देशभर में बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 13 नवंबर (बुधवार) को आएगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने एक अक्टूबर को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब से बुलडोजर एक्शन पर रोक लगी हुई है। आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे ये फैसला आएगा। माना जा रहा है कि बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। तमाम विपक्षी दलों की निगाहें भी इस फैसले पर टिकी हुई हैं। जमीयत ने कहा था- मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा
दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने 22 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें यूपी के मुरादाबाद, बरेली और प्रयागराज में हुए बुलडोजर एक्शन का भी जिक्र किया गया था।
जमीयत का आरोप था कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाकर बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। याचिका में एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया। इनमें पांचों राज्यों में बुलडोजर एक्शन की 128 घटनाओं की फैक्ट फाइंडिंग है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 2 सितंबर को पहली बार सुनवाई हुई। तब कोर्ट ने पूछा था कि सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर कैसे गिराया जा सकता है? कोर्ट ने कहा था कि गाइडलाइन बनाई जाए, जो पूरे देश में लागू हो। इसके लिए कोर्ट ने सभी पक्षों से सुझाव भी मांगे थे। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में पिछली 4 सुनवाई में क्या हुआ 1 अक्टूबर : SC बोला- भारत धर्मनिरपेक्ष देश, गाइडलाइन सभी के लिए होगी सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर को बुलडोजर एक्शन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि फैसला आने तक देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बुलडोजर एक्शन पर रोक में अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं होगा। सड़क हो, रेल लाइन हो, मंदिर हो या फिर दरगाह, अवैध अतिक्रमण हटाया ही जाएगा। हमारे लिए जनता की सुरक्षा ही प्राथमिकता है। SC ने ये भी कहा था कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। हम जो भी गाइडलाइन बनाएंगे, वो सभी के लिए होगी। 17 सितंबर : केंद्र बोला- हाथ न बांधें, कोर्ट ने कहा- आसमान नहीं फट पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को कहा था 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। जब केंद्र ने इस ऑर्डर पर सवाल उठाया कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। तब जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। 12 सितंबर : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बुलडोजर एक्शन कानूनों पर बुलडोजर
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को भी कहा था कि बुलडोजर एक्शन देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा है। मामला जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में था। दरअसल, गुजरात में नगरपालिका की तरफ से एक परिवार को बुलडोजर एक्शन की धमकी दी गई थी। याचिका लगाने वाला खेड़ा जिले के कठलाल में एक जमीन का सह-मालिक है। 2 सितंबर : कोर्ट ने कहा था- अतिक्रमण को संरक्षण नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि भले ही कोई दोषी क्यों न हो, फिर भी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। हालांकि बेंच ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह सार्वजनिक सड़कों पर किसी भी तरह अतिक्रमण को संरक्षण नहीं देगा। लेकिन, इस मामले से जुड़ी पार्टियां सुझाव दें। हम पूरे देश के लिए गाइडलाइन जारी कर सकते हैं।
————– तीन राज्य जहां पिछले 3 महीने में बुलडोजर एक्शन हुआ अगस्त 2024 : मध्यप्रदेश के छतरपुर में पुलिस पर पथराव के आरोपी पर एक्शन
मध्यप्रदेश के छतरपुर में 21 अगस्त को कोतवाली थाने पर पथराव के 24 घंटे के भीतर सरकार ने यहां 20 हजार स्क्वायर फीट में बनी 20 करोड़ रुपए की तीन मंजिला हवेली को जमींदोज कर दिया था। जब उनकी हवेली गिराई जा रही थी, तब भी उनके परिवार का कोई सदस्य यहां मौजूद नहीं था। FIR के मुताबिक, चारों भाइयों ने भीड़ को पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया था। अगस्त 2024 : राजस्थान के उदयपुर में चाकूबाजी के बाद आरोपी के घर चला बुलडोजर
उदयपुर के एक सरकारी स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाले एक बच्चे ने दूसरे को चाकू मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद पूरे शहर में आगजनी और हिंसक प्रदर्शन हुए। 17 अगस्त को आरोपी छात्र के घर पर बुलडोजर एक्शन हुआ था। इससे पहले सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने आरोपी के पिता सलीम शेख को अवैध बस्ती में बने मकान को खाली करने का नोटिस दिया था। जून 2024 : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बलिया में 2 आरोपियों की 6 संपत्तियां तोड़ीं
मुरादाबाद में विवाहिता के अपहरण की कोशिश करने वाले के घर पर बुलडोजर चला था। आरोपी ने अपहरण का विरोध कर रहे महिला के मां-बाप और भाई को गोली मार दी थी। वहीं, बरेली में रोटी के विवाद में युवक की पीट-पीटकर हत्या करने वाले होटल मालिक जीशान का होटल जमींदोज कर दिया गया। सनी का 26 जून को बर्थडे था। सनी ने मशाल होटल के मालिक जीशान को 150 रोटी का आर्डर दिया था। जीशान ने सिर्फ 50 रोटी दी और 100 रोटी देने से मना कर दिया था। विवाद बढ़ा तो जीशान ने अपने साथियों के साथ मिलकर सनी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
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अब एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट पढ़िए, जिसे याचिका में हाईलाइट किया गया.. रिपोर्ट में माना- मकान ढहाने में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यूपी, दिल्ली, MP, असम और गुजरात में बुलडोजर एक्शन के शिकार हुए लोगों सहित वकीलों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विशेषज्ञों से बातचीत की। गुजरात में 19, मध्य प्रदेश में 37, असम में 3, दिल्ली में 14 और यूपी में 2 लोगों के इंटरव्यू लिए। अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 के बीच पब्लिश हुई 50 से ज्यादा मीडिया रिपोर्ट का भी अध्ययन किया। रिपोर्ट के अनुसार- इन पांच राज्यों में 2022 में 15 दिन के दौरान 128 संपत्तियों को बुलडोजर से ढहाया गया। इसमें यूपी के प्रयागराज में एक और सहारनपुर में 2 संपत्तियां ढहाई गईं। इन 128 में से 63 मामलों की फाइंडिंग एमनेस्टी इंटरनेशनल ने की। रिपोर्ट में माना कि मुसलमानों के प्रति भेदभाव को रोकने के बजाय नेताओं और अधिकारियों ने इसे सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया। इस भेदभाव की शुरुआत साल- 2020 में CAA विरोध प्रदर्शन से हुई। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट में माना है कि इन सभी मकानों को ढहाने में सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। राज्य सरकार के अफसरों ने बिना किसी पूर्व नोटिस के बुलडोजर चलाया। घर-दुकान खाली करने का भी लोगों को टाइम नहीं दिया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दावा किया गया कि इस कार्रवाई का शिकार मुस्लिम आबादी वाले इलाके हुए। भेदभावपूर्ण तरीके से मुसलमानों की संपत्ति ध्वस्त की गई, जबकि पड़ोसी हिंदुओं की संपत्ति छोड़ दी गई। पांचों राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई का यही पैटर्न था। देशभर में बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 13 नवंबर (बुधवार) को आएगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने एक अक्टूबर को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब से बुलडोजर एक्शन पर रोक लगी हुई है। आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे ये फैसला आएगा। माना जा रहा है कि बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। तमाम विपक्षी दलों की निगाहें भी इस फैसले पर टिकी हुई हैं। जमीयत ने कहा था- मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा
दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने 22 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें यूपी के मुरादाबाद, बरेली और प्रयागराज में हुए बुलडोजर एक्शन का भी जिक्र किया गया था।
जमीयत का आरोप था कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाकर बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। याचिका में एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया। इनमें पांचों राज्यों में बुलडोजर एक्शन की 128 घटनाओं की फैक्ट फाइंडिंग है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 2 सितंबर को पहली बार सुनवाई हुई। तब कोर्ट ने पूछा था कि सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर कैसे गिराया जा सकता है? कोर्ट ने कहा था कि गाइडलाइन बनाई जाए, जो पूरे देश में लागू हो। इसके लिए कोर्ट ने सभी पक्षों से सुझाव भी मांगे थे। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में पिछली 4 सुनवाई में क्या हुआ 1 अक्टूबर : SC बोला- भारत धर्मनिरपेक्ष देश, गाइडलाइन सभी के लिए होगी सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर को बुलडोजर एक्शन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि फैसला आने तक देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बुलडोजर एक्शन पर रोक में अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं होगा। सड़क हो, रेल लाइन हो, मंदिर हो या फिर दरगाह, अवैध अतिक्रमण हटाया ही जाएगा। हमारे लिए जनता की सुरक्षा ही प्राथमिकता है। SC ने ये भी कहा था कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। हम जो भी गाइडलाइन बनाएंगे, वो सभी के लिए होगी। 17 सितंबर : केंद्र बोला- हाथ न बांधें, कोर्ट ने कहा- आसमान नहीं फट पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को कहा था 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। जब केंद्र ने इस ऑर्डर पर सवाल उठाया कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। तब जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। 12 सितंबर : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बुलडोजर एक्शन कानूनों पर बुलडोजर
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को भी कहा था कि बुलडोजर एक्शन देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा है। मामला जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में था। दरअसल, गुजरात में नगरपालिका की तरफ से एक परिवार को बुलडोजर एक्शन की धमकी दी गई थी। याचिका लगाने वाला खेड़ा जिले के कठलाल में एक जमीन का सह-मालिक है। 2 सितंबर : कोर्ट ने कहा था- अतिक्रमण को संरक्षण नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि भले ही कोई दोषी क्यों न हो, फिर भी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। हालांकि बेंच ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह सार्वजनिक सड़कों पर किसी भी तरह अतिक्रमण को संरक्षण नहीं देगा। लेकिन, इस मामले से जुड़ी पार्टियां सुझाव दें। हम पूरे देश के लिए गाइडलाइन जारी कर सकते हैं।
————– तीन राज्य जहां पिछले 3 महीने में बुलडोजर एक्शन हुआ अगस्त 2024 : मध्यप्रदेश के छतरपुर में पुलिस पर पथराव के आरोपी पर एक्शन
मध्यप्रदेश के छतरपुर में 21 अगस्त को कोतवाली थाने पर पथराव के 24 घंटे के भीतर सरकार ने यहां 20 हजार स्क्वायर फीट में बनी 20 करोड़ रुपए की तीन मंजिला हवेली को जमींदोज कर दिया था। जब उनकी हवेली गिराई जा रही थी, तब भी उनके परिवार का कोई सदस्य यहां मौजूद नहीं था। FIR के मुताबिक, चारों भाइयों ने भीड़ को पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया था। अगस्त 2024 : राजस्थान के उदयपुर में चाकूबाजी के बाद आरोपी के घर चला बुलडोजर
उदयपुर के एक सरकारी स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाले एक बच्चे ने दूसरे को चाकू मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद पूरे शहर में आगजनी और हिंसक प्रदर्शन हुए। 17 अगस्त को आरोपी छात्र के घर पर बुलडोजर एक्शन हुआ था। इससे पहले सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने आरोपी के पिता सलीम शेख को अवैध बस्ती में बने मकान को खाली करने का नोटिस दिया था। जून 2024 : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बलिया में 2 आरोपियों की 6 संपत्तियां तोड़ीं
मुरादाबाद में विवाहिता के अपहरण की कोशिश करने वाले के घर पर बुलडोजर चला था। आरोपी ने अपहरण का विरोध कर रहे महिला के मां-बाप और भाई को गोली मार दी थी। वहीं, बरेली में रोटी के विवाद में युवक की पीट-पीटकर हत्या करने वाले होटल मालिक जीशान का होटल जमींदोज कर दिया गया। सनी का 26 जून को बर्थडे था। सनी ने मशाल होटल के मालिक जीशान को 150 रोटी का आर्डर दिया था। जीशान ने सिर्फ 50 रोटी दी और 100 रोटी देने से मना कर दिया था। विवाद बढ़ा तो जीशान ने अपने साथियों के साथ मिलकर सनी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
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अब एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट पढ़िए, जिसे याचिका में हाईलाइट किया गया.. रिपोर्ट में माना- मकान ढहाने में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यूपी, दिल्ली, MP, असम और गुजरात में बुलडोजर एक्शन के शिकार हुए लोगों सहित वकीलों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विशेषज्ञों से बातचीत की। गुजरात में 19, मध्य प्रदेश में 37, असम में 3, दिल्ली में 14 और यूपी में 2 लोगों के इंटरव्यू लिए। अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 के बीच पब्लिश हुई 50 से ज्यादा मीडिया रिपोर्ट का भी अध्ययन किया। रिपोर्ट के अनुसार- इन पांच राज्यों में 2022 में 15 दिन के दौरान 128 संपत्तियों को बुलडोजर से ढहाया गया। इसमें यूपी के प्रयागराज में एक और सहारनपुर में 2 संपत्तियां ढहाई गईं। इन 128 में से 63 मामलों की फाइंडिंग एमनेस्टी इंटरनेशनल ने की। रिपोर्ट में माना कि मुसलमानों के प्रति भेदभाव को रोकने के बजाय नेताओं और अधिकारियों ने इसे सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया। इस भेदभाव की शुरुआत साल- 2020 में CAA विरोध प्रदर्शन से हुई। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट में माना है कि इन सभी मकानों को ढहाने में सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। राज्य सरकार के अफसरों ने बिना किसी पूर्व नोटिस के बुलडोजर चलाया। घर-दुकान खाली करने का भी लोगों को टाइम नहीं दिया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दावा किया गया कि इस कार्रवाई का शिकार मुस्लिम आबादी वाले इलाके हुए। भेदभावपूर्ण तरीके से मुसलमानों की संपत्ति ध्वस्त की गई, जबकि पड़ोसी हिंदुओं की संपत्ति छोड़ दी गई। पांचों राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई का यही पैटर्न था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर