फरीदकोट के बहुचर्चित बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़े बहबल कलां गोलीकांड के पीड़ित सुखराज सिंह ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा सरकार कि प्रदेश सरकार की कमजोर पैरवी के कारण मुकदमा फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ अदालत में ट्रांसफर हुआ है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार को ऊपरी अदालत में चुनौती देनी चाहिए, परंतु प्रदेश सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। जबकि कोर्ट का यह फैसला वोटिंग से एक दिन पहले ही आया था। ऐसे में सरकार उक्त फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करें, ताकि उक्त मुकदमे की सुनवाई चंडीगढ़ में न होकर फरीदकोट में ही हो। सुखराज ने कहा कि मुकदमे में एक आरोपी की बात को सुनकर अदालत ने फरीदकोट से चंडीगढ़ अदालत में मुकदमा स्थानांतरित कर दिया, जबकि उक्त मुकदमे में 100 से ज्यादा लोग गवाह हैं, जो कि फरीदकोट जिले से संबंधित है। इतने गवाह फरीदकोट से चंडीगढ़ कैसे जाएंगे उन्हें भी तो परेशानी होगी। विधायक के समक्ष रखी थी समस्या सुखराज सिंह ने कहा कि उक्त मुकदमे में प्रदेश सरकार की कमजोर पैरवी को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी करमजीत अनमोल और एक विधायक से भी इस मुद्दे में सहायता करने की मांग की थी, परंतु मौजूदा सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण ही ऐसा हुआ। बता दें कि, 14 अक्टूबर 2015 को बरगाडी बेअदवी कांड की घटना के विरोध में सिक्ख संगत द्वारा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन बहिबल कलां में किया जा रहा था। इसी दौरान हुई पुलिस फायरिंग में दो सिक्ख नौजवानों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। मृत नौजवानों में एक भगवान कृष्ण सिंह थे जिनके भाई पीडित सुखराज सिंह हैं। फरीदकोट के बहुचर्चित बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़े बहबल कलां गोलीकांड के पीड़ित सुखराज सिंह ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा सरकार कि प्रदेश सरकार की कमजोर पैरवी के कारण मुकदमा फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ अदालत में ट्रांसफर हुआ है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार को ऊपरी अदालत में चुनौती देनी चाहिए, परंतु प्रदेश सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। जबकि कोर्ट का यह फैसला वोटिंग से एक दिन पहले ही आया था। ऐसे में सरकार उक्त फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करें, ताकि उक्त मुकदमे की सुनवाई चंडीगढ़ में न होकर फरीदकोट में ही हो। सुखराज ने कहा कि मुकदमे में एक आरोपी की बात को सुनकर अदालत ने फरीदकोट से चंडीगढ़ अदालत में मुकदमा स्थानांतरित कर दिया, जबकि उक्त मुकदमे में 100 से ज्यादा लोग गवाह हैं, जो कि फरीदकोट जिले से संबंधित है। इतने गवाह फरीदकोट से चंडीगढ़ कैसे जाएंगे उन्हें भी तो परेशानी होगी। विधायक के समक्ष रखी थी समस्या सुखराज सिंह ने कहा कि उक्त मुकदमे में प्रदेश सरकार की कमजोर पैरवी को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी करमजीत अनमोल और एक विधायक से भी इस मुद्दे में सहायता करने की मांग की थी, परंतु मौजूदा सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण ही ऐसा हुआ। बता दें कि, 14 अक्टूबर 2015 को बरगाडी बेअदवी कांड की घटना के विरोध में सिक्ख संगत द्वारा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन बहिबल कलां में किया जा रहा था। इसी दौरान हुई पुलिस फायरिंग में दो सिक्ख नौजवानों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। मृत नौजवानों में एक भगवान कृष्ण सिंह थे जिनके भाई पीडित सुखराज सिंह हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बरनाला के सरकारी अस्पताल में मरीज बेहाल:एक ही पर्ची काउंटर होने से बिगड़े हालात, ओपीडी सुविधा समस्या भरी, न पंखे न पानी बरनाला के सरकारी अस्पताल में ओपीडी व्यवस्था को लेकर मरीज परेशान हो रहे हैं। अस्पताल में एक ही पर्ची काउंटर संचालित होने से मरीजों को लंबी कतार का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, भीषण गर्मी में ओपीडी काउंटर के पास ना तो पीने का पानी है और ना ही पंखे आदि की कोई व्यवस्था है। मरीजों को पर्ची बनवाने के लिए डेढ़ घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है। मरीज ओपीडी काउंटर बढ़ाने और सुविधाएं बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अस्पताल पहुंचे संदीप कौर, मनप्रीत कौर, अमनदीप सिंह और संजय कुमार आदि ने बताया कि, बरनाला के सरकारी अस्पताल में उन्हें पर्ची लेने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है। अस्पताल में एक ही पर्चा काउंटर है। मरीजों की पर्ची के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में पर्ची काउंटर पर पंखा या पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। और बिगड़ रही मरीजों की तबीयत मरीजों ने कहा कि एक तरफ सरकार सरकारी संस्थानों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ हालात बदतर होते जा रहे हैं। बरनाला के सरकारी अस्पताल के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं। यहां इलाज कराने आए मरीज की तबीयत और खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन और सरकार को अस्पताल की ओपीडी पर ध्यान देने की जरूरत है। यहां गर्मी को देखते हुए जहां सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। वहां ओपीडी काउंटर भी बढ़ाए जाएं ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो। पर्ची काउंटरों की संख्या बढ़ाने के आदेश इस संबंध में बरनाला सिविल सर्जन डॉ. हरिंदर शर्मा ने कहा कि गर्मी को देखते हुए पर्ची काउंटर पर व्यवस्था की जा रही है। एसएमओ को पर्ची काउंटरों की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पानी और हवा की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
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