हिमाचल के कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर बीड़ बिलिंग घाटी में दूसरी बार 2 से 10 नवंबर तक पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (बीपीए) हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के सौजन्य से आयोजित करने जा रहा है। वर्ल्ड कप आयोजन के लिए 44 दिन शेष बचे हैं। 2 अक्टूबर तक कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन पर्यटन विभाग और बीपीए ने सभी प्रकार की तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। विश्व विख्यात पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध घाटी बीड़ बिलिंग मे नवंबर महीने में एक बार फिर विश्वभर के मानव परिंदे हवा में अठखेलियां करते नज़र आएंगे। अभी तक 50 देशों के 95 पायलट ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाले किसी भी देश के पायलट 2 अक्टूबर तक 25 हज़ार रुपए या 270 यूरो शुल्क अदा कर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। 9 रेस्क्यू टीमों का किया गया गठन हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विनय धीमान ने बताया कि बिलिंग घाटी में मूलभूत सुविधाओं जिनमें आधुनिक शेल्टर, आधुनिक शौचालय, बेंच, सोलर लाइटों की व्यवस्था के लिए 3 करोड़ रुपए के बजट की प्रोपोजल प्रदेश सरकार को प्रेषित की गई है। टेक ऑफ साइट में पहली बार सोलर लाइट्स लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कनेक्टिविटी के लिए सड़क की रिपेयर को इवेंट से पहले शुरू करने के लिए संबंधित विभाग से आग्रह किया गया है। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप क्रॉस कंट्री के पायलट की सुरक्षा की दृष्टि से 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चॉपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू बीपीए के प्रेसिडेंट अनुराग शर्मा ने कहा कि बीपीए ने पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा बीड़ बिलिंग में होने वाले इस वर्ल्ड कप से हिमाचल को दुनियाभर में पहचान मिलेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।एशिया में पहले नंबर पर है पैराग्लाइडिंग साइटबीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर है। दुनिया भर के पैराग्लाइडिंग के शौकीनों का बीड़-बिलिंग घाटी पसंदीदा स्थान है। यहां पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया भर से आते हैं लोग दुनिया भर से साहसिक पर्यटन के शौकीन यहां पैराग्लाइडिंग करने के लिए यहां आते हैं। यहां के युवा पैराग्लाइडिंग केवल रोजगार के लिए नहीं पैराग्लाइडिंग करते, बल्कि यहां पैराग्लाइडर पायलट ज्योति ठाकुर, अरविंद, प्रकाश, मंजीत, कमल, सुरेश जैसे दर्जनों होनहार पैराग्लाइडर्स ने चीन, नेपाल, बुलगारिया, जापान इत्यादि देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरी जाएगी बीड़-बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। 2002 से बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप का आयोजन आरंभ हुआ था, 2003 ,2008,2013 और 2015 में बीपीए और प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड और वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा चुका है। 2015 में हुआ था वर्ल्ड कप साल 2015 में बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (बीपीए) बीड़ बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग क्रॉस कंट्री के वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर चुकी है। 2013 में पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का पहला आयोजन हुआ था। उसके बाद दूसरा आयोजन 2015 में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप हुआ था। उसके बाद 2016 में तीसरा आयोजन राष्ट्रीय ओपन एक्यूरेसी चैम्पियनशिप, 2017 में चौथा आयोजन एएफ डेयर डेविल स्काई डाइविंग शो, 2023 में 5वां आयोजन एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप इंडिया, फिर 2023 में एक्ससी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का छठा आयोजन हुआ था। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है। हिमाचल के कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर बीड़ बिलिंग घाटी में दूसरी बार 2 से 10 नवंबर तक पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (बीपीए) हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के सौजन्य से आयोजित करने जा रहा है। वर्ल्ड कप आयोजन के लिए 44 दिन शेष बचे हैं। 2 अक्टूबर तक कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन पर्यटन विभाग और बीपीए ने सभी प्रकार की तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। विश्व विख्यात पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध घाटी बीड़ बिलिंग मे नवंबर महीने में एक बार फिर विश्वभर के मानव परिंदे हवा में अठखेलियां करते नज़र आएंगे। अभी तक 50 देशों के 95 पायलट ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाले किसी भी देश के पायलट 2 अक्टूबर तक 25 हज़ार रुपए या 270 यूरो शुल्क अदा कर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। 9 रेस्क्यू टीमों का किया गया गठन हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विनय धीमान ने बताया कि बिलिंग घाटी में मूलभूत सुविधाओं जिनमें आधुनिक शेल्टर, आधुनिक शौचालय, बेंच, सोलर लाइटों की व्यवस्था के लिए 3 करोड़ रुपए के बजट की प्रोपोजल प्रदेश सरकार को प्रेषित की गई है। टेक ऑफ साइट में पहली बार सोलर लाइट्स लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कनेक्टिविटी के लिए सड़क की रिपेयर को इवेंट से पहले शुरू करने के लिए संबंधित विभाग से आग्रह किया गया है। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप क्रॉस कंट्री के पायलट की सुरक्षा की दृष्टि से 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चॉपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू बीपीए के प्रेसिडेंट अनुराग शर्मा ने कहा कि बीपीए ने पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा बीड़ बिलिंग में होने वाले इस वर्ल्ड कप से हिमाचल को दुनियाभर में पहचान मिलेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।एशिया में पहले नंबर पर है पैराग्लाइडिंग साइटबीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर है। दुनिया भर के पैराग्लाइडिंग के शौकीनों का बीड़-बिलिंग घाटी पसंदीदा स्थान है। यहां पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया भर से आते हैं लोग दुनिया भर से साहसिक पर्यटन के शौकीन यहां पैराग्लाइडिंग करने के लिए यहां आते हैं। यहां के युवा पैराग्लाइडिंग केवल रोजगार के लिए नहीं पैराग्लाइडिंग करते, बल्कि यहां पैराग्लाइडर पायलट ज्योति ठाकुर, अरविंद, प्रकाश, मंजीत, कमल, सुरेश जैसे दर्जनों होनहार पैराग्लाइडर्स ने चीन, नेपाल, बुलगारिया, जापान इत्यादि देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरी जाएगी बीड़-बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। 2002 से बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप का आयोजन आरंभ हुआ था, 2003 ,2008,2013 और 2015 में बीपीए और प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड और वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा चुका है। 2015 में हुआ था वर्ल्ड कप साल 2015 में बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (बीपीए) बीड़ बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग क्रॉस कंट्री के वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर चुकी है। 2013 में पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का पहला आयोजन हुआ था। उसके बाद दूसरा आयोजन 2015 में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप हुआ था। उसके बाद 2016 में तीसरा आयोजन राष्ट्रीय ओपन एक्यूरेसी चैम्पियनशिप, 2017 में चौथा आयोजन एएफ डेयर डेविल स्काई डाइविंग शो, 2023 में 5वां आयोजन एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप इंडिया, फिर 2023 में एक्ससी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का छठा आयोजन हुआ था। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में फिर बादल फटा, 1 महिला की मौत:लाहौल-स्पीति की पिन वैली में तबाही; समेज-बागीपुल और चौहारघाटी में 46 लोग अभी भी लापता
हिमाचल में फिर बादल फटा, 1 महिला की मौत:लाहौल-स्पीति की पिन वैली में तबाही; समेज-बागीपुल और चौहारघाटी में 46 लोग अभी भी लापता हिमाचल प्रदेश के ट्राइबल जिला लाहौल स्पीति की पिन वैली में शुक्रवार शाम करीब छह बजे बादल फटने की घटना पेश आई। इससे एक महिला मलबे और बाढ़ की चपेट में आ गई। देर शाम तक पुलिस ने महिला का शव बरामद कर दिया है। इसकी पुष्टि डीसी लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने की। भारी बारिश के बाद क्षेत्र में कुछ सड़कें भी बंद हो गई है। वहीं बुधवार रात को पांच जगह बादल फटने की घटना से मंडी, कुल्लू और शिमला के समेज में 53 से ज्यादा लोग लापता हो गए। इनमें से 46 व्यक्तियों का 50 घंटे से अधिक समय बाद भी सुराग नहीं लग पाया है। खासकर समेज खड्ड में बहे 36 में से एक भी व्यक्ति का अब तक सुराग नहीं लग पाया। इससे अब लापता लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें भी लगभग खत्म होती जा रही है। लापता लोगों की तलाश के लिए NDRF, SDRF, पुलिस और होमगार्ड जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। मंडी की चौहारघाटी के राजबन गांव में भी 3 मकान ढहने से 3 परिवार के 5 लोग अभी भी लापता हैं। यहां 5 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक घायल को मलबे से सुरक्षित निकाला गया। बागीपुल में 5 लोग अभी भी लापता उधर, कुल्लू के बागीपुल में भी एक ही परिवार के 5 सदस्य सहित 7 लोग लापता हो गए थे। इनमें एक महिला व एक पुरुष का शव मिल चुका हैं, जबकि 5 अभी भी लापता हैं। राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटे के दौरान ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हुई। इससे खतरनाक हो चुके नदी-नालों का जल स्तर कम हो रहा है। अगले 6 दिन कहीं भी ऑरेंज अलर्ट नहीं मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में अगले पांच-छह दिन तक मौसम खराब रहेगा। इस दौरान कुछेक स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। ज्यादातर जगह आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे या हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। राहत की बात यह है कि प्रदेश के किसी भी जिला में अगले छह दिन के ऑरेंज अलर्ट नहीं है।
शिमला में रुका मस्जिद गिराने का काम:बजट की कमी आ रही आड़े; 10 से 15 लाख रुपए खर्च का अनुमान
शिमला में रुका मस्जिद गिराने का काम:बजट की कमी आ रही आड़े; 10 से 15 लाख रुपए खर्च का अनुमान शिमला के संजौली में बीते कल अवैध मस्जिद को गिराने का काम शुरू कर दिया गया था, मगर अवैध हिस्से को हटाने का काम नहीं किया गया। दोपहर एक बजे तक काम पर कोई मजदूर नहीं देखा गया। संजौली मस्जिद कमेटी का मानना है कि इतने बड़े स्ट्रक्चर को हटाने के लिए 10 से 15 लाख रुपए की जरूरत है। अब पैसों की कमी आड़े आ रही है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वह प्रदेश में भाईचारे को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जब माहौल बिगड़ा तो उन्होंने स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि हम मस्जिद के अवैध हिस्से को तय समय में तोड़ने की तैयार है। मगर पैसों की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने कहा, बनाने के लिए सभी ने पैसा दिया, लेकिन तोड़ने के लिए कोई नहीं दे रहा। लतीफ ने कहा कि मजदूरों को तोड़ने का काम दे दिया गया है, लेकिन वह त्योहारी सीजन की वजह से काम पर नहीं आए। मजदूरों ने दीवाली के बाद काम में तेजी लाने की बात की है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के आदेश दिए वहीं, हिमाचल हाईकोर्ट ने स्थानीय निवासियों की याचिका पर 8 सप्ताह के भीतर केस को पूरी तरह डिसाइड करने के आदेश दिए है। वहीं, नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में 21 दिसंबर को इस केस की सुनवाई होनी है। संजौली मस्जिद कमेटी ने बीते 11 सितंबर को शिमला में हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले दिन निगम आयुक्त को लिखित में खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश की। इसके बाद विवाद कुछ शांत हुआ। बीते 5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने मस्जिद की तीन मंजिले हटाने के आदेश दिए, जबकि नीचे की 2 मंजिल को लेकर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है। निगम आयुक्त के आदेशानुसार, बीते कल मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया गया। 46 बार हो चुकी सुनवाई निगम कोर्ट में संजौली मस्जिद का केस 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए। हालांकि कभी कार्रवाई नहीं हो पाई। शिमला शहर के विधायक का किया धन्यवाद मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने स्थानीय विधायक हरीश जनारथा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जनारथा ने इस मामले में पहले दिन से राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। हिमाचल प्रदेश व शिमला जिस भाईचारे व शांति के माहौल के लिए जाना जाता है। यह आगे भी बना रहेगा।
चंबा में सरकारी क्वार्टर में लगी आग:चपेट में आने से 3 सिलेंडर फटे, लाखों की संपत्ति जलकर राख
चंबा में सरकारी क्वार्टर में लगी आग:चपेट में आने से 3 सिलेंडर फटे, लाखों की संपत्ति जलकर राख हिमाचल के जिला चंबा के डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाले सुरंगाणी में भीषण आग लग गई। बीते शनिवार की रात एनएचपीसी के सुरंगानी में मौजूद बेरा-स्यूल पावर स्टेशन की कॉलोनी में आग लग गई, जिसकी चपेट में आने से 3 गैस सिलेंडर फट गए। बताया गया कि शनिवार रात करीब 10 बजे यह भीषण आग उस वक्त लगी जब NHPC के 10 क्वार्टर में रहने वाले लोग अपने परिवार के साथ अपने क्वार्टर में मौजूद थे। जैसे ही आग लगी तो क्वार्टर में रहने वाले लोगों ने शोर मचाया जिस वजह से समय रहते इन क्वार्टर में रहने वाले लोग सुरक्षित बाहर निकल आए। देखते ही देखते आग इतनी तेजी के साथ फैली की एक के बाद एक सभी 10 क्वार्टर आग की चपेट में आ गए। धमाकों की आवाज से सहमे आस-पास के लोग आग लगने की घटना से सभी 10 क्वार्टर जलकर राख हो गए। बताया जा रहा है कि इन क्वार्टरों में मौजूद 3 गैस सिलेंडर आग की चपेट में आने से एक-एक करके फटे, जिस वजह से आग और तेजी के साथ फैली। गैस सिलेंडर के फटने की वजह से धमाकों की आवाजें सुने कर सुरगानी व आसपास के क्षेत्रों के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। उधर इस घटना के बारे में जब एनएचपीसी के अधिकारियों को पता चला तो वे भी मौके पर पहुंचे। साथ ही अग्निशमन विभाग को सूचित किया गया। कड़ी मशक्कत से दमकल विभाग ने बुझाई आग सूचना मिलने पर अग्निशमन दस्ता मौके पर पहुंचा और घंटों प्रयास करने के बाद आग पर काबू पाने में सफलता पाई। प्रथम दृष्टि में आग लगने की वजह बिजली शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है लेकिन जांच पड़ताल के बाद ही आग लगने के कारणों का पता चल पाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग की इस घटना में इन सरकारी क्वार्टर में रहने वालों को कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन आग में उनका सारा सामान जलकर राख हो गया। फिलहाल प्रभावितों को NHPC फील्ड हॉस्टल में ठहराया गया है।