हरियाणा में बस कंडक्टरों को बस स्टैंड के भीतर बसों को ले जाना जरूरी होगा। परिवहन मंत्री अनिल विज ने ऐसे निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। अनिल विज ने बताया, “मैंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, और मैंने बस स्टैंड के निरीक्षण भी किए हैं कि बसों को स्टैंड के अंदर लेकर जाया जाए। कहीं पर भी यदि कोई बाईपास या हाईवे बना हुआ है वहां से निकाल कर ना लेकर जाएं। बस स्टैंड के अंदर बस जानी चाहिए। इसके अलावा, मैंने पुलिस को भी कहा है कि बस स्टैंड के बाहर यदि कोई बस खड़ी होती है तो उसको उठाकर के थाने ले जाओ।” कांग्रेस पर हमला बोला अनिल विज ने अंबाला में फिर कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि “जितना अंबेडकर जी की विचारधारा को आहत कांग्रेस ने किया है उतना किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर जी के बनाए संविधान को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद दो शब्द को जोड़ कर संविधान की आत्मा को ही बदल दिया जबकि बाबा साहब ने ये शब्द नहीं लिखे थे”। नेहरू बाबा साहब के घोर खिलाफ थे अनिल विज ने कहा कि “इन शब्दों के बारे में क्या वे सोच नहीं सकते थे सोच सकते थे, इसलिए उन्होंने नहीं लिखा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू ने चुनाव में हराने के लिए भाषण दिया। विज ने कहा कि कांग्रेस वाले तो बाबा साहब को संविधान सभा में भी आने नहीं देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि आजकल कांग्रेस वाले बाबा साहब के प्रति प्रेम दिखा रहे हैं और कभी-कभी यह नीले कपड़े भी डाल कर आते हैं और यह सब लोगों को धोखा देने के लिए है”। केजरीवाल के प्रति लोगों में गुस्सा भाजपा उम्मीदवार के समर्थकों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “क्या हुआ है क्या नहीं हुआ है यह जांच का विषय है, लेकिन यह माना कि केजरीवाल के प्रति लोगों का गुस्सा है लेकिन प्रजातंत्र में गुस्से का इजहार वोट डालकर करना चाहिए यह तरीका ठीक नहीं है”। कांग्रेस नेता अजय माकन के बयान कि वह आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा और दिल्ली के चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन जैसे ही केजरीवाल जेल से बाहर आए, उन्होंने अलग से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “लेकिन कुछ ना कुछ वजह तो रही होगी यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, कुछ तो गुस्ताखियां की होगी”। कांग्रेस के अंदर फूट बहुत गहरी है कांग्रेस में हुड्डा ग्रुप में बगावत को लेकर पूछे के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “धीरे-धीरे उनकी सारी सच्चाइयां सामने आ रही है और कौन नेता क्या कर रहा है किसके लिए कर रहा है किसके साथ है। इन्होंने (कांग्रेस) कभी भी एक व्यक्ति को नेता नहीं माना, अलग-अलग नेताओं को अलग-अलग तरह से यह मानते हैं इनके अंदर फूट बहुत गहरी है, यह पार्टी नहीं है ये भिन्न भिन्न धड़े हैं उनकी आस्था भी अपने-अपने धड़ों के प्रति है ना पार्टी के प्रति है और ना ही पार्टी नेतृत्व के प्रति है ऐसी स्थितियों में सीएलपी लीडर भी नहीं बना पाए क्योंकि ये धड़े हैं तो धड़ों का बनाना मुश्किल होता है”। हरियाणा में बस कंडक्टरों को बस स्टैंड के भीतर बसों को ले जाना जरूरी होगा। परिवहन मंत्री अनिल विज ने ऐसे निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। अनिल विज ने बताया, “मैंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, और मैंने बस स्टैंड के निरीक्षण भी किए हैं कि बसों को स्टैंड के अंदर लेकर जाया जाए। कहीं पर भी यदि कोई बाईपास या हाईवे बना हुआ है वहां से निकाल कर ना लेकर जाएं। बस स्टैंड के अंदर बस जानी चाहिए। इसके अलावा, मैंने पुलिस को भी कहा है कि बस स्टैंड के बाहर यदि कोई बस खड़ी होती है तो उसको उठाकर के थाने ले जाओ।” कांग्रेस पर हमला बोला अनिल विज ने अंबाला में फिर कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि “जितना अंबेडकर जी की विचारधारा को आहत कांग्रेस ने किया है उतना किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर जी के बनाए संविधान को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद दो शब्द को जोड़ कर संविधान की आत्मा को ही बदल दिया जबकि बाबा साहब ने ये शब्द नहीं लिखे थे”। नेहरू बाबा साहब के घोर खिलाफ थे अनिल विज ने कहा कि “इन शब्दों के बारे में क्या वे सोच नहीं सकते थे सोच सकते थे, इसलिए उन्होंने नहीं लिखा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू ने चुनाव में हराने के लिए भाषण दिया। विज ने कहा कि कांग्रेस वाले तो बाबा साहब को संविधान सभा में भी आने नहीं देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि आजकल कांग्रेस वाले बाबा साहब के प्रति प्रेम दिखा रहे हैं और कभी-कभी यह नीले कपड़े भी डाल कर आते हैं और यह सब लोगों को धोखा देने के लिए है”। केजरीवाल के प्रति लोगों में गुस्सा भाजपा उम्मीदवार के समर्थकों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “क्या हुआ है क्या नहीं हुआ है यह जांच का विषय है, लेकिन यह माना कि केजरीवाल के प्रति लोगों का गुस्सा है लेकिन प्रजातंत्र में गुस्से का इजहार वोट डालकर करना चाहिए यह तरीका ठीक नहीं है”। कांग्रेस नेता अजय माकन के बयान कि वह आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा और दिल्ली के चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन जैसे ही केजरीवाल जेल से बाहर आए, उन्होंने अलग से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “लेकिन कुछ ना कुछ वजह तो रही होगी यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, कुछ तो गुस्ताखियां की होगी”। कांग्रेस के अंदर फूट बहुत गहरी है कांग्रेस में हुड्डा ग्रुप में बगावत को लेकर पूछे के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “धीरे-धीरे उनकी सारी सच्चाइयां सामने आ रही है और कौन नेता क्या कर रहा है किसके लिए कर रहा है किसके साथ है। इन्होंने (कांग्रेस) कभी भी एक व्यक्ति को नेता नहीं माना, अलग-अलग नेताओं को अलग-अलग तरह से यह मानते हैं इनके अंदर फूट बहुत गहरी है, यह पार्टी नहीं है ये भिन्न भिन्न धड़े हैं उनकी आस्था भी अपने-अपने धड़ों के प्रति है ना पार्टी के प्रति है और ना ही पार्टी नेतृत्व के प्रति है ऐसी स्थितियों में सीएलपी लीडर भी नहीं बना पाए क्योंकि ये धड़े हैं तो धड़ों का बनाना मुश्किल होता है”। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में सैनी समाज करेगा कांग्रेस प्रत्याशी का बहिष्कार:न्याय संघर्ष समिति की बैठक में फैसला, मुख्यमंत्री नायब सैनी का करेंगे समर्थन हरियाणा में हिसार विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास राड़ा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आज सैनी न्याय संघर्ष समिति की बैठक हुई। इस बैठक में 18 सितंबर को हुई बैठक के एजेंडे को रखा गया और बताया गया कि कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा जिनका सैनी सभा ट्रस्ट पर परिवार सहित कब्जा है, समाज की मांगों को अनदेखा कर दिया। राम निवास राड़ा को 48 घंटे का समय दिया गया था, मगर 4 दिन तक उनके जवाब का इंतजार किया। एक दिन पहले रामनिवास राड़ा के साथ मीटिंग भी हुई, मगर उन्होंने ट्रस्ट को भंग करने से मना कर दिया। यहां तक कि ट्रस्ट के प्रधान ओमप्रकाश राड़ा को हटाकर ओमकार सैनी को प्रधान बनाया गया है, जिन पर पहले से ही केस चल रहा है। इसलिए सैनी न्याय संघर्ष समिति ने यह फैसला लिया है कि कांग्रेस की जगह भाजपा का समर्थन किया जाएगा। क्योंकि सैनी समाज नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनता देखना चाहता है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास राड़ा के बेटे रोहित राड़ा ने बैठक करने वालों को चुनिंदा लोग बताया है और कहा है कि यह समाज में रोड़ा अटकाने वाले लोग हैं। समिति ने समाज से की अपील, नायब सैनी का साथ दें
सैनी न्याय संघर्ष समिति के प्रधान महेंद्र सैनी ने बताया कि समिति ने फैसला लिया है कि इन चुनाव में नायब सैनी का समर्थन किया जाएगा क्योंकि वह समाज से हैं और समाज को राजनीतिक दृष्टि से आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। सैनी ने कहा कि सैनी न्याय संघर्ष समिति में कांग्रेस सहित सभी दलों के लोग शामिल हैं जो रामनिवास राड़ा की कार्यप्रणाली और इनके ट्रस्ट पर कब्जे से नाराज हैं। वह इन चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी का बहिष्कार करेंगे। सैनी न्याय संघर्ष समिति ने समस्त सैनी समाज से अनुरोध किया कि वे इस निर्णय का सम्मान करें और समाज की प्रगति के लिए नायब सैनी को अपना समर्थन दें। इससे पहले 18 सितंबर को हुई बैठक
18 सितंबर को हिसार के सब्जी मंडी पार्क में सैनी समाज की बैठक हुई थी और चेतावनी दी गई कि यदि सैनी सभा ट्रस्ट के चुनाव नए सिरे से नहीं करवाए गए और इसमें नए मेंबर शामिल नहीं किए गए तो पूरा समाज चुनाव में रामनिवास राड़ा का बहिष्कार करेगा। मीटिंग में शामिल सैनी समाज के लोगों ने राड़ा और उनके परिवार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि इस दौरान फैसला नहीं लिया गया तो समाज के लोग प्रचार में भी राड़ा के खिलाफ उतरेंगे। सैनी सभा से जुड़े मुकेश सैनी मानू ने बताया था कि यदि जरूरत पड़ी तो घर-घर पर्चे बांटकर समाज के लोगों से अपील की जाएगी कि वह कांग्रेस कैंडिडेट को इस बार वोट न दें। राड़ा परिवार के यह मेंबर सैनी सभा ट्रस्ट में
सैनी न्याय संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि सैनी सभा ट्रस्ट पर राड़ा परिवार के 17 लोग कब्जा करके बैठे हैं। कांग्रेस कैंडिडेट रामनिवास राड़ा के बड़े भाई ओमप्रकाश राड़ा हिसार में सैनी सभा ट्रस्ट के प्रधान हैं। इनके भतीजे प्रह्लाद सिंह राड़ा और भाई महावीर राड़ा ट्रस्टी है। सीताराम सैनी रामनिवास राड़ा के साढू हैं। रघुबीर सिंह सैनी रामनिवास राड़ा के साले (पत्नी के भाई) हैं। राजकुमार दहिया ट्रस्ट प्रधान के भतीजे हैं। उनके दामाद ओमप्रकाश सीसवालिया भी इस ट्रस्ट में शामिल हैं।
ट्रस्ट प्रधान ओमप्रकाश राड़ा की मौसी का लड़का मनोज सैनी को भी इस ट्रस्ट में शामिल किया गया है। माडूराम सैनी और बलवंत सैनी इनके कर्मचारी हैं। इनके अलावा ट्रस्ट में जगह पाने वाले दयानंद सैनी उर्फ भागाराम इनके भतीजे हैं। इसी तरह ट्रस्ट में शामिल सीताराम सैनी रघुबीर सिंह सैनी के दामाद हैं। रामनिवास दहिया भी इन्हीं के परिवार से हैं जबकि अशोक सैनी उर्फ लीला सैनी इनके कर्मचारी हैं। सुशील खोवाल रामनिवास राड़ा के राजनीतिक सचिव रह चुके हैं जबकि ईश्वर सैनी बलवंत सैनी के साढ़ू के बेटे हैं। राड़ा परिवार ने अपने तकरीबन 17 लोग सैनी सभा ट्रस्ट में एडजस्ट करके ट्रस्ट पर एक तरह से कब्जा जमा लिया है। सैनी समाज की ये थी प्रमुख मांगें
बैठक में पहुंचे सैनी समाज के लोगों ने मांग थी कि हिसार के सैनी सभा ट्रस्ट के चुनाव नए सिरे से करवाए जाएं। चुनाव से पहले सैनी समाज के 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को ट्रस्ट का मेंबर बनाया जाए। हिसार की सैनी सभा 1962 में बनी थी और इसका रजिस्ट्रेशन नंबर 32 है। इस सभा का संविधान चौधरी नंदराम ने लिखा था, उसके मुताबिक ही सैनी सभा को चलाया जाए। समाज के लोगों ने यह डिमांड भी की थी कि सैनी सभा ट्रस्ट का नया प्रधान और नए मेंबर चुनने की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से पूरी करवाई जाए। रोहित राड़ा ने कहा-समाज को नीचा दिखा रहे ये लोग
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा के बेटे रोहित ने कहा कि कुछ लोग राजनीति से प्रेरित होकर आरोप लगा रहे हैं। महज 10 से 15 लोग पूरे समाज का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते और ना ही कोई फैसला पूरे समाज को लेकर दे सकते हैं। यह लोग भाजपा और जिंदल परिवार से जुड़े लोग हैं। इनका मकसद समाज को नीचे दिखाने का है। अगर कोई व्यक्ति समाज को आगे बढ़ा रहा है तो यह लोग उनकी टांग खिचाई कर रहे हैं। यह लोग रामनिवास राड़ा ने हाथ धोकर पीछे पड़े हैं। जबकि रामनिवास राड़ा ने इन्हें कभी गलत नहीं बोला।
हिसार में सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन लैब का उद्घाटन:एक जगह ही मरीजों के होंगे सभी टेस्ट, तीमारदारों की भागदौड़ खत्म होगी
हिसार में सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन लैब का उद्घाटन:एक जगह ही मरीजों के होंगे सभी टेस्ट, तीमारदारों की भागदौड़ खत्म होगी हरियाणा के हिसार में अग्रोहा स्थित महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में पूर्व राज्य सभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स द्वारा सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन लैब का उद्घाटन किया गया। इस लैब की मदद से मरीजों को एक ही छत के नीचे भी टेस्ट सुविधा मुहैया होगी। मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। वहीं इन लैब में हाईटेक मशीनों द्वारा सटीक रिपोर्ट भी आएंगी। सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन लैब में पैथोलॉजी लैब, माइक्रोबायोलॉजी लैब और बायो कैमिस्ट्री लैब को एक साथ स्थापित किया गया है। जिसके चलते अब सभी टेस्ट एक ही स्थान पर हो सकेंगे। बता दें कि अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में अभी हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी आए थे, और यहां मरीजों को लेकर हो रहे कार्यों की उन्होंने सराहना की थी। मरीजों के लिए वरदान साबित होगी लैब- डीपी वत्स इस दौरान पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार, समाज और जिंदल परिवार के सहयोग से नवनिर्मित लैब महाविद्यालय में आने वाले मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार व समाज की संयुक्त जिम्मेदारी है जिसे हम सब मिलकर बेहतरीन तरीके से निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिवार का यह प्रयास रहता है कि अस्पताल में आने वाले किसी भी मरीज को वापस न किया जाए, और उच्च स्तर का स्वास्थ्य लाभ देते हुए उनका उपचार किया जाए। मरीजों को उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहे है- डॉ. आशुतोष इस दौरान विशेष रूप से उपस्थित महाविद्यालय के प्रशासनिक निदेशक डॉ. आशुतोष शर्मा ने कहा कि अग्रोहा मेडिकल सरकार पूर्व सांसद डीपी वत्स, महाविद्यालय की अध्यक्ष सावित्री जिंदल और समाज के सहयोग से दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर इसी प्रकार मरीजों को उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। इस दौरान डीएमएस शमशेर मलिक, डॉ. करणदीप, एसडीओ गुलशन मदान और इंजीनियरिंग ब्रांच के सभी इंजीनियर्स के साथ साथ महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी और स्टाफ मौजूद रहे।