हिमाचल प्रदेश में हड़ताल पर चल रहे पटवारी कानूनगो संघ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हड़ताल वापस लेने का निर्णय ले लिया है। वीरवार को देहरा में संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक के बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है । संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ सार्थक चर्चा हुई है। बैठक के बाद उन्होंने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पटवारी व कानूनगो पूर्ण निष्ठा व समर्पण भाव से कार्य करेंगे । उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि सभी पटवारी व कानूनगो एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में देंगे । पटवारी कानूनगो के हड़ताल पर जाने से एक महीने से ठप्प थे काम पटवारी कानूनगो के हड़ताल पर जाने से प्रदेश के लोग काफी परेशान हैं। प्रदेश में लोगों के 1.30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन लंबित पड़े थे। क्योंकि पटवारी-कानूनगो राज्य कैडर बनाए जाने के विरोध में करीब एक महीने से ऑनलाइन काम नहीं कर रहे थे। इन्होंने सरकारी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर रखा है। यही नहीं एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्किल दफ्तर की चाबियां भी ये लोग संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को सौंप चुके हैं। इनकी हड़ताल के कारण बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम 1 महीने से नहीं हो पा रहे थे । बीते एक माह से एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों में भी काम ठप हो गया है। इससे लोगों के राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण काम नहीं हो पा रहे हैं। पटवारी कानूनगो को राज्य कैडर करना सरकार का नीतिगत फैसला- सीएम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पटवारी व कानूनगो को राज्य केडर में किया जाना सरकार का नीति गत फैसला है। उन्होंने पटवारी व कानूनगो से इसमें राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए पटवारी और कानूनगो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को पेश आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार एक मिशन मोड पर कार्य कर रही है और इसमें पटवारी और कानूनगो की बेहद अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है और कर्मचारियों की वित्तीय देनदारियों का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा। 12 जुलाई को कैबिनेट बैठक में लिया फैसला हिमाचल सरकार ने 12 जुलाई की कैबिनेट बैठक में पटवारी-कानूनगो को जिला से राज्य कैडर बनाने का फैसला लिया है। जबकि उन्हें जिला कैडर में नियुक्त किया गया है। उनकी भर्ती एवं पदोन्नति नियम भी जिला कैडर की हैं। कैबिनेट के फैसले के बाद महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकारी वॉट्सऐप ग्रुप भी छोड़ दिए हैं। करीब 20 दिन पहले उन्होंने संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले कार्यालयों की चाबियां भी सौंप दी हैं। हिमाचल प्रदेश में हड़ताल पर चल रहे पटवारी कानूनगो संघ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हड़ताल वापस लेने का निर्णय ले लिया है। वीरवार को देहरा में संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक के बाद हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है । संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ सार्थक चर्चा हुई है। बैठक के बाद उन्होंने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पटवारी व कानूनगो पूर्ण निष्ठा व समर्पण भाव से कार्य करेंगे । उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि सभी पटवारी व कानूनगो एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में देंगे । पटवारी कानूनगो के हड़ताल पर जाने से एक महीने से ठप्प थे काम पटवारी कानूनगो के हड़ताल पर जाने से प्रदेश के लोग काफी परेशान हैं। प्रदेश में लोगों के 1.30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन लंबित पड़े थे। क्योंकि पटवारी-कानूनगो राज्य कैडर बनाए जाने के विरोध में करीब एक महीने से ऑनलाइन काम नहीं कर रहे थे। इन्होंने सरकारी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर रखा है। यही नहीं एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्किल दफ्तर की चाबियां भी ये लोग संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को सौंप चुके हैं। इनकी हड़ताल के कारण बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम 1 महीने से नहीं हो पा रहे थे । बीते एक माह से एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों में भी काम ठप हो गया है। इससे लोगों के राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण काम नहीं हो पा रहे हैं। पटवारी कानूनगो को राज्य कैडर करना सरकार का नीतिगत फैसला- सीएम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पटवारी व कानूनगो को राज्य केडर में किया जाना सरकार का नीति गत फैसला है। उन्होंने पटवारी व कानूनगो से इसमें राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए पटवारी और कानूनगो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को पेश आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार एक मिशन मोड पर कार्य कर रही है और इसमें पटवारी और कानूनगो की बेहद अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है और कर्मचारियों की वित्तीय देनदारियों का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा। 12 जुलाई को कैबिनेट बैठक में लिया फैसला हिमाचल सरकार ने 12 जुलाई की कैबिनेट बैठक में पटवारी-कानूनगो को जिला से राज्य कैडर बनाने का फैसला लिया है। जबकि उन्हें जिला कैडर में नियुक्त किया गया है। उनकी भर्ती एवं पदोन्नति नियम भी जिला कैडर की हैं। कैबिनेट के फैसले के बाद महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकारी वॉट्सऐप ग्रुप भी छोड़ दिए हैं। करीब 20 दिन पहले उन्होंने संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले कार्यालयों की चाबियां भी सौंप दी हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हरियाण नतीजों पर बोले हिमाचल के CM सुक्खू:कहा- देश में एक चुनाव बैलेट पेपर पर हो, चुनाव आयोग को दूर करना चाहिए शक
हरियाण नतीजों पर बोले हिमाचल के CM सुक्खू:कहा- देश में एक चुनाव बैलेट पेपर पर हो, चुनाव आयोग को दूर करना चाहिए शक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खूने देश में एक बार चुनाव पर बैलेट पर करवाने की वकालत की है। सीएम सुक्खू ने कहा है कि केंद्र 2029 में एक देश एक चुनाव की बात कर रहे है यह चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से करवाएं तो सारा शक दूर हो जाएगा। विक्रमादित्य सिंह युवा है बोलने का अधिकार है अभी सीख रहे है। देश मे एक बार बैलेट पेपर पर हो चुनाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में पड़ोसी राज्य हरियाणा चुनावी नतीजे को लेकर कांग्रेस नेताओं के शक वाले बयान को लेकर कहा कि कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में शक नहीं होगा तो लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा। चुनाव आयोग को इन सब चीजों का आकलन करना चाहिए और जो शक पैदा हुआ है उसे दूर करना चाहिए। वहीं सीएम ने हिमाचल में जीते और हरियाणा में हारे में यह स्टैंडिंग की बात होती है। परंतु जिन देशों ने EVM को बनाया उन्होंने उसे क्यों बंद की। सीएम सुक्खू ने कहा कि देश में जब भी अगला चुनाव आए तो एक बार बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि 2029 में एक देश एक चुनाव की बात कर रहे हैं, उन्हें बैलेट पेपर पर करवाए तो सबका शक दूर हो जाएगा। विक्रमादित्य सिंह को लेकर बोले सीएम साक्षात्कार में प्रदेश सरकार में युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लेकर सीएम सुक्खू ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह युवा है। उन्हें बोलने का अधिकार है, वह अभी सीख रहे हैं। सीएम सुक्खू ने उनके योगी के फैन होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह योगी के फैन नहीं है। मीडिया छोटी सी बात को इतना बड़ा बना देती है। उन्होंने उसे समय की स्थिति के हिसाब से कहा और बाद में अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण की भी दिया कि मीडिया ने इसका राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास किया है। भाजपा प्रायोजित संजौली में प्रदर्शन सीएम सुक्खू ने कहा कि संजौली में हुए प्रदर्शन में 300-400 लोग शामिल थे, और यह प्रदर्शन भाजपा द्वारा प्रायोजित था। उन्होंने कहा कि उनके समय में अवैध मस्जिद का निर्माण नहीं हुआ है। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के कार्यकाल में अवैध मस्जिद का निर्माण हुआ और तत्कालीन शहरी विकास मंत्री ने मस्जिद निर्माण के लिए पैसा दिया। ऐसे में तो बुरी बात नहीं होनी चाहिए। हिमाचल प्रदेश की यह संस्कृति है कि मुस्लिम समुदाय ने आगे जाकर अवैध निर्माण को गिराने के लिए स्वयं लिख कर दिया है। जयराम सरकार ने छोड़ा प्रदेश पर कर्ज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने चुनाव से पहले प्रदेश पर 85 हजार करोड़ का कर्ज और कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ की छठे वेतन आयोग की लायबिलिटी प्रदेश पर छोड़ी है। उन्होंने कहा कि कर्ज के बाद कर्ज की अदायगी भी होती है, उसके लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। सीएम सुक्खू ने दावा किया कि वह व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ सत्ता में आए हैं। सत्ता के सुख भोगने के लिए नहीं, व्यवस्था परिवर्तन में करेंगे। उन्होंने दावा किया प्रदेश में आत्म निर्भर बनाने की नई रख दी है 2027 में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 में देश का सबसे समृद्धि शाली राज्य बनाएंगे। वहीं उन्होंने मंत्रियों की सैलरी रोकने को लेकर कहा कि मंत्रियों की सैलरी रोकना सांकेतिक थी। क्योंकि प्रदेश में जो राज करता है, सबसे पहले उन पर लागू करना लागू होना चाहिए। उन्होंने वित्तीय अनुशासन में लिए यह कदम उठाए है । टॉयलेट टैक्स पर बोले सीएम वहीं सीएम सुक्खू ने टॉयलेट टैक्स को लेकर कहा कि बीजेपी अच्छे-अच्छे शब्द ढूंढ कर लाती है। उन्होंने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने 2018 में टैक्स लगाया कि प्रदेश में जो बड़े-बड़े होटल या उद्योग है, जिनके पास पानी मे कनेक्शन तो अपना है लेकिन वह सीवरेज सरकार का इस्तेमाल करती है। उनकी सरकार ने सीवरेज टैक्स के रूप में ऐक्स्ट्रा सीट पर टैक्स लगाया। उनकी सरकार ने तो उसमें ही सुधार किया है। प्रदेश में स्थापित बड़े-बड़े होटल या उद्योगों को फ्री में सब्सिडी क्यों दे। जो करोड़ों रुपए इनकम टैक्स देते है वह सीवरेज टैक्स के 25 रुपए क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में सब्सिडी बड़े-बड़े लोग खा जाते थे भाजपा सरकार ने चुनाव के समय 5 हजार करोड़ की सब्सिडी दी।