बरेली और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों की समीक्षा:सीएम योगी ने 2027 का दिया मंत्र, बोले – जनता से संपर्क टूटा तो ना जीत पक्की और ना टिकट

बरेली और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों की समीक्षा:सीएम योगी ने 2027 का दिया मंत्र, बोले – जनता से संपर्क टूटा तो ना जीत पक्की और ना टिकट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा के लिए मंडलवार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे है। पूर्वांचल और अवध के मंडलों की समीक्षा के बाद अब पश्चिम के मंडलों की समीक्षा शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बरेली और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जहां मुख्यमंत्री ने विधायकों को क्षेत्र की जनता से बराबर संवाद बनाए रखने और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने की भी सलाह दी है। समीक्षा में सभी जनपद जनप्रतिनिधियों से सिर्फ एक सवाल वोट कम क्यों मिले? यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन की हो रही है। सीएम लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर बीजेपी के विधायकों और सांसदों को बुला रहे हैं बीजेपी के सहयोगी दलों के विधायकों और सांसदों को भी बुलाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ एक कॉमन सवाल सबसे पूछते हैं कि बीजेपी को वोट कम क्यों मिले? सूत्रों की माने तो इस हार को लेकर ज्यादातर विधायकों ने सीएम योगी से कहा कि विपक्ष का पड़ा का फैलाया हुआ झूठ पूरी तरह से लोगों के दिमाग में भर गया था और इसके साथ ही अधिकारियों हमारे कार्यकर्ताओं के अंदर नाराजगी थी कि हम उनका कोई काम नहीं कर पा रहे हैं सही काम के लिए भी अधिकारी करने को तैयार नहीं होते थे जिससे कि इस लोकसभा चुनाव में अपना ही कार्यकर्ता संवेदनशील नहीं रहा। सीएम योगी ने कहा ठोस सबूत के साथ करें अधिकारियों की शिकायत विधायकों द्वारा अधिकारियों के न सुनने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है तो उसके खिलाफ ठोस सबूत के साथ शिकायत करें, तभी उस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी। जनता को समय न देने वाले सांसदों की हुई हार सीएम योगी ने लोकसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि की जीत में 50 प्रतिशत पार्टी की तो 50 प्रतिशत भूमिका प्रत्याशी की होती है। लोकसभा चुनाव में वही सांसद हारे हैं, जिन्होंने जनता को समय नहीं दिया। इसलिए सभी विधायकों के लिए यह मौका है कि वह निरंतर जनता के बीच रहें और संवाद करें। उनकी समस्याओं के निस्तारण कराने के लिए सक्रियता से काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनता से आपका संपर्क टूटा तो न जीत पक्की रहेगी और न ही टिकट मिलना पक्का रहेगा। ‘नैरेटिव’ मजबूत करने पर करना होगा लोकसभा चुनाव के नतीजों की वजह और उसके समाधान की राह पर सरकार और संगठन का मंथन जारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बरेली व मुरादाबाद मंडल के भाजपा के जनप्रतिनिधियों से लंबी बातचीत की। बैठक में यह बात निकलकर आई कि विकास व जनकल्याण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ ही ‘नैरेटिव’ मजबूत करने पर भी काम करना होगा। विपक्ष इस बार मुद्दों को अपने तरीके से जनता में ले जाने में सफल रहा। आगे के लिए इसके ‘काउंटर’ को और सक्रियता बढ़ानी होगी। उदासीनता, आरक्षण, उम्मीदवार ये तीनों फैक्टर बनी हार का कारण सूत्रों के अनुसार सीएम ने विधानसभावार चुनाव नतीजों का फीडबैक लिया। इसमें पहले और अब मिले वोटों का अंतर भी शामिल था। अधिकतर, विधायकों ने हार की वही वजहें गिनाईं जो आए दिन मंथन बैठकों में तैर रही हैं। उनका मानना था कि कार्यकर्ताओं की उदासीनता व आरक्षण को लेकर विपक्ष का नैरेटिव भाजपा के प्रचार अभियान पर भारी रहा। उम्मीदवारों को लेकर अंतर्विरोध व आपसी खींचतान का भी नुकसान हुआ। सीएम ने सभी विधायकों को विधानसभा के उप चुनाव में मन से जुटने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हार से परेशान होने की जरूरत नहीं। एक विधायक द्वारा हेलमेट की जांच पर पुलिस द्वारा परेशान करने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट सुरक्षा के लिए जरूरी है। कानून का पालन हर हाल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा इसलिए 10 साल से सत्ता से बाहर है, क्योंकि उसकी सरकार में कानून का पालन नहीं होता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा के लिए मंडलवार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे है। पूर्वांचल और अवध के मंडलों की समीक्षा के बाद अब पश्चिम के मंडलों की समीक्षा शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बरेली और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जहां मुख्यमंत्री ने विधायकों को क्षेत्र की जनता से बराबर संवाद बनाए रखने और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने की भी सलाह दी है। समीक्षा में सभी जनपद जनप्रतिनिधियों से सिर्फ एक सवाल वोट कम क्यों मिले? यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन की हो रही है। सीएम लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर बीजेपी के विधायकों और सांसदों को बुला रहे हैं बीजेपी के सहयोगी दलों के विधायकों और सांसदों को भी बुलाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ एक कॉमन सवाल सबसे पूछते हैं कि बीजेपी को वोट कम क्यों मिले? सूत्रों की माने तो इस हार को लेकर ज्यादातर विधायकों ने सीएम योगी से कहा कि विपक्ष का पड़ा का फैलाया हुआ झूठ पूरी तरह से लोगों के दिमाग में भर गया था और इसके साथ ही अधिकारियों हमारे कार्यकर्ताओं के अंदर नाराजगी थी कि हम उनका कोई काम नहीं कर पा रहे हैं सही काम के लिए भी अधिकारी करने को तैयार नहीं होते थे जिससे कि इस लोकसभा चुनाव में अपना ही कार्यकर्ता संवेदनशील नहीं रहा। सीएम योगी ने कहा ठोस सबूत के साथ करें अधिकारियों की शिकायत विधायकों द्वारा अधिकारियों के न सुनने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है तो उसके खिलाफ ठोस सबूत के साथ शिकायत करें, तभी उस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी। जनता को समय न देने वाले सांसदों की हुई हार सीएम योगी ने लोकसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि की जीत में 50 प्रतिशत पार्टी की तो 50 प्रतिशत भूमिका प्रत्याशी की होती है। लोकसभा चुनाव में वही सांसद हारे हैं, जिन्होंने जनता को समय नहीं दिया। इसलिए सभी विधायकों के लिए यह मौका है कि वह निरंतर जनता के बीच रहें और संवाद करें। उनकी समस्याओं के निस्तारण कराने के लिए सक्रियता से काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनता से आपका संपर्क टूटा तो न जीत पक्की रहेगी और न ही टिकट मिलना पक्का रहेगा। ‘नैरेटिव’ मजबूत करने पर करना होगा लोकसभा चुनाव के नतीजों की वजह और उसके समाधान की राह पर सरकार और संगठन का मंथन जारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बरेली व मुरादाबाद मंडल के भाजपा के जनप्रतिनिधियों से लंबी बातचीत की। बैठक में यह बात निकलकर आई कि विकास व जनकल्याण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ ही ‘नैरेटिव’ मजबूत करने पर भी काम करना होगा। विपक्ष इस बार मुद्दों को अपने तरीके से जनता में ले जाने में सफल रहा। आगे के लिए इसके ‘काउंटर’ को और सक्रियता बढ़ानी होगी। उदासीनता, आरक्षण, उम्मीदवार ये तीनों फैक्टर बनी हार का कारण सूत्रों के अनुसार सीएम ने विधानसभावार चुनाव नतीजों का फीडबैक लिया। इसमें पहले और अब मिले वोटों का अंतर भी शामिल था। अधिकतर, विधायकों ने हार की वही वजहें गिनाईं जो आए दिन मंथन बैठकों में तैर रही हैं। उनका मानना था कि कार्यकर्ताओं की उदासीनता व आरक्षण को लेकर विपक्ष का नैरेटिव भाजपा के प्रचार अभियान पर भारी रहा। उम्मीदवारों को लेकर अंतर्विरोध व आपसी खींचतान का भी नुकसान हुआ। सीएम ने सभी विधायकों को विधानसभा के उप चुनाव में मन से जुटने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हार से परेशान होने की जरूरत नहीं। एक विधायक द्वारा हेलमेट की जांच पर पुलिस द्वारा परेशान करने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट सुरक्षा के लिए जरूरी है। कानून का पालन हर हाल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा इसलिए 10 साल से सत्ता से बाहर है, क्योंकि उसकी सरकार में कानून का पालन नहीं होता था।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर