पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा क्रांति अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद की जड़ बनी भदौड़ विधानसभा क्षेत्र के घुन्नस गांव के सरकारी मिडिल स्कूल में एक शौचालय के नवीनीकरण का उद्घाटन। विधायक लाभ सिंह उगोके द्वारा किए गए इस उद्घाटन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार की शिक्षा क्रांति की पोल खोलनी शुरू कर दी। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या शौचालयों की मरम्मत को शिक्षा क्रांति कहा जा सकता है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार झूठ की फैक्ट्री बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार मामूली नवीनीकरण कार्यों को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने की टिप्पणी पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार शौचालय मरम्मत को ऐतिहासिक उपलब्धि बताने वाली पहली सरकार बन गई है। गांव के लोगों और हलका इंचार्ज ने भी इस मामले में सरकार की आलोचना की है। सरकार का दावा है कि उसने एक दिन में 341 नए सरकारी स्कूल दिए हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल स्कूलों की चारदीवारी और शौचालयों का नवीनीकरण करना मात्र है। अकाली दल के सतनाम सिंह ने सरकार को घेरा शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधि एडवोकेट सतनाम सिंह राही ने भी स्कूल शौचालयों में जाकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि शौचालयों की हालत खस्ता है। पेंट उतर चुका है। टूटियां सही नहीं हैं और दरवाजे तक खराब हैं। सरकार शिक्षा क्रांति के नाम पर छलावा कर रही है। पिछले 70 वर्षों में यह पहली बार है कि शौचालयों के नवीनीकरण की आधारशिला रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि आप सरकार की नजर में शिक्षा क्रांति तभी आती है जब शौचालय का उद्घाटन होता है। इस अवसर पर गांव घुन्नस के एडवोकेट मनिंदर सिंह व मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार इस स्कूल के शौचालय के उद्घाटन को शिक्षा क्रांति बता रही है, जबकि अगर सरकार इस स्कूल को 10वीं या 12वीं कक्षा तक अपग्रेड करती तो इसे शिक्षा क्रांति कहा जाता। उनके गांव के स्कूल के बच्चों को कक्षा 8वीं से आगे की पढ़ाई के लिए तपा के स्कूल में जाना पड़ता है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा क्रांति अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद की जड़ बनी भदौड़ विधानसभा क्षेत्र के घुन्नस गांव के सरकारी मिडिल स्कूल में एक शौचालय के नवीनीकरण का उद्घाटन। विधायक लाभ सिंह उगोके द्वारा किए गए इस उद्घाटन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार की शिक्षा क्रांति की पोल खोलनी शुरू कर दी। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या शौचालयों की मरम्मत को शिक्षा क्रांति कहा जा सकता है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार झूठ की फैक्ट्री बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार मामूली नवीनीकरण कार्यों को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने की टिप्पणी पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार शौचालय मरम्मत को ऐतिहासिक उपलब्धि बताने वाली पहली सरकार बन गई है। गांव के लोगों और हलका इंचार्ज ने भी इस मामले में सरकार की आलोचना की है। सरकार का दावा है कि उसने एक दिन में 341 नए सरकारी स्कूल दिए हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल स्कूलों की चारदीवारी और शौचालयों का नवीनीकरण करना मात्र है। अकाली दल के सतनाम सिंह ने सरकार को घेरा शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधि एडवोकेट सतनाम सिंह राही ने भी स्कूल शौचालयों में जाकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि शौचालयों की हालत खस्ता है। पेंट उतर चुका है। टूटियां सही नहीं हैं और दरवाजे तक खराब हैं। सरकार शिक्षा क्रांति के नाम पर छलावा कर रही है। पिछले 70 वर्षों में यह पहली बार है कि शौचालयों के नवीनीकरण की आधारशिला रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि आप सरकार की नजर में शिक्षा क्रांति तभी आती है जब शौचालय का उद्घाटन होता है। इस अवसर पर गांव घुन्नस के एडवोकेट मनिंदर सिंह व मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार इस स्कूल के शौचालय के उद्घाटन को शिक्षा क्रांति बता रही है, जबकि अगर सरकार इस स्कूल को 10वीं या 12वीं कक्षा तक अपग्रेड करती तो इसे शिक्षा क्रांति कहा जाता। उनके गांव के स्कूल के बच्चों को कक्षा 8वीं से आगे की पढ़ाई के लिए तपा के स्कूल में जाना पड़ता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
