बहराइच में आदमखोर भेड़िया आखिरकार पकड़ा गया। भेड़िया सुबह 4 बजे हरबंशपुर गांव में घुस रहा था। सर्चिंग कर रही टीम और ग्रामीणों की नजर पड़ गई। लाठी-डंडे लेकर भेड़िया को घेरा और उसके पीछे दौड़े। इत्तेफाक से भेड़िया उसी दिशा में भागा, जिधर वन विभाग ने जाल लगा रखा था। जाल में फंसते ही खूंखार को दबोचने के लिए वन विभाग के कर्मचारी आगे आए, लेकिन उसकी फुर्ती और छटपटाहट देखकर घबरा गए। फिर ग्रामीण आए। 10 लोगों ने भेड़िए को दबोचा तब जाकर उसे पिंजरे में कैद किया गया। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की 500 कर्मियों की टीम 20 दिन से आदमखोर की तलाश में लगी हुई है। 2 महीने में भेड़ियों का झुंड 9 लोगों की जान ले चुका है। 50 से ज्यादा पर हमला कर चुका है। भेड़िया जिस हरबंशपुर गांव में पकड़ा गया। वह महसी तहसील में है। यह पूरा इलाका घाघरा नदी का कछार है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 35 किमी है। भेड़िए को पकड़ने की 3 तस्वीरें… DFO ने कहा- यह 5वां भेड़िया, अभी एक और बचा
बहराइच DFO अजीत प्रताप सिंह ने कहा- यह 5वां भेड़िया है। अभी एक और बचा है। जिस दिन उसका वक्त खराब होगा और हमारा अच्छा। उस दिन वह भी पकड़ा जाएगा। करीब एक या डेढ़ घंटे के ऑपरेशन में इस भेड़िया को पकड़ा गया है। इसे बिना ड्रोन की मदद से पकड़ा गया है, क्योंकि ड्रोन देखकर भेड़िया भाग जाते थे। भेड़िया को कहां भेजा जाएगा? सीनियर अफसर इस निर्णय लेंगे। ये लंगड़ा भेड़िया नहीं है। भेड़िए ग्रुप में शिकार करते थे। इनकी आदत खराब हो गई थी। यह बच्चों का शिकार करने लगे थे। अभी एक भेड़िया और बचा हुआ है। उस 6वें भेड़िए को पकड़ने के लिए हम 100% कोशिश कर रहे हैं। कुछ ग्रामीणों को हमने इस ऑपरेशन में शामिल किया है। यानी, जब तक 6वां भेड़िया नहीं पकड़ा जाता है, तब तक बहराइच के 50 गांवों के 80 हजार लोगों की दहशत खत्म नहीं होगी। पूरी रात चला ऑपरेशन…ऐसे पकड़ा गया भेड़िया
भेड़िए पकड़ने के ऑपरेशन से जुड़े वन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि सोमवार शाम को इस इलाके में भेड़िए के पैरों के मार्क मिले थे। यहां भेड़िए ने एक बकरी पर भी हमला किया था। इसके बाद रात में ऑपरेशन चलाया। उसके भागने के संभावित रास्तों में करीब 400-500 मीटर तक जाल लगाया गया। पूरी रात इंतजार किया, लेकिन भेड़िया नजर नहीं आया। सुबह करीब 4 बजे एक ग्रामीण को भेड़िया नजर आया। उसने चिल्लाना शुरू किया। पूरी टीम अलर्ट हो गई। हमारी कोशिश थी कि भेड़िया उसी दिशा में भागे, जहां जाल लगा हुआ है। हुआ भी यही, भेड़िया उधर ही भागा और जाल में फंस गया। वह जाल में फंसकर छटपटाने लगा। गुर्राने लगा। बड़ी मुश्किल से उसको काबू किया गया। हरबंशपुर गांव में ही वन विभाग ने अपना बेस कैंप बना रखा था। वहां से तुरंत पिंजरा मंगाया गया। उसे पिंजरे में कैद किया गया। मुख्य वन संरक्षक बोलीं- भेड़िए होशियार, ड्रोन पास जाता तो हरकत में आ जाते थे
मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया- जिस भेड़िए को पकड़ा गया है वह मादा भेड़िया है। इसे किसी जू में भेजा जाएगा। इससे पहले जो 4 भेड़िए पकड़े गए हैं। उनमें दो नर और दो मादा हैं। वन विभाग और ग्रामीणों का कहना है कि अब जो 6वां भेड़िया बचा है वह लंगड़ा है। क्योंकि अब वह अकेला बचा है। इसलिए जल्द बाहर आने की उम्मीद है। ऐसे में वन विभाग ने अपना ऑपरेशन तेज कर दिया है। खौफ में जी रहे 80 हजार लोग
बहराइच के महसी तहसील के हरदी इलाके के 50 गांव की 80 हजार से ज्यादा की आबादी खौफ में जी रही है। भेड़ियों के आतंक का आलम ये है कि वन विभाग के साथ ही गांव वालों ने भी खुद की सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है। रातभर जागकर गांव की रखवाली कर रहे हैं। 50 गांवों में एक-एक टीम बना दी गई है। टीम के सदस्यों की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई जा रही है। ये लोग लाठी-डंडे और बंदूक लेकर दिन-रात पूरे गांव का चक्कर लगा रहे हैं। भेड़ियों का सॉफ्ट टारगेट बच्चे ही हैं। आखिरी में 4 तस्वीरें देखिए… यह खबर भी पढ़ें.. यूपी में क्यों नहीं पकड़े जा रहे आदमखोर भेड़िए:समूह से बहिष्कृत; हर दिन गांव बदल रहे, दिन में नहीं दिखते; रात में ऑपरेशन नहीं चल रहा बहराइच से करीब 35 किमी दूर महसी तहसील का बारह बिगहा गांव। यहां भेड़िए की दहशत से खौफजदा लोग हाथ में लाठी-डंडे लेकर खड़े होकर बातें कर रहे हैं। तभी अचानक गांव में हलचल बढ़ती है। एक के बाद एक तकरीबन 18 लग्जरी गाड़ियां गांव में पहुंचती हैं। पढ़ें पूरी खबर बहराइच में आदमखोर भेड़िया आखिरकार पकड़ा गया। भेड़िया सुबह 4 बजे हरबंशपुर गांव में घुस रहा था। सर्चिंग कर रही टीम और ग्रामीणों की नजर पड़ गई। लाठी-डंडे लेकर भेड़िया को घेरा और उसके पीछे दौड़े। इत्तेफाक से भेड़िया उसी दिशा में भागा, जिधर वन विभाग ने जाल लगा रखा था। जाल में फंसते ही खूंखार को दबोचने के लिए वन विभाग के कर्मचारी आगे आए, लेकिन उसकी फुर्ती और छटपटाहट देखकर घबरा गए। फिर ग्रामीण आए। 10 लोगों ने भेड़िए को दबोचा तब जाकर उसे पिंजरे में कैद किया गया। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की 500 कर्मियों की टीम 20 दिन से आदमखोर की तलाश में लगी हुई है। 2 महीने में भेड़ियों का झुंड 9 लोगों की जान ले चुका है। 50 से ज्यादा पर हमला कर चुका है। भेड़िया जिस हरबंशपुर गांव में पकड़ा गया। वह महसी तहसील में है। यह पूरा इलाका घाघरा नदी का कछार है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 35 किमी है। भेड़िए को पकड़ने की 3 तस्वीरें… DFO ने कहा- यह 5वां भेड़िया, अभी एक और बचा
बहराइच DFO अजीत प्रताप सिंह ने कहा- यह 5वां भेड़िया है। अभी एक और बचा है। जिस दिन उसका वक्त खराब होगा और हमारा अच्छा। उस दिन वह भी पकड़ा जाएगा। करीब एक या डेढ़ घंटे के ऑपरेशन में इस भेड़िया को पकड़ा गया है। इसे बिना ड्रोन की मदद से पकड़ा गया है, क्योंकि ड्रोन देखकर भेड़िया भाग जाते थे। भेड़िया को कहां भेजा जाएगा? सीनियर अफसर इस निर्णय लेंगे। ये लंगड़ा भेड़िया नहीं है। भेड़िए ग्रुप में शिकार करते थे। इनकी आदत खराब हो गई थी। यह बच्चों का शिकार करने लगे थे। अभी एक भेड़िया और बचा हुआ है। उस 6वें भेड़िए को पकड़ने के लिए हम 100% कोशिश कर रहे हैं। कुछ ग्रामीणों को हमने इस ऑपरेशन में शामिल किया है। यानी, जब तक 6वां भेड़िया नहीं पकड़ा जाता है, तब तक बहराइच के 50 गांवों के 80 हजार लोगों की दहशत खत्म नहीं होगी। पूरी रात चला ऑपरेशन…ऐसे पकड़ा गया भेड़िया
भेड़िए पकड़ने के ऑपरेशन से जुड़े वन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि सोमवार शाम को इस इलाके में भेड़िए के पैरों के मार्क मिले थे। यहां भेड़िए ने एक बकरी पर भी हमला किया था। इसके बाद रात में ऑपरेशन चलाया। उसके भागने के संभावित रास्तों में करीब 400-500 मीटर तक जाल लगाया गया। पूरी रात इंतजार किया, लेकिन भेड़िया नजर नहीं आया। सुबह करीब 4 बजे एक ग्रामीण को भेड़िया नजर आया। उसने चिल्लाना शुरू किया। पूरी टीम अलर्ट हो गई। हमारी कोशिश थी कि भेड़िया उसी दिशा में भागे, जहां जाल लगा हुआ है। हुआ भी यही, भेड़िया उधर ही भागा और जाल में फंस गया। वह जाल में फंसकर छटपटाने लगा। गुर्राने लगा। बड़ी मुश्किल से उसको काबू किया गया। हरबंशपुर गांव में ही वन विभाग ने अपना बेस कैंप बना रखा था। वहां से तुरंत पिंजरा मंगाया गया। उसे पिंजरे में कैद किया गया। मुख्य वन संरक्षक बोलीं- भेड़िए होशियार, ड्रोन पास जाता तो हरकत में आ जाते थे
मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया- जिस भेड़िए को पकड़ा गया है वह मादा भेड़िया है। इसे किसी जू में भेजा जाएगा। इससे पहले जो 4 भेड़िए पकड़े गए हैं। उनमें दो नर और दो मादा हैं। वन विभाग और ग्रामीणों का कहना है कि अब जो 6वां भेड़िया बचा है वह लंगड़ा है। क्योंकि अब वह अकेला बचा है। इसलिए जल्द बाहर आने की उम्मीद है। ऐसे में वन विभाग ने अपना ऑपरेशन तेज कर दिया है। खौफ में जी रहे 80 हजार लोग
बहराइच के महसी तहसील के हरदी इलाके के 50 गांव की 80 हजार से ज्यादा की आबादी खौफ में जी रही है। भेड़ियों के आतंक का आलम ये है कि वन विभाग के साथ ही गांव वालों ने भी खुद की सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है। रातभर जागकर गांव की रखवाली कर रहे हैं। 50 गांवों में एक-एक टीम बना दी गई है। टीम के सदस्यों की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई जा रही है। ये लोग लाठी-डंडे और बंदूक लेकर दिन-रात पूरे गांव का चक्कर लगा रहे हैं। भेड़ियों का सॉफ्ट टारगेट बच्चे ही हैं। आखिरी में 4 तस्वीरें देखिए… यह खबर भी पढ़ें.. यूपी में क्यों नहीं पकड़े जा रहे आदमखोर भेड़िए:समूह से बहिष्कृत; हर दिन गांव बदल रहे, दिन में नहीं दिखते; रात में ऑपरेशन नहीं चल रहा बहराइच से करीब 35 किमी दूर महसी तहसील का बारह बिगहा गांव। यहां भेड़िए की दहशत से खौफजदा लोग हाथ में लाठी-डंडे लेकर खड़े होकर बातें कर रहे हैं। तभी अचानक गांव में हलचल बढ़ती है। एक के बाद एक तकरीबन 18 लग्जरी गाड़ियां गांव में पहुंचती हैं। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर