बरेली में शादी समारोह के दौरान जमकर हंगामा हो गया। निकाह पढ़े जाने से पहले दूल्हे के दोस्तों ने बिरयानी में लेग पीस न मिलने पर नाराजगी जताई। जिसके बाद देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद सीओ ने जांच के निर्देश दिए हैं। मामला नवाबगंज का है। सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं। यह नवाबगंज कस्बे के एक मंडप के बताए जा रहे हैं। बताया गया है कि 22 जून की रात को एक शादी समारोह का कार्यक्रम था। यहां बिरयानी में लेग पीस न मिलने पर दूल्हे पक्ष के लोगों ने विरोध जताया। इस पर वेटर और दूसरे लोगों ने कहा, यह दुल्हन पक्ष से कहिए। जिसके बाद देखते ही देखते कहासुनी व मारपीट हो गई। मारपीट होते ही भाग निकले मेहमान मेहमानों के मना करने पर दूल्हे पक्ष के युवकों ने मारपीट की। निकाह से पहले मारपीट होता देख वहां रिश्तेदारों में खलबली मच गई। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस वीडियो के आधार पर जांच पड़ताल कर रही है। वहीं यह भी बताया गया कि दूल्हे के दोस्तों ने तंदूर की रोटी व प्लेट उठाकर फेंकनी शुरू कर दी। जिससे वहां अफरा तफरी मच गई। इसमें कुर्सियां भी फेंकी गई। वीडियो में कई युवक कुर्सी एक दूसरे को मारते हुए दिख रहे हैं। भगदड़ मची तो कई लोग जमीन पर गिर गए। पुलिस जांच में जुटी सीओ नवाबगंज हर्ष मोदी का कहना है कि सोशल मीडिया पर मारपीट के वायरल हो रहे वीडियो की पुलिस जांच कर रही है। इसमें कोई तहरीर या सूचना पुलिस को नहीं मिली है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। बरेली में शादी समारोह के दौरान जमकर हंगामा हो गया। निकाह पढ़े जाने से पहले दूल्हे के दोस्तों ने बिरयानी में लेग पीस न मिलने पर नाराजगी जताई। जिसके बाद देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद सीओ ने जांच के निर्देश दिए हैं। मामला नवाबगंज का है। सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं। यह नवाबगंज कस्बे के एक मंडप के बताए जा रहे हैं। बताया गया है कि 22 जून की रात को एक शादी समारोह का कार्यक्रम था। यहां बिरयानी में लेग पीस न मिलने पर दूल्हे पक्ष के लोगों ने विरोध जताया। इस पर वेटर और दूसरे लोगों ने कहा, यह दुल्हन पक्ष से कहिए। जिसके बाद देखते ही देखते कहासुनी व मारपीट हो गई। मारपीट होते ही भाग निकले मेहमान मेहमानों के मना करने पर दूल्हे पक्ष के युवकों ने मारपीट की। निकाह से पहले मारपीट होता देख वहां रिश्तेदारों में खलबली मच गई। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस वीडियो के आधार पर जांच पड़ताल कर रही है। वहीं यह भी बताया गया कि दूल्हे के दोस्तों ने तंदूर की रोटी व प्लेट उठाकर फेंकनी शुरू कर दी। जिससे वहां अफरा तफरी मच गई। इसमें कुर्सियां भी फेंकी गई। वीडियो में कई युवक कुर्सी एक दूसरे को मारते हुए दिख रहे हैं। भगदड़ मची तो कई लोग जमीन पर गिर गए। पुलिस जांच में जुटी सीओ नवाबगंज हर्ष मोदी का कहना है कि सोशल मीडिया पर मारपीट के वायरल हो रहे वीडियो की पुलिस जांच कर रही है। इसमें कोई तहरीर या सूचना पुलिस को नहीं मिली है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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साक्षी मलिक का बड़ा खुलासा, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस सीट से ऑफर किया था टिकट <p style=”text-align: justify;”><strong>Sakshi Malik Revels Congress Offer:</strong> पहलावन साक्षी मलिक ने खुलासा किया कि <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले कांग्रेस ने उन्हें मथुरा सीट से हेमा मालिनी के खिलाफ टिकट ऑफर किया था. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि ऑफऱ आया था लेकिन ऐसा कोई मन नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब पहलवान साक्षी मलिक से पूछा गया कि पता चला कि कांग्रेस ने आपको मथुरा से टिकट ऑफर की थी, क्या ये सही है?. इस पर उन्होंने कहा, ”हां ये सही है कि ऑफर आया था. ऐसा मेरा कोई मन नहीं था और ना ही अभी है कि मैं राजनीति में जाऊं. आगे की बहुत लाइफ है, वो देख लेंगे क्योंकि लाइफ का कुछ भी पता नहीं है. वो अप्रत्याशित है लेकिन मेरा अभी तक मन नहीं है.”</p>
सब्जी बेचने से सियासत तक…छगन भुजबल की पॉलिटिक्स, विवादों के बाद भी महाराष्ट्र की राजनीति में चमके
सब्जी बेचने से सियासत तक…छगन भुजबल की पॉलिटिक्स, विवादों के बाद भी महाराष्ट्र की राजनीति में चमके <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhgan Bhujbal Political Journey:</strong> महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल का काफी बड़ा नाम है. शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने कभी छगन भुजबल का नाम नहीं सुना होगा. सामाजिक मुद्दे हों, किसानों के हक की बात हो या फिर आरक्षण का मुद्दा हो…छगन भुजबल अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिस तेज तर्रार और बेबाकी से अपनी बात रखने वाले छगन भुजबल को आप मंचों पर जबरदस्त भाषण देते हुए देखते हैं वो शुरू से ऐसे नहीं थे. उनकी इस सफलता के पीछे कड़ी मेहनत है जिसे शायद ही कोई जानता होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितने पढ़े-लिखे हैं छगन भुजबल?</strong><br />छगन भुजबल का जन्म महाराष्ट्र के नासिक में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. वित्तीय बाधाओं के बावजूद भुजबल ने अपनी शिक्षा जारी रखी और अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छगन भुजबल ने कभी बेची थी सब्जी</strong><br />राजनीति में आने से पहले छगन भुजबल अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बायकुला मार्केट में सब्जियां बेचा करते थे. चुनौतियों के बावजूद, भुजबल ने कड़ी मेहनत की और राजनीति के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छगन भुजबल का विवादों से रहा नाता</strong><br />छगन भुजबल अपने पूरे करियर में कई विवादों में रहे हैं. भ्रष्टाचार के आरोप, मनी लॉन्ड्रिंग केस या महाराष्ट्र सदन घोटाला ऐसे कई मामले हैं जिसमें छगन भुजबल का नाम आया, लेकिन छगन भुजबल की राजनीति कभी भी डगमगाई नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छगन भुजबल का विवादों ने कभी उनका पीछा नहीं छोड़ा. भुजबल का राजनीतिक करियर विवादों से घिरा रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप, मनी लॉन्ड्रिंग केस, महाराष्ट्र सदन घोटाले में उनका नाम आया. छगन भुजबल मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल भी जा चुके हैं. भुजबल ने इन मामलों की जांच और सुनवाई के दौरान दो साल से अधिक समय न्यायिक हिरासत में बिताया. हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से उन्हें 2018 में जमानत दे दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2017 में, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने भुजबल और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया. इस मामले में आरोप लगाया गया कि भुजबल और उनके परिवार ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से परे संपत्ति अर्जित की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीति में कब आये छगन भुजबल?</strong><br />छगन भुजबल ने राजनीति की शुरुआत 1960 के दशक में की थी. छगन भुजबल ने 1960 में मध्य मुंबई के मझगांव क्षेत्र में शाखा प्रमुख के रूप में शिवसेना में काम किया था. इस दौरान, वे 1973 में पार्षद चुने गए और एक तेजतर्रार शिवसेना नेता के रूप में उभरे. भुजबल शुरू से मेहनती थे. कड़ी मेहनत, लगन और लोगों के समर्थन ने भुजबल को जल्द ही उंचाई तक पहुंचा दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छगन भुजबल का राजनीतिक करियर</strong><br />साल 1990 में शिवसेना और बीजेपी ने एकसाथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद सीटों के लिहाज से शिवसेना के ग्राफ में जबरदस्त इजाफा हुआ. इसी दौरान भुजबल ने महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार में विभिन्न मंत्री पदों पर संभाला. उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), गृह मामलों के मंत्री और पर्यटन मंत्रालय जैसे विभागों को भी संभाला. भुजबल दो बार मुंबई के मेयर भी चुने जा चुके हैं. पहली बार 1985 में और फिर 1991 में. भुजबल 18 अक्टूबर 1999 से 23 दिसंबर 2003 तक महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छगन भुजबल ने कब छोड़ी शिवसेना?</strong><br />इसके बाद राजनीति में भुजबल का ग्राफ कभी नीचे नहीं गया. जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया भुजबल भी अपनी लाइफ में आगे बढ़ते गए. 1991 में भुजबल ने शिवसेना छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए. बाद में, जब शरद पवार ने एनसीपी बनाने का फैसला किया तो भुजबल भी उनके साथ नई पार्टी में शामिल हो गए. छगन भुजबल का ये कदम उनके लिए मील का पत्थर साबित हुआ, क्योंकि इसी एनसीपी ने उन्हें बुलंदियों तक पहुंचाया. इसके बाद छगन भुजबल की राजनीति भी पूरी तरफ से बदल गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छगन भुजबल की गिरफ्तारी</strong><br />छगन भुजबल पर महाराष्ट्र में लोक निर्माण विभाग के मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे. इसके बाद भुजबल पर महाराष्ट्र सदन घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा. उन्हें 2016 में प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में महाराष्ट्र सदन और कालीना लाइब्रेरी के निर्माण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. भुजबल पर महाराष्ट्र में भूमि हड़पने और अवैध निर्माण गतिविधियों के आरोप भी लगे हैं. इन विवादों ने भुजबल के राजनीतिक करियर को काफी प्रभावित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में, छगन भुजबल महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उनके पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले विभाग हैं. भुजबल महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा में येओला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. शिवसेना से कांग्रेस और फिर एनसीपी तक का उनका सफर कई उतार-चढ़ाव भरा रहा है. एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद छगन भुजबल ने अजित पवार गुट के साथ जाने का फैसला किया और वो अभी उन्हीं के साथ महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रीय हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”विधानसभा चुनाव से पहले मुंबई कांग्रेस में कलह? वर्षा गायकवाड को इस पद से हटाने की मांग” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-congress-16-senior-leaders-letter-demanded-varsha-gaikwad-be-replaced-ahead-of-maharashtra-assembly-polls-2722333″ target=”_blank” rel=”noopener”>विधानसभा चुनाव से पहले मुंबई कांग्रेस में कलह? वर्षा गायकवाड को इस पद से हटाने की मांग</a></strong></p>
इंजीनियर पर भड़कीं कानपुर की मेयर, जमीन पर फेंकी फाइल, बोलीं- ‘इस बार बारिश से नाला भरा तो…’
इंजीनियर पर भड़कीं कानपुर की मेयर, जमीन पर फेंकी फाइल, बोलीं- ‘इस बार बारिश से नाला भरा तो…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur Mayor Pramila Pandey News: </strong>कानपुर ने नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक बैठक के दौरान महापौर ने कई जोन के एक्सईएन पर भड़क उठीं. इतना ही नहीं महापौर ने कार्य में लापरवाही झूठी रिपोर्ट प्रेषित करने पर नगर निगम जोन 4 एक्सईएन नानक चन्द्र को जम कर फटकार लगा दी और बैठक में फाइल को भी फेंक दिया. इस दौरान बैठक में उपस्थितअधिकारी भी सीरियस नहीं दिखे और इस कृत्य से हंसते नजर आए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल महापौर प्रमिला पाण्डेय साफ सफाई की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार नगर निगम, जल निगम के सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर दिशा निर्देश दे रही हैं. इसी क्रम में बुधवार को उन्होंने शहर के नालों की सफाई को लेकर नगर निगम मुख्यालय में इंजीनियरिंग विभाग की बैठक बुलाई है. इस बैठक में इंजीनियरिंग विभाग, सभी नगर स्वास्थ्य अधिकारी और सभी जोन के जेडएसओ शामिल रहे.<span class=”Apple-converted-space”> [tw]</span></p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”><a href=”https://twitter.com/hashtag/kanpur?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#kanpur</a> मेयर प्रमिला पांडेय जो अपने बेबाक अंदाज से फिर चर्चा में आ गई ,बुधवार को बारिश के पहले शहर के नाला सफाई के कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिशाषी अभियंता द्वारा झूठे आंकड़े पेश करने पर उन्हें गुस्सा आ गया जिसपर उन्होंने फाइल फेंक दी और अधिशाषी अभियंता को जमकर सुनाया <a href=”https://t.co/luKszVA0BP”>pic.twitter.com/luKszVA0BP</a></p>
— Neeraj @wasthi🇮🇳 (@awasthijsk) <a href=”https://twitter.com/awasthijsk/status/1800853326839623905?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 12, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”><span class=”Apple-converted-space”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
[/tw]</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सफाई</strong> <strong>को</strong> <strong>लेकर</strong> <strong>भड़कीं</strong> <strong>कानपुर</strong> <strong>की</strong> <strong>मेयर</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”> </span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मीडिया से बातचीत के दौरान महापौर प्रमिला पाण्डेय ने कहा कि नगर निगम के कर्मचारी काम में लापरवाही कर रहे हैं बैठक करो तो एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाते हैं. इसलिए इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य विभाग के लोगों को आमने-सामने बैठाकर खामियां कहां आ रही थी उसकी जानकारी करी और सभी को दिशा निर्देश दिए हैं. ताकि बरसात के पहले शहर में कहीं भी नाला न भरने पर और शहर में साफ सफाई बनी रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मेयर</strong> <strong>ने</strong> <strong>बुलाई</strong> <strong>इंजीनियरिंग</strong> <strong>विभाग</strong> <strong>की</strong> <strong>बैठक</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”> </span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मेयर प्रमिला पांडेय ने इंजीनियर से कहा कि इस बार बारिश में नाला भरा तो उसी में डूबोगे. बैठक के दौरान मेयर कापी गुस्से में थीं. क्योंकि उनके सामने झूठी रिपोर्ट पेश की गई थी. बता दें कि यूपी में गर्म का सितम जारी है. मानसून का लोक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में कानपुर की मेयर मानसून सीजन की शुरुआत होने से पहले शहर में नालों की सफाई को लेकर नगर निगम मुख्यालय में इंजीनियरिंग विभाग की बैठक बुलाई, इस दौरान इंजीनियर ने गलत रिपोर्ट दी, जिसको लेकर वह इंजीनियर पर भड़क गईं और फाइल नीचे फेंक दीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-resigned-from-the-mla-post-in-up-tej-pratap-yadav-may-fight-by-election-from-karhal-2713146″><strong>Akhilesh Yadav Resigns: </strong><strong>अखिलेश</strong> <strong>यादव</strong> <strong>ने</strong> <strong>करहल</strong> <strong>से</strong> <strong>दिया</strong> <strong>इस्तीफा</strong><strong>, </strong><strong>अब</strong> <strong>ये</strong> <strong>नेता</strong> <strong>लड़</strong> <strong>सकता</strong> <strong>है</strong> <strong>सपा</strong> <strong>से</strong> <strong>चुनाव</strong></a></p>