बहराइच में 700 साल पुरानी लक्कड़ शाह बाबा की मजार को बुलडोजर से गिरा दिया गया। इस मजार के अलावा चमन शाह, भंवर शाह और शहंशाह बाबा की मजार भी गिराई गईं। कतर्नियाघाट जंगल में बनी ये तीनों मजारें भी 100 साल से ज्यादा पुरानी हैं। मंगलवार को सीएम योगी को बहराइच आना है। इससे दो दिन पहले बुलडोजर कार्रवाई की गई। लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर 16वीं सदी से उर्स मनाया जाता था। वन विभाग ने 5 जून को मजार कमेटी को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया था। उसके बाद 8 जून की रात को यह एक्शन लिया गया। एक वन अधिकारी ने बताया- मजार कमेटी के पास जमीन के कोई कागज नहीं हैं। बहराइच में मजारों पर बुलडोजर चलाने का यह पहला मामला है। इससे पहले अवैध दुकानों और घरों पर बुलडोजर चलाया गया था। मेले पर भी प्रशासन ने लगाई थी रोक
इससे पहले प्रशासन ने सुरक्षा कारणों के चलते कई मजारों पर लगने वाले मेलों पर भी रोक लगा दी थी। इनमें कतर्नियाघाट जंगल में स्थित लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर हर साल लगने वाला मेला भी शामिल था। इसको लेकर भी मेला आयोजकों ने विरोध जताया था। वहीं, प्रशासन ने कहा था कि मजार पर धार्मिक क्रियाकलाप और जियारत पर कोई रोक नहीं है। केवल भीड़ के जमा होने पर रोक लगाई गई है। प्रशासन ने मौके से श्रद्धालुओं को हटाया
मजार के सचिव इसरार ने बताया- रविवार रात प्रशासन ने मजार पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। रात में वहां पर कुछ कर्मचारी और श्रद्धालु मौजूद थे। लेकिन, उनको प्रशासन ने पहले ही हटा दिया था। इस मामले को लेकर मजार प्रबंधन हाईकोर्ट गया था। प्रशासन ने 5 जून के ट्रिब्यूनल के आदेश को रिसीव कराया और रात में बुलडोजर चला दिया। मौके पर पहले से ही पीएसी लगा दी गई थी। राजस्व, पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम ने मिलकर यह कार्रवाई की है। वन अधिकारी बोले- जमीन के कोई भी कागज पेश नहीं कर पाई कमेटी
कतर्निया घाट के प्रभागीय वन अधिकारी बी. शिवशंकर ने बताया- मजार के प्रबंधकों ने इस स्थान को वक्फ की जमीन बताया था। वन विभाग के सामने अपना दावा भी पेश किया था। लेकिन, वो लोग जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कोई कागजात पेश नहीं कर सके। इश कारण उनके दावे खारिज हो गए और ये कार्रवाई की गई। रईस अहमद बोले- यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
लक्कड़ शाह मजार प्रबंध समिति के अध्यक्ष रईस अहमद ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। मेले में यहां पर दोनों धर्मों के लोगों आते थे। इस स्थल से सभी की आस्था जुड़ी है। मेले में यहां पर 40% मुस्लिम और 60% हिंदू लोग आते हैं। —————————- यह खबर भी पढ़ें- गाजीपुर में मिली सोनम, ढाबे वाले से फोन लगवाया, रोकर बोली- भाई से बात करा दो; बाद में बताया- कई दिन से सोई नहीं इंदौर की सोनम रघुवंशी 17 दिन बाद यूपी के गाजीपुर में एक ढाबे पर बदहवास हालत में मिली। उसे वन स्टॉप सेंटर में पुलिस की निगरानी में रखा गया है। सोनम ने काले रंग की टी-शर्ट और लोअर पहन रखा है। बाल बिखरे हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि वह कई दिनों से सोई नहीं है। यहां पढ़ें पूरी खबर बहराइच में 700 साल पुरानी लक्कड़ शाह बाबा की मजार को बुलडोजर से गिरा दिया गया। इस मजार के अलावा चमन शाह, भंवर शाह और शहंशाह बाबा की मजार भी गिराई गईं। कतर्नियाघाट जंगल में बनी ये तीनों मजारें भी 100 साल से ज्यादा पुरानी हैं। मंगलवार को सीएम योगी को बहराइच आना है। इससे दो दिन पहले बुलडोजर कार्रवाई की गई। लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर 16वीं सदी से उर्स मनाया जाता था। वन विभाग ने 5 जून को मजार कमेटी को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया था। उसके बाद 8 जून की रात को यह एक्शन लिया गया। एक वन अधिकारी ने बताया- मजार कमेटी के पास जमीन के कोई कागज नहीं हैं। बहराइच में मजारों पर बुलडोजर चलाने का यह पहला मामला है। इससे पहले अवैध दुकानों और घरों पर बुलडोजर चलाया गया था। मेले पर भी प्रशासन ने लगाई थी रोक
इससे पहले प्रशासन ने सुरक्षा कारणों के चलते कई मजारों पर लगने वाले मेलों पर भी रोक लगा दी थी। इनमें कतर्नियाघाट जंगल में स्थित लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर हर साल लगने वाला मेला भी शामिल था। इसको लेकर भी मेला आयोजकों ने विरोध जताया था। वहीं, प्रशासन ने कहा था कि मजार पर धार्मिक क्रियाकलाप और जियारत पर कोई रोक नहीं है। केवल भीड़ के जमा होने पर रोक लगाई गई है। प्रशासन ने मौके से श्रद्धालुओं को हटाया
मजार के सचिव इसरार ने बताया- रविवार रात प्रशासन ने मजार पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। रात में वहां पर कुछ कर्मचारी और श्रद्धालु मौजूद थे। लेकिन, उनको प्रशासन ने पहले ही हटा दिया था। इस मामले को लेकर मजार प्रबंधन हाईकोर्ट गया था। प्रशासन ने 5 जून के ट्रिब्यूनल के आदेश को रिसीव कराया और रात में बुलडोजर चला दिया। मौके पर पहले से ही पीएसी लगा दी गई थी। राजस्व, पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम ने मिलकर यह कार्रवाई की है। वन अधिकारी बोले- जमीन के कोई भी कागज पेश नहीं कर पाई कमेटी
कतर्निया घाट के प्रभागीय वन अधिकारी बी. शिवशंकर ने बताया- मजार के प्रबंधकों ने इस स्थान को वक्फ की जमीन बताया था। वन विभाग के सामने अपना दावा भी पेश किया था। लेकिन, वो लोग जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कोई कागजात पेश नहीं कर सके। इश कारण उनके दावे खारिज हो गए और ये कार्रवाई की गई। रईस अहमद बोले- यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
लक्कड़ शाह मजार प्रबंध समिति के अध्यक्ष रईस अहमद ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। मेले में यहां पर दोनों धर्मों के लोगों आते थे। इस स्थल से सभी की आस्था जुड़ी है। मेले में यहां पर 40% मुस्लिम और 60% हिंदू लोग आते हैं। —————————- यह खबर भी पढ़ें- गाजीपुर में मिली सोनम, ढाबे वाले से फोन लगवाया, रोकर बोली- भाई से बात करा दो; बाद में बताया- कई दिन से सोई नहीं इंदौर की सोनम रघुवंशी 17 दिन बाद यूपी के गाजीपुर में एक ढाबे पर बदहवास हालत में मिली। उसे वन स्टॉप सेंटर में पुलिस की निगरानी में रखा गया है। सोनम ने काले रंग की टी-शर्ट और लोअर पहन रखा है। बाल बिखरे हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि वह कई दिनों से सोई नहीं है। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बहराइच में 700 साल पुरानी मजार पर चला बुलडोजर:100 साल पुरानी 3 और मजारें गिराई गईं; आज सीएम योगी आएंगे
