ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ब्रज के मंदिरों में भगवान को जल यात्रा कराने की परंपरा है। वृंदावन के जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र जी का जल यात्रा के अवसर पर जड़ी बूटी और फलों के रस से अभिषेक किया जाता है। जल यात्रा में अधिक स्नान करने के कारण भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं। जिसके बाद उनको एकांत वास में रखकर उपचार किया जाता है। 15 दिन तक उपचार के बाद भगवान स्वस्थ होते हैं और फिर होती है रथ यात्रा। 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा अरुणोदय बेला में निकाली जाएगी। यमुना तट पर स्थित है भगवान जगन्नाथ का मंदिर वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में यमुना तट पर स्थित है भगवान जगन्नाथ जी का प्राचीन मंदिर। यहां भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। करीब 550 वर्ष पुराने इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर भक्त आनंद की अनुभूति करते हैं। भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा है वृंदावन में कहा जाता है कि वृंदावन के जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ की यह प्रतिमा पुरी में स्थित मंदिर से लाई गई पहली प्रतिमा है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवान के अनन्य भक्त थे हरिदास बाबा। वह हर समय भगवान कृष्ण का स्मरण करते और यमुना स्नान करते। बाबा की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उनसे जगन्नाथ जी की पहली प्रतिमा लाकर वृंदावन में स्थापित करने के लिए कहा। जगन्नाथ पुरी में निश्चित समय के बाद भगवान का नव कलेवर होता है। जिसमें भगवान की नई प्रतिमा विराजमान की जाती है और पुरानी प्रतिमा को समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है। बाबा हरिदास करीब 550 वर्ष पहले जगन्नाथ जी गए और वहां से पहली उसी प्रतिमा को वृंदावन ले आए जिसको समुद्र में विसर्जन किया जाना था। तभी से भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा यहां विराजमान है। सहस्त्र धारा से होगा अभिषेक शनिवार को जल यात्रा के अवसर पर जगन्नाथ मंदिर में भगवान का सहस्त्र धारा से अभिषेक किया जायेगा। इस दौरान भगवान का पवित्र नदियों के जल, 11 फलों के रस और पंचामृत से महाभिषेक किया जायेगा। करीब 1 घंटे तक चलने वाले इस महाभिषेक के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे। 15 दिन एकांत वास में रहेंगे भगवान जल यात्रा जिसे स्नान यात्रा भी कहा जाता है। महाभिषेक करने के बाद भगवान के पट 15 दिन के लिए बंद कर दिए जायेंगे। मान्यता है कि अत्यधिक स्नान के कारण भगवान को तेज बुखार आ जाता है। जिसकी वजह से वह एकांत वास में चले जाते हैं। 15 दिन तक उनको औषधि और जड़ी बूटियों से निर्मित काढ़ा दिया जाता है। इस दौरान भक्त दर्शन नहीं करते लेकिन पुजारी उनकी पूजा अर्चना विधि विधान से करते रहते हैं। 7 जुलाई को होगी रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ 15 दिन तक एकांत वास में रहने के बाद 7 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे। इस दिन भगवान जगन्नाथ,बहन सुभद्रा और भाई बलराम जी के साथ अलग अलग रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। मंदिर से शुरू होने वाली रथ यात्रा शहर की सड़कों से होकर निकलेगी और भक्त रथ खींचने को आतुर रहेंगे। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ब्रज के मंदिरों में भगवान को जल यात्रा कराने की परंपरा है। वृंदावन के जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र जी का जल यात्रा के अवसर पर जड़ी बूटी और फलों के रस से अभिषेक किया जाता है। जल यात्रा में अधिक स्नान करने के कारण भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं। जिसके बाद उनको एकांत वास में रखकर उपचार किया जाता है। 15 दिन तक उपचार के बाद भगवान स्वस्थ होते हैं और फिर होती है रथ यात्रा। 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा अरुणोदय बेला में निकाली जाएगी। यमुना तट पर स्थित है भगवान जगन्नाथ का मंदिर वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में यमुना तट पर स्थित है भगवान जगन्नाथ जी का प्राचीन मंदिर। यहां भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। करीब 550 वर्ष पुराने इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर भक्त आनंद की अनुभूति करते हैं। भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा है वृंदावन में कहा जाता है कि वृंदावन के जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ की यह प्रतिमा पुरी में स्थित मंदिर से लाई गई पहली प्रतिमा है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवान के अनन्य भक्त थे हरिदास बाबा। वह हर समय भगवान कृष्ण का स्मरण करते और यमुना स्नान करते। बाबा की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उनसे जगन्नाथ जी की पहली प्रतिमा लाकर वृंदावन में स्थापित करने के लिए कहा। जगन्नाथ पुरी में निश्चित समय के बाद भगवान का नव कलेवर होता है। जिसमें भगवान की नई प्रतिमा विराजमान की जाती है और पुरानी प्रतिमा को समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है। बाबा हरिदास करीब 550 वर्ष पहले जगन्नाथ जी गए और वहां से पहली उसी प्रतिमा को वृंदावन ले आए जिसको समुद्र में विसर्जन किया जाना था। तभी से भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा यहां विराजमान है। सहस्त्र धारा से होगा अभिषेक शनिवार को जल यात्रा के अवसर पर जगन्नाथ मंदिर में भगवान का सहस्त्र धारा से अभिषेक किया जायेगा। इस दौरान भगवान का पवित्र नदियों के जल, 11 फलों के रस और पंचामृत से महाभिषेक किया जायेगा। करीब 1 घंटे तक चलने वाले इस महाभिषेक के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे। 15 दिन एकांत वास में रहेंगे भगवान जल यात्रा जिसे स्नान यात्रा भी कहा जाता है। महाभिषेक करने के बाद भगवान के पट 15 दिन के लिए बंद कर दिए जायेंगे। मान्यता है कि अत्यधिक स्नान के कारण भगवान को तेज बुखार आ जाता है। जिसकी वजह से वह एकांत वास में चले जाते हैं। 15 दिन तक उनको औषधि और जड़ी बूटियों से निर्मित काढ़ा दिया जाता है। इस दौरान भक्त दर्शन नहीं करते लेकिन पुजारी उनकी पूजा अर्चना विधि विधान से करते रहते हैं। 7 जुलाई को होगी रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ 15 दिन तक एकांत वास में रहने के बाद 7 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे। इस दिन भगवान जगन्नाथ,बहन सुभद्रा और भाई बलराम जी के साथ अलग अलग रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। मंदिर से शुरू होने वाली रथ यात्रा शहर की सड़कों से होकर निकलेगी और भक्त रथ खींचने को आतुर रहेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पंजाब सरकार को गडकरी ने लिखा पत्र:NHAI अधिकारियों से मारपीट पर बोले- कानून व्यवस्था ठीक नहीं, आरोपियों पर कार्रवाई करें केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब सरकार को चेतावनी जारी की है। उन्होंने राज्य सरकार को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों और ठेकेदारों की सुरक्षा को लेकर सरकार के कदमों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 14,288 करोड़ रुपये की 293 किलोमीटर की परियोजना बंद हो जाएगी। यह पत्र केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखा है। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर हाल ही में हुई दो घटनाओं के बारे में पता चला है। जालंधर जिले में एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इसकी तस्वीर भी भेज रहा हूं। हालांकि इस घटना के संबंध में एफआईआर भी दर्ज की गई है, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। इस समय सख्त कार्रवाई की जरूरत है। लुधियाना घटना की एफआईआर भी नहीं हुई दर्ज दूसरी घटना लुधियाना जिले में सामने आई है। गडकरी ने अपने खत में दूसरी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के एक ठेकेदार के कैंप पर कुछ व्यक्तियों ने हमला कर दिया। इन लोगों ने इंजीनियरों और कर्मचारियों को प्रोजेक्ट कैंप में जिंदा जलाने की कोशिश की। इस मामले में लिखित शिकायत के बाद भी अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। तुरंत कार्रवाई का अनुरोध केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार आगे होने वाली ऐसी घटनाओं को रोकने और NHAI अधिकारियों का विश्वास बरकरार करने के लिए अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर तुरंत कार्रवाई करें। ताकि पंजाब सरकार पर विश्वास बन सके। बैठक में समस्या का हल करने का दिया था आश्वासन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 15 जुलाई को मैंने पंजाब के पीडब्ल्यूडी मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और MoRTH, NHAI और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ पंजाब प्रोजेक्टों की रिव्यू मीटिंग थी। बैठक में पंजाब सरकार ने आश्वासन दिया था कि जमीन को अधिग्रहण और लॉ एंड ऑर्डर से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। संज्ञान ना लिया तो प्रोजेक्ट करने होंगे बंद नितिन गडकरी के अनुसार उनके संज्ञान में आया है कि स्थिति और खराब हो रही है। कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। अगर अभी भी कोई कार्रवाई ना हुई तो पंजाब में इससे पहले 103 किमी के 3263 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद कर दिए थे। लेकिन अब ऐसा ही चलता रहा तो 293KM के 14288 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद कर देंगे।
गुजरात में ‘प्रोजेक्ट सेतु’ ने आसान किया सरकार का काम, 78000 करोड़ की परियोजनाओं की हुई समीक्षा
गुजरात में ‘प्रोजेक्ट सेतु’ ने आसान किया सरकार का काम, 78000 करोड़ की परियोजनाओं की हुई समीक्षा <p style=”text-align: justify;”><strong>Gujarat Project Setu: </strong>गुजरात में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड, जो एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो राज्य के विकास परियोजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन करता है. इसकी इसी क्षमता को बढ़ाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पिछले साल यानी 2023 में सुशासन दिवस के दिन प्रगति-G पोर्टल (Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat) के तहत प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल को लॉन्च किया था. अब प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल का एक साल पूरा होने जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार के विभागों के तहत चल रही परियोजनाओं को समय से पूरा करने और उन परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने में आ रही समस्याओं के तुरंत निराकरण के लिए सीएम डैशबोर्ड के प्रगति-G पोर्टल के तहत प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल को लॉन्च किया गया था. यह एक प्रकार की मुख्यमंत्री स्तर की निगरानी प्रणाली है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गई गहन समीक्षा </strong><br />इसके तहत मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अधिकारी खुद राज्य की अनेक परियोजनाओं की माइक्रो-लेवल मॉनिटरिंग करते हैं. प्रोजक्ट्स के मुद्दों को 10 से अधिक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और इसी को आधार बनाकर उनकी विस्तृत समीक्षा की जाती है. गुजरात सरकार के प्रोजेक्ट सेतु ने सिर्फ एक साल की छोटी सी कार्य अवधि में 78,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गहन समीक्षा कर एक नई मिसाल पेश की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रक्रिया के तहत 327 मुद्दे सामने आए इसमें 193 समस्याओं का सफल समाधान किया गया, जो लगभग 60 प्रतिशत की प्रभावशाली सफलता दर को दर्शाता है. इन समस्याओं के त्वरित समाधान मिलने से इन परियोजनाओं के समय से पूरा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल के तहत विभिन्न विभागों की छोटी-बड़ी परियोजनाओं की रिव्यू मीटिंग की सुविधा ने राज्य सरकार की समीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस भी बना दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन विभागों में की गई समीक्षा</strong><br />इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. समीक्षा किए गए प्रमुख विभागों में नगरीय विकास (22,653 करोड़ रुपये, 76 परियोजनाएं), सड़क और भवन (6,755 करोड़ रुपये, 73 परियोजनाएं), जल आपूर्ति (17,756 करोड़ रुपये, 78 परियोजनाएं), ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स (2,777 करोड़ रुपये, 21 परियोजनाएं) उदाहरण है</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा उद्योग और खनिज (6,579 करोड़ रुपये, 11 परियोजनाएं) और जनजातीय विकास (318 करोड़ रुपये, 12 परियोजनाएं) शामिल हैं. प्रगति- G पोर्टल और प्रोजेक्ट सेतु मॉड्यूल के प्रभावी उपयोग से गुजरात सरकार समयबद्ध क्रियान्वयन, पारदर्शिता और निगरानी में आदर्श डिजिटल गवर्नेंस मॉडल प्रस्तुत कर रही है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त उदाहरण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है सीएम डैशबोर्ड का प्रगति-G पोर्टल</strong><br />प्रगति-G पोर्टल के तहत 5 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की निगरानी की जाती है. इस पोर्टल के तहत अब तक 7,812 प्रोजेक्ट्स से अधिक परियोजनाएं रजिस्टर्ड हो चुकी हैं. इतना ही नहीं, इनमें से 3,753 प्रोजेक्ट्स यानी कि 48 प्रतिशत परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा भी किया जा चुका है, जबकि अन्य प्रोजेक्ट्स विभिन्न चरणों पर काम जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रोजेक्ट सेतु के जरिए गुजरात सरकार ने तेजी से मुद्दों के समाधान, अंतरविभागीय समन्वय और विकास कार्यों में तेजी को साकार किया है. प्रोजेक्ट सेतु की यह सफलता न केवल परियोजनाओं को गति प्रदान कर रही है, बल्कि गुजरात के विकास मॉडल को और सुशासन युक्त बना रही है.</p>
जालंधर में चिनी मिल में ठेका मजदूर की मौत:चिमनी पर काम करने के लिए आया था, बेल्ट पर पैर फिसलने से हुआ हादसा
जालंधर में चिनी मिल में ठेका मजदूर की मौत:चिमनी पर काम करने के लिए आया था, बेल्ट पर पैर फिसलने से हुआ हादसा पंजाब के जालंधर के भोगपुर में सहकारी चीनी मिल में ठेके पर काम करने वाले एक कर्मचारी की मौत हो गई। इस घटना में उसका दूसरा साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार दोनों कर्मचारी चिमनी पावर प्लांट में काम कर रहे थे। बेल्ट से पैर फिसलने से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों मिल में ठेके पर काम करने वाली एक कंपनी के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। मृतक ने कुछ दिन पहले ही नौकरी ज्वाइन की थी इस संबंध में कंपनी के अधिकारी तजिंदर सिंह ने बताया- दो कर्मचारी बैल्ट पर काम करते थे। उनका पैर बेल्ट से फिसल गया और वे गिर गए, जिससे एक की मौके पर ही मौत हो गई। घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों एक निजी कंपनी के अधीन मिल में चिमनी पावर प्लांट में काम करते थे। पता चला है कि मृतक व्यक्ति ने कुछ दिन पहले ही नौकरी ज्वाइन की थी। घटना की सूचना जालंधर ग्रामीण पुलिस के भोगपुर थाने की पुलिस को दी गई। पुलिस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी। फिलहाल मामले में कौन दोषी है, इसका पता लगाने के लिए जांच जारी है।