बाढ़ का स्थायी समाधान निकालेगी योगी सरकार:नदियों का होगा ड्रोन सर्वे, सीएम ने दिए 31 मार्च से पहले सभी ड्रेन की सफाई के निर्देश

बाढ़ का स्थायी समाधान निकालेगी योगी सरकार:नदियों का होगा ड्रोन सर्वे, सीएम ने दिए 31 मार्च से पहले सभी ड्रेन की सफाई के निर्देश

यूपी सरकार बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकालेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए नदियों की स्थानीय परिस्थितियों की स्टडी के निर्देश दिए हैं। सीएम ने शुक्रवार को बाढ़ संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान कहा कि जहां कहीं नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट ज्यादा हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए और नदी को चैनलाइज किया जाए। अगर ड्रेजिंग से समाधान होना संभव न हो, तब ही तटबंध अथवा अन्य उपाय अपनाए जाएं। सीएम ने निर्देश दिए कि सभी नदियों के ड्रोन सर्वे कर स्थानीय परिस्थितियों के बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर ली जाए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में जन-धन हानि का कारण रही है बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए पिछले 8 साल में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई ने सीएम को अवगत कराया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं। इसमें 305 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2024-25 में पूरी की गई हैं। 2024-25 में हुए प्रयासों से 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि और 60.45 लाख की आबादी को लाभ हुआ है। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि वर्तमान सत्र के लिए तय की गईं परियोजनाओं का बाकी कार्य प्राथमिकता के आधार पर नियत समय के भीतर पूरा करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी से न केवल कार्य प्रभावित होता है, बल्कि वित्तीय बजट भी बढ़ता है। ऐसे में सभी को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए। संवेदनशील तटबंधों का निरीक्षण करें अधिकारी सीएम ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं। यहां विभाग को अलर्ट मोड में रहना होगा। अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण करें। सीएम ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 3869 किमी लंबाई वाले 523 तटबंध निर्मित हैं, जबकि 60047 किलोमीटर लंबाई के 10727 ड्रेन हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की सतत निगरानी की जाए। ड्रेन की सफाई 31 मार्च से पहले करने के निर्देश सीएम योगी ने कहा कि सभी ड्रेन की सफाई 31 मार्च के पहले करा ली जाए। राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड में रहें। उन्होंने कहा कि श्रावस्ती, गोण्डा, सीतापुर, हरदोई एवं बाराबंकी में प्रस्तावित कार्यों को समय से गुणवत्ता के साथ पूरा कर लिया जाए। साथ ही नदियों में अवैध खनन की गतिविधि कहीं भी न हो सके, इसके लिए लगातार मॉनीटरिंग की जाती रहे। यूपी सरकार बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकालेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए नदियों की स्थानीय परिस्थितियों की स्टडी के निर्देश दिए हैं। सीएम ने शुक्रवार को बाढ़ संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान कहा कि जहां कहीं नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट ज्यादा हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए और नदी को चैनलाइज किया जाए। अगर ड्रेजिंग से समाधान होना संभव न हो, तब ही तटबंध अथवा अन्य उपाय अपनाए जाएं। सीएम ने निर्देश दिए कि सभी नदियों के ड्रोन सर्वे कर स्थानीय परिस्थितियों के बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर ली जाए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में जन-धन हानि का कारण रही है बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए पिछले 8 साल में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई ने सीएम को अवगत कराया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं। इसमें 305 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2024-25 में पूरी की गई हैं। 2024-25 में हुए प्रयासों से 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि और 60.45 लाख की आबादी को लाभ हुआ है। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि वर्तमान सत्र के लिए तय की गईं परियोजनाओं का बाकी कार्य प्राथमिकता के आधार पर नियत समय के भीतर पूरा करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी से न केवल कार्य प्रभावित होता है, बल्कि वित्तीय बजट भी बढ़ता है। ऐसे में सभी को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए। संवेदनशील तटबंधों का निरीक्षण करें अधिकारी सीएम ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं। यहां विभाग को अलर्ट मोड में रहना होगा। अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण करें। सीएम ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 3869 किमी लंबाई वाले 523 तटबंध निर्मित हैं, जबकि 60047 किलोमीटर लंबाई के 10727 ड्रेन हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की सतत निगरानी की जाए। ड्रेन की सफाई 31 मार्च से पहले करने के निर्देश सीएम योगी ने कहा कि सभी ड्रेन की सफाई 31 मार्च के पहले करा ली जाए। राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड में रहें। उन्होंने कहा कि श्रावस्ती, गोण्डा, सीतापुर, हरदोई एवं बाराबंकी में प्रस्तावित कार्यों को समय से गुणवत्ता के साथ पूरा कर लिया जाए। साथ ही नदियों में अवैध खनन की गतिविधि कहीं भी न हो सके, इसके लिए लगातार मॉनीटरिंग की जाती रहे।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर