हरियाणा के भिवानी के बवानीखेड़ा में रविवार को कांग्रेस में एससी प्रकोष्ठ के नेता डॉ. दीपेश सारसर ने समर्थकों की मीटिंग ली। उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की और कहा कि कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के नेतृत्व में जल्द ही बड़ा सम्मेलन किया जाएगा। बता दें कि दीपेश भाजपा जॉइन कर चुकी किरण चौधरी के खास रहे हैं। बवानी खेड़ा स्थित बाबा कमाल धर्मशाला में मीटिंग दीपेश ने हलके से अपने खास चुनिंदा लोगों को बुलाया था। विधानसभा चुनाव को लेकर समर्थकों की नब्ज टटोली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व चेयरमैन राजकुमार सारसर भी इस दौरान मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना बेटा हलके की जनता के हवाले किया है, अब जनता ने किस मुकाम तक पहुंचाना है, उनसे बेहतर कोई नहीं जानता। एडवोकेट डॉ. दीपेश सारसर ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे कांग्रेस राज में हुए कार्यों और पार्टी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का काम करें। भाजपा का आगामी चुनाव में सुपड़ा साफ होगा। हलका विधायक एवं राज्य मंत्री बिसंबर वाल्मीकि पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यहां का नुमाइंदा दूरबीन से देखने पर भी दिखाई नहीं देता। हरियाणा के भिवानी के बवानीखेड़ा में रविवार को कांग्रेस में एससी प्रकोष्ठ के नेता डॉ. दीपेश सारसर ने समर्थकों की मीटिंग ली। उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की और कहा कि कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के नेतृत्व में जल्द ही बड़ा सम्मेलन किया जाएगा। बता दें कि दीपेश भाजपा जॉइन कर चुकी किरण चौधरी के खास रहे हैं। बवानी खेड़ा स्थित बाबा कमाल धर्मशाला में मीटिंग दीपेश ने हलके से अपने खास चुनिंदा लोगों को बुलाया था। विधानसभा चुनाव को लेकर समर्थकों की नब्ज टटोली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व चेयरमैन राजकुमार सारसर भी इस दौरान मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना बेटा हलके की जनता के हवाले किया है, अब जनता ने किस मुकाम तक पहुंचाना है, उनसे बेहतर कोई नहीं जानता। एडवोकेट डॉ. दीपेश सारसर ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे कांग्रेस राज में हुए कार्यों और पार्टी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का काम करें। भाजपा का आगामी चुनाव में सुपड़ा साफ होगा। हलका विधायक एवं राज्य मंत्री बिसंबर वाल्मीकि पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यहां का नुमाइंदा दूरबीन से देखने पर भी दिखाई नहीं देता। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के सरकारी स्कूल में बच्चों को एलर्जी हुई:मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया, छात्रों को आंखों में जलन और छींके आईं
हरियाणा के सरकारी स्कूल में बच्चों को एलर्जी हुई:मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया, छात्रों को आंखों में जलन और छींके आईं हरियाणा के करनाल में सरकारी स्कूल में मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव छात्रों के सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। छिड़काव के कारण 6 छात्रों के चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन होने लगी। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन से स्कूल के कमरों में बैठने पर होने वाली परेशानी कि शिकायत की है। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को कमरे के बाहर जमीन पर बैठा दिया और वहीं उनकी कक्षाएं लीं। घर जाकर छात्रों ने अपने परिजनों को चेहरे और आंखों से जुड़ी परेशानी बताई। जिसके बाद परिजनों ने छात्रों को नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ले जाकर दवाई दिलवाई। वहीं स्कूल प्रबंधन के मुताबिक विद्यालय में करीब 300 छात्र पढ़ते हैं। छिड़काव के बाद छात्रों को कमरों में परेशानी हुई, जिसके बाद छात्रों को मुंह धोने के लिए कहा गया, लेकिन किसी भी छात्र ने उनसे इतनी बड़ी समस्या के बारे में चर्चा नहीं की। चेहरे पर हो गए दाने, आने लगी छीकें
करनाल के कोहंड गांव के पवन कुमार ने बताया कि मेरे दो बच्चे कोहंड के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। एक 10वीं और दूसरा 7वीं में पढ़ता है। गुरुवार (7 नवंबर) शाम को सरकारी स्कूल के कमरों के अंदर मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया गया था। शुक्रवार को विद्यार्थियों को उन्हीं कक्षाओं में बैठाया गया। दवा का असर सुबह तक रहा, इसलिए मेरे दोनों बच्चों के साथ-साथ कुछ अन्य विद्यार्थियों को भी चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की समस्या हुई। मेरे दोनों बच्चों ने घर आकर मुझे चेहरे और आंखों की समस्या बताई, तो मैंने मेडिकल स्टोर से दोनों बच्चों के लिए दवाई मंगवाई। हमें बाहर बैठाया, आंखों में जलन हो रही थी
वहीं स्कूल के विद्यार्थी लवकेश और पारस ने बताया कि हम कमरों में बैठे थे और चेहरे पर किसी तरह की एलर्जी हो गई। लगातार छींके भी आ रही थीं और आंखों में जलन भी हो रही थी। हमने अध्यापकों को भी बताया कि हमें परेशानी हो रही है, तो अध्यापकों ने हमें कमरों के बाहर बैठने को कहा। हमारे चेहरों पर भी दाग-धब्बे उभर आए हैं। कमरों को बंद रखने की गाइडलाइन थी
स्कूल प्रबंधन के अनुसार, दवा का छिड़काव करने के बाद दो-तीन घंटे के लिए कमरे बंद कर दिए गए थे। कमरे बंद करने से दवा का अच्छा असर होता और कमरे के अंदर मौजूद सभी मच्छर मर जाते। ऐसे में गाइडलाइन का पालन किया गया और शुक्रवार सुबह सफाई कर्मचारी ने आकर सभी कमरे खोले और सभी कमरों की अच्छे से सफाई की। उसके बाद बच्चे कमरे में बैठे थे। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए किया गया स्प्रे
स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा गोयल ने बताया कि डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। छात्र भी लगातार कमरों में मच्छरों के अधिक होने की शिकायत कर रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव किया गया। शुक्रवार सुबह जब बच्चे कमरे में पहुंचे तो उन्होंने चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत की। जिसके बाद बच्चों की क्लास बाहर लगाई गई और उनके हाथ-मुंह धुलवाए गए, जिसके बाद बच्चे भी ठीक हो गए। बच्चों के हित में दवा का छिड़काव किया गया, ताकि बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचाया जा सके।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी नेता ने डमी बताया:कहा- बापू-बेटा की सरकार का नारा कांग्रेस को ले डूबा, सुरजेवाला को कमान देने की मांग
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी नेता ने डमी बताया:कहा- बापू-बेटा की सरकार का नारा कांग्रेस को ले डूबा, सुरजेवाला को कमान देने की मांग हरियाणा कांग्रेस के पूर्व महासचिव नाहर सिंह संधू ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इस बार बापू-बेटा की सरकार का नारा हरियाणा कांग्रेस पर भारी पड़ा। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस को मजबूत और संगठित करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष की थी, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभाई और सभी को साथ लेकर नहीं चले। प्रदेश अध्यक्ष ने रबर स्टाम्प की तरह काम किया किसी भी नेता की समस्या या शिकायत का समाधान करना और उसे साथ लाना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और हमें नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भी डमी साबित हुए हैं, उन्होंने रबर स्टाम्प की तरह काम किया। नेता मनमानी करते है और पार्टी को डूबो देते है उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से निवेदन किया है कि अब नेता प्रतिपक्ष चुनने की बारी है, अब ऐसे नेता को नेता प्रतिपक्ष चुने जो सभी को साथ लेकर चले, न ही किसी के दबाव में आकर काम करे और सभी की सुनवाई करे। कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा नुकसान कार्यकर्ता को होता है, क्योंकि वे पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करते है। वे विपक्ष में रहकर जनता के मुद्दों को उठाते है, प्रदर्शन करते है, पुलिस की लाठियां खाते है और अपने ऊपर मुकदमें तक दर्ज करवाते है, लेकिन ऊपर बैठे नेता इस बात को नहीं समझते और वे अपनी मनमानी करके पार्टी को डूबोने का काम करते है। रणदीप सुरजेवाला को बनाए अध्यक्ष नाहर सिंह संधू ने रणदीप सुरजेवाला को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि रणदीप सुरजेवाला 2005 से पहले हरियाणा के कार्यकारी अध्यक्ष थे, भजन लाल जी के साथ। इन दोनों की जोड़ी ने कांग्रेस को सरकार में लाने का काम किया था, पूर्ण बहुमत से 67 एमएलए लेकर कांग्रेस सत्ता में आई थी। फैसले लेने की जरूरत है, मंथन की नहीं हरियाणा में हुई कांग्रेस की हार को लेकर अब कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को मंथन की अपेक्षा फैसले लेने की जरूरत है। हम किन कमियों की वजह से इलेक्शन हारे है, हमारे अंदर क्या कमियां है, किसकी वजह से है, उसके ऊपर सख्त एक्शन लेना चाहिए।
हरियाणा में प्रार्थना सभा में 11वीं की छात्रा की मौत:चक्कर खाकर गिरी; प्रिंसिपल बोले- खाना खाकर नहीं आई थी, BP डाउन हुआ
हरियाणा में प्रार्थना सभा में 11वीं की छात्रा की मौत:चक्कर खाकर गिरी; प्रिंसिपल बोले- खाना खाकर नहीं आई थी, BP डाउन हुआ हरियाणा के जींद में शनिवार को स्कूल की प्रार्थना सभा में चक्कर आने के बाद 11वीं कक्षा की छात्रा की मौत हो गई। घटना सफीदों के राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल की है। मृतका की पहचान बहादुरपुर गांव निवासी प्रियंका (17) के रूप में हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही युवती के परिजन और ग्रामीण काफी संख्या में सफीदों के सरकारी अस्पताल में पहुंचे। परिजनों का बेटी की मौत के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। प्रिंसिपल बलजीत सिंह लांबा ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा है कि BP डाउन होने की वजह से उसकी मौत हुई है। बच्ची ने कुछ खाया नहीं हुआ था, इसकी वजह से उसे चक्कर आए हैं। पहले भी प्रियंका को चक्कर आ चुके हैं। हमें इस बात के बारे में नहीं पता था, नहीं तो हम इसे लेकर सचेत रहते। सहेलियों के साथ पैदल गई थी स्कूल परिवार के मुताबिक, प्रियंका रोजाना की तरह शनिवार सुबह गांव बहादुरपुर से अपनी सहेलियों के साथ गांव से पैदल ही सफीदों के राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए आई थी। स्कूल में सुबह प्रार्थना सभा चल रही थी। दूसरी लड़कियों की तरह प्रियंका भी लाइन में खड़ी हुई थी। चक्कर आने के बाद अचानक प्रियंका गिर गई। वहां मौजूद स्टाफ और अन्य लड़कियों ने प्रियंका को संभाला। उसके हाथ और पैर भी मसले, लेकिन कोई मूवमेंट नहीं हुई। इसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल बलजीत सिंह स्टाफ के साथ तुरंत प्रियंका को सफीदों के नागरिक अस्पताल पहुंचे। यहां कुछ देर बाद प्रियंका ने दम तोड़ दिया। पिता बोले- घर से चाय पीकर निकली थी प्रियंका के पिता विजेंद्र कुमार का कहना है कि प्रियंका का अचानक बीपी नीचे चला गया। इससे पहले भी उसे ऐसा हो जाता था। शनिवार को वह घर से चाय पीकर बिल्कुल ठीक-ठाक आई थी। स्कूल जाते-जाते वह सबसे बोलकर व अपनी दादी से 10 रुपए भी जेब खर्ची के लिए लेकर आई थी। प्रियंका पढ़ाई में काफी होशियार थी तथा परिवार में बहुत मिलनसार थी। उसके 5 लड़कियां व एक लड़का है। प्रियंका उनमें तीसरे नंबर की थी।