बरेली में फर्जी डाक्यूमेंट बनाने का बड़ा खेल सामने आया। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक जन सेवा केंद्र (CSC) पर छापा मारा। यहां फर्जी आधार, पैन, आयुष्मान कार्ड और अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट मिलीं। इस सेंटर को BJP नेता मुकेश देवल चलाता था। मिलिट्री इंटेलिजेंस आने से सिर्फ 15 मिनट पहले वह अपनी कार में बैठकर भाग निकला। अब टीमें CCTV की मदद से पता लगा रहीं हैं कि वो किस तरफ भाग गया है। सेंटर पर जो रजिस्टर मिले, उनमें कई मार्कशीट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड बनाने के बारे में लिखा हुआ था। टीम ने यह सब जब्त कर लिया है। यह सेंटर सीबीगंज के महेशपुर गांव में चल रहा था। यहां BJP नेता का घर है, उसके नीचे ही दुकान में वह सेंटर चला रहा था। बाहर बोर्ड लगा हुआ था, जिस पर लोकवाणी केंद्र लिखा था। जो डॉक्यूमेंट मिले, उन्हें देखकर असली-नकली का अंदाजा मुश्किल टीमें ने सेंटर के आसपास रहने वालों से भी पूछताछ की। सामने आया कि BJP नेता मुकेश देवल पिछले 5 सालों से CSC सेंटर चला रहा था। लोगों से कहता था- मुझे पैसा दो, फिर जो चाहे बनवा लो। अनुमान है कि अब तक हजारों फर्जी मार्कशीट, आधार कार्ड, पेन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस बना चुका है। टीम को सेंटर पर स्पेशल स्याही और बड़े-बड़े प्रिंटर मिले हैं। ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिन्हें देखकर असली और नकली की पहचान मुश्किल है। फर्जी डॉक्यूमेंट की रेट लिस्ट, पैसा दो…जो चाहे बनवा लो मिलिट्री इंटेलिजेंस ने छापा मारने के बाद सीबीगंज पुलिस को भी शामिल किया। पुलिस जांच में सामने आया है कि मुकेश ने फर्जी डाक्यूमेंट बनाने की रेट लिस्ट भी फिक्स की हुई थी। ड्राइविंग लाइसेंस वह 1 हजार रुपए में बना रहा था। आयुष्मान और आधार कार्ड के लिए 1500 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक वसूल रहा था। मार्कशीट के लिए 5 से 10 हजार रुपए तक लेता था। सेंटर पर सरकारी मुहरें भी मिली हैं, जो वह डॉक्यूमेंट पर लगाकर देता था। उसके पास फर्जी डॉक्यूमेंट के कई फार्मेट भी मिले हैं। हाईटेक सॉफ्टवेयर और प्रिंटर की मदद से वह दस्तावेज तैयार कर देता था। नेपाल बार्डर से करीब फर्जी डॉक्यूमेंट के इस रैकेट के पूरे नेटवर्क तक इंटेलिजेंस नहीं पहुंच सकी है। सवाल है कि क्या फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्रों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों, फर्जी सिम कार्ड, बैंक खातों और सरकारी योजनाओं की धोखाधड़ी में हो रहा था। BJP नेता के रसूख की 2 तस्वीरें छापेमारी के दौरान दुकान से दो लैपटॉप , दो ईप्सन प्रिंटर, एक कोजेंट कंपनी का आई स्कैनर, एक लॉजिटेक वेब कैमरा, एक थम्ब स्कैनर, एक फिंगर प्रिंट मशीन, छह रबर स्टांप, दो एलआरआई शील्ड, एचपी कंपनी के दो माउस, 27 आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक वोटर आईडी कार्ड और नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे की एक फर्जी आईडी कॉपी बरामद हुई है। ये सब इंटेलिजेंस टीम ने जब्त किया है। छापा मारने के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस लखनऊ-बरेली यूनिट की टीम, एसओजी प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह धामा अपनी टीम के साथ, थाना सीबीगंज के निरीक्षक (अपराध) सुभाष कुमार, उप निरीक्षक रविंद्र सिंह और उप निरीक्षक निखिल कुमार, कॉन्स्टेबल इमरान और मान सिंह पहुंचे थे। ———————- ये खबर भी पढ़िए- जहां कॉन्स्टेबल की हत्या…वहां 200 मकान खाली: गाजियाबाद में लोग बोले-पुलिस लोगों को आधी रात ट्रक में भरकर ले गई कॉन्स्टेबल सौरभ की हत्या के बाद नाहल गांव के ज्यादातर लोग घर छोड़कर चले गए हैं। 200 मकान खाली पड़े हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। सड़कों पर सिर्फ हथियार लिए पुलिस के जवान दिख रहे। जिन लोगों से घरों के अंदर मुलाकात हुई, उन्होंने बताया- पुलिस वाले आधी रात को दरवाजों पर राइफल की बट मारते हैं, ट्रक में भर-भरकर लोगों को कहीं ले जाते हैं। जो लोग बचे हैं, वो गांव छोड़कर रिश्तेदार और दोस्तों के यहां चले गए हैं। पढ़ें पूरी खबर… बरेली में फर्जी डाक्यूमेंट बनाने का बड़ा खेल सामने आया। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक जन सेवा केंद्र (CSC) पर छापा मारा। यहां फर्जी आधार, पैन, आयुष्मान कार्ड और अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट मिलीं। इस सेंटर को BJP नेता मुकेश देवल चलाता था। मिलिट्री इंटेलिजेंस आने से सिर्फ 15 मिनट पहले वह अपनी कार में बैठकर भाग निकला। अब टीमें CCTV की मदद से पता लगा रहीं हैं कि वो किस तरफ भाग गया है। सेंटर पर जो रजिस्टर मिले, उनमें कई मार्कशीट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड बनाने के बारे में लिखा हुआ था। टीम ने यह सब जब्त कर लिया है। यह सेंटर सीबीगंज के महेशपुर गांव में चल रहा था। यहां BJP नेता का घर है, उसके नीचे ही दुकान में वह सेंटर चला रहा था। बाहर बोर्ड लगा हुआ था, जिस पर लोकवाणी केंद्र लिखा था। जो डॉक्यूमेंट मिले, उन्हें देखकर असली-नकली का अंदाजा मुश्किल टीमें ने सेंटर के आसपास रहने वालों से भी पूछताछ की। सामने आया कि BJP नेता मुकेश देवल पिछले 5 सालों से CSC सेंटर चला रहा था। लोगों से कहता था- मुझे पैसा दो, फिर जो चाहे बनवा लो। अनुमान है कि अब तक हजारों फर्जी मार्कशीट, आधार कार्ड, पेन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस बना चुका है। टीम को सेंटर पर स्पेशल स्याही और बड़े-बड़े प्रिंटर मिले हैं। ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिन्हें देखकर असली और नकली की पहचान मुश्किल है। फर्जी डॉक्यूमेंट की रेट लिस्ट, पैसा दो…जो चाहे बनवा लो मिलिट्री इंटेलिजेंस ने छापा मारने के बाद सीबीगंज पुलिस को भी शामिल किया। पुलिस जांच में सामने आया है कि मुकेश ने फर्जी डाक्यूमेंट बनाने की रेट लिस्ट भी फिक्स की हुई थी। ड्राइविंग लाइसेंस वह 1 हजार रुपए में बना रहा था। आयुष्मान और आधार कार्ड के लिए 1500 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक वसूल रहा था। मार्कशीट के लिए 5 से 10 हजार रुपए तक लेता था। सेंटर पर सरकारी मुहरें भी मिली हैं, जो वह डॉक्यूमेंट पर लगाकर देता था। उसके पास फर्जी डॉक्यूमेंट के कई फार्मेट भी मिले हैं। हाईटेक सॉफ्टवेयर और प्रिंटर की मदद से वह दस्तावेज तैयार कर देता था। नेपाल बार्डर से करीब फर्जी डॉक्यूमेंट के इस रैकेट के पूरे नेटवर्क तक इंटेलिजेंस नहीं पहुंच सकी है। सवाल है कि क्या फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्रों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों, फर्जी सिम कार्ड, बैंक खातों और सरकारी योजनाओं की धोखाधड़ी में हो रहा था। BJP नेता के रसूख की 2 तस्वीरें छापेमारी के दौरान दुकान से दो लैपटॉप , दो ईप्सन प्रिंटर, एक कोजेंट कंपनी का आई स्कैनर, एक लॉजिटेक वेब कैमरा, एक थम्ब स्कैनर, एक फिंगर प्रिंट मशीन, छह रबर स्टांप, दो एलआरआई शील्ड, एचपी कंपनी के दो माउस, 27 आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक वोटर आईडी कार्ड और नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे की एक फर्जी आईडी कॉपी बरामद हुई है। ये सब इंटेलिजेंस टीम ने जब्त किया है। छापा मारने के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस लखनऊ-बरेली यूनिट की टीम, एसओजी प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह धामा अपनी टीम के साथ, थाना सीबीगंज के निरीक्षक (अपराध) सुभाष कुमार, उप निरीक्षक रविंद्र सिंह और उप निरीक्षक निखिल कुमार, कॉन्स्टेबल इमरान और मान सिंह पहुंचे थे। ———————- ये खबर भी पढ़िए- जहां कॉन्स्टेबल की हत्या…वहां 200 मकान खाली: गाजियाबाद में लोग बोले-पुलिस लोगों को आधी रात ट्रक में भरकर ले गई कॉन्स्टेबल सौरभ की हत्या के बाद नाहल गांव के ज्यादातर लोग घर छोड़कर चले गए हैं। 200 मकान खाली पड़े हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। सड़कों पर सिर्फ हथियार लिए पुलिस के जवान दिख रहे। जिन लोगों से घरों के अंदर मुलाकात हुई, उन्होंने बताया- पुलिस वाले आधी रात को दरवाजों पर राइफल की बट मारते हैं, ट्रक में भर-भरकर लोगों को कहीं ले जाते हैं। जो लोग बचे हैं, वो गांव छोड़कर रिश्तेदार और दोस्तों के यहां चले गए हैं। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बरेली में BJP नेता बना रहा फर्जी मार्कशीट:मिलिट्री इंटेलिजेंस का छापा; कहता- पैसा दो…फिर आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस जो चाहे बनवा लो
