चंबा जिले के भरमौर में मणिमहेश यात्रा के दौरान यात्रा पर आए एक परिवार का बच्चा खेलते खेलते अचानक घर के बरामदें की रेलिंग के बीच में फंस गया। घटना को देखते ही आसपास के लोग तुरंत हरकत में आए और बच्चे को बचाने के लिए प्रयास शुरू किये। स्थानीय लोगों ने अपनी सूझबूझ सीमेंट की रेलिंग को तोड़कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस बचाव कार्य की घटना को किसी ने वीडियो में कैद कर लिया जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखे जा सकता है कि छोटा बच्चा सीमेंट की रेलिंग में अपना सिर फंसा कर रो रहा था। इस दौरान पहले बच्चे को उसी जगह से निकलने का प्रयास किया गया। जहां से उसने अपना सिर फंसाया था। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी उसके सिर को बाहर नहीं निकला गया। उसके तुरंत बाद लोगों ने सीमेंट की रेलिंग को तोड़कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। मणिमहेश यात्रा पर आया था जम्मू-कश्मीर का परिवार जम्मू कश्मीर के भदरवा का परिवार मणिमहेश यात्रा पर आया था और किराए के कमरे में रुका था। इस दौरान बच्चे ने खेलते खेलते अपना सिर रेलिंग में फंसा दिया। बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उसके माता-पिता व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। चंबा जिले के भरमौर में मणिमहेश यात्रा के दौरान यात्रा पर आए एक परिवार का बच्चा खेलते खेलते अचानक घर के बरामदें की रेलिंग के बीच में फंस गया। घटना को देखते ही आसपास के लोग तुरंत हरकत में आए और बच्चे को बचाने के लिए प्रयास शुरू किये। स्थानीय लोगों ने अपनी सूझबूझ सीमेंट की रेलिंग को तोड़कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस बचाव कार्य की घटना को किसी ने वीडियो में कैद कर लिया जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखे जा सकता है कि छोटा बच्चा सीमेंट की रेलिंग में अपना सिर फंसा कर रो रहा था। इस दौरान पहले बच्चे को उसी जगह से निकलने का प्रयास किया गया। जहां से उसने अपना सिर फंसाया था। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी उसके सिर को बाहर नहीं निकला गया। उसके तुरंत बाद लोगों ने सीमेंट की रेलिंग को तोड़कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। मणिमहेश यात्रा पर आया था जम्मू-कश्मीर का परिवार जम्मू कश्मीर के भदरवा का परिवार मणिमहेश यात्रा पर आया था और किराए के कमरे में रुका था। इस दौरान बच्चे ने खेलते खेलते अपना सिर रेलिंग में फंसा दिया। बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उसके माता-पिता व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला में ओवर स्पीड चलना पड़ेगा महंगा:शहर में 4 जगहों पर कटेंगे ऑनलाइन चालान, 1 करोड़ की लागत से 5 जगह लगे ITMS सिस्टम
शिमला में ओवर स्पीड चलना पड़ेगा महंगा:शहर में 4 जगहों पर कटेंगे ऑनलाइन चालान, 1 करोड़ की लागत से 5 जगह लगे ITMS सिस्टम हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तेज रफ्तार वाहन चालकों पर शिकंजा के लिए स्मार्ट स्मार्ट सिटी प्रोजेस्ट के तहत ऑनलाइन चालान काटने के लिए लगाया इंटेलिजेंस ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) शुरू हो गया है। इसके तहत अब चालान किए जा रहे है। बीते 7-8 महीनों से ITMS सिस्टम शिमला की सड़कों पर दौड़ रही गाड़ियों की महज वीडियो शूट कर रहे थे। लेकिन इससे ऑनलाइन चालान नहीं हो रहे थे। प्रशासन इसके लिए कनेक्टिंग सर्वर (इंस्टॉलेशन) कर दिए है। ऐसे में शिमला तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों को ओवर स्पीड पर सीधा ऑटोमैटिक सीधा चालान का मैसेज जाएगा। एसपी ने दी जानकारी पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ITMS सिस्टम लगाए गए है । इसके तहत ऑनलाइन चालान हो रहे है। उन्होंने कहा कि शहर में यह पांच जगह लगाए गए है, और चौड़ा मैदान को छोड़कर बाकी सभी जगह पर चालान हो रहे है। एसपी शिमला ने बताया कि चौड़ा मैदान में सर्वर इंस्टॉलेशन नहीं हो पाया है इसको दिवाली के बाद कर दिया जाएगा और वहां भी चालान होना शुरू हो जाएंगे। 1 करोड़ की लागत से 5 जगह लगे ITMS सिस्टम शिमला एक विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है। यहां रोजाना लगभग 15 से 25 हजार वाहन आते और जाते है। ऐसे में सड़क हादसों को कम करने और तेज रफ्तार से चलने वाले वाहन चालकों को शिकंजा कसने के लिए स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 1 करोड़ की लागत से 5 जगहों पर ITMS सिस्टम लगाए गए थे। जिसमें चौड़ा मैदान, नवबहार, मेहली, ढली और ओल्ड बैरियर शामिल थे। इन्ही सभी में से 4 जगह चालान होना शुरू हो गए है। लेकिन शिमला के चौड़ा मैदान में अभी भी नहीं हो रहे है।
शिमला में 987 बच्चों के भविष्य पर मंडराया खतरा:राज्यपाल से मिले अभिभावक; प्रबन्धन की आपसी लड़ाई से स्कूल बंद होने की संभावना
शिमला में 987 बच्चों के भविष्य पर मंडराया खतरा:राज्यपाल से मिले अभिभावक; प्रबन्धन की आपसी लड़ाई से स्कूल बंद होने की संभावना हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित सरस्वती पैराडाइज स्कूल पर बंद होने का खतरा मंडरा गया है। प्रबन्धन की आपसी लड़ाई के चलते स्कूल में पढ़ रहे लगभग 987 बच्चों का भविष्य बीच सत्र में खतरे में पड़ गया है। जिसको लेकर आज स्कूल के छात्र अपने अभिभावक को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राज भवन शिमला पहुंचे हैं और मामले में संज्ञान लेने के लिए ज्ञापन दिया। राजभवन पहुंचे अभिभावक स्कूल में एडमिनिस्ट्रेटर बैठने की मांग कर रहे हैं। ताकि स्कूल का सत्र सुचारु रूप से चल सके और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने बताया कि प्रबन्धन द्वारा स्कूल प्रिंसिपल सहित कुछ अध्यापकों को नौकरी से निकाला गया है। जिसके चलते स्कूल के सभी शिक्षक सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि स्कूल के स्वामित्व के दावेदार स्कूल को बन्द कर होटल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। स्कूल सोसाइटी में आर्थिक बदलाव किए जा रहे हैं। जिसका विरोध कर रहे प्रिंसिपल और अध्यापकों को नौकरी से बाहर किया गया है। बहरहाल बच्चों का भविष्य बीच सेशन में दाव पर लग रहा है। राजभवन पहुंचे बच्चे के अभिभावक विजय शर्मा ने बताया कि स्कूल में सब कुछ ठीक नहीं है। स्कूल के ओनर की 2020 में मृत्यु के बाद से उनके दो बच्चे हेमंत मितल और उनकी बहन ख़ुद को मालिक बता कर एक दूसरे से कोर्ट के माध्यम से लड़ाई लड़ रहे हैं। स्कूल में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं। जिससे स्कूल का माहौल खराब हुआ है। स्कूल प्रधानाचार्य को कर दिया टर्मिनेट अभिभावकों को चिंता है कि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। बिना कारण बताए स्कूल प्रधानाचार्य और कुछ अन्य अध्यापकों को भी टर्मिनेट कर दिया है। जिस पर मजबूरन स्कूल के पूरे स्टाफ ने सामूहिक इस्तीफे देने का निर्णय लिया है। अभिभावकों की मांग है कि सरकार मामले का संज्ञान लेकर बच्चों का भविष्य बचाने के लिए स्कूल में एडमिंस्ट्रेटर लगाए ताकि स्टाफ को भी इस तरह का कदम न उठाना पड़े। बच्चे भविष्य को लेकर चिंतित स्कूल में चल रही गतिविधियों के चलते छात्र भी परेशान है। उनकी पढ़ाई भी सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है। इसलिए आज अभिभावकों के साथ राजभवन पहुंचे छात्रों ने बताया कि जिस प्रकार उनके अध्यापकों को स्कूल से निकाला गया है। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और हर समय स्कूल में ऐसा माहौल बना हुआ है। जिससे वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं । छात्रों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम्स के चलते सत्र के बीच में उन पर पढ़ाई का खासा दबाव रहता है। ऐसे में इस प्रकार के उथल-पुथल से हुए परेशान है। प्रबन्धन से नहीं हो पाया संपर्क दैनिक भास्कर की टीम ने स्कूल में चल रहे विवाद को लेकर कॉलेज प्रबंधन से कॉल के माध्यम से बातचीत कर उनका पक्ष जाने के लिए संपर्क किया। लेकिन उनसे संपर्क नही हो पाया।
शिमला में भयंकर ट्रैफिक जाम:रात 3.30 बजे से लोग परेशान; 20 मिनट तक एंबुलेंस भी फंसी, पुलिस बोली-ट्रक खराब होने लगा जाम
शिमला में भयंकर ट्रैफिक जाम:रात 3.30 बजे से लोग परेशान; 20 मिनट तक एंबुलेंस भी फंसी, पुलिस बोली-ट्रक खराब होने लगा जाम हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर ढली-भट्टाकुफर में आज सुबह साढ़े 3 बजे के ट्रैफिक जाम लगा हुआ है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से स्कूली बच्चे आज समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। नौकरीपेशा भी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच सके। सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टर भी आधी रात से ही परेशान है। रात साढ़े 3 बजे लगा जाम सुबह 11 बजे सामान्य हो सका। बता दें कि सेब सीजन पीक पर है। इससे भट्टाकुफर मंडी में काफी मात्रा में सेब पहुंच रहा है। इस वजह से सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में इजाफा हुआ है और देशभर से बड़े बड़े ट्राले सेब ढुलाई को यहां पहुंच रहे हैं। इससे ट्रैफिक जाम लग रहा है। सुबह पांच बजे भट्टाकुफर से ढली सब्जी मंडी तक गाड़ियों की लाईनें लग गई थी और 10 बजे यह ढली पुलिस थाने से आगे तक लंबा जाम लग गया था। ट्रैफिक जाम के बाद आज सुबह के समय बड़ी संख्या में लोगों ने पैदल सफर किया। स्थानीय लोगों ने सेब सीजन के दृष्टिगत पुलिस से दिन रात जवान तैनात करने का आग्रह किया है, ताकि ट्रैफिक जाम न लग सके। बस छोड़ भट्टाकुफर से पैदल संजौली पहुंचा: अमित भट्टाकुफर निवासी अमित ने कहा सेब मंडी और ढली टनल के बीच ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी रही है। पांच मिनट के सफर में एक घंटा लग रहा है। उन्होंने बताया कि आज ट्रैफिक जाम के कारण बस को छोड़कर भट्टाकुफर से पैदल संजौली आना पड़ा। एंबुलेंस भी फंसी सुबह करीब 4.30 बजे ढली टनल से करीब 200 मीटर दूर प्रभाकर ऑटोमोबाइल के पास काफी देर तक एंबुलेंस भी ट्रैफिक जाम में फंसी रही और हूटर बजाती रही। सुबह 5.30 बजे तक पुलिस ने सड़क को कुछ देर के लिए बहाल कर दिया था। मगर 6 बजे दोबारा जाम लगना शुरू हुआ। ट्रक खराब होने से लगा जाम, पुलिस सतर्क: SP SP शिमला संजीव गांधी ने बताया, पुलिस ने सेब सीजन में ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए सड़कों पर अतिरिक्त जवान तैनात किए है। मगर कई जगहों पर बड़े बड़े ट्रक खराब हो रहे हैं, जिसके कारण मंडी के आस पास कभी-कभी जाम लग रहा है। पुलिस ने खराब ट्राले हटाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से क्रेन मांगी है। उन्होंने बताया कि इस बार पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया है। सेब से लदे बड़े ट्रक वाया सैंज-राजगढ़ देश की मंडियों को भेजे जा रहे है। इससे शिमला में ट्रैफिक जाम से राहत मिली है। ट्रकों के खराब होने से जरूर समस्या आ जाती है।