<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News Today:</strong> अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का शुमार देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में होता है. हालांकि एएमयू का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JNMC) भारत का ऐसा इकलौता मेडिकल कॉलेज है, जहां सरकार की मंजूरी के बावजूद डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (DACP) स्कीम अब तक लागू नहीं हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर पिछले 10 से 15 सालों से प्रमोशन नहीं मिला है और वे एक ही पद असिस्टेंट प्रोफेसर पर कार्यरत हैं. इस मुद्दे को लेकर डॉक्टरों ने प्रशासनिक ब्लॉक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और डीएसीपी योजना को जल्द लागू करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीएसीपी योजना भारत के अन्य प्रमुख मेडिकल संस्थानों, जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में पहले से ही लागू हो चुकी है. डीयू ने इसे 2013 में और बीएचयू ने 2015 में लागू किया था. एएमयू के डॉक्टरों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनावश्यक देरी और उदासीनता के कारण इस योजना को यहां लागू नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डीएसीपी योजना का उद्देश्य</strong><br />डीएसीपी का पूरा नाम डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन है. यह योजना केंद्र सरकार द्वारा सरकारी डॉक्टरों के करियर की प्रगति और वित्तीय लाभ सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी. यह योजना 2008 में यूजीसी ने लागू की थी. इस योजना के तहत डॉक्टरों की सेवा अवधि में चार बार प्रमोशन या वित्तीय उन्नयन सुनिश्चित करता है. इसका उद्देश्य डॉक्टरों के रैंक और पदोन्नति में असमानताओं को खत्म करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एएमयू में DACP क्यों नहीं लागू हुई? </strong><br />दरअसल, इससे पहले साल 2018 में एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में डीएसीपी लागू करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन 6 साल बीत जाने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टरों ने बताया कि डीएसीपी योजना के लागू न होने के कारण जेएनएमसी के डॉक्टर पिछले 10 से 15 सालों से एक ही पद पर रुके हुए हैं. उनका कहना है कि देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में उनके समकक्ष डॉक्टरों को प्रमोशन मिल चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉक्टरों का प्रदर्शन</strong><br />प्रशासनिक ब्लॉक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि डीएसीपी योजना 2009 में आई थी, इसे अन्य संस्थानों में लागू होने के बाद वहां के डॉक्टरों को पदोन्नति का लाभ मिल चुका है. हालांकि एएमयू प्रशासन ने अब तक इस पर विचार ही नहीं किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शन में शामिल एक डॉक्टर ने कहा, “यूनिवर्सिटी प्रशासन हमें यह बताए कि डीएसीपी योजना लागू होगी या नहीं. अगर लागू नहीं होती, तो हम आगे अपनी रणनीति तैयार करेंगे.” डॉक्टरों का आरोप है कि बार-बार अनुरोध और प्रदर्शन के बावजूद एएमयू प्रशासन इस योजना को लेकर गंभीर नहीं है. एएमयू का जेएनएमसी ऐसा इकलौता संस्थान है, जहां डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ही कार्यरत हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AMU प्रशासन से की ये मांग</strong><br />डॉक्टरों के प्रदर्शन और डीएसीपी लागू करने की मांग पर अब तक एएमयू प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे अपना प्रदर्शन और तेज कर देंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जेएनएमसी के डॉक्टरों ने कहा कि इस मुद्दे पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि प्रशासन पर दबाव बनाया जा सके. जेएनएमसी में डीएसीपी योजना के लागू न होने से डॉक्टरों में गहरी नाराजगी है. डॉक्टरों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से इस मामले में जल्द जरूरी कदम उठाने की मांग की है, जिससे डॉक्टरों की नाराजगी कम हो और संस्थान की साख बनी रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की जान को खतरा, ऑपरेशन के बाद पेट में छोड़ा रूमाल” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/saharanpur-district-hospital-doctors-left-clothes-pregnant-woman-stomach-after-operation-ann-2842392″ target=”_blank” rel=”noopener”>डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की जान को खतरा, ऑपरेशन के बाद पेट में छोड़ा रूमाल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News Today:</strong> अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का शुमार देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में होता है. हालांकि एएमयू का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JNMC) भारत का ऐसा इकलौता मेडिकल कॉलेज है, जहां सरकार की मंजूरी के बावजूद डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (DACP) स्कीम अब तक लागू नहीं हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर पिछले 10 से 15 सालों से प्रमोशन नहीं मिला है और वे एक ही पद असिस्टेंट प्रोफेसर पर कार्यरत हैं. इस मुद्दे को लेकर डॉक्टरों ने प्रशासनिक ब्लॉक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और डीएसीपी योजना को जल्द लागू करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीएसीपी योजना भारत के अन्य प्रमुख मेडिकल संस्थानों, जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में पहले से ही लागू हो चुकी है. डीयू ने इसे 2013 में और बीएचयू ने 2015 में लागू किया था. एएमयू के डॉक्टरों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनावश्यक देरी और उदासीनता के कारण इस योजना को यहां लागू नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डीएसीपी योजना का उद्देश्य</strong><br />डीएसीपी का पूरा नाम डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन है. यह योजना केंद्र सरकार द्वारा सरकारी डॉक्टरों के करियर की प्रगति और वित्तीय लाभ सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी. यह योजना 2008 में यूजीसी ने लागू की थी. इस योजना के तहत डॉक्टरों की सेवा अवधि में चार बार प्रमोशन या वित्तीय उन्नयन सुनिश्चित करता है. इसका उद्देश्य डॉक्टरों के रैंक और पदोन्नति में असमानताओं को खत्म करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एएमयू में DACP क्यों नहीं लागू हुई? </strong><br />दरअसल, इससे पहले साल 2018 में एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में डीएसीपी लागू करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन 6 साल बीत जाने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टरों ने बताया कि डीएसीपी योजना के लागू न होने के कारण जेएनएमसी के डॉक्टर पिछले 10 से 15 सालों से एक ही पद पर रुके हुए हैं. उनका कहना है कि देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में उनके समकक्ष डॉक्टरों को प्रमोशन मिल चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉक्टरों का प्रदर्शन</strong><br />प्रशासनिक ब्लॉक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि डीएसीपी योजना 2009 में आई थी, इसे अन्य संस्थानों में लागू होने के बाद वहां के डॉक्टरों को पदोन्नति का लाभ मिल चुका है. हालांकि एएमयू प्रशासन ने अब तक इस पर विचार ही नहीं किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शन में शामिल एक डॉक्टर ने कहा, “यूनिवर्सिटी प्रशासन हमें यह बताए कि डीएसीपी योजना लागू होगी या नहीं. अगर लागू नहीं होती, तो हम आगे अपनी रणनीति तैयार करेंगे.” डॉक्टरों का आरोप है कि बार-बार अनुरोध और प्रदर्शन के बावजूद एएमयू प्रशासन इस योजना को लेकर गंभीर नहीं है. एएमयू का जेएनएमसी ऐसा इकलौता संस्थान है, जहां डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ही कार्यरत हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AMU प्रशासन से की ये मांग</strong><br />डॉक्टरों के प्रदर्शन और डीएसीपी लागू करने की मांग पर अब तक एएमयू प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे अपना प्रदर्शन और तेज कर देंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जेएनएमसी के डॉक्टरों ने कहा कि इस मुद्दे पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि प्रशासन पर दबाव बनाया जा सके. जेएनएमसी में डीएसीपी योजना के लागू न होने से डॉक्टरों में गहरी नाराजगी है. डॉक्टरों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से इस मामले में जल्द जरूरी कदम उठाने की मांग की है, जिससे डॉक्टरों की नाराजगी कम हो और संस्थान की साख बनी रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की जान को खतरा, ऑपरेशन के बाद पेट में छोड़ा रूमाल” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/saharanpur-district-hospital-doctors-left-clothes-pregnant-woman-stomach-after-operation-ann-2842392″ target=”_blank” rel=”noopener”>डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की जान को खतरा, ऑपरेशन के बाद पेट में छोड़ा रूमाल</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड CM की ‘महिला संवाद यात्रा’ से पहले तेजस्वी यादव का बड़ा दांव, JDU-BJP ने कह दिया- मजबूरी में कर रहे…