बाबा ईश्वर सिंह नानकसर कलेरा के 112वें व बाबा जगीर सिंह के 100वें जन्मदिवस पर समागम करवाया

बाबा ईश्वर सिंह नानकसर कलेरा के 112वें व बाबा जगीर सिंह के 100वें जन्मदिवस पर समागम करवाया

भास्कर न्यूज |लुधियाना बाबा ईश्वर सिंह नानकसर कलेरा वाले जी के 112वें जन्म दिवस और बाबा जगीर सिंह जी के 100वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कीर्तन समागम का भव्य आयोजन किया। इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु संगत की भारी उपस्थिति देखी गई, जिन्होंने पूरे श्रद्धा भाव से कार्यक्रम में भाग लिया। समागम की शुरुआत गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पंज प्यारों की अगुवाई में निकाले गए नगर कीर्तन से हुई। इस नगर कीर्तन में ढोल-नगाड़े, बैंड-बाजा और गतका टीमों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। संगत ने श्रद्धा और उत्साह के साथ नगर कीर्तन में भाग लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा। शाम के समय विशेष कीर्तन समागम आयोजित किया गया, जिसमें श्री दरबार साहिब के प्रसिद्ध हजूरी रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को आध्यात्मिक आनंद से सराबोर कर दिया। इस अवसर पर बाबा धना सिंह जी और बाबा ईश्वर सिंह जी ने उपस्थित संगत का धन्यवाद किया और इस पावन समागम का महत्व बताया।बाबा धना सिंह जी ने बताया कि इस पावन समागम के दौरान लगातार 26 दिनों तक श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ आयोजित किए गए, जिसमें 100 के करीब पाठी सिंह दिन-रात सेवा में लगे रहे। यह सेवा न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव थी, बल्कि समर्पण और श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण भी रही। इस अवसर पर प्रसिद्ध गुरबाणी कीर्तन गायकों ने संगत को गुरु की वाणी से जोड़ा। भाई हरजोत सिंह जख्मी, भाई कुलदीप सिंह और भाई बलबीर सिंह सहित अन्य हजूरी रागी जत्थों ने मधुर कीर्तन प्रस्तुत किए। विशेष रूप से, घरती ते रब आ गया, संगत हथ जोड़ शुक्र गुजारे… और साहिब मेरा नीत नवा सदा सदा दातार जैसे शबद कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। इसका अर्थ बताया गया कि ईश्वर हमेशा नया और ताजा है, क्योंकि ब्रह्मांड निरंतर परिवर्तनशील है और नई ऊर्जाओं से बना हुआ है। समागम के अंत में उन सभी रागी जत्थों और पाठी सिंहों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया जिन्होंने 26 दिनों तक लगातार सेवा की। यह सम्मान उन सभी सेवकों की भक्ति और समर्पण को मान्यता देने के लिए किया गया, जिन्होंने इस पवित्र आयोजन को सफल बनाया। सभी श्रद्धालुओं के लिए विशाल लंगर सेवा का आयोजन किया गया। संगत ने भिन्न-भिन्न प्रकार के लंगरों की सेवा लगाई, जिसमें मिठाइयां, पारंपरिक व्यंजन और ठंडे-गरम पेय पदार्थ शामिल थे। इस सेवा में श्रद्धालुओं ने तन-मन-धन से सहयोग किया और लंगर की महिमा को और बढ़ाया। भास्कर न्यूज |लुधियाना बाबा ईश्वर सिंह नानकसर कलेरा वाले जी के 112वें जन्म दिवस और बाबा जगीर सिंह जी के 100वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कीर्तन समागम का भव्य आयोजन किया। इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु संगत की भारी उपस्थिति देखी गई, जिन्होंने पूरे श्रद्धा भाव से कार्यक्रम में भाग लिया। समागम की शुरुआत गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पंज प्यारों की अगुवाई में निकाले गए नगर कीर्तन से हुई। इस नगर कीर्तन में ढोल-नगाड़े, बैंड-बाजा और गतका टीमों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। संगत ने श्रद्धा और उत्साह के साथ नगर कीर्तन में भाग लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा। शाम के समय विशेष कीर्तन समागम आयोजित किया गया, जिसमें श्री दरबार साहिब के प्रसिद्ध हजूरी रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को आध्यात्मिक आनंद से सराबोर कर दिया। इस अवसर पर बाबा धना सिंह जी और बाबा ईश्वर सिंह जी ने उपस्थित संगत का धन्यवाद किया और इस पावन समागम का महत्व बताया।बाबा धना सिंह जी ने बताया कि इस पावन समागम के दौरान लगातार 26 दिनों तक श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ आयोजित किए गए, जिसमें 100 के करीब पाठी सिंह दिन-रात सेवा में लगे रहे। यह सेवा न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव थी, बल्कि समर्पण और श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण भी रही। इस अवसर पर प्रसिद्ध गुरबाणी कीर्तन गायकों ने संगत को गुरु की वाणी से जोड़ा। भाई हरजोत सिंह जख्मी, भाई कुलदीप सिंह और भाई बलबीर सिंह सहित अन्य हजूरी रागी जत्थों ने मधुर कीर्तन प्रस्तुत किए। विशेष रूप से, घरती ते रब आ गया, संगत हथ जोड़ शुक्र गुजारे… और साहिब मेरा नीत नवा सदा सदा दातार जैसे शबद कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। इसका अर्थ बताया गया कि ईश्वर हमेशा नया और ताजा है, क्योंकि ब्रह्मांड निरंतर परिवर्तनशील है और नई ऊर्जाओं से बना हुआ है। समागम के अंत में उन सभी रागी जत्थों और पाठी सिंहों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया जिन्होंने 26 दिनों तक लगातार सेवा की। यह सम्मान उन सभी सेवकों की भक्ति और समर्पण को मान्यता देने के लिए किया गया, जिन्होंने इस पवित्र आयोजन को सफल बनाया। सभी श्रद्धालुओं के लिए विशाल लंगर सेवा का आयोजन किया गया। संगत ने भिन्न-भिन्न प्रकार के लंगरों की सेवा लगाई, जिसमें मिठाइयां, पारंपरिक व्यंजन और ठंडे-गरम पेय पदार्थ शामिल थे। इस सेवा में श्रद्धालुओं ने तन-मन-धन से सहयोग किया और लंगर की महिमा को और बढ़ाया।   पंजाब | दैनिक भास्कर