कान्हा की नगरी मथुरा वृंदावन में रविवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान से गाजे बाजे के साथ रथ यात्रा निकलेगी तो वृंदावन के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर सहित प्रमुख देवालयों में भगवान जगन्नाथ,बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र जी को रथ में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा। रथ यात्रा के अवसर पर भगवान बांके बिहारी जी चांदी के रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। 11 साल से चांदी के रथ में विराजमान हो रहे बांके बिहारी
जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भगवान बांके बिहारी जी को करीब एक मन यानि 40 किलो चांदी से बने रथ में विराजमान किया जाता है। भगवान बांके बिहारी जी को यह चांदी से बना रथ 2013 में किसी भक्त ने दान किया था। उससे पहले भगवान बांके बिहारी जी लकड़ी और केले के तने से बने रथ में विराजमान होते थे। मंदिर के पुजारी ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि एक भक्त ने भगवान बांके बिहारी जी को गुप्त दान के रूप में यह रथ बनाकर भेंट किया था। जगन्नाथ मंदिर से रथ में विराजमान होंगे भगवान जगन्नाथ
जगन्नाथ रथ यात्रा का मुख्य आयोजन वृंदावन के यमुना तट पर स्थित जगन्नाथ मंदिर में होगा। यहां भगवान जगन्नाथ उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम जी को अलग अलग रथ में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद भक्त रथ को खींचकर भगवान को नगर भ्रमण कराएंगे। यह रथ यात्रा शहर के पुराने इलाके में होकर निकलेगी। भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा विराजमान है इस मंदिर में
वृंदावन के जगन्नाथ मंदिर में विराजमान प्रतिमा भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा है। भगवान श्रीकृष्ण के भक्त बाबा हरिदास जगन्नाथ जी से नए कलेवर रखने के समय करीब 500 वर्ष पहले इन प्रतिमाओं को वृंदावन लाए थे। तभी से यह प्रतिमा यमुना किनारे बने जगन्नाथ मंदिर में विराजमान हैं। भगवान का होगा महाभिषेक
जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। वैदिक मंत्रों के बीच मंदिर के पुजारी भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र जी का दूध,दही,शक्कर,शहद और घी से अभिषेक करेंगे। इसके बाद भगवान को 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद शाम के समय तीन रथों पर विराजमान भगवान के विग्रह को गाजे बाजे के साथ नगर भ्रमण कराया जाएगा। श्री कृष्ण जन्मस्थान में तीनों स्वरूप को एक रथ में किया जाएगा विराजमान
श्री कृष्ण जन्मस्थान से निकलने वाली रथ यात्रा शाम 4 बजे शुरू होगी। करीब 4 किलोमीटर की यह रथ यात्रा शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान पहुंचेगी। यहां भगवान के तीनों स्वरूपों को एक ही रथ में विराजमान किया जाएगा। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि बलभद्र जी के रथ को तालध्वज,सुभद्रा जी के रथ को दर्प दालान और भगवान श्री कृष्ण के रथ को नंदघोष कहा जाता है। गुंडीचा मंदिर में विराजेंगे भगवान जगन्नाथ
रथ यात्रा के वापस श्री कृष्ण जन्मस्थान आने पर भगवान के स्वरूपों को आषाढ़ शुक्ल एकादशी तक गुंडीचा मंदिर में विराजमान किया जाएगा। यह मंदिर भागवत भवन में चैतन्य महाप्रभु के विग्रह के समीप बनाया जाता है। यहां से भगवान जगन्नाथ द्वादशी को अपने निज मंदिर में पधारेंगे। इस्कॉन के भक्त निकालेंगे रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर इस्कॉन वृंदावन के भक्तों द्वारा मथुरा में रथ यात्रा निकाली जाएगी। शाम करीब 3 बजे मसानी लिंक रोड से शुरू होने वाली यह यात्रा चौक बाजार, होली गेट,भरतपुर गेट, डीग गेट, श्री कृष्ण जन्मस्थान, पोतरा कुंड, महाविद्या मंदिर, रामलीला मैदान, कल्याण करोती होते हुए राधा आर्किड पर समाप्त होगी। रथ यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान जगन्नाथ जी की आरती की जाएगी और फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। कान्हा की नगरी मथुरा वृंदावन में रविवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान से गाजे बाजे के साथ रथ यात्रा निकलेगी तो वृंदावन के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर सहित प्रमुख देवालयों में भगवान जगन्नाथ,बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र जी को रथ में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा। रथ यात्रा के अवसर पर भगवान बांके बिहारी जी चांदी के रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। 11 साल से चांदी के रथ में विराजमान हो रहे बांके बिहारी
जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भगवान बांके बिहारी जी को करीब एक मन यानि 40 किलो चांदी से बने रथ में विराजमान किया जाता है। भगवान बांके बिहारी जी को यह चांदी से बना रथ 2013 में किसी भक्त ने दान किया था। उससे पहले भगवान बांके बिहारी जी लकड़ी और केले के तने से बने रथ में विराजमान होते थे। मंदिर के पुजारी ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि एक भक्त ने भगवान बांके बिहारी जी को गुप्त दान के रूप में यह रथ बनाकर भेंट किया था। जगन्नाथ मंदिर से रथ में विराजमान होंगे भगवान जगन्नाथ
जगन्नाथ रथ यात्रा का मुख्य आयोजन वृंदावन के यमुना तट पर स्थित जगन्नाथ मंदिर में होगा। यहां भगवान जगन्नाथ उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम जी को अलग अलग रथ में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद भक्त रथ को खींचकर भगवान को नगर भ्रमण कराएंगे। यह रथ यात्रा शहर के पुराने इलाके में होकर निकलेगी। भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा विराजमान है इस मंदिर में
वृंदावन के जगन्नाथ मंदिर में विराजमान प्रतिमा भगवान जगन्नाथ की पहली प्रतिमा है। भगवान श्रीकृष्ण के भक्त बाबा हरिदास जगन्नाथ जी से नए कलेवर रखने के समय करीब 500 वर्ष पहले इन प्रतिमाओं को वृंदावन लाए थे। तभी से यह प्रतिमा यमुना किनारे बने जगन्नाथ मंदिर में विराजमान हैं। भगवान का होगा महाभिषेक
जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। वैदिक मंत्रों के बीच मंदिर के पुजारी भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र जी का दूध,दही,शक्कर,शहद और घी से अभिषेक करेंगे। इसके बाद भगवान को 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद शाम के समय तीन रथों पर विराजमान भगवान के विग्रह को गाजे बाजे के साथ नगर भ्रमण कराया जाएगा। श्री कृष्ण जन्मस्थान में तीनों स्वरूप को एक रथ में किया जाएगा विराजमान
श्री कृष्ण जन्मस्थान से निकलने वाली रथ यात्रा शाम 4 बजे शुरू होगी। करीब 4 किलोमीटर की यह रथ यात्रा शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान पहुंचेगी। यहां भगवान के तीनों स्वरूपों को एक ही रथ में विराजमान किया जाएगा। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि बलभद्र जी के रथ को तालध्वज,सुभद्रा जी के रथ को दर्प दालान और भगवान श्री कृष्ण के रथ को नंदघोष कहा जाता है। गुंडीचा मंदिर में विराजेंगे भगवान जगन्नाथ
रथ यात्रा के वापस श्री कृष्ण जन्मस्थान आने पर भगवान के स्वरूपों को आषाढ़ शुक्ल एकादशी तक गुंडीचा मंदिर में विराजमान किया जाएगा। यह मंदिर भागवत भवन में चैतन्य महाप्रभु के विग्रह के समीप बनाया जाता है। यहां से भगवान जगन्नाथ द्वादशी को अपने निज मंदिर में पधारेंगे। इस्कॉन के भक्त निकालेंगे रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर इस्कॉन वृंदावन के भक्तों द्वारा मथुरा में रथ यात्रा निकाली जाएगी। शाम करीब 3 बजे मसानी लिंक रोड से शुरू होने वाली यह यात्रा चौक बाजार, होली गेट,भरतपुर गेट, डीग गेट, श्री कृष्ण जन्मस्थान, पोतरा कुंड, महाविद्या मंदिर, रामलीला मैदान, कल्याण करोती होते हुए राधा आर्किड पर समाप्त होगी। रथ यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान जगन्नाथ जी की आरती की जाएगी और फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर