<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभाग में सिंचाई साधनों की समस्या को दूर करने और चहुंमुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना निर्णायक परियोजना साबित होगी. यह परियोजना लंबे समय से इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है. इंद्रावती, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है. गोदावरी जल विवाद अधिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना का उल्लेख है. इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है, परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्तर के विकास की रफ्तार होगी दोगुनी</strong><br />बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से संभाग में सिंचाई साधनों का दायरा बढ़ने के साथ ही बस्तर के विकास को दोगुनी रफ्तार मिलेगी. इस परियोजना से 125 मेगावाट का विद्युत उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार, खरीफ एवं रबी मिलाकर 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार एवं 49 मि.घ.मी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दोनों परियोजनाएं एक महत्वपूर्ण कदम होंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना?</strong><br />बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है. राज्य में इंद्रावती नदी कुल 264 कि.मी. में प्रवाहित होती है. यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 कि.मी. एवं जगदलपुर शहर से लगभग 100 कि.मी. दूरी पर प्रस्तावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परियोजना की विशेषताएं</strong><br />दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49,000 करोड़ रुपये है, जिसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये एवं बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना की लागत लगभग 29,000 करोड़ रुपये संभावित है. इसमें हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य, सिविल कार्य (सिंचाई) भी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस परियोजना में उपयोगी जल भराव क्षमता 2009 मि.घ.मी., कुल जल भराव क्षमता 2727 मि.घ.मी. एवं पूर्ण जल भराव स्तर पर सतह का क्षेत्रफल 10,440 हेक्टेयर संभावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन जिलों को होगा लाभ</strong><br />बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को बड़ा लाभ होगा. जबकि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले के अनेक गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार हो सकेगा. बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में दोनों परियोजनाएं एक महत्वपूर्ण कदम होंगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभाग में सिंचाई साधनों की समस्या को दूर करने और चहुंमुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना निर्णायक परियोजना साबित होगी. यह परियोजना लंबे समय से इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है. इंद्रावती, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है. गोदावरी जल विवाद अधिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना का उल्लेख है. इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है, परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्तर के विकास की रफ्तार होगी दोगुनी</strong><br />बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से संभाग में सिंचाई साधनों का दायरा बढ़ने के साथ ही बस्तर के विकास को दोगुनी रफ्तार मिलेगी. इस परियोजना से 125 मेगावाट का विद्युत उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार, खरीफ एवं रबी मिलाकर 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार एवं 49 मि.घ.मी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दोनों परियोजनाएं एक महत्वपूर्ण कदम होंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना?</strong><br />बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है. राज्य में इंद्रावती नदी कुल 264 कि.मी. में प्रवाहित होती है. यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 कि.मी. एवं जगदलपुर शहर से लगभग 100 कि.मी. दूरी पर प्रस्तावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परियोजना की विशेषताएं</strong><br />दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49,000 करोड़ रुपये है, जिसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये एवं बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना की लागत लगभग 29,000 करोड़ रुपये संभावित है. इसमें हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य, सिविल कार्य (सिंचाई) भी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस परियोजना में उपयोगी जल भराव क्षमता 2009 मि.घ.मी., कुल जल भराव क्षमता 2727 मि.घ.मी. एवं पूर्ण जल भराव स्तर पर सतह का क्षेत्रफल 10,440 हेक्टेयर संभावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन जिलों को होगा लाभ</strong><br />बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को बड़ा लाभ होगा. जबकि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले के अनेक गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार हो सकेगा. बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में दोनों परियोजनाएं एक महत्वपूर्ण कदम होंगी.</p> छत्तीसगढ़ सीएम मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना पर दिया बड़ा अपडेट, विकास कार्यों से जुड़े किए कई ऐलान
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