<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाएं लेने के लिए हरियाणा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. राज्य सरकार की ओर से लागू परिवार पहचान पत्र यानी पीपीपी में छेड़छाड़ कर वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम दिखाई गई. फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों के खिलाफ झज्जर पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में चालान पेश किया है. बताया जा रहा है कि करीब छह हजार जोड़ों ने तलाक के फर्जी कागजात लगाकर फैमिली आईडी में आय कम दिखाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने 30 नवंबर, 2024 को फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. क्रीड के जिला प्रबंधक योगेश ने पुलिस को शिकायत दी थी. शिकायत में लॉग-इन से छेड़छाड़ कर आय बदलने का आरोप लगाया गया था. जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता योगेश ने साथियों विकास और अमित के साथ मिलकर पीपीपी में बदलाव किए थे. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. जांच में दो अन्य आरोपियों गीता और सिकंदर का भी नाम सामने आया. पुलिस ने दोनों को भी गिरफ्तार किया गया. फर्जीवाड़े के पांचों आरोपी अभी जेल में हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गरीबों की सुविधा का लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने खुलासा किया कि प्रदेश के 12 हजार परिवार पत्रों में बदलाव किया गया है. झज्जर की एडीसी सलोनी शर्मा ने बताया कि लोगों ने फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिये पीपीपी में परिवार विभाजित करा लिया. इससे उनकी आय गरीबी रेखा के लिए निर्धारित सीमा से कम हो गई. चालान के मुताबिक तलाक का फर्जी कागजात लगाकर परिवार से अलग किया गया. फिर दूसरे सदस्य को अन्य परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीपीपी में छेड़छाड़ कर वार्षिक आय कम दिखाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कई मामलों में एक परिवार के सदस्य को कई परिवार पहचान पत्रों में दिखाया गया है. एडीसी सलोनी शर्मा ने पुलिस के काम की सराहना की है. उन्होंने बताया कि पीपीपी छेड़छाड़ मामले में कई अन्य लोग भी रडार पर हैं. एसएससी संचालक के अलावा क्रीड पंचायत लेवल ऑपरेटर, लोकल कमेटी लेवल ऑपरेटर भी शामिल हैं. फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद झज्जर में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क सिस्टम लागू कर दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदीप धनखड़ की रिपोर्ट</strong></p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/K4tp27Dc9Cc?si=vnX9Jrm-p36jvGz1″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Haryana: फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी गोवंश मामले की सुनवाई, BJP सरकार का बड़ा फैसला” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/fast-track-courts-heard-cow-smuggling-cases-2898716″ target=”_self”>Haryana: फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी गोवंश मामले की सुनवाई, BJP सरकार का बड़ा फैसला</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाएं लेने के लिए हरियाणा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. राज्य सरकार की ओर से लागू परिवार पहचान पत्र यानी पीपीपी में छेड़छाड़ कर वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम दिखाई गई. फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों के खिलाफ झज्जर पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में चालान पेश किया है. बताया जा रहा है कि करीब छह हजार जोड़ों ने तलाक के फर्जी कागजात लगाकर फैमिली आईडी में आय कम दिखाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने 30 नवंबर, 2024 को फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. क्रीड के जिला प्रबंधक योगेश ने पुलिस को शिकायत दी थी. शिकायत में लॉग-इन से छेड़छाड़ कर आय बदलने का आरोप लगाया गया था. जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता योगेश ने साथियों विकास और अमित के साथ मिलकर पीपीपी में बदलाव किए थे. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. जांच में दो अन्य आरोपियों गीता और सिकंदर का भी नाम सामने आया. पुलिस ने दोनों को भी गिरफ्तार किया गया. फर्जीवाड़े के पांचों आरोपी अभी जेल में हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गरीबों की सुविधा का लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने खुलासा किया कि प्रदेश के 12 हजार परिवार पत्रों में बदलाव किया गया है. झज्जर की एडीसी सलोनी शर्मा ने बताया कि लोगों ने फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिये पीपीपी में परिवार विभाजित करा लिया. इससे उनकी आय गरीबी रेखा के लिए निर्धारित सीमा से कम हो गई. चालान के मुताबिक तलाक का फर्जी कागजात लगाकर परिवार से अलग किया गया. फिर दूसरे सदस्य को अन्य परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीपीपी में छेड़छाड़ कर वार्षिक आय कम दिखाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कई मामलों में एक परिवार के सदस्य को कई परिवार पहचान पत्रों में दिखाया गया है. एडीसी सलोनी शर्मा ने पुलिस के काम की सराहना की है. उन्होंने बताया कि पीपीपी छेड़छाड़ मामले में कई अन्य लोग भी रडार पर हैं. एसएससी संचालक के अलावा क्रीड पंचायत लेवल ऑपरेटर, लोकल कमेटी लेवल ऑपरेटर भी शामिल हैं. फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद झज्जर में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क सिस्टम लागू कर दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदीप धनखड़ की रिपोर्ट</strong></p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/K4tp27Dc9Cc?si=vnX9Jrm-p36jvGz1″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Haryana: फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी गोवंश मामले की सुनवाई, BJP सरकार का बड़ा फैसला” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/fast-track-courts-heard-cow-smuggling-cases-2898716″ target=”_self”>Haryana: फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी गोवंश मामले की सुनवाई, BJP सरकार का बड़ा फैसला</a></strong></p> हरियाणा सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण कर रही पंजाब सरकार
बड़ा खुलासा! हरियाणा के झज्जर में 6 हजार फर्जी तलाक, यह सरकारी सुविधा पाने के लिए बड़े स्तर पर साजिश
