बिलासपुर में AIIMS के गेट नंबर दो के पास सड़क किनारे खड़ी एक फूड वैन में अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि फूड वैन का काफी नुकसान हो गया है। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई व्यक्ति आग की चपेट में नहीं आया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। बताया जा रहा है कि फूड वैन में रखे सिलेंडर में अचानक आग लग गई। फूड वैन के संचालक ने सूझ बूझ से गीले बोरों की सहायता से आग पर काबू पाया, जिसके बाद आग बुझाई जा सकी। इस आगजनी की घटना में कोई बड़ा हादसा नही हुआ है लेकिन फूड वैन का काफी नुकसान हो गया है। यह आगजनी की घटना शाम 4 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जैसे ही आग लगी वहां से गुजर रहें लोगों ने अपने मोबाइल में वीडियो बनाना शुरू कर दिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बिलासपुर में AIIMS के गेट नंबर दो के पास सड़क किनारे खड़ी एक फूड वैन में अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि फूड वैन का काफी नुकसान हो गया है। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई व्यक्ति आग की चपेट में नहीं आया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। बताया जा रहा है कि फूड वैन में रखे सिलेंडर में अचानक आग लग गई। फूड वैन के संचालक ने सूझ बूझ से गीले बोरों की सहायता से आग पर काबू पाया, जिसके बाद आग बुझाई जा सकी। इस आगजनी की घटना में कोई बड़ा हादसा नही हुआ है लेकिन फूड वैन का काफी नुकसान हो गया है। यह आगजनी की घटना शाम 4 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जैसे ही आग लगी वहां से गुजर रहें लोगों ने अपने मोबाइल में वीडियो बनाना शुरू कर दिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में बनने जा रहा भारत का सबसे लंबा रोपवे:डिप्टी सीएम बोले- एनवायरमेंट क्लियरेंस को 20 करोड़ जारी किए, 14KM होगी लंबाई
हिमाचल में बनने जा रहा भारत का सबसे लंबा रोपवे:डिप्टी सीएम बोले- एनवायरमेंट क्लियरेंस को 20 करोड़ जारी किए, 14KM होगी लंबाई हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि हिंदुस्तान का सबसे लंबा रोपवे शिमला में बनने जा रहा है। इसकी लंबाई 14 किलोमीटर की होगी। 1734 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहे इस प्रोजेक्ट की एनवायरमेंट क्लियरेंस के लिए 20 करोड़ रुपए सरकार ने जारी कर दिए है। पहाड़ों की रानी शिमला में इस प्रोजेक्ट के बनने से स्थानीय लोगों सहित शिमला आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को यहां लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। रोपवे में लगेगी 660 ट्रॉली डिप्टी CM ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 660 ट्रॉली लगेगी। प्रत्येक की क्षमता 8 से 10 सवारी की होगी। एक घंटे में 6000 यात्री सफर कर सकेंगे। तारादेवी से शुरू होने वाले इस रोपवे में कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा, इसके बाद जूडिशियल कॉम्पलेक्स चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू ISBT टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, ओल्ड ISBT शिमला, लिफ्ट, सचिवालय छोटा शिमला, नव-बहार, संजौली, IGMC, आइस स्केटिंग रिंक और 103 नीयर होटल चेतन पर 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। कुछ लोग श्रेय लेने का प्रयास कर रहे: अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, जिन लोगों ने एक रुपए इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं दिया। डीपीआर तक नहीं बनाई वह लोग अब कुछ लोग इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शिमला के टूरिज्म के लिए संजीवनी साबित होगा। वह खुद इस प्रोजेक्ट को सीरे चढ़ाने के लिए ऑस्ट्रिया और स्विटरलेंड गए। वहां बड़े रोपने बनाने वाली कंपनियों से बात की। शिमला में बनने प्रस्तावित रोपवे से बड़ा दुनिया में केवल बोलेरिया में एक रोपने है। प्रत्येक दो मिनट बाद मिलेगी ट्रॉली अग्निहोत्री ने कहा कि प्रत्येक दो से तीन मिनट बाद यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध होगी। इसमें तीन लाइन होगी। रेड लाइन ग्रीन और ब्लू लाइन बनेगी। शिमला में इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजाना के ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। यह पूरी तरह इको फ्रैंडली ग्रीन प्रोजेक्ट होगा। यह प्रोजेक्ट आने वाले 40 साल को देखते हुए डिजाइन किया गया है। NDB बैंक कर रहा मदद मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस रोपवे को न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की मदद से बनाया जा रहा है। इसमें 20 फीसदी हिमाचल की इक्विटी होगी। 8 फीसदी लोन और 72 फीसदी ग्रांट होगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। अब ग्लोबल टेंडर करने की तैयारी है। बस के जितना होगा किराया: अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रोपवे का किराया बस के आसपास होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने का डेडलाइन रखी गई है, जबकि इसके पहले चरण को ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की DPR बनकर तैयार है। इसे NDB को सब्मिट कर दिया है। अभी शिमला की सड़कों पर रोजाना जैसी है ट्रैफिक जाम के कारण इस तरह की स्थिति (फाइल फोटो) तारादेवी से शिमला पहुंचना हो जाता है मुश्किल शिमला में ट्रैफिक कंजेशन की वजह से आदमी चंडीगढ़ से तारादेवी आसानी से पहुंच जाता है, लेकिन तारा देवी से शिमला तक 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में कई कई घंटे लग जाते हैं। इस वजह से खासकर सेब सीजन, न्यू ईयर, क्रिसमस, समर टूरिस्ट सीजन आदि के दौरान तो 10 किलोमीटर के सफर में चार से छह घंटे लग जाते हैं। ऐसे में रोपवे बनने से शहरवासियों को फायदा होगा। अभी साउथ अमेरिका में दुनिया का सबसे लंबा यानी 32 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट है। हिमाचल में बनेगा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला सफल रहा तो परवाणू से शिमला को 39 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा। यह दुनिया का सबसे लंबा रोवने होगा। इसकी लागत 6600 करोड़ रुपए आएगी। हिमाचल प्रदेश के रोपवे डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इससे PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) में शुरू किया जाएगा।
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बीती रात से बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज 10 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। यह चेतावनी बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला को जारी की गई है। IMD के अनुसार, लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी घटनाएं पेश आ सकती है। इसे देखते हुए प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पहाड़ों पर आने वाले पर्यटकों को भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। प्रदेश में बारिश के कारण 60 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। मानसून सीजन में 36 फीसदी कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। ऐसा एक भी जिला नहीं है, जहां पूरे सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। 1 जून से 30 जुलाई तक सामान्य बारिश 348.6 मिमी होती है, लेकिन इस बार 224.4 मिमी बारिश हुई है। 435 करोड़ की संपत्ति नष्ट इस मानसून सीजन में राज्य में 435 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति नष्ट हो गई है। भारी बारिश के कारण 19 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 95 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह 1 दुकान, 87 गौशालाएं और 5 लेबर शेड भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम पारा बीती शाम को शिमला में हल्की बारिश हुई। इसके बाद शिमला का अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं सुंदरनगर का तापमान 34.3 डिग्री, भुंतर 36.2डिग्री, ऊना का 33.0 डिग्री, नाहन का 28.7 डिग्री, सोलन का 31.2 डिग्री, मनाली का 27.7 डिग्री, कांगड़ा का 32.4 डिग्री, मंडी का 33.2 डिग्री, बिलासपुर का 35.6 डिग्री, हमीरपुर का 34.8 डिग्री, चंबा का 34.6 डिग्री,रिकांगपिओ का 32.2 डिग्री और धौलाकुआं का पारा 34.4 डिग्री दर्ज किया गया।
हिमाचल में 10 की रात एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टरबेंस:11-12 को बारिश-बर्फबारी; पोस्ट मानसून सीजन में नॉर्मल से 98% कम बादल बरसे
हिमाचल में 10 की रात एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टरबेंस:11-12 को बारिश-बर्फबारी; पोस्ट मानसून सीजन में नॉर्मल से 98% कम बादल बरसे हिमाचल प्रदेश में अगले 72 घंटे तक मौसम साफ बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 10 नवंबर की रात को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे मौसम करवट बदलेगा और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में 11 व 12 नवंबर को हल्की बर्फबारी हो सकती है। वहीं मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। मगर मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 37 दिन बारिश नहीं हुई। 6 जिले हमीरपुर, चंबा, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी है। इससे सूखे जैसे हालात पनपने लगे है। कांगड़ा जिला में 36 दिनों में मात्र 1.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति जिला में 0.1 मिलीमीटर, मंडी 2.8 मिलीमीटर, शिमला 0.2 मिलीमीटर और ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। बेशक ऊना में 8.6 मिलीमीटर बादल बरसे है। मगर यहां भी सामान्य से 56 प्रतिशत कम बारिश है। पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश प्रदेश में 1 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच 29 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है, जो कि सामान्य से 98 प्रतिशत कम है। मानसून सीजन में भी 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऐसे में अब वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने के बाद राज्य में ड्राट खत्म हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, बेशक WD एक्टिव हो रहा है। मगर इस दौरान बहुत ज्यादा बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है। कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आएगी। अभी प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन व रात का तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। मैदानी इलाकों में दो दिन से धुंध प्रदेश के मैदानी इलाकों में दो दिन से धुंध ने लोगों को परेशान कर रखा है। खासकर ब्यास नदी किनारे स्थित शहरों में धुंध ने लोगों की परेशानी बढ़ानी शुरू कर दी है। बिलासपुर में सुबह के वक्त घनी धुंध के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर गई है। मौसम विभाग के अनुुसार, जब तक अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होती तब तक धुंध लोगों को परेशान करती रहेगी। वहीं पहाड़ों पर हल्की धुंध नजर आने लगी है। खासकर शिमला में भी सुबह के वक्त धुंध का असर देखा सकता है।