हिमाचल के IGMC में शुरू हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी:डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक किया जटिल ऑपरेशन, निजी अस्पतालों में कई मरीजों की पहुंच से बाहर

हिमाचल के IGMC में शुरू हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी:डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक किया जटिल ऑपरेशन, निजी अस्पतालों में कई मरीजों की पहुंच से बाहर

शिमला में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (IGMC) में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी शुरू की गयी है। IGMC के डॉक्टरों की टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। अब IGMC में लेप्रोस्कोपिक के माध्यम से रोगियों की जटिल से जटिल सर्जरी आसानी से हो सकेंगी। इसके मरीजों को कई तरह की सुविधाएं व लाभ मिलेंगे। इसके माध्यम से हुई सर्जरियों से रोगियों का कम रक्तस्राव, कम दर्द व तेजी से रिकवरी होगी। वर्तमान में ऐसी प्रक्रियाएं केवल चुनिंदा केंद्रीय सरकारी संस्थानों और निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं। जहां वे महंगी हैं और कई रोगियों की पहुंच से बाहर हैं। ऐसे में आईजीएमसी में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू होने से मरीजों को लाभ मिलेगा। पहले होती थी साधारण सर्जरी सर्जरी विभाग के HOD डॉ. यू.के. चंदेल ने बताया कि लेपोस्क्रोपी के माध्यम से पहले केवल साधारण सर्जरी की जाती थी। लेकिन अब इसमें एडवांस यानी जटिल सर्जरियाँ भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि पहले केवल ओपन सर्जरी के माध्यम से मरीजों का उपचार करते थे जबकि अब भोजन नली के कैंसर के लिए, छाती के हिस्से की सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। इसके अलावा पेट और मलाशय के कैंसर के लिए पूरी सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। पहली बार हुई ऐसी सर्जरी ऐसी उन्नत सर्जरी आईजीएमसी में नियमित रूप से नहीं की जाती है, और यह पहली बार है कि भोजन नली के कैंसर की सर्जरी लैप्रोस्कोपी का उपयोग करके की गई है। IGMC शिमला की प्रिंसिपल डॉ. सीता का कहना है कि एडवांस सर्जरी की ओर IGMC बढ़ रहा है। नर्सिंग स्टाफ, ऑपरेशन थिएटर सहायकों और अन्य सहायक कर्मचारियों के महत्वपूर्ण समर्थन के कारण इसे अंजाम दे पाए है IGMC में अधिकांश खर्च हिमकेयर कार्ड के अंतर्गत कवर किए जाते हैं, जिससे गरीब मरीजों को लाभ हो रहा है। शिमला में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (IGMC) में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी शुरू की गयी है। IGMC के डॉक्टरों की टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। अब IGMC में लेप्रोस्कोपिक के माध्यम से रोगियों की जटिल से जटिल सर्जरी आसानी से हो सकेंगी। इसके मरीजों को कई तरह की सुविधाएं व लाभ मिलेंगे। इसके माध्यम से हुई सर्जरियों से रोगियों का कम रक्तस्राव, कम दर्द व तेजी से रिकवरी होगी। वर्तमान में ऐसी प्रक्रियाएं केवल चुनिंदा केंद्रीय सरकारी संस्थानों और निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं। जहां वे महंगी हैं और कई रोगियों की पहुंच से बाहर हैं। ऐसे में आईजीएमसी में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू होने से मरीजों को लाभ मिलेगा। पहले होती थी साधारण सर्जरी सर्जरी विभाग के HOD डॉ. यू.के. चंदेल ने बताया कि लेपोस्क्रोपी के माध्यम से पहले केवल साधारण सर्जरी की जाती थी। लेकिन अब इसमें एडवांस यानी जटिल सर्जरियाँ भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि पहले केवल ओपन सर्जरी के माध्यम से मरीजों का उपचार करते थे जबकि अब भोजन नली के कैंसर के लिए, छाती के हिस्से की सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। इसके अलावा पेट और मलाशय के कैंसर के लिए पूरी सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। पहली बार हुई ऐसी सर्जरी ऐसी उन्नत सर्जरी आईजीएमसी में नियमित रूप से नहीं की जाती है, और यह पहली बार है कि भोजन नली के कैंसर की सर्जरी लैप्रोस्कोपी का उपयोग करके की गई है। IGMC शिमला की प्रिंसिपल डॉ. सीता का कहना है कि एडवांस सर्जरी की ओर IGMC बढ़ रहा है। नर्सिंग स्टाफ, ऑपरेशन थिएटर सहायकों और अन्य सहायक कर्मचारियों के महत्वपूर्ण समर्थन के कारण इसे अंजाम दे पाए है IGMC में अधिकांश खर्च हिमकेयर कार्ड के अंतर्गत कवर किए जाते हैं, जिससे गरीब मरीजों को लाभ हो रहा है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर