बहादुरगढ़ में पत्नी-बच्चों को मौत के घाट उतारा:पहले बेहोशी की दवा खिलाई, फिर हत्या की और पेट्रोल डालकर आग लगाई, तीन का हुआ पोस्टमार्टम

बहादुरगढ़ में पत्नी-बच्चों को मौत के घाट उतारा:पहले बेहोशी की दवा खिलाई, फिर हत्या की और पेट्रोल डालकर आग लगाई, तीन का हुआ पोस्टमार्टम

हरियाणा में झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में एक कारोबारी ने अपने पूरे परिवार को जिंदा जला दिया। प्लानिंग के तहत पहले उसने अपनी पत्नी, दो बेटों और एक बेटी को नींद की गोलियां खिलाई और फिर पेट्रोल छिड़क घर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस द्वारा बहादुरगढ़ अस्पताल में हरपाल की पत्नी-बच्चों में आज 3 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। हरपाल की बहन ने इस पर दुख जताया और कहा कि बच्चों को गोद में खेलाया करती थी। शनिवार (22 मार्च) की शाम सामने आए मामले को पहले AC के कंप्रेसर में विस्फोट से होने वाला हादसा माना जा रहा था, लेकिन घर में मिली पेट्रोल की बोतल सहित अन्य सबूतों से पुलिस तह तक पहुंची और आरोपी हरपाल को गिरफ्तार कर लिया। जिसे आज कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस को आरोपी के घर से डायरी में 12 पन्नों पर लिखा एक नोट भी मिला था। इसमें हरपाल ने अपनी बहन और जीजा पर धोखे से जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे। इसी कारण परिवार के साथ आत्महत्या करने की बात भी लिखी थी। DCP मयंक मिश्रा के मुताबिक इसी प्रापर्टी विवाद की वजह से हरपाल तनाव में था। इसी से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। पत्नी और बच्चों को मारने के बाद उसने भी नींद की गोली खाई थी, लेकिन आग लगने की वजह से पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया था। सोमवार (24 मार्च) को अब चारों शवों का पोस्टमॉर्टम होगा साथ ही आरोपी को कोर्ट में भी पेश किया जाएगा। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरा मामला… शनिवार को मकान से आई 2 धमाकों की आवाज शनिवार 22 मार्च की शाम बहादुरगढ़ के सेक्टर-9 के मकान नंबर 312 पी में 2 बार धमाका हुआ। इसकी सूचना पर पड़ोसी एकत्र हो गए। पड़ोसी प्रशांत ने बताया कि घर में करीब 6 बजे धमाका हुआ था। ऐसा लगा मानो हमारे घर का शीशा टूटा हो। बाहर निकलकर देखा तो पड़ोसी के घर में आग लगी थी। घर में धुआं भरा हुआ था। पास जाकर उसका दरवाजा खोलने की कोशिश की तो अंदर से लॉक था। दरवाजा तोड़ा, 3 बच्चे और एक महिला मृत मिली प्रशांत ने बताया कि हमने कुछ लोगों को इकट्‌ठा कर दरवाजा तोड़ा तो देखा कि मकान में रहने वाला सरदार हरपाल सिंह (48) दरवाजे के पास ही झुलसी हालत में पड़ा था। उसके हाथ, पैर और मुंह झुलसे हुए थे। उसे फौरन अस्पताल ले जाने का इंतजाम किया गया। वहीं, घर में अंदर जाकर देखा तो 3 बच्चों जसकीरत सिंह (17), चहक (11), सुखविंदर सिंह (9) के अलावा हरपाल की पत्नी संदीप कौर (38) के शव बेड पर पड़े हुए थे। चारों शव जले हुए थे। 7 महीने पहले परिवार रहने आया था, दी थी फर्जी आईडी DCP मयंक मिश्रा सूचना पर तुरंत घटना स्थल पहुंचे और मामले की जांच की। शुरुआती जांच में पता चला कि हरपाल सिंह कारोबारी है, उसका टांसपोर्ट का बिजनेस है। साथ ही वो उत्तराखंड के रुद्रपुर का रहने वाला है। वह अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ करीब 7 महीने पहले यहां किराए पर रहने आया था। घर एक मंजिला है। हादसे के समय घर अंदर से लॉक था। जांच में ये भी सामने आया कि हरपाल ने मकान मालिक ओमप्रकाश से किराए पर मकान लेते वक्त दिल्ली के पते की फर्जी आईडी दी थी। फोरेंसिक टीम ने की थी जांच इस मामले के बाद DCP मयंक मिश्रा ने बताया था कि 4 लोगों की ब्लास्ट में मौत हुई है, जबकि 1 गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने कई दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच शुरू की थी। फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया था। जांच की गई तो पता लगा कि घर में रखा सिलेंडर सही सलामत है, हालांकि AC यूनिट को नुकसान पहुंचा था लेकिन कंप्रेसर में ब्लास्ट की बात सामने नहीं आई थी। पुलिस विस्फोटक जांच दल को बुलाकर जांच कराई थी। रविवार को पुलिस को शक हुआ.. घर के अंदर से मिला सुसाइड नोट रविवार को पुलिस ने इस मामले में और गहनता से जांच की तो पेट्रोल की बोतल से शक गहरा गया। जांच में सामने आया कि यह हादसा नहीं बल्कि पूरे प्लान के तहत की गई हत्या है। हालांकि पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला जिसके मामले को फिर से उलझा दिया। सुसाइड नोट में हरपाल ने बताया था कि वो और उसका पूरा परिवार अपनी सगी बहन और दूसरे रिश्तेदारों से काफी परेशान थे। इसी परेशानी के कारण वो सभी आत्महत्या कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने हरपाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने प्रापर्टी विवाद के चलते अवसाद में चारों की हत्या की बात कबूल कर ली। खुद की भी जान देने की कोशिश की, लेकिन उसे बचा लिया गया। हरपाल के सुसाइड नोट में लिखी 3 अहम बातें पढें… 1. बहन-जीजा ने मिलकर मेरा घर हड़पा नोट में हरपाल ने लिखा “मैं आज अपने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने वाला हूं। मेरी हत्या का कारण मेरे सगे जीजा दलजीत सिंह पुत्र गुरूमुख सिंह और बहन परविंद्र कौर पत्नी दलजीत सिंह व उनकी फैमिली (निवासी वार्ड नंबर 8 सितारगंज उधम सिंह नगर उत्तराखंड) है। दलजीत सिंह ने मेरे घर की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली है। घर मैंने उनको सिर्फ रहने के लिए दिया था।” 2. बेटे का अपहरण कराया, मेरी बदनामी कराई उसने आगे लिखा “15 सितंबर 2017 को मेरे बेटे जसकीरत का अपहरण भी इन्होंने करवाया था। तब इनके साथियों ने मिलकर मेरी भी इन्क्वायरी करवा दी थी और मैं कुछ नहीं कर पाया था।दो तीन साल से इन्होंने मेरी हर जगह बदनामी की है कि मैंने इनसे 4 करोड़ रुपए ले रखा है। इन्होंने मुझको सब रिश्तेदारों और समाज में बदनाम कर दिया, जबकि मैंने इनसे कोई पैसा नहीं लिया। दलजीत सिंह ने मुझको दिमागी तौर पर बहुत परेशान कर दिया है। इससे मेरी पत्नी व बच्चे बहुत ज्यादा प्रभावित हो गए वो भी काफी परेशान थे। 3. परिवार की जीने की इच्छा खत्म हुई, सच सामने लाएं मेरी व मेरे परिवार की मौत के जिम्मेदार दलजीत सिंह, परविंदर कौर एवं उसकी पूरी फैमिली एवं उसके दोस्त हैं। दलजीत सिंह इनके दोस्त दर्शन सिंह, लक्खा सिंह और हमारे परिवार वाले सबने मिलकर हमें मानसिक और सामाजिक तौर पर बहुत परेशान किया है। मैं और मेरा परिवार इनको सामाजिक तौर पर झेलने में असमर्थ हैं। अब हमारी जीने की इच्छा खत्म हो गई है।” पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया खुलासा रविवार शाम करीब 4 बजे डीसीपी मयंक मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस को जब शक हुआ की घर में जानबूझकर आग लगाई गई है तो तभी हरपाल को पूछताछ के लिए बुला लिया गया था। हरपाल ने खुद कबूल किया की उसने ही अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतारा है। इस दौरान डीसीपी ने कहा कि पूरी वारदात कैसे हुई, इसकी जानकारी वह नहीं दे सकते। मगर, आरोपी ने पहले अपने परिवार को नींद की गोलियां दी और फिर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई। तेज धार हथियार से हमला भी किया था। खुद भी नींद की गोली खाई थी। मगर, आग लगने पर मकान में पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया। हरपाल की बहन ने जताया दुख पत्नी बच्चों की हत्या करने वाले आरोपी हरपाल की बहन परविंद्र कौर ने हादसे को लेकर दुख जताया है। हरपाल की बहन से फोन पर बात की गई तो उन्होंने दुख जाहिर करते हुए कहा कि बच्चों ने उसका क्या बिगाड़ा था। बोली कि बच्चों को गोद में बैठाकर खेलाया है। मेरे बच्चों के साथ बचपन में खेल कूद करते थे। यही नहीं बल्कि हरपाल भी हम 6 बहन भाइयों में सबसे छोटा था उसको भी मैंने गोद में खेलाया है। हरपाल की बहन ने कहा कि इस हत्या के पीछे उसने तो हमें ही दोषी बनाने का प्रयास किया है वे शवों को ले जाकर अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। जबकि हरपाल ने ही हमें करोड़ों रूपए का नुकसान दिया। हरपाल सहित 5 भाई एक बहन पत्नी-बच्चों की हत्या करने वाले हरपाल के 4 बड़े भाई और एक बहन है। परिवार में से कोई भी सदस्य शवों को लेने नहीं आया। हरपाल के सबसे बडे़ भाई मुख्विंदर सिंह उर्फ बग्गा, सुखजिंद्र सिंह जो कि विकलांग हैं, हरपिंद्र उर्फ बब्बी जो कि मजदूरी करता है, सुखवंत सिंह गुरूद्वारा में कीर्तन करता है और एक बहन परविंद्र सिंह जिसको हरपाल ने सुसाइड नोट के जरिए आरोपी बताया है। हरपाल की बहन के पति दलजीत सिंह ने बताया कि उसकी उम्र 72 साल की हो चुकी है और वह हार्ट पेसेंट है। उसने बताया कि हरपाल ने ही उसके साथ करोडों रूपए का धोखा किया है। अब भी कर्ज के कारण गलत पते के आधार पर जगह बदलता फिर रहा था। हरियाणा में झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में एक कारोबारी ने अपने पूरे परिवार को जिंदा जला दिया। प्लानिंग के तहत पहले उसने अपनी पत्नी, दो बेटों और एक बेटी को नींद की गोलियां खिलाई और फिर पेट्रोल छिड़क घर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस द्वारा बहादुरगढ़ अस्पताल में हरपाल की पत्नी-बच्चों में आज 3 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। हरपाल की बहन ने इस पर दुख जताया और कहा कि बच्चों को गोद में खेलाया करती थी। शनिवार (22 मार्च) की शाम सामने आए मामले को पहले AC के कंप्रेसर में विस्फोट से होने वाला हादसा माना जा रहा था, लेकिन घर में मिली पेट्रोल की बोतल सहित अन्य सबूतों से पुलिस तह तक पहुंची और आरोपी हरपाल को गिरफ्तार कर लिया। जिसे आज कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस को आरोपी के घर से डायरी में 12 पन्नों पर लिखा एक नोट भी मिला था। इसमें हरपाल ने अपनी बहन और जीजा पर धोखे से जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे। इसी कारण परिवार के साथ आत्महत्या करने की बात भी लिखी थी। DCP मयंक मिश्रा के मुताबिक इसी प्रापर्टी विवाद की वजह से हरपाल तनाव में था। इसी से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। पत्नी और बच्चों को मारने के बाद उसने भी नींद की गोली खाई थी, लेकिन आग लगने की वजह से पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया था। सोमवार (24 मार्च) को अब चारों शवों का पोस्टमॉर्टम होगा साथ ही आरोपी को कोर्ट में भी पेश किया जाएगा। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरा मामला… शनिवार को मकान से आई 2 धमाकों की आवाज शनिवार 22 मार्च की शाम बहादुरगढ़ के सेक्टर-9 के मकान नंबर 312 पी में 2 बार धमाका हुआ। इसकी सूचना पर पड़ोसी एकत्र हो गए। पड़ोसी प्रशांत ने बताया कि घर में करीब 6 बजे धमाका हुआ था। ऐसा लगा मानो हमारे घर का शीशा टूटा हो। बाहर निकलकर देखा तो पड़ोसी के घर में आग लगी थी। घर में धुआं भरा हुआ था। पास जाकर उसका दरवाजा खोलने की कोशिश की तो अंदर से लॉक था। दरवाजा तोड़ा, 3 बच्चे और एक महिला मृत मिली प्रशांत ने बताया कि हमने कुछ लोगों को इकट्‌ठा कर दरवाजा तोड़ा तो देखा कि मकान में रहने वाला सरदार हरपाल सिंह (48) दरवाजे के पास ही झुलसी हालत में पड़ा था। उसके हाथ, पैर और मुंह झुलसे हुए थे। उसे फौरन अस्पताल ले जाने का इंतजाम किया गया। वहीं, घर में अंदर जाकर देखा तो 3 बच्चों जसकीरत सिंह (17), चहक (11), सुखविंदर सिंह (9) के अलावा हरपाल की पत्नी संदीप कौर (38) के शव बेड पर पड़े हुए थे। चारों शव जले हुए थे। 7 महीने पहले परिवार रहने आया था, दी थी फर्जी आईडी DCP मयंक मिश्रा सूचना पर तुरंत घटना स्थल पहुंचे और मामले की जांच की। शुरुआती जांच में पता चला कि हरपाल सिंह कारोबारी है, उसका टांसपोर्ट का बिजनेस है। साथ ही वो उत्तराखंड के रुद्रपुर का रहने वाला है। वह अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ करीब 7 महीने पहले यहां किराए पर रहने आया था। घर एक मंजिला है। हादसे के समय घर अंदर से लॉक था। जांच में ये भी सामने आया कि हरपाल ने मकान मालिक ओमप्रकाश से किराए पर मकान लेते वक्त दिल्ली के पते की फर्जी आईडी दी थी। फोरेंसिक टीम ने की थी जांच इस मामले के बाद DCP मयंक मिश्रा ने बताया था कि 4 लोगों की ब्लास्ट में मौत हुई है, जबकि 1 गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने कई दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच शुरू की थी। फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया था। जांच की गई तो पता लगा कि घर में रखा सिलेंडर सही सलामत है, हालांकि AC यूनिट को नुकसान पहुंचा था लेकिन कंप्रेसर में ब्लास्ट की बात सामने नहीं आई थी। पुलिस विस्फोटक जांच दल को बुलाकर जांच कराई थी। रविवार को पुलिस को शक हुआ.. घर के अंदर से मिला सुसाइड नोट रविवार को पुलिस ने इस मामले में और गहनता से जांच की तो पेट्रोल की बोतल से शक गहरा गया। जांच में सामने आया कि यह हादसा नहीं बल्कि पूरे प्लान के तहत की गई हत्या है। हालांकि पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला जिसके मामले को फिर से उलझा दिया। सुसाइड नोट में हरपाल ने बताया था कि वो और उसका पूरा परिवार अपनी सगी बहन और दूसरे रिश्तेदारों से काफी परेशान थे। इसी परेशानी के कारण वो सभी आत्महत्या कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने हरपाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने प्रापर्टी विवाद के चलते अवसाद में चारों की हत्या की बात कबूल कर ली। खुद की भी जान देने की कोशिश की, लेकिन उसे बचा लिया गया। हरपाल के सुसाइड नोट में लिखी 3 अहम बातें पढें… 1. बहन-जीजा ने मिलकर मेरा घर हड़पा नोट में हरपाल ने लिखा “मैं आज अपने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने वाला हूं। मेरी हत्या का कारण मेरे सगे जीजा दलजीत सिंह पुत्र गुरूमुख सिंह और बहन परविंद्र कौर पत्नी दलजीत सिंह व उनकी फैमिली (निवासी वार्ड नंबर 8 सितारगंज उधम सिंह नगर उत्तराखंड) है। दलजीत सिंह ने मेरे घर की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली है। घर मैंने उनको सिर्फ रहने के लिए दिया था।” 2. बेटे का अपहरण कराया, मेरी बदनामी कराई उसने आगे लिखा “15 सितंबर 2017 को मेरे बेटे जसकीरत का अपहरण भी इन्होंने करवाया था। तब इनके साथियों ने मिलकर मेरी भी इन्क्वायरी करवा दी थी और मैं कुछ नहीं कर पाया था।दो तीन साल से इन्होंने मेरी हर जगह बदनामी की है कि मैंने इनसे 4 करोड़ रुपए ले रखा है। इन्होंने मुझको सब रिश्तेदारों और समाज में बदनाम कर दिया, जबकि मैंने इनसे कोई पैसा नहीं लिया। दलजीत सिंह ने मुझको दिमागी तौर पर बहुत परेशान कर दिया है। इससे मेरी पत्नी व बच्चे बहुत ज्यादा प्रभावित हो गए वो भी काफी परेशान थे। 3. परिवार की जीने की इच्छा खत्म हुई, सच सामने लाएं मेरी व मेरे परिवार की मौत के जिम्मेदार दलजीत सिंह, परविंदर कौर एवं उसकी पूरी फैमिली एवं उसके दोस्त हैं। दलजीत सिंह इनके दोस्त दर्शन सिंह, लक्खा सिंह और हमारे परिवार वाले सबने मिलकर हमें मानसिक और सामाजिक तौर पर बहुत परेशान किया है। मैं और मेरा परिवार इनको सामाजिक तौर पर झेलने में असमर्थ हैं। अब हमारी जीने की इच्छा खत्म हो गई है।” पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया खुलासा रविवार शाम करीब 4 बजे डीसीपी मयंक मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस को जब शक हुआ की घर में जानबूझकर आग लगाई गई है तो तभी हरपाल को पूछताछ के लिए बुला लिया गया था। हरपाल ने खुद कबूल किया की उसने ही अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतारा है। इस दौरान डीसीपी ने कहा कि पूरी वारदात कैसे हुई, इसकी जानकारी वह नहीं दे सकते। मगर, आरोपी ने पहले अपने परिवार को नींद की गोलियां दी और फिर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई। तेज धार हथियार से हमला भी किया था। खुद भी नींद की गोली खाई थी। मगर, आग लगने पर मकान में पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया। हरपाल की बहन ने जताया दुख पत्नी बच्चों की हत्या करने वाले आरोपी हरपाल की बहन परविंद्र कौर ने हादसे को लेकर दुख जताया है। हरपाल की बहन से फोन पर बात की गई तो उन्होंने दुख जाहिर करते हुए कहा कि बच्चों ने उसका क्या बिगाड़ा था। बोली कि बच्चों को गोद में बैठाकर खेलाया है। मेरे बच्चों के साथ बचपन में खेल कूद करते थे। यही नहीं बल्कि हरपाल भी हम 6 बहन भाइयों में सबसे छोटा था उसको भी मैंने गोद में खेलाया है। हरपाल की बहन ने कहा कि इस हत्या के पीछे उसने तो हमें ही दोषी बनाने का प्रयास किया है वे शवों को ले जाकर अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। जबकि हरपाल ने ही हमें करोड़ों रूपए का नुकसान दिया। हरपाल सहित 5 भाई एक बहन पत्नी-बच्चों की हत्या करने वाले हरपाल के 4 बड़े भाई और एक बहन है। परिवार में से कोई भी सदस्य शवों को लेने नहीं आया। हरपाल के सबसे बडे़ भाई मुख्विंदर सिंह उर्फ बग्गा, सुखजिंद्र सिंह जो कि विकलांग हैं, हरपिंद्र उर्फ बब्बी जो कि मजदूरी करता है, सुखवंत सिंह गुरूद्वारा में कीर्तन करता है और एक बहन परविंद्र सिंह जिसको हरपाल ने सुसाइड नोट के जरिए आरोपी बताया है। हरपाल की बहन के पति दलजीत सिंह ने बताया कि उसकी उम्र 72 साल की हो चुकी है और वह हार्ट पेसेंट है। उसने बताया कि हरपाल ने ही उसके साथ करोडों रूपए का धोखा किया है। अब भी कर्ज के कारण गलत पते के आधार पर जगह बदलता फिर रहा था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर