ब्रजवासी बोले- प्रेमानंद महाराज नहीं, शोर-शराबे का विरोध:धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की माफी स्वीकार; वह जोशीले सनातनी, संभलकर बयान दें

ब्रजवासी बोले- प्रेमानंद महाराज नहीं, शोर-शराबे का विरोध:धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की माफी स्वीकार; वह जोशीले सनातनी, संभलकर बयान दें

वृंदावन में विरोध के चलते संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित हो गई। अब वह कार से आश्रम जाते हैं। विरोध करने वालों के खिलाफ कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया। उन्होंने कहा- देवियों साधु के भजन में रोक लगाओगी, तुम इंसान तो हो ही नहीं सकती। ऐसे लोगों को वृंदावन छोड़कर दिल्ली चले जाना चाहिए। दावा किया गया कि ब्रज के लोग अब धीरेंद्र शास्त्री से नाराज हो गए हैं। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो जारी करके कहा- ब्रज के लोग हमारे प्राण हैं। हमें माफ करें। तो क्या वाकई ब्रज के लोग धीरेंद्र शास्त्री से नाराज है? क्या प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध हो रहा है? इन सवालों के साथ दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम ने ब्रज के लोगों से बात की। इसमें 2 बातें सामने आईं… पढ़िए क्या कहते हैं, ब्रज के लोग… पदयात्रा का नहीं, शोर-शराबे का विरोध…
ब्रजवासी पंडा सभा के अध्यक्ष श्याम गौतम ने कहा- हम लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री या संत प्रेमानंद महाराज का विरोध नहीं कर रहे थे। हम लोग कुछ समस्याओं को लेकर विरोध कर रहे थे। ब्रजवासी और संत एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा- कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि प्रेमानंद महाराज की यात्रा का विरोध हो रहा है, ये पूरी तरह से गलत है। उस पदयात्रा के साथ चल रहे बैंड-बाजा और पटाखों के शोर का विरोध था। लोग आधी रात को जयकारे लगाते हैं। हम उनका कैसे विरोध कर सकते हैं? हम तो कहते हैं कि महाराज जी कहें कि ब्रजवासी भी आएं, प्रत्येक दिन ब्रजवासियों का आह्वान करें। उनके साथ वृंदावन का ब्रजवासी हमेशा चलने को तैयार है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री युवा, वह गंभीरता से रहें
श्याम गौतम ने कहा- धीरेंद्र शास्त्री युवा और जोशीले सनातनी हैं। हिंदू धर्म की ध्वजा को आगे लेकर चल रहे हैं। कोई भी युवा हो, वह गंभीरता से रहे, अपने बुजुर्गों के बताए रास्ते पर चले। किसी भी बात की सच्चाई को जानें और तह तक पहुंचने के बाद ही बयान दें, तब अच्छा लगेगा। उन्होंने कहा- उनको माफी मांगने की जरूरत नहीं थी, लेकिन बयान से मन दुखी था। जो विरोध कर रहे थे, चाहे वह बाहर से आकर बसे हुए लोग हों। मगर हैं तो सनातनी हिंदू ही न। वह बाहर से आए विदेशी लोग नहीं हैं या मुगल शासक नहीं हैं, जो विरोध कर रहे हैं। आप सनातन बोर्ड की मांग कर रहे हो, सनातनियों को एक करने की बात कर रहे हो, इस समय ऐसी चर्चा करना तो आपस में विघटन को बढ़ावा देने जैसा है। प्रेमानंद बहुत अच्छे, मगर फॉलोअर हल्ला करते हैं…
राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चंद्र लाल शर्मा ने कहा- सभी संगठनों के साथ एक बैठक की गई। क्योंकि कहा जा रहा था कि प्रेमानंद जी का विरोध किया जा रहा है। इस पर चर्चा की गई। हम किसी यात्रा का विरोध नहीं कर रहे हैं। सुख शांति से वृंदावन में संत रहते आए हैं। जिस तरह से ध्वनि प्रदूषण से वहां के लोगों को परेशानी होती थी। तब उस शोर का विरोध किया गया। मगर धीरेंद्र शास्त्री का बयान आया कि पद यात्रा का विरोध किया था। अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का स्पष्टीकरण भी आ गया। इसके बाद इस आंदोलन को विश्राम दे दिया गया है। वृंदावन में रात्रि के समय में संत साधना करते हैं, हल्ला गुल्ला नहीं करते, लेकिन संत प्रेमानंद महाराज के यहां उनके फॉलोअर हल्ला करते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि संत प्रेमानंद महाराज बहुत अच्छा बोलते हैं। धीरेंद्र शास्त्री को पूरी जानकारी नहीं, इसलिए बयान दे बैठे
राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष आनंद बल्लभ गोस्वामी ने कहा- शुक्रवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि उनको बताया गया कि NRI सोसाइटी में विदेश से आकर लोग रहते हैं। ऐसा नहीं है कि इसमें ब्रजवासी ही रहते हैं। उन्होंने कहा- ऐसे में बयान नहीं देना था। इसके बाद उन्होंने स्पष्टीकरण का वीडियो बनाकर भेजा। इसमें आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने अहम भूमिका निभाई। संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को लेकर जल्द प्रतिनिधि मंडल मिलेगा, आग्रह करेगा कि अगर कोई बात गलत तरीके से रखी गई है, तो उसको ठीक कर लें। संत प्रेमानंद महाराज ने तकलीफ समझी
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा- संत प्रेमानंद महाराज की रात में पदयात्रा को लेकर कुछ लोगों को तकलीफ थी। वह बात ठीक है। इसको संत प्रेमानंद महाराज ने समझा और उन्होंने उस तरह की पदयात्रा बंद कर दी। इसी बात को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बयान दिया था। हालांकि उन्होंने ऐसे कोई अपशब्द नहीं बोले थे, जिसको लेकर ब्रजवासियों के सम्मान पर चोट पहुंचे। फिर भी ब्रजवासियों को बहला फुसलाया और विरोध कराया। जिसके बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपना एक बयान दिया, जिसमें कहा कि मेरा ऐसा कोई भाव ब्रजवासियों के प्रति कभी रहा है और न ही रहेगा। सौरभ गौड़ ने कहा कि ऐसे लोग जो षडयंत्र के तहत बाबा बागेश्वर वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बाबा प्रेमानंद महाराज को बदनाम करने के लिए मुहिम चलाए हुए हैं। ऐसे लोगों को अपनी मुहिम बंद कर देनी चाहिए l पूरा मामला समझिए- संत प्रेमानंद महाराज की रात में होने वाली पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का 4 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया था। सोसाइटी की महिलाओं का कहना था कि रात 2 बजे शोर होने से हमारे बच्चे सो नहीं पाते। इससे बच्चे देरी से उठते हैं। इस वजह से उन्हें स्कूल जाने में लेट हो जाता है। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा बंद कर दी। अब वह कार से रमणरेती जाते हैं, फिर 100 मीटर की पैदल यात्रा करके आश्रम पहुंचते हैं। अब धीरेंद्र शास्त्री का पूरा बयान पढ़िए- संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित होने पर महाकुंभ में धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत की। कहा था- वर्तमान समय में ब्रज की विभूति के रूप में जिनकी वाणी को करोड़ों लोग सुन रहे हैं। ऐसे संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा को लेकर जिन महिलाओं ने विरोध किया। उनके बारे में एक प्रार्थना करेंगे। देवियों साधुओं के भजन में ही रोक लगाओगी तो तुम इंसान हो ही नहीं सकती। पुराने समय में हवन कुंड में राक्षसों को दिक्कत होती थी। जो प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध कर रहा, वह शुद्ध रूप से मानव नहीं है, जिनके पेट में दर्द है, वह वृंदावन छोड़कर दिल्ली में बस जाएं। शुक्रवार को विभिन्न संगठन से जुड़े लोगों ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान का विरोध किया था। वृंदावन में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान का विरोध पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान सामने आने के बाद वृंदावन के लोग विरोध में उतर गए। शुक्रवार को राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ ने मीटिंग बुलाई। इसमें मौजूद विभिन्न संगठनों के लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री से माफी मांगने की मांग की। विरोध बढ़ा तो धीरेंद्र शास्त्री ने दिया स्पष्टीकरण विरोध के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आज वीडियो जारी किया। इसमें वह कह रहे हैं- मीडिया के कुछ लोगों ने मुझे बताया और दिखाया कि प्रेमानंद महाराज की, जो केली कुंज वाली पदयात्रा थी, उसका कुछ लोगों ने विरोध किया। इस बात से मन को दुख पहुंचा। मैंने कहा- जिन्हें राधे-राधे कहने में दिक्कत है, उन्हें बाहर चले जाना चाहिए। उन्हें दिल्ली या मुंबई में जाकर बस जाना चाहिए, लेकिन मुझे बताया गया कि कुछ ब्रजवासियों ने इस बात को अपने ऊपर ले लिया। जो कि मैंने कही नहीं है। उस बात को दूसरे तरीके से अपने भाव में रख लिया। मैं ब्रजवासियों को यही कहूंगा कि आप सब हमारे प्राण हैं। हमारे विचार में ब्रजवासियों के प्रति कुभाव प्रकट नहीं हो सकता है। हमारी बातों को अनर्गल प्रस्तुत करके किसी प्रकार का ऐसा कुभाव मन में मत लाएं। यही ब्रजवासियों से हम हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं। ——————– प्रेमानंद महाराज से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… वृंदावन में जहां प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करते थे, वहां सन्नाटा:2 हजार दुकानदारों का कारोबार चौपट; बोले- अब लोग इस तरफ आते भी नहीं वृंदावन में प्रेमानंद महाराज बीते 9 दिन से पदयात्रा पर नहीं निकल रहे हैं। श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से लेकर प्रेमानंदजी के आश्रम तक 2Km लंबे रास्ते पर अब पहले वाली रौनक नहीं है। पहले यहां 50 हजार से ज्यादा लोग उनके दर्शन के लिए जिस रास्ते पर खड़े होते थे। करीब 2 हजार छोटी-छोटी दुकानें लगती थीं। प्रेमानंद महाराज की तस्वीर, धार्मिक साहित्य, फूल, कंठी-माला बेचकर लोग अपने परिवार चलाते थे। अब दुकानें भी कम हो गई हैं। पढ़ें पूरी खबर… वृंदावन में विरोध के चलते संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित हो गई। अब वह कार से आश्रम जाते हैं। विरोध करने वालों के खिलाफ कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया। उन्होंने कहा- देवियों साधु के भजन में रोक लगाओगी, तुम इंसान तो हो ही नहीं सकती। ऐसे लोगों को वृंदावन छोड़कर दिल्ली चले जाना चाहिए। दावा किया गया कि ब्रज के लोग अब धीरेंद्र शास्त्री से नाराज हो गए हैं। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो जारी करके कहा- ब्रज के लोग हमारे प्राण हैं। हमें माफ करें। तो क्या वाकई ब्रज के लोग धीरेंद्र शास्त्री से नाराज है? क्या प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध हो रहा है? इन सवालों के साथ दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम ने ब्रज के लोगों से बात की। इसमें 2 बातें सामने आईं… पढ़िए क्या कहते हैं, ब्रज के लोग… पदयात्रा का नहीं, शोर-शराबे का विरोध…
ब्रजवासी पंडा सभा के अध्यक्ष श्याम गौतम ने कहा- हम लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री या संत प्रेमानंद महाराज का विरोध नहीं कर रहे थे। हम लोग कुछ समस्याओं को लेकर विरोध कर रहे थे। ब्रजवासी और संत एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा- कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि प्रेमानंद महाराज की यात्रा का विरोध हो रहा है, ये पूरी तरह से गलत है। उस पदयात्रा के साथ चल रहे बैंड-बाजा और पटाखों के शोर का विरोध था। लोग आधी रात को जयकारे लगाते हैं। हम उनका कैसे विरोध कर सकते हैं? हम तो कहते हैं कि महाराज जी कहें कि ब्रजवासी भी आएं, प्रत्येक दिन ब्रजवासियों का आह्वान करें। उनके साथ वृंदावन का ब्रजवासी हमेशा चलने को तैयार है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री युवा, वह गंभीरता से रहें
श्याम गौतम ने कहा- धीरेंद्र शास्त्री युवा और जोशीले सनातनी हैं। हिंदू धर्म की ध्वजा को आगे लेकर चल रहे हैं। कोई भी युवा हो, वह गंभीरता से रहे, अपने बुजुर्गों के बताए रास्ते पर चले। किसी भी बात की सच्चाई को जानें और तह तक पहुंचने के बाद ही बयान दें, तब अच्छा लगेगा। उन्होंने कहा- उनको माफी मांगने की जरूरत नहीं थी, लेकिन बयान से मन दुखी था। जो विरोध कर रहे थे, चाहे वह बाहर से आकर बसे हुए लोग हों। मगर हैं तो सनातनी हिंदू ही न। वह बाहर से आए विदेशी लोग नहीं हैं या मुगल शासक नहीं हैं, जो विरोध कर रहे हैं। आप सनातन बोर्ड की मांग कर रहे हो, सनातनियों को एक करने की बात कर रहे हो, इस समय ऐसी चर्चा करना तो आपस में विघटन को बढ़ावा देने जैसा है। प्रेमानंद बहुत अच्छे, मगर फॉलोअर हल्ला करते हैं…
राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चंद्र लाल शर्मा ने कहा- सभी संगठनों के साथ एक बैठक की गई। क्योंकि कहा जा रहा था कि प्रेमानंद जी का विरोध किया जा रहा है। इस पर चर्चा की गई। हम किसी यात्रा का विरोध नहीं कर रहे हैं। सुख शांति से वृंदावन में संत रहते आए हैं। जिस तरह से ध्वनि प्रदूषण से वहां के लोगों को परेशानी होती थी। तब उस शोर का विरोध किया गया। मगर धीरेंद्र शास्त्री का बयान आया कि पद यात्रा का विरोध किया था। अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का स्पष्टीकरण भी आ गया। इसके बाद इस आंदोलन को विश्राम दे दिया गया है। वृंदावन में रात्रि के समय में संत साधना करते हैं, हल्ला गुल्ला नहीं करते, लेकिन संत प्रेमानंद महाराज के यहां उनके फॉलोअर हल्ला करते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि संत प्रेमानंद महाराज बहुत अच्छा बोलते हैं। धीरेंद्र शास्त्री को पूरी जानकारी नहीं, इसलिए बयान दे बैठे
राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष आनंद बल्लभ गोस्वामी ने कहा- शुक्रवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि उनको बताया गया कि NRI सोसाइटी में विदेश से आकर लोग रहते हैं। ऐसा नहीं है कि इसमें ब्रजवासी ही रहते हैं। उन्होंने कहा- ऐसे में बयान नहीं देना था। इसके बाद उन्होंने स्पष्टीकरण का वीडियो बनाकर भेजा। इसमें आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने अहम भूमिका निभाई। संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को लेकर जल्द प्रतिनिधि मंडल मिलेगा, आग्रह करेगा कि अगर कोई बात गलत तरीके से रखी गई है, तो उसको ठीक कर लें। संत प्रेमानंद महाराज ने तकलीफ समझी
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा- संत प्रेमानंद महाराज की रात में पदयात्रा को लेकर कुछ लोगों को तकलीफ थी। वह बात ठीक है। इसको संत प्रेमानंद महाराज ने समझा और उन्होंने उस तरह की पदयात्रा बंद कर दी। इसी बात को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बयान दिया था। हालांकि उन्होंने ऐसे कोई अपशब्द नहीं बोले थे, जिसको लेकर ब्रजवासियों के सम्मान पर चोट पहुंचे। फिर भी ब्रजवासियों को बहला फुसलाया और विरोध कराया। जिसके बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपना एक बयान दिया, जिसमें कहा कि मेरा ऐसा कोई भाव ब्रजवासियों के प्रति कभी रहा है और न ही रहेगा। सौरभ गौड़ ने कहा कि ऐसे लोग जो षडयंत्र के तहत बाबा बागेश्वर वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बाबा प्रेमानंद महाराज को बदनाम करने के लिए मुहिम चलाए हुए हैं। ऐसे लोगों को अपनी मुहिम बंद कर देनी चाहिए l पूरा मामला समझिए- संत प्रेमानंद महाराज की रात में होने वाली पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का 4 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया था। सोसाइटी की महिलाओं का कहना था कि रात 2 बजे शोर होने से हमारे बच्चे सो नहीं पाते। इससे बच्चे देरी से उठते हैं। इस वजह से उन्हें स्कूल जाने में लेट हो जाता है। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा बंद कर दी। अब वह कार से रमणरेती जाते हैं, फिर 100 मीटर की पैदल यात्रा करके आश्रम पहुंचते हैं। अब धीरेंद्र शास्त्री का पूरा बयान पढ़िए- संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित होने पर महाकुंभ में धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत की। कहा था- वर्तमान समय में ब्रज की विभूति के रूप में जिनकी वाणी को करोड़ों लोग सुन रहे हैं। ऐसे संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा को लेकर जिन महिलाओं ने विरोध किया। उनके बारे में एक प्रार्थना करेंगे। देवियों साधुओं के भजन में ही रोक लगाओगी तो तुम इंसान हो ही नहीं सकती। पुराने समय में हवन कुंड में राक्षसों को दिक्कत होती थी। जो प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध कर रहा, वह शुद्ध रूप से मानव नहीं है, जिनके पेट में दर्द है, वह वृंदावन छोड़कर दिल्ली में बस जाएं। शुक्रवार को विभिन्न संगठन से जुड़े लोगों ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान का विरोध किया था। वृंदावन में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान का विरोध पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान सामने आने के बाद वृंदावन के लोग विरोध में उतर गए। शुक्रवार को राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ ने मीटिंग बुलाई। इसमें मौजूद विभिन्न संगठनों के लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री से माफी मांगने की मांग की। विरोध बढ़ा तो धीरेंद्र शास्त्री ने दिया स्पष्टीकरण विरोध के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आज वीडियो जारी किया। इसमें वह कह रहे हैं- मीडिया के कुछ लोगों ने मुझे बताया और दिखाया कि प्रेमानंद महाराज की, जो केली कुंज वाली पदयात्रा थी, उसका कुछ लोगों ने विरोध किया। इस बात से मन को दुख पहुंचा। मैंने कहा- जिन्हें राधे-राधे कहने में दिक्कत है, उन्हें बाहर चले जाना चाहिए। उन्हें दिल्ली या मुंबई में जाकर बस जाना चाहिए, लेकिन मुझे बताया गया कि कुछ ब्रजवासियों ने इस बात को अपने ऊपर ले लिया। जो कि मैंने कही नहीं है। उस बात को दूसरे तरीके से अपने भाव में रख लिया। मैं ब्रजवासियों को यही कहूंगा कि आप सब हमारे प्राण हैं। हमारे विचार में ब्रजवासियों के प्रति कुभाव प्रकट नहीं हो सकता है। हमारी बातों को अनर्गल प्रस्तुत करके किसी प्रकार का ऐसा कुभाव मन में मत लाएं। यही ब्रजवासियों से हम हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं। ——————– प्रेमानंद महाराज से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… वृंदावन में जहां प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करते थे, वहां सन्नाटा:2 हजार दुकानदारों का कारोबार चौपट; बोले- अब लोग इस तरफ आते भी नहीं वृंदावन में प्रेमानंद महाराज बीते 9 दिन से पदयात्रा पर नहीं निकल रहे हैं। श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से लेकर प्रेमानंदजी के आश्रम तक 2Km लंबे रास्ते पर अब पहले वाली रौनक नहीं है। पहले यहां 50 हजार से ज्यादा लोग उनके दर्शन के लिए जिस रास्ते पर खड़े होते थे। करीब 2 हजार छोटी-छोटी दुकानें लगती थीं। प्रेमानंद महाराज की तस्वीर, धार्मिक साहित्य, फूल, कंठी-माला बेचकर लोग अपने परिवार चलाते थे। अब दुकानें भी कम हो गई हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर