<p style=”text-align: justify;”><strong>Basti Transgenders News:</strong> ट्रांसजेंडरों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल, ‘गरिमा गृह’ की स्थापना को लेकर अब उम्मीदों का नया सवेरा हुआ है. यह बदलाव माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सीधे हस्तक्षेप के बाद आया है, जिन्होंने हाल ही में इस परियोजना से जुड़े पदाधिकारियों से मुलाकात कर एक सकारात्मक पहल की है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ‘गरिमा गृह’ परियोजना के तहत गैर-सरकारी संगठनों से प्रस्ताव आमंत्रित किए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इन गृहों का मुख्य उद्देश्य उन ट्रांसजेंडरों को आश्रय, भोजन, चिकित्सा सुविधाएं और परामर्श प्रदान करना है, जो अक्सर सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक बाधाओं का सामना करते हैं. यह एक ऐसा कदम है, जो इस समुदाय को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में मदद करेगा, जहां उन्हें अक्सर उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती की चैरिटेबल सोसाइटी ने भेजा था प्रस्ताव</strong><br />बस्ती में, ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए समर्पित इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को संचालित करने का प्रस्ताव भेजा था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी दे दी और इसे आगे के अनुमोदन के लिए भारत सरकार को भेज दिया. हालांकि, केंद्रीय स्तर पर यह फाइल लंबे समय से अनुमोदन के लिए अटकी हुई थी, जिससे परियोजना में अनावश्यक देरी हो रही थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय सांसद राम प्रसाद चौधरी ने भी इस संबंध में भारत सरकार से सिफारिश की थी, लेकिन फाइल पर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पा रही थी. यह स्थिति बस्ती में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अत्यंत निराशाजनक थी, जो इस ‘गरिमा गृह’ के खुलने और एक सुरक्षित आश्रय पाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के सीईओ ने राज्यपाल से मुलाकात</strong><br />इस गंभीर गतिरोध को तोड़ने के लिए, इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय पाण्डेय ने हाल ही में लखनऊ में माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की. यह मुलाकात ‘गरिमा गृह’ के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिससे परियोजना को एक नई दिशा मिली. मुलाकात के दौरान, अजय पाण्डेय ने राज्यपाल को ‘गरिमा गृह’ परियोजना के महत्व और उसके सामने आ रही प्रशासनिक बाधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटे से अनुमोदन के अभाव में यह महत्वपूर्ण परियोजना रुकी हुई है, जिससे हजारों ट्रांसजेंडरों का जीवन प्रभावित हो रहा है. राज्यपाल ने इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि वह इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगी ताकि फाइल को जल्द से जल्द मंजूरी मिल सके. राज्यपाल के इस आश्वासन के बाद, बस्ती में ‘गरिमा गृह’ की स्थापना की कवायद अब तेजी से आगे बढ़ रही है, जिससे ट्रांसजेंडर समुदाय में एक नई उम्मीद जगी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्यपाल ने चैरिटेबल सोसाइटी के प्रयासों की सरहाना की</strong><br />यह राज्यपाल का संवेदनशील और दृढ़ रुख दर्शाता है, जो समाज के हाशिए पर पड़े समुदायों के कल्याण के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता को उजागर करता है. इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान, राज्यपाल ने इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे एक अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण और सफल कार्यक्रम, “हुनरमंद किन्नर” की प्रगति रिपोर्ट पर भी संतोष व्यक्त किया और संस्था के निस्वार्थ प्रयासों की हृदय से सराहना की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सक्रिय हस्तक्षेप और समर्थन से अब यह उम्मीद प्रबल हो गई है कि बस्ती में ‘गरिमा गृह’ की स्थापना जल्द ही वास्तविकता का रूप लेगी. यह परियोजना न केवल ट्रांसजेंडरों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक आश्रय प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अवसर भी देगी. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Basti Transgenders News:</strong> ट्रांसजेंडरों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल, ‘गरिमा गृह’ की स्थापना को लेकर अब उम्मीदों का नया सवेरा हुआ है. यह बदलाव माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सीधे हस्तक्षेप के बाद आया है, जिन्होंने हाल ही में इस परियोजना से जुड़े पदाधिकारियों से मुलाकात कर एक सकारात्मक पहल की है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ‘गरिमा गृह’ परियोजना के तहत गैर-सरकारी संगठनों से प्रस्ताव आमंत्रित किए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इन गृहों का मुख्य उद्देश्य उन ट्रांसजेंडरों को आश्रय, भोजन, चिकित्सा सुविधाएं और परामर्श प्रदान करना है, जो अक्सर सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक बाधाओं का सामना करते हैं. यह एक ऐसा कदम है, जो इस समुदाय को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में मदद करेगा, जहां उन्हें अक्सर उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्ती की चैरिटेबल सोसाइटी ने भेजा था प्रस्ताव</strong><br />बस्ती में, ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए समर्पित इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को संचालित करने का प्रस्ताव भेजा था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी दे दी और इसे आगे के अनुमोदन के लिए भारत सरकार को भेज दिया. हालांकि, केंद्रीय स्तर पर यह फाइल लंबे समय से अनुमोदन के लिए अटकी हुई थी, जिससे परियोजना में अनावश्यक देरी हो रही थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय सांसद राम प्रसाद चौधरी ने भी इस संबंध में भारत सरकार से सिफारिश की थी, लेकिन फाइल पर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पा रही थी. यह स्थिति बस्ती में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अत्यंत निराशाजनक थी, जो इस ‘गरिमा गृह’ के खुलने और एक सुरक्षित आश्रय पाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के सीईओ ने राज्यपाल से मुलाकात</strong><br />इस गंभीर गतिरोध को तोड़ने के लिए, इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय पाण्डेय ने हाल ही में लखनऊ में माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की. यह मुलाकात ‘गरिमा गृह’ के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिससे परियोजना को एक नई दिशा मिली. मुलाकात के दौरान, अजय पाण्डेय ने राज्यपाल को ‘गरिमा गृह’ परियोजना के महत्व और उसके सामने आ रही प्रशासनिक बाधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटे से अनुमोदन के अभाव में यह महत्वपूर्ण परियोजना रुकी हुई है, जिससे हजारों ट्रांसजेंडरों का जीवन प्रभावित हो रहा है. राज्यपाल ने इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि वह इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगी ताकि फाइल को जल्द से जल्द मंजूरी मिल सके. राज्यपाल के इस आश्वासन के बाद, बस्ती में ‘गरिमा गृह’ की स्थापना की कवायद अब तेजी से आगे बढ़ रही है, जिससे ट्रांसजेंडर समुदाय में एक नई उम्मीद जगी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्यपाल ने चैरिटेबल सोसाइटी के प्रयासों की सरहाना की</strong><br />यह राज्यपाल का संवेदनशील और दृढ़ रुख दर्शाता है, जो समाज के हाशिए पर पड़े समुदायों के कल्याण के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता को उजागर करता है. इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान, राज्यपाल ने इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे एक अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण और सफल कार्यक्रम, “हुनरमंद किन्नर” की प्रगति रिपोर्ट पर भी संतोष व्यक्त किया और संस्था के निस्वार्थ प्रयासों की हृदय से सराहना की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सक्रिय हस्तक्षेप और समर्थन से अब यह उम्मीद प्रबल हो गई है कि बस्ती में ‘गरिमा गृह’ की स्थापना जल्द ही वास्तविकता का रूप लेगी. यह परियोजना न केवल ट्रांसजेंडरों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक आश्रय प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अवसर भी देगी. </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड अहमदाबाद: BJ मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के कैटीन की तस्वीरें, क्रैश विमान का हिस्सा आकर टकराया
बस्ती: ट्रांसजेंडरों के गरिमा गृह को मिली नई रफ्तार, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से हुई मुलाकात
