हरियाणा के बहादुरगढ़ के गांव सांखोल में मंगलवार रात रोहतक-दिल्ली रोड पर सीआईए स्टाफ के जवानों पर कार चढ़ाकर उनकी हत्या करने की कोशिश की गई। इस दौरान एक एएसआई ने गोली चलाकर अपनी जान बचाई। लेकिन बदमाश भागने में कामयाब हो गया। सेक्टर-6 थाना पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। शिकायतकर्ता एसआई रामअवतार के अनुसार वह सीआईए बेरी में तैनात हैं। मंगलवार रात वह एक केस की जांच के लिए गांव सांखोल में थे। इस दौरान सूचना मिली कि रोहतक की तरफ से टेंपरेरी नंबर की एक स्विफ्ट कार आएगी। इसमें एक संदिग्ध किस्म का युवक सवार है। इस सूचना के बाद उन्होंने एएसआई मुकेश और एचएचसी मदनपाल के साथ रोहतक-दिल्ली रोड पर चेक पोस्ट लगा दी। उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान हमने एक स्विफ्ट कार को रोका। चालक ने कारण पूछा तो हमने कहा कि हम पुलिस कर्मचारी हैं, हमें आपकी कार चेक करनी है। पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की चेकिंग की बात सुनते ही उसने तेज गति से कार को रिवर्स किया और फिर उसे आगे की तरफ भगाने लगा। हमने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन उसने आगे खड़े हमारे साथी मुकेश और मदनपाल को जान से मारने की नीयत से टक्कर मारने की कोशिश की। मुकेश ने अपनी सर्विस पिस्टल से गोली चलाई और किसी तरह खुद का बचाव किया। इसके बाद बदमाश बहादुरगढ़ की तरफ भाग गया। अगर एएसआई मुकेश ने आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाई होती तो जान का नुकसान हो सकता था। रात भर तलाश जारी रही, लेकिन कोई सुराग नहीं उधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद इलाके की पुलिस हरकत में आ गई। पूरी रात आरोपी की तलाश जारी रही लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। फिलहाल सेक्टर 6 थाने में शिकायत के आधार पर धारा 307, 279, 186, 353 आदि के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही आरोपी को ढूंढकर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा के बहादुरगढ़ के गांव सांखोल में मंगलवार रात रोहतक-दिल्ली रोड पर सीआईए स्टाफ के जवानों पर कार चढ़ाकर उनकी हत्या करने की कोशिश की गई। इस दौरान एक एएसआई ने गोली चलाकर अपनी जान बचाई। लेकिन बदमाश भागने में कामयाब हो गया। सेक्टर-6 थाना पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। शिकायतकर्ता एसआई रामअवतार के अनुसार वह सीआईए बेरी में तैनात हैं। मंगलवार रात वह एक केस की जांच के लिए गांव सांखोल में थे। इस दौरान सूचना मिली कि रोहतक की तरफ से टेंपरेरी नंबर की एक स्विफ्ट कार आएगी। इसमें एक संदिग्ध किस्म का युवक सवार है। इस सूचना के बाद उन्होंने एएसआई मुकेश और एचएचसी मदनपाल के साथ रोहतक-दिल्ली रोड पर चेक पोस्ट लगा दी। उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान हमने एक स्विफ्ट कार को रोका। चालक ने कारण पूछा तो हमने कहा कि हम पुलिस कर्मचारी हैं, हमें आपकी कार चेक करनी है। पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की चेकिंग की बात सुनते ही उसने तेज गति से कार को रिवर्स किया और फिर उसे आगे की तरफ भगाने लगा। हमने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन उसने आगे खड़े हमारे साथी मुकेश और मदनपाल को जान से मारने की नीयत से टक्कर मारने की कोशिश की। मुकेश ने अपनी सर्विस पिस्टल से गोली चलाई और किसी तरह खुद का बचाव किया। इसके बाद बदमाश बहादुरगढ़ की तरफ भाग गया। अगर एएसआई मुकेश ने आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाई होती तो जान का नुकसान हो सकता था। रात भर तलाश जारी रही, लेकिन कोई सुराग नहीं उधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद इलाके की पुलिस हरकत में आ गई। पूरी रात आरोपी की तलाश जारी रही लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। फिलहाल सेक्टर 6 थाने में शिकायत के आधार पर धारा 307, 279, 186, 353 आदि के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही आरोपी को ढूंढकर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में डंपर और कैंटर की टक्कर:तेज रफ्तार में अचानक ब्रैक लगाने से हादसा; चालक की मौके पर ही मौत, धारूहेड़ा में हुआ हादसा हरियाणा के रेवाड़ी जिले में दिल्ली-जयपुर हाइवे पर एक तेज रफ्तार डंपर द्वारा अचानक ब्रैक लगाने से पीछे चल रहा कैंटर उसमें जा घुसा। हादसे में कैंटर के चालक की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना के बाद धारूहेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, बावल के गांव धारण का रहने वाला हवा सिंह (40) अपने कैंटर में माल भरकर दिल्ली की तरफ जा रहा था। उसके पीछे-पीछे राजस्थान के खैरथल जिला निवासी नरेंद्र कुमार अपनी गाड़ी लेकर चल रहा था। धारूहेड़ा में दिल्ली-जयपुर हाइवे पर फ्लाईओवर के पास पहुंचे तो इन दोनों गाड़ियों को क्रॉस करते हुए पीछे से एक तेज रफ्तार में डंपर आया। अचानक लगाए ब्रैक डंपर ने अचानक एमरजेंसी ब्रैक लगा दिए, जिससे उसके पीछे चल रहा कैंटर उसमें जा घुसा। हादसे के बाद आरोपी डंपर चालक मौके से भाग गया। नरेंद्र ने अपनी गाड़ी को रोका और राहगिरों की मदद से हवा सिंह को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने हवा सिंह के शव को कब्जे में लेकर नरेंद्र की शिकायत पर फरार डंपर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
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हरियाणा कांग्रेस में टिकट वितरण पर घमासान:जीता हुड्डा का MP दीपेंद्र पर आरोप; BJP बोली- बापू-बेटे ने धोखा किया, भालू पर भरोसा किया हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की आई 31 केंडिडेट्स की लिस्ट पर घमासान मचा हुआ है। दो बड़े नेताओं के बाद अब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जीता हुड्डा ने बगावत कर दी है। बरोदा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट पर दावा ठोंक रहे जीता हुड्डा ने उनकी राजनीतिक हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि टिकट को लेकर मेरी बात भूपेंद्र हुड्डा से नहीं हुई थी, मैं उनको बाप की तरह मानता हूं। मैं उनके सामने कम ही बात करता हूं, वह इसलिए क्योंकि, वह मेरे पिता के अच्छे मित्र थे। मैं दीपेंद्र हुड्डा को अपना भाई मानता था, लेकिन इस चुनाव में भाई का गला काटने का काम दीपेंद्र हुड्डा ने किया है। हरियाणा बीजेपी ने कसा तंज… अब यहां पढ़िए क्यों जीता हुड्डा भड़के… दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर 31 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में बरोदा सीट से कांग्रेस ने इंदूराज सिंह नरवाल को टिकट दी है। जबकि जीता हुड्डा यहां से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनकी जगह पार्टी ने नरवाल को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। कौन हैं जीता हुड्डा जीता हुड्डा, श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे हैं। श्रीकृष्ण हुड्डा हरियाणा की किलोई और बरोदा विधानसभा से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 1987, 1996 व 2005 में वह किलोई से विधायक रहे। इसके बाद श्रीकृष्ण हुड्डा ने 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए किलोई सीट को छोड़ दिया। फिर वह बरोदा विधानसभा सीट से 2009, 2014, 2019 में विधायक बनने की हैट्रिक लगाई। श्रीकृष्ण हुड्डा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बहुत ही अच्छे मित्र और करीबी रहे हैं। यही वजह है कि जीता हुड्डा बरोदा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। हरियाणा बीजेपी ने कसा तंस हरियाणा में टिकट वितरण में मचे घमासान को लेकर हरियाणा भाजपा ने तंज कसा है। पार्टी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा है, “जीता हुड्डा का ज़मीर जाग गया है। इनके पिता स्व.कृष्ण हुड्डा ने 2005 में भूपिंदर हुड्डा के लिए किलोई की सीट खाली की थी, बड़ा त्याग किया था। लेकिन बाबू-बेटे ने धोखा किया और जीता हुड्डा की बजाय सिर्फ भालू पर ही भरोसा किया।
हरियाणा में समय से पहले हो सकते हैं विधानसभा चुनाव:25 अगस्त के बाद घोषणा संभव; सैनी सरकार अलर्ट, अधिकारी देर रात तक कामों में जुटे
हरियाणा में समय से पहले हो सकते हैं विधानसभा चुनाव:25 अगस्त के बाद घोषणा संभव; सैनी सरकार अलर्ट, अधिकारी देर रात तक कामों में जुटे हरियाणा में विधानसभा चुनाव तय समय से पहले हो सकते हैं। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) 25 अगस्त के बाद इसकी घोषणा करेगा। इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड शामिल हैं। ECI के सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के कारण चुनाव की डेट में बदलाव किया गया है। 2019 में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म होगा। समय से पहले विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा सरकार भी अलर्ट हो गई है। सीएम नायब सैनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) और टॉप ब्यूरोक्रेसी को अलर्ट कर दिया है। यही वजह है कि CMO के ऑफिसर्स देर रात तक काम कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल पहले ही बता चुके हैं कि विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय चुनाव आयोग की टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा दौरे पर आ रही है। स्थानीय स्तर पर सभी 22 जिलों मे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा EVM चेकिंग का काम किया जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 817 पोलिंग बूथ नए बनाए गए हैं, जिसके बाद पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 20,629 हो गई है। समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने की ये 3 बड़ी वजहें… 1. जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में 2018 से सरकार नहीं है। यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। यहां अब विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां सितंबर 2024 में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, जबकि हरियाणा सहित 3 अन्य राज्यों में अक्टूबर 2024 में विधानसभा प्रस्तावित है। जम्मू-कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती है। आर्टिकल 370 हटने के बाद यहां पिछले कुछ दिनों से आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं, ऐसे में केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव कराकर इतिश्री करना चाहती है। यही वजह है कि दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने पड़ रहे हैं। 2. विपक्ष को ज्यादा टाइम देने के मूड में नहीं केंद्र राजनीतिक जानकारों का कहना है लोकसभा चुनाव के बाद BJP के लिए इन चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव बड़े महत्वपूर्ण होने वाले हैं। इन राज्यों के चुनाव का सीधा असर केंद्र की सरकार पर पड़ेगा। चूंकि अभी भाजपा ने केंद्र में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के सहयोग से बनी है। यदि इन राज्यों में भाजपा को अच्छे परिणाम नहीं मिले तो जाहिर है कि इसका सीधा सरकार गठबंधन के सहयोगियों पर भी पड़ेगा। जल्द चुनाव होने से विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस को अपनी तैयारियों को लेकर टाइम नहीं मिल पाएगा। 3. हरियाणा में भी BJP चाहती है जल्दी चुनाव केंद्र के साथ हरियाणा BJP भी यह चाहती है कि यहां समय से पहले ही विधानसभा चुनाव हों। इसका इनपुट हरियाणा की टॉप लीडरशिप केंद्र को दे चुकी है। यदि यहां समय से पहले चुनाव होते हैं तो हरियाणा सरकार विधानसभा में मानसून सेशन एक दिन का कर सकती है। संविधान विशेषज्ञ राम नारायण यादव ने बताया आर्टिकल 174 के कारण सरकार को 6 महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। चाहे वह एक दिन ही सत्र क्यों न हो। हरियाणा में BJP-JJP गठबंधन की सरकार थी, इसी साल अलग हुए दोनों हरियाणा में 2019 में पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा को 41 और जजपा को 10 सीट मिली थीं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के साथ भाजपा ने सरकार बनाई थी। मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि वह 5 साल कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इसी साल 12 मार्च को जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दावा किया कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है। मीटिंग में भाजपा के 41 और 7 निर्दलीय विधायक शामिल हुए थे, यानी 48। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायकों का सपोर्ट चाहिए था। लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को 5-5 सीट मिलीं लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने 5 सीटें जीतीं। वहीं भाजपा को भी 5 सीटों पर जीत मिली। 2019 में भाजपा ने यहां 10 में से 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को यहां एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। उनके दिग्गज नेता तक चुनाव हार गए थे। हरियाणा विधानसभा में बदल चुकी स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। अब भाजपा, कांग्रेस के पास विधायकों की क्या है संख्या मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29 (किरण चौधरी अभी कांग्रेस विधायक हैं, स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।), जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक हैं।