दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो का पहला विश्व कप आयोजित किया गया है। जिसमें बिलासपुर के अमरजीत ठाकुर हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे। खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उन्हें तकनीकी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 24 देशों के पुरुष और महिला खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रानीकोटला में शारीरिक शिक्षा के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत अमरजीत ठाकुर स्कूली समय से ही खो-खो के उत्कृष्ट खिलाड़ी रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर कई बार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। खेलो इंडिया, स्कूल गेम्स दिल्ली, खेलो इंडिया यूथ गेम्स गुवाहाटी और मदुरई जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में भी वे तकनीकी अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं। वर्तमान में वे स्कूली बच्चों को खो-खो की बारीकियां सिखा रहे हैं। उनके कई शिष्य राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और आज विभिन्न विभागों में सेवारत हैं। अमरजीत ठाकुर ने कहा कि खो-खो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना सभी खो-खो प्रेमियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस खेल में प्रदेश के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाएंगे। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो का पहला विश्व कप आयोजित किया गया है। जिसमें बिलासपुर के अमरजीत ठाकुर हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे। खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उन्हें तकनीकी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 24 देशों के पुरुष और महिला खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रानीकोटला में शारीरिक शिक्षा के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत अमरजीत ठाकुर स्कूली समय से ही खो-खो के उत्कृष्ट खिलाड़ी रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर कई बार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। खेलो इंडिया, स्कूल गेम्स दिल्ली, खेलो इंडिया यूथ गेम्स गुवाहाटी और मदुरई जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में भी वे तकनीकी अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं। वर्तमान में वे स्कूली बच्चों को खो-खो की बारीकियां सिखा रहे हैं। उनके कई शिष्य राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और आज विभिन्न विभागों में सेवारत हैं। अमरजीत ठाकुर ने कहा कि खो-खो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना सभी खो-खो प्रेमियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस खेल में प्रदेश के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाएंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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प्रियंका गांधी के नामांकन में पहुंचे हिमाचल CM:सुक्खू बोले- इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में आ रही प्रियंका, यह अच्छी बात, वायनाड़ सीट से फाइल किया नॉमिनेशन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को प्रियंका गांधी के नामांकन में शामिल होने वायनाड पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह अच्छी बात है कि पांच साल संगठनात्मक राजनीति में बिताने के बाद प्रियंका गांधी इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में उतर रही हैं। बीते कल कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम सुक्खू दिल्ली पहुंचे। उन्होंने दिल्ली से वायनाड के लिए उड़ान भरी। दरअसल, प्रियंका गांधी ने आज वायनाड सीट से लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। इसके बाद वायनाड में कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, महासचिव केसी वेणुगोपाल इत्यादि नेता भी मौजूद रहे। बता दें कि वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के कारण खाली हुई है। प्रियंका गांधी यहां से उप चुनाव लड़ रही हैं। हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता में लाने में प्रियंका की बड़ी भूमिका रही है। हिमाचल में संभाली थी चुनाव प्रचार की कमान हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान प्रियंका ने अकेले संभाली थी, क्योंकि उस समय राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर थे। इसलिए सीएम सुक्खू भी प्रियंका के नामांकन में शामिल होने गए थे। इसलिए सुखविंदर सुक्खू आज और कल हिमाचल या शिमला में प्रदेश की जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे।
सीएम कल दोपहर तक शिमला लौट सकते हैं। सीएम सुक्खू आज दोपहर वायनाड से दिल्ली लौटेंगे। दिल्ली में हाईकमान से कर सकते हैं मुलाकात सीएम आज शाम को दिल्ली लौटेंगे। दिल्ली में वह कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान विभिन्न बोर्ड व निगमों में ताजपोशी को लेकर हाईकमान से चर्चा कर सकते हैं। प्रदेश में मार्केटिंग बोर्ड, कुछ जिलों की कृषि उपज विपणन समिति सहित कई बोर्ड निगमों में अभी ताजपोशी होनी है। लिहाजा हाईकमान से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू प्रदेश कांग्रेस नेताओं की ताजपोशी इन पदों पर कर सकते हैं।
इस दौरान कांग्रेस संगठन में भी फेरबदल को लेकर चर्चा संभावित है, क्योंकि कांग्रेस के बहुत सारे सीनियर नेता निष्क्रिय है। ऐसे नेताओं को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी कई बार पदमुक्त करने के संकेत दे चुकी है। इसे लेकर बीतों दिनों प्रतिभा सिंह भी हाईकमान से चर्चा कर चुकी है।
हिमाचल विधानसभा में सर्व दलीय मीटिंग से विपक्ष नदारद:संसदीय कार्य मंत्री भड़के, बोले-लोकतंत्र में यह अच्छी परंपरा नहीं, विधानसभा में गूंजेंगे 936 सवाल
हिमाचल विधानसभा में सर्व दलीय मीटिंग से विपक्ष नदारद:संसदीय कार्य मंत्री भड़के, बोले-लोकतंत्र में यह अच्छी परंपरा नहीं, विधानसभा में गूंजेंगे 936 सवाल हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार 936 सवाल गूंजेंगे। विधानसभा सचिवालय प्रशासन को 640 तारांकित और 296 अतारांकित सवाल मिल चुके हैं। विधायकों ने ज्यादातर सवाल आपदा के बाद प्रभावितों के पुनर्वास, सड़क, बिजली, पानी और बंद किए गए स्कूलों से जुड़े पूछे है। इन मुद्दों पर विधानसभा में अगले 10 दिन तक तपिश देखने को मिलेगी। सत्र से पहले आज स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मगर इसमें विपक्ष नदारद रहा। कुलदीप पठानिया ने कहा, नेता प्रतिपक्ष के कहने पर मीटिंग की डेट तय की थी। मगर वह अस्वस्थ होने की वजह से मीटिंग में नहीं आ पाएं। भाजपा से चीफ व्हिप के तौर पर मीटिंग में आने वाले सुखराम चौधरी और विनोद कुमार भी मीटिंग में नहीं आए। उन्होंने कहा, सुखराम चौधरी हरियाणा में है और विनोद कुमार के परिवार में किसी का निधन हुआ है। स्पीकर ने कहा, विपक्ष के नेता से दूरभाष पर उनकी बात हुई है। उन्होंने सदन की कार्यवाही में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है। संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा, विपक्ष की गैर मौजूदगी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, यह परंपरा सही नहीं है और दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष पर संसदीय कार्य मंत्री का हमला सर्व दलीय मीटिंग में विपक्ष की गैर मौजूदगी पर संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, सर्व दलीय मीटिंग में नहीं आना अच्छी परंपरा नहीं है। विपक्ष का कोई भी नेता मीटिंग में शामिल नहीं हुए। लोकतंत्र में हमे इन परंपराओं का राजनीति से ऊपर उठकर निर्वहन करना चाहिए। 3 दिवंगत विधायकों को याद करेगा सदन सदन की कार्यवाही की शुरुआत कल दिवंगत पूर्व विधायक टेक चंद डोगरा, दौलत राम चौधरी और नारायण सिंह स्वामी के शोकोद्गार से होगी। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि कल सदन में भारी बरसात से हुए नुकसान पर भी चर्चा होगी। इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक: पठानिया कुलदीप पठानिया ने कहा, इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक है। पूर्व में कभी भी मानसून सत्र में 10 सीटिंग नहीं हुई। चुने हुए प्रतिनिधियों की ज्यादा से ज्यादा आवाज उठाने के मकसद से 10 सीटिंग का सत्र बुलाया गया है। बीजेपी विधायक दल की मीटिंग आज वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी आज शिमला में विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। इसमें सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष की और से मानसून सत्र में 28 विधायक होंगे, जबकि मार्च में संपन्न बजट सत्र में बीजेपी के पास 25 विधायक थे।
जानिए-नड्डा के हैल्थ-मिनिस्टर बनने से हिमाचल को क्या फायदा:5 साल से लटका मिनी सैटेलाइट PGI सेंटर जल्द पूरा होगा; हैल्थ को मिलेगा बूस्ट
जानिए-नड्डा के हैल्थ-मिनिस्टर बनने से हिमाचल को क्या फायदा:5 साल से लटका मिनी सैटेलाइट PGI सेंटर जल्द पूरा होगा; हैल्थ को मिलेगा बूस्ट हिमाचल से संबंध रखने वाले कैबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा साल 2014 से 2019 तक भी NDA-1 सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। केंद्रीय सरकार में नड्डा दूसरी बार हेल्थ मिनिस्टर बने हैं। इससे पहले 1998 में हिमाचल की प्रेम कुमार धूमल सरकार में भी नड्डा हैल्थ मिनिस्टर रह चुके हैं। नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय मिलने के बाद हिमाचल के ऊना के मलाहत में प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट पीजीआई सेंटर के पांच साल से लटके प्रोजेक्ट के जल्द पूरा होने और चार ट्रॉमा सेंटर का शीघ्र निर्माण की आस बंध गई है। बता दें कि पांच साल नड्डा ने बतौर केंद्रीय मंत्री मलाहत में 480 करोड़ की लागत से बनने प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर की आधारशीला रखी थी। मगर आज तक यह नहीं बन पाया। इस सेंटर में 300 बेड की सुविधा के दावे किए गए थे। पांच साल पहले इसकी आधारशीला रखते वक्त नड्डा ने कहा था कि यह 40 महीने में बनकर तैयार होगा। सेटेलाइट सेंटर में रिजनल रिसर्च सेंटर डिवेलप किया जाएगा जिसमें रिजन स्पेसेफिक डिजीज पर स्पेशल रिसर्च की जाएगी। इसमें बीमारी की रोकथाम के लिए पूरा फोकस किया जाएगा। इसके बनने के बाद मरीजों को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा। नड्डा के दोबारा केंद्रीय मंत्री बनने से इस प्रोजेक्ट के एक साल के भीतर पूरा होने की आस बंध गई है। पुराने मंत्रियों को विभाग समझने में नहीं लगेगा वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने ज्यादातर मंत्रियों को उनके पुराने विभाग दिए हैं। इससे मंत्रियों को उनके विभागों के कामकाज को समझने व प्रोजेक्ट को सीरे चढ़ाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। पुराने मंत्री जानते हैं कि उनके विभाग में कौन-कौन से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। NDA-2 सरकार में मनसुख मांडविया हैल्थ मिनिस्टर रहे हैं। NDA-3 में मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को देश की हैल्थ को ठीक करने का जिम्मा सौंपा है। हैवीवेट मंत्रालय कई मायने में महत्वपूर्ण मात्र चार लोकसभा सीटों वाले हिमाचल से संबंध रखने वाले नड्डा के लिए हैवीवेट मंत्रालय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। NDA-1 सरकार में नड्डा हिमाचल के बिलासपुर में AIIMS दिला चुके हैं, जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले उद्घाटन कर दिया है। अब नड्डा के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद चार ट्रामा सेंटर भी जल्द बनने की आस बंध गई है। नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय मिलने से हिमाचल की हैल्थ को बूस्ट मिलेगा।