बीजेपी विधायक लखीमपुर SP को क्यों हटवाने पर अड़े?:थप्पड़ कांड से गहराया विवाद, 3 महीने से तनातनी; आज योगी से मिल सकते हैं

बीजेपी विधायक लखीमपुर SP को क्यों हटवाने पर अड़े?:थप्पड़ कांड से गहराया विवाद, 3 महीने से तनातनी; आज योगी से मिल सकते हैं

लखीमपुर खीरी के SP गणेश प्रसाद साहा को हटवाने के लिए तीन भाजपा विधायकों ने लखनऊ में डेरा जमा रखा है। जिले के अन्य 5 विधायकों का भी उन्हें समर्थन है। सभी IPS गणेश से नाराज हैं। शुक्रवार को सदर विधायक योगेश वर्मा, धौरहरा के विधायक विनोद शंकर अवस्थी और कस्ता विधायक सौरभ सिंह ‘सोनू’ ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मुलाकात की। संजय ने उनकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। हालांकि IPS साहा को हटाने या उन पर अन्य कोई एक्शन लेने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। आज, शनिवार को विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि विधायकों की नाराजगी की वजह क्या है? जानने के लिए दैनिक भास्कर ने विधायकों और एसपी से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए एसपी और विधायकों में विवाद की तीन बड़ी वजह 1- योगेश वर्मा को सरेआम मारे थप्पड़ एसपी गणेश प्रसाद साहा और बीजेपी विधायकों में विवाद की शुरुआत 9 अक्टूबर से हुई। अर्बन कोआपरेटिव बैंक का चुनाव था। निवर्तमान चेयरमैन पुष्पा सिंह और पूर्व चेयरमैन मनोज अग्रवाल का खेमा मैदान में था। दोनों अपने-अपने डेलीगेट्स के साथ नामांकन करने के लिए कोआपरेटिव बैंक ऑफिस पहुंचे। सदर विधायक योगेश वर्मा का आरोप है कि मनोज अग्रवाल खेमे के समर्थित प्रत्याशी राजू अग्रवाल का पर्चा वकीलों ने फाड़ दिया। उन्हें पीटा। विधायक को यह बात पता चली, तो वह मौके पर पहुंच गए। विधायक को देखकर पुष्पा सिंह के पति एडवोकेट अवधेश सिंह भड़क गए। जब तक विधायक कुछ समझ पाते, अवधेश सिंह ने विधायक को थप्पड़ मार दिया। यह घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में हुई। इसका भी वीडियो भी सामने आया था। सदर विधायक ने कहा- कोतवाल को हटाओ…मगर एक्शन नहीं हुआ
इस पूरी घटना का जिम्मेदार विधायक योगेश वर्मा ने पुलिस को माना। उन्होंने एसपी से कोतवाल अंबर सिंह को हटाने की मांग की, लेकिन कोतवाल पर कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले का भी लखीमपुर के विधायकों ने विरोध किया था। 2- कोतवाल से धौरहरा विधायक ने बताया था जान का खतरा धौरहरा सीट से भाजपा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने प्रभारी मंत्री आशीष पटेल की बैठक में डीएम-एसपी के सामने अपनी ही जान को खतरा बताया था। आरोप लगाया कि धौरहरा इंस्पेक्टर दिनेश सिंह, सपा सांसद आनंद भदौरिया के लिए काम कर रहे हैं। वह उनकी जान के लिए खतरा बन गए हैं। उन्होंने एसपी से इंस्पेक्टर को हटाने की मांग की, लेकिन उनकी भी सुनवाई नहीं हुई। 3- विधायक सौरभ सिंह पर फायरिंग, बाल-बाल बचे एक जनवरी को भाजपा विधायक सौरभ सिंह ‘सोनू’ पर फायरिंग हुई है। वह बाल-बाल बचे। वारदात उस वक्त हुई, जब बुधवार रात विधायक पत्नी के साथ वॉक पर निकले थे। घटना के बाद आरोपी फायरिंग करते हुए फरार हो गए। वारदात विधायक के घर से 100 मीटर दूर हुई। सौरभ सिंह कस्ता से विधायक हैं। पत्नी खुशबू सिंह मितौली से ब्लॉक प्रमुख हैं। विधायक का घर सदर कोतवाली के शिव कॉलोनी में है। वह अपने पिता पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर के साथ रहते हैं। विधायक पर फायरिंग की सूचना पर आनन-फानन में पुलिस के सीनियर अफसर पहुंच गए। पुलिस ने आसपास के CCTV खंगाले। सदर कोतवाल अंबर सिंह ने बताया- कुछ लोगों को हिरासत में लिया। एसपी के अनुसार, आरोपियों ने विधायक से अभद्रता की बात स्वीकार की, लेकिन फायरिंग की बात से इनकार कर दिया। सीओ पर गुस्सा हो गए विधायक के पूर्व सांसद पिता 3 जनवरी यानी शुक्रवार लखीमपुर खीरी से भाजपा विधायक सौरभ सिंह सोनू पर हुई फायरिंग की जांच करने सीओ सिटी पहुंचे। विधायक के पिता और पूर्व सांसद जुगुल किशोर CO पर ही भड़क गए। उन्होंने कहा- मेरी औकात जान लो। एक-एक घंटे में आईजी, डीआईजी हटवाए हैं। पूर्व सांसद और भाजपा प्रवक्ता जुगुल किशोर ने सीओ सिटी रमेश तिवारी से कहा- मैं मुख्यमंत्री जी के सामने बात रखता हूं। आप लोग यहां रहने लायक नहीं हैं। ना आप, ना आपका इंस्पेक्टर और ना आपके एसपी। यहां की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। दिनदहाड़े डकैती-चोरी और मर्डर हो रहा है। विधायक पर गोली चल रही। पढ़ें पूरी खबर… अब पढ़िए विधायकों की बातचीत… सदर विधायक योगेश वर्मा ने कहा, शहर की कानून व्यवस्था समेत कई विषयों पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से बात हुई है। मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करनी है। धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने कहा, हम सभी विधायक एक साथ प्रमुख सचिव गृह से मिले थे, क्योंकि किसी भी समस्या पर हम सब संगठित हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, विधायकों ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मिलकर विधायक सौरभ सिंह सोनू के साथ हुई घटना से अवगत कराया है। प्रमुख सचिव गृह ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एसपी ने कहा- विधायकों से मुनमुटाव जैसी कोई बात नहीं एसपी गणेश प्रसाद साहा ने कहा, किसी विधायक से किसी बात को लेकर कोई मनमुटाव जैसी स्थिति नहीं है। सभी से औपचारिक तरीके से हर विषय पर स्पष्ट बात होती है। दिए गए सुझाव पर भी अमल किया जाता है। तात्कालिक घटना को लेकर थोड़ा आक्रोश हो सकता है, पर विधायक के साथ हुई घटना का पुलिस ने वर्कआउट किया है। सीसीटीवी में दिख रहे युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। दोनों युवकों ने विधायक के साथ अभद्रता की बात स्वीकारी है, पर फायरिंग जैसी घटना की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस हर पहलू पर बहुत ही बारीकी और संवेदनशीलता से जांच पड़ताल कर रही है। —————————- यह खबर भी पढ़िए… BJP मंडल अध्यक्षों में 45% से ज्यादा OBC:11 यादव, 117 ब्राह्मण, मुस्लिम शून्य; अखिलेश का PDA फॉर्मूला तोड़ने का दांव समाजवादी पार्टी के पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) कार्ड को तोड़ने के लिए भाजपा ने मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में पिछड़ों पर दांव चला है। पार्टी ने पहले चरण में घोषित करीब 750 मंडल अध्यक्षों में 45% से ज्यादा पिछड़े वर्ग से हैं। अगर जाति वार बात करें तो सबसे ज्यादा ब्राह्मण (117) मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। दूसरे नंबर पर ठाकुर (91) हैं। पिछड़ी जाति में सबसे ज्यादा कुर्मी (29) हैं। 11 मंडल अध्यक्ष यादव जाति से बनाए गए हैं। पूरी लिस्ट में एक भी मुस्लिम नहीं है। महिलाओं को 33% आरक्षण दिलाने का वादा करने के बाद भी महिलाओं की संख्या कम है। दलितों की संख्या भी कम है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… लखीमपुर खीरी के SP गणेश प्रसाद साहा को हटवाने के लिए तीन भाजपा विधायकों ने लखनऊ में डेरा जमा रखा है। जिले के अन्य 5 विधायकों का भी उन्हें समर्थन है। सभी IPS गणेश से नाराज हैं। शुक्रवार को सदर विधायक योगेश वर्मा, धौरहरा के विधायक विनोद शंकर अवस्थी और कस्ता विधायक सौरभ सिंह ‘सोनू’ ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मुलाकात की। संजय ने उनकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। हालांकि IPS साहा को हटाने या उन पर अन्य कोई एक्शन लेने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। आज, शनिवार को विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि विधायकों की नाराजगी की वजह क्या है? जानने के लिए दैनिक भास्कर ने विधायकों और एसपी से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए एसपी और विधायकों में विवाद की तीन बड़ी वजह 1- योगेश वर्मा को सरेआम मारे थप्पड़ एसपी गणेश प्रसाद साहा और बीजेपी विधायकों में विवाद की शुरुआत 9 अक्टूबर से हुई। अर्बन कोआपरेटिव बैंक का चुनाव था। निवर्तमान चेयरमैन पुष्पा सिंह और पूर्व चेयरमैन मनोज अग्रवाल का खेमा मैदान में था। दोनों अपने-अपने डेलीगेट्स के साथ नामांकन करने के लिए कोआपरेटिव बैंक ऑफिस पहुंचे। सदर विधायक योगेश वर्मा का आरोप है कि मनोज अग्रवाल खेमे के समर्थित प्रत्याशी राजू अग्रवाल का पर्चा वकीलों ने फाड़ दिया। उन्हें पीटा। विधायक को यह बात पता चली, तो वह मौके पर पहुंच गए। विधायक को देखकर पुष्पा सिंह के पति एडवोकेट अवधेश सिंह भड़क गए। जब तक विधायक कुछ समझ पाते, अवधेश सिंह ने विधायक को थप्पड़ मार दिया। यह घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में हुई। इसका भी वीडियो भी सामने आया था। सदर विधायक ने कहा- कोतवाल को हटाओ…मगर एक्शन नहीं हुआ
इस पूरी घटना का जिम्मेदार विधायक योगेश वर्मा ने पुलिस को माना। उन्होंने एसपी से कोतवाल अंबर सिंह को हटाने की मांग की, लेकिन कोतवाल पर कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले का भी लखीमपुर के विधायकों ने विरोध किया था। 2- कोतवाल से धौरहरा विधायक ने बताया था जान का खतरा धौरहरा सीट से भाजपा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने प्रभारी मंत्री आशीष पटेल की बैठक में डीएम-एसपी के सामने अपनी ही जान को खतरा बताया था। आरोप लगाया कि धौरहरा इंस्पेक्टर दिनेश सिंह, सपा सांसद आनंद भदौरिया के लिए काम कर रहे हैं। वह उनकी जान के लिए खतरा बन गए हैं। उन्होंने एसपी से इंस्पेक्टर को हटाने की मांग की, लेकिन उनकी भी सुनवाई नहीं हुई। 3- विधायक सौरभ सिंह पर फायरिंग, बाल-बाल बचे एक जनवरी को भाजपा विधायक सौरभ सिंह ‘सोनू’ पर फायरिंग हुई है। वह बाल-बाल बचे। वारदात उस वक्त हुई, जब बुधवार रात विधायक पत्नी के साथ वॉक पर निकले थे। घटना के बाद आरोपी फायरिंग करते हुए फरार हो गए। वारदात विधायक के घर से 100 मीटर दूर हुई। सौरभ सिंह कस्ता से विधायक हैं। पत्नी खुशबू सिंह मितौली से ब्लॉक प्रमुख हैं। विधायक का घर सदर कोतवाली के शिव कॉलोनी में है। वह अपने पिता पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर के साथ रहते हैं। विधायक पर फायरिंग की सूचना पर आनन-फानन में पुलिस के सीनियर अफसर पहुंच गए। पुलिस ने आसपास के CCTV खंगाले। सदर कोतवाल अंबर सिंह ने बताया- कुछ लोगों को हिरासत में लिया। एसपी के अनुसार, आरोपियों ने विधायक से अभद्रता की बात स्वीकार की, लेकिन फायरिंग की बात से इनकार कर दिया। सीओ पर गुस्सा हो गए विधायक के पूर्व सांसद पिता 3 जनवरी यानी शुक्रवार लखीमपुर खीरी से भाजपा विधायक सौरभ सिंह सोनू पर हुई फायरिंग की जांच करने सीओ सिटी पहुंचे। विधायक के पिता और पूर्व सांसद जुगुल किशोर CO पर ही भड़क गए। उन्होंने कहा- मेरी औकात जान लो। एक-एक घंटे में आईजी, डीआईजी हटवाए हैं। पूर्व सांसद और भाजपा प्रवक्ता जुगुल किशोर ने सीओ सिटी रमेश तिवारी से कहा- मैं मुख्यमंत्री जी के सामने बात रखता हूं। आप लोग यहां रहने लायक नहीं हैं। ना आप, ना आपका इंस्पेक्टर और ना आपके एसपी। यहां की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। दिनदहाड़े डकैती-चोरी और मर्डर हो रहा है। विधायक पर गोली चल रही। पढ़ें पूरी खबर… अब पढ़िए विधायकों की बातचीत… सदर विधायक योगेश वर्मा ने कहा, शहर की कानून व्यवस्था समेत कई विषयों पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से बात हुई है। मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करनी है। धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने कहा, हम सभी विधायक एक साथ प्रमुख सचिव गृह से मिले थे, क्योंकि किसी भी समस्या पर हम सब संगठित हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, विधायकों ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मिलकर विधायक सौरभ सिंह सोनू के साथ हुई घटना से अवगत कराया है। प्रमुख सचिव गृह ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एसपी ने कहा- विधायकों से मुनमुटाव जैसी कोई बात नहीं एसपी गणेश प्रसाद साहा ने कहा, किसी विधायक से किसी बात को लेकर कोई मनमुटाव जैसी स्थिति नहीं है। सभी से औपचारिक तरीके से हर विषय पर स्पष्ट बात होती है। दिए गए सुझाव पर भी अमल किया जाता है। तात्कालिक घटना को लेकर थोड़ा आक्रोश हो सकता है, पर विधायक के साथ हुई घटना का पुलिस ने वर्कआउट किया है। सीसीटीवी में दिख रहे युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। दोनों युवकों ने विधायक के साथ अभद्रता की बात स्वीकारी है, पर फायरिंग जैसी घटना की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस हर पहलू पर बहुत ही बारीकी और संवेदनशीलता से जांच पड़ताल कर रही है। —————————- यह खबर भी पढ़िए… BJP मंडल अध्यक्षों में 45% से ज्यादा OBC:11 यादव, 117 ब्राह्मण, मुस्लिम शून्य; अखिलेश का PDA फॉर्मूला तोड़ने का दांव समाजवादी पार्टी के पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) कार्ड को तोड़ने के लिए भाजपा ने मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में पिछड़ों पर दांव चला है। पार्टी ने पहले चरण में घोषित करीब 750 मंडल अध्यक्षों में 45% से ज्यादा पिछड़े वर्ग से हैं। अगर जाति वार बात करें तो सबसे ज्यादा ब्राह्मण (117) मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। दूसरे नंबर पर ठाकुर (91) हैं। पिछड़ी जाति में सबसे ज्यादा कुर्मी (29) हैं। 11 मंडल अध्यक्ष यादव जाति से बनाए गए हैं। पूरी लिस्ट में एक भी मुस्लिम नहीं है। महिलाओं को 33% आरक्षण दिलाने का वादा करने के बाद भी महिलाओं की संख्या कम है। दलितों की संख्या भी कम है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर