंग स्मार्ट सिटी धर्मशाला द्वारा स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से की जा रही है। कांगड़ा जिला में चार लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में स्थापित कांगड़ा जिला में बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए चार लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में समय से पहले ही लैंडस्लाइड का पता लगाने और चेतावनी देने वाली प्रणाली स्थापित की गई है। ये पूर्व चेतावनी यंत्र धर्मशाला के मैक्लोडगंज रोड, बनगोटू और चोला इंद्रूनाग तथा शाहपुर के डिब्बा और रूलेहड में स्थापित किए गए हैं। इस प्रणाली ने कार्य करना शुरू कर दिया है। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों द्वारा विकसित यह प्रणाली लैंडस्लाइड की पूर्व चेतावनी देने में बेहद कारगर है। टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से मिलेगी जानकारी
लैंडस्लाइड निगरानी प्रणाली सड़क पर लगे हूटर और ब्लिंकर के जरिए दूर से ही टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से मिट्टी में होने वाली हलचल के बारे में अलर्ट देती है। इसके अतिरिक्त, यदि 5 मिमी. से अधिक बारिश का अनुमान है तो सिस्टम पहले ही बारिश की चेतावनी भेज देता है। मिट्टी की हलचल में परिवर्तन की निगरानी करके लैंडस्लाइड के वास्तव में होने से 10 मिनट पहले उसका अनुमान लगा लिया जाता है। यह प्रणाली ह्यूमिनिटी, तापमान और वर्षा की सूचना भी भेजती है। लैंडस्लाइड तीसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा
लैंडस्लाइड दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है, जिसमें भारत सबसे ज़्यादा प्रभावित है। भारत का 15% हिस्सा लैंडस्लाइड से ग्रस्त है। हर साल दुनियाभर में 5000 से ज़्यादा लोग लैंडस्लाइड के कारण जिंदा दफ़न हो जाते हैं, जिससे 26,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का आर्थिक नुकसान होता है। स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत धर्मशाला और शिमला में स्थापित एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) 34 सेंसरों के माध्यम से बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं से निपटने में मदद करेगा। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कम सीईओ जफर इकबाल ने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत लगाए गए लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सेंसर रियल टाइम इनफार्मेशन दे रहे हैं। जिसका उपयोग किसी भी आपदा की स्थिति में पूर्व सूचना संबंधित लोगों को दी जा सकती है। लैंडस्लाइड की निगरानी किसी भी दुर्घटना और दुर्घटना को रोकने में मदद करती है। यह प्रणाली वायरलेस नोड्स से जुड़े उक्त जियो सेंसर का उपयोग करके वास्तविक समय के लैंडस्लाइड मापदंडों को मापती है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सौर ऊर्जा से जगमगाएगा धर्मशाला:प्रतिदिन बनेगी 750 किलो वाट बिजली, 3.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सौर ऊर्जा से जगमगाएगा धर्मशाला:प्रतिदिन बनेगी 750 किलो वाट बिजली, 3.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी प्रेम सूद, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धर्मशाला ने अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। अभी तक सौर ऊर्जा संयंत्र से 3500 यूनिट बिजली उत्पादित कर विद्युत बोर्ड को सप्लाई की जा चुकी है। यह प्रोजेक्ट प्रतिदिन 750 किलो वाट बिजली पैदा करेगा। जिससे सालाना कुल 12 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। पहले यह यूनिट 600 किलो वाट बिजली उत्पादन की प्रपोजल थी। लेकिन सोलर पैनल के साउथ फेस लगाने से जहां सूर्य की रोशनी सूर्य की रोशनी बिना किसी अवरोध मिलने से पैनल की संख्या बढ़ाने से यह संभव हो सका है। 4.2 करोड़ रुपए की लागत बना धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा अक्षय ऊर्जा को अपनाने से न केवल शहर में कार्बन उत्सर्जन कम होगा। बल्कि वित्तीय बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के साथ धर्मशाला हिमाचल प्रदेश और देश भर के अन्य शहरों के लिए टिकाऊ शहरी विकास को अपनाने के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। 4.2 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस परियोजना से शहर की पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में काफी कमी आने और धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कम सीईओ जफर इकबाल ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। इन दिनों ट्रायल पर बिजली का उत्पादन शुरू किया है जिसे हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड को ट्रांसफर किया जा रहा है। 28-30 लाख की होगी आमदनी इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी। जिससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सालाना 28 से 30 लाख रुपए की इनकम होगी। स्मार्ट सिटी प्रशासन की पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज्यादा शह के कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से कम हो गया है और एक स्वच्छ, ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट सोलर पैनल से 9 लाख यूनिट बिजली जनरेट की जा सकेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये बेहतर कदम साबित होगा। जिससे स्मार्ट सिटी धर्मशाला को अच्छी आमदनी होगी। सोलर प्लांट से पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा, ना ही कोई जहरीली गैस निकलेगी। इसके अलावा मॉडर्न सोलर प्लांट पूरी तरह बैटरी रहित रहेंगे।