यूपी में दिवाली की धूम है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी समेत सभी जिलों में जश्न का माहौल है। वाराणसी में अस्सी घाट पर 1100 दीप जलाए गए। गंगा आरती के दौरान आतिशबाजी हुई। विश्वनाथ कॉरिडोर को दुल्हन की तरह सजाया गया। मथुरा में दिवाली पर बांके बिहारी मंदिर ने राजा रामचंद्र रूप में दर्शन दिए। उन्होंने धनुष-बाण भी धारण किया। यहां भक्तों ने दीपदान भी किया। अयोध्या में रामलला ने डिजाइनर कपड़े पहने। वहीं, सरकारी ऑफिस और घर सजे हुए हैं। हर घर और गली-मोहल्ले दीपों की रोशनी से जगमग हैं। वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की आरती उतारी। शाम होते ही लोगों ने अपने घरों में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर भगवान की पूजा करनी शुरू कर दी। दीपावली की पल-पल की अपडेट जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…. यूपी में दिवाली की धूम है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी समेत सभी जिलों में जश्न का माहौल है। वाराणसी में अस्सी घाट पर 1100 दीप जलाए गए। गंगा आरती के दौरान आतिशबाजी हुई। विश्वनाथ कॉरिडोर को दुल्हन की तरह सजाया गया। मथुरा में दिवाली पर बांके बिहारी मंदिर ने राजा रामचंद्र रूप में दर्शन दिए। उन्होंने धनुष-बाण भी धारण किया। यहां भक्तों ने दीपदान भी किया। अयोध्या में रामलला ने डिजाइनर कपड़े पहने। वहीं, सरकारी ऑफिस और घर सजे हुए हैं। हर घर और गली-मोहल्ले दीपों की रोशनी से जगमग हैं। वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की आरती उतारी। शाम होते ही लोगों ने अपने घरों में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर भगवान की पूजा करनी शुरू कर दी। दीपावली की पल-पल की अपडेट जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पंजाब के डीजीपी आए एक्शन मोड में:मोहाली के थाने का औचक निरीक्षण, लोगों की दिक्कतों को सुना, मुलाजिम से सवाल-जवाब पंजाब के DGP गौरव यादव एक्शन मोड में आ गए हैं। आज उन्होंने मोहाली के फेज-11 के थाने का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को दी जा सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही मुलाजिमों की दिक्कतों को जाना। इस दौरान उन्होंने थाने के एसएचओ रूम, मुंशी रूम, आईओ रूम और बैरक का निरीक्षण किया। DGP ने सांझ केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने महिला मित्रों से बातचीत की और उन्हें समुदाय की सेवा के प्रति निरंतर काम करने के लिए प्रेरित किया। तस्वीरों में डीजीपी की चेकिंग डीजीपी पहले बलौंगी गए, फिर थाने की चेकिंग की पंजाब पुलिस की तरफ से आज पूरे राज्य में CASO ऑपरेशन चलाया गया था। इसकी अगुवाई खुद DGP कर रहे थे। पहले डीजीपी ने बलौंगी एरिया का दौरा किया था। इसके बाद वह चंडीगढ़ से सटे फेज-11 के थाने में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पुलिस के सीनियर अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने सारे थाने का जायजा लिया। केस दर्ज करवाने आए से लोगों की मुश्किलों को जाना । हालांकि किसी तरह कोई खामी चेकिंग में सामने नहीं आई। इस दौरान अन्य थानों के अधिकारी भी वहां पर पहुंच गए। उन्होंने मुलाजिमों से उनका वर्किंग भी समझा। मुलाजिमों की संख्या से लेकर सारी दिक्कतों का जाना डीजीपी ने सबसे पहले थाने के मुंशी के कमरों का जायजा लिया। जहां पर उन्होंने शिकायत दर्ज करवाने आए लोगों से सवाल जवाब किए। अधिकतर इमिग्रेशन वाले वहां पर आए हुए थे। इसके बाद उन्होंने सीनियर अधिकारियों से पूछा कि एक थाने में कितने मुलाजिम तैनात है। अधिकारियों ने बताया कि 20 से 25 मुलाजिम। फिर थानों की संख्या पूछी गई। अधिकारियों ने कहा कि 21 थाने है। इस हिसाब से मुलाजिमों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 600 के करीब मुलाजिम काम कर रहे है। ऐसे में इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
Jammu Kashmir Election Result: किसी को 100 तो किसी को 300 वोट…चुनाव लड़े पूर्व आतंकियों और इंजीनियर रशीद का जानें हाल
Jammu Kashmir Election Result: किसी को 100 तो किसी को 300 वोट…चुनाव लड़े पूर्व आतंकियों और इंजीनियर रशीद का जानें हाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Election Result 2024:</strong> 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में कम से कम 30 प्रत्याशी ऐसे थे, जो या तो इतिहास में आतंकी रह चुके हैं या फिर उनकी जुबान अलगाववाद की रही है. कभी हथियार के बल पर कश्मीर की आजादी का सपना देखने वाले ये सभी पूर्व आतंकी और अलगाववादी नेता इस बार लोकतांत्रिक तरीके पर यकीन करके चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे, जिनमें आतंकी अफजल गुरु के भाई से लेकर यूएपीए के तहत जेल में बंद और अभी जमानत पर रिहा इंजीनियर रशीद के भाई भी उम्मीदवार थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आतंकवाद से जुड़े प्रत्याशियों के नाम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आतंकवाद से जुड़े प्रत्याशियों में सबसे बड़ा नाम है ऐजाज अहमद गुरु का, जो संसद भवन पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु के भाई हैं. ऐजाज अहमद का भाई तो आतंकी था, जिसे अदालत के फैसले के बाद फांसी दे दी गई, लेकिन ऐजाज अहमद गुरु ने लोकतंत्र का रास्ता चुना और चुनाव में उतरे. हालांकि अफजल गुरु का भाई होने की वजह से घाटी ने उन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महज 129 वोट मिले</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐजाज अहमद गुरु जिस सोपोर सीट से चुनाव लड़े थे, वहां उनसे ज्यादा वोट तो नोटा को मिले हैं. ऐजाज अहमद गुरु को सोपोर में महज 129 वोट मिले, जबकि नोटा को इस सीट से 341 वोट मिले हैं. सोपोर की सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता इरशाद रसूल कर ने जीत दर्ज की है. गठबंधन के बावजूद इस सीट पर कांग्रेस ने भी उम्मीदवार उतारे थे, जिन्हें महज 5167 वोट ही मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंजीनियर रशीद का हाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बाकी इस पूरे चुनाव में बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद ने भी अपने 44 उम्मीदवार उतारे थे. इंजीनियर रशीद ने लोकसभा के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को मात दी थी, तो सबकी निगाहें विधानसभा चुनाव में भी इंजीनियर रशीद और उनके प्रत्याशियों पर थीं. लेकिन पूरे चुनाव में इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख के अलावा और कोई भी प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद भी उसी लंगेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, जहां से पहले इंजीनियर रशीद खुद विधायक हुआ करते थे. बाकी उम्मीदवारों में इंजीनियर रशीद की पार्टी के प्रवक्ता फिरदौस बाबा और रशीद इंजीनियर के करीबी कारोबारी शेख आशिक हुसैन भी थे, जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोहम्मद फारुख खान को मिले 100 वोट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव में जमात-ए-इस्लामी ने भी अपने चार उम्मीदवार उतारे थे और चार दूसरे उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया था. लेकिन कुलगाम से उम्मीदवार शायर अहमद रेशी के अलावा और कोई भी जमात-ए-इस्लामी या उसका समर्थक उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपने वक्त में कश्मीर के सबसे बड़े आतंकियों में शुमार हुआ करता था सैफुल्लाह. उसका असली नाम मोहम्मद फारुख खान है . वो जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का कमांडर हुआ करता था. लेकिन इस चुनाव में उसने समाजवादी पार्टी के टिकट पर हब्बाकदल से चुनाव लड़ा था. उसे महज 100 वोट ही मिल पाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उस्मान माजिद को भी मिली हार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस लिस्ट में एक और बड़ा नाम उस्मान माजिद का भी है. उस्मान माजिद भी जम्मू-कश्मीर में मिलिटेंसी से जुड़े थे. 90 के दशक में मिलिटेंसी छोड़ चुनाव में उतरे. बांदीपोरा से दो बार के विधायक भी बने. लेकिन इस बार बांदिपोरा से कांग्रेस के निजामुद्दीन भट ने जीत दर्ज की है. वहीं उस्मान माजिद दूसरे नंबर पर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के नेता गुलजार अहमद डार भी 90 के दशक में पीओके गए थे. हथियार उठाए थे, लेकिन 1994 में सरेंडर करने के बाद सेना के साथ मिलकर काम करने लगे. इस बार चुनाव में दमहाल हांजी पोरा से पीडीपी के उम्मीदवार थे. लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा और इस सीट पर जीत हुई नेशनल कॉन्फ्रेंस की उम्मीदवार सकीना मसूद की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यानी कि अगर इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद को छोड़ दें, तो बाकी किसी भी पुराने आतंकवादी या अलगाववादी नेता को घाटी में समर्थन नहीं मिला है और सब के सब जनता की ओर से खारिज कर दिए गए हैं, जिसे लोकतंत्र के एक अच्छे संकेत के तौर पर देखा जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कौन हैं जम्मू-कश्मीर में जीत दर्ज करने वाली शगुन परिहार? इन महिला उम्मीदवारों ने भी मारी बाजी” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-assembly-election-result-2024-who-is-shagun-parihar-won-including-women-candidate-shamim-firdous-sakina-masood-2800179″ target=”_self”>कौन हैं जम्मू-कश्मीर में जीत दर्ज करने वाली शगुन परिहार? इन महिला उम्मीदवारों ने भी मारी बाजी</a></strong></p>
दुनिया के सबसे बड़े महाकुंभ मेले का शुभारंभ:नगर प्रवेश के साथ प्रयागराज पहुंचे जूना और किन्रर अखाड़े के हजारों साधु-संत, संगम की रेती पर करेंगे तप
दुनिया के सबसे बड़े महाकुंभ मेले का शुभारंभ:नगर प्रवेश के साथ प्रयागराज पहुंचे जूना और किन्रर अखाड़े के हजारों साधु-संत, संगम की रेती पर करेंगे तप दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ-2025 का शुभारंभ हो गया। साधु-संतों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का नगर प्रवेश हो चुका है। साथ में किन्नर अखाड़ा भी नगर प्रवेश कर चुका है। इन अखाड़ों के हजारों साधु-संत संगमनगरी में पहुंच गए हैं। इन अखाड़ों ने जब नगर प्रवेश किया तो पूरा शहर उनके स्वागत में सड़कों पर उतर गया। अलग-अलग वेश में रथ पर व घोड़ों पर सवार होकर यह साधु-संत जब शहर की तरफ प्रवेश करने लगे तो हर कोई हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और उनका स्वागत किया। मेला प्राधिकरण व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने माला पहनाकर सभी का नगर में स्वागत किया। अखाड़ों के आगमन का क्रम अब जारी हो गया है। अभी इसी तरह शेष 12 अखाड़े नगर प्रवेश करेंगे। देश-विदेश से 5 हजार से ज्यादा किन्नर आएंगे संगनगरी किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में देश-विदेश से 5 हजार किन्नर साधु-संत प्रयागराज आएंगे। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ में किन्नर अखाड़ा नगर प्रवेश किया था और दैव्त्य यात्रा भी निकाली गई थी। इस बार महाकुंभ में किन्नर बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। किन्नर अखाड़े की मेला प्रभारी व महामंडेलश्वर कौशल्या नंद गिरि (टीना मां) ने बताया कि 5 हजार से ज्यादा किन्नर साधु-संत पहुंचेंगे। हम लोग इसकी तैयारी में जुटे हैं। साधु-सन्यासी अब संगमगनरी में ही करेंगे प्रवास शहर के बाहर रामापुर गांव के हनुमान मंदिर से अपने रमता पंच के साथ अखाड़े के संन्यासियों और महात्माओं की भव्य नगर प्रवेश यात्रा शुरू हुई। जिसका समापन शहर में जूना अखाड़े के मौज गिरी आश्रम में हुआ। चांदी के सिंहासन पर सवार अखाड़ों के महामंडलेश्वरों पर मार्ग में स्थानीय जनता ने पुष्प वर्षा की। अखाड़े के साधु संत अब यहीं प्रवास करेंगे।
14 दिसंबर को जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में अखाड़े का कुंभ क्षेत्र में प्रवेश होगा। अखाड़ों के साधु-संत व अधिकारियों के बीच चल रही वार्ता अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि महाकुंभ के आयोजन में सुव्यवस्था और अन्य विषयों को लेकर मेला प्रशासन की तरफ से सभी अखाड़ों के साधु-संतों, खाक चौक व्यवस्था समिति के महात्माओं, आचार्य बाड़ा, दंडी बाड़ा, तीर्थ पुरोहितों और संस्थाओं से निरंतर संवाद बनाया जा रहा है। सभी के विचारों की सहभागिता को सुनिश्चित स्थान दिया जा सके। वहीं, एसएसपी महाकुंभ, राजेश द्विवेदी का कहना है कि कुंभ और महाकुंभ में अखाड़ों की हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस परंपरा को जारी रखने के लिए सभी अखाड़ों से आपसी समन्वय बनाया जा रहा है। यह संवाद उसी कड़ी का हिस्सा है। उनके सुझावों और समस्याओं पर विचार किया जा रहा है, ताकि इस महा आयोजन से पूर्व उनका समाधान कर आयोजन को सफल बनाया जा सके। सहभागिता से मिल रहा है महाकुंभ को नव्य स्वरूप श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी बताते हैं कि कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के व्यवस्थित आयोजन के लिए महाकुंभ मेला प्रशासन की तरफ से निरंतर अधिकारी उनसे संपर्क कर रहे हैं। अधिकारी खुद ही अखाड़ों में पहुंचकर व्यवस्था को सर्वोत्तम स्वरूप देने के लिए अखाड़ों की राय ले रहे हैं।
संवाद की यह परपंरा इस आयोजन को नव्य स्वरूप देने में अवश्य मदद कर रही है। श्री पंच दशनाम अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी का कहना है अखाड़ों की परम्पराओं के अनुपालन के क्रम में नगर प्रवेश, कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों की प्रवेश की शोभायात्रा से लेकर साधु संतो की सभी व्यवस्थाओं पर निरंतर कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारी उनसे संपर्क कर रहे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस मुस्तैद नगर प्रवेश यात्रा के सकुशल समापन के लिए महाकुंभ प्रशासन की तरफ से भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी की अगुवाई में प्रस्थान स्थल रामापुर से प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें अखाड़े के साधु संतों के साथ साथ चलती रहीं।
मार्ग में सुचारू रूप से यातायात संचालन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए चार सर्किल ऑफिसर, 6 इंस्पेक्टर, 9 सब इंस्पेक्टर और 200 से ज्यादा पुलिस के जवानों की तैनाती की गई। जिला पुलिस के जवान अलग से विभिन्न मार्गों में यातायात व्यवस्था के लिए मुस्तैद दिखे। नगर प्रवेश यात्रा के दौरान कहीं सड़कों में जाम न लगने पाए इसकी व्यवस्था की गई थी।