गर्मी में भाखड़ा नहर में नहाने के शौक में दो नाबालिग लड़के डूब गए। पानी के तेज बहाव में कूदे 14 साल के दोस्त को बचाने की कोशिश में 17 साल का दोस्त भी डूब गया। यह घटना शनिवार देर शाम को अबलोवाल गांव से गुजर रही भाखड़ा नहर में हुई है। नहर में डूबने वालों की पहचान 14 साल के करन व 17 साल के साहिल के तौर पर हुई है, जिनकी तलाश में गोताखोरों की टीम जुट गई थी। देर शाम तक इन दोनों का सुराग नहीं लग पाया है। घर से बिना बताए निकले थे नहर नहर में डूबने वाले नाबालिग युवकों के परिवार वालों ने कहा कि उन्हें बिना बताए यह लोग घर से निकले थे। बाद में पता चला कि चार युवक नहर में नहाने पहुंचे थे और 14 साल के करन के नहर में कूदने के बाद उसे बचाते समय साहिल भी तेज बहाव में डूब गया। भोले शंकर डाइवर्स क्लब के गोताखोर शंकर भारद्वाज व उनकी टीम इनकी तलाश में जुटी थी। गर्मी में भाखड़ा नहर में नहाने के शौक में दो नाबालिग लड़के डूब गए। पानी के तेज बहाव में कूदे 14 साल के दोस्त को बचाने की कोशिश में 17 साल का दोस्त भी डूब गया। यह घटना शनिवार देर शाम को अबलोवाल गांव से गुजर रही भाखड़ा नहर में हुई है। नहर में डूबने वालों की पहचान 14 साल के करन व 17 साल के साहिल के तौर पर हुई है, जिनकी तलाश में गोताखोरों की टीम जुट गई थी। देर शाम तक इन दोनों का सुराग नहीं लग पाया है। घर से बिना बताए निकले थे नहर नहर में डूबने वाले नाबालिग युवकों के परिवार वालों ने कहा कि उन्हें बिना बताए यह लोग घर से निकले थे। बाद में पता चला कि चार युवक नहर में नहाने पहुंचे थे और 14 साल के करन के नहर में कूदने के बाद उसे बचाते समय साहिल भी तेज बहाव में डूब गया। भोले शंकर डाइवर्स क्लब के गोताखोर शंकर भारद्वाज व उनकी टीम इनकी तलाश में जुटी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।
पंजाब के DSP भेला ड्रग केस में प्रॉपर्टी होगी जब्त:17 लोगों को कोर्ट ने सुनाई थी सजा, 6 हजार करोड़ की तस्करी का मामला
पंजाब के DSP भेला ड्रग केस में प्रॉपर्टी होगी जब्त:17 लोगों को कोर्ट ने सुनाई थी सजा, 6 हजार करोड़ की तस्करी का मामला पंजाब में ईडी की विशेष अदालत ने 6 हजार करोड़ रुपये के ड्रग तस्करी मामले में 17 लोगों को कुछ दिन पहले सजा सुनाई थी। दोषियों में पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भेला, उनकी पत्नी और ससुर भी शामिल हैं। वहीं, इस मामले में शामिल सभी दोषियों की 12.37 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए गए हैं। यह संपत्ति ईडी ने वर्ष 2014, 2015 और 2018 में जब्त की थी। इस मामले में कुल 95 करोड़ रुपये की अटैच की गई थी। इस मामले में सुनाई थी अदालत ने सजा इस दौरान जगदीश भोला, मनप्रीत, सुखराज, सुखजीत सुखा, मनिंदर, दविंदर सिंह हैप्पी, अवतार सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि जगदीश भोला की पत्नी गुरप्रीत कौर, अवतार की पत्नी संदीप कौर, जगमिंदर कौर औलाख, गुरमीत कौर, आरामजीत सिंह और भोला के ससुर दिलीप मान को 3-3 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं, गुरप्रीत सिंह, सुभाष बजाज और अंकुर बजाज को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में कुल 23 आरोपी थे। इनमें से चार की मौत हो चुकी है। भोला के पिता बलशिंदर भी इस मामले में आरोपी थे, हालांकि उनकी मौत हो चुकी है। जबकि 2 लोग इस मामले में पीओ हैं। 11 साल पहले सामने आया था मामला यह मामला साल 2013 में सामने आया था। जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद और पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला को गिरफ्तार किया था। तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है। इस केस के सामने आने से पंजाब की राजनीति से लेकर खेल जगत में भूचाल आ गया था। वहीं, राज्य के कई नेताओं पर भी सवाल उठे थे। जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ का है। साल 2019 में इस मामले में सीबीआई की अदालत ने 25 लोगों को एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई थी।
बिश्नोई समाज ने गैंगस्टर लॉरेंस को बनाया अपना प्रतिनिधि:बिश्नोई सभा युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी; बॉलीवुड एक्टर सलमान को दे चुका धमकी
बिश्नोई समाज ने गैंगस्टर लॉरेंस को बनाया अपना प्रतिनिधि:बिश्नोई सभा युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी; बॉलीवुड एक्टर सलमान को दे चुका धमकी पंजाब के अबोहर में बिश्नोई समाज के नेताओं ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा युवा मोर्चा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। इस मामले में खास बात ये है कि लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ देश की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी सहित कई राज्यों की पुलिस जांच कर रही है। मगर फिर भी बिश्नोई समाज ने लॉरेंस को राष्ट्रीय युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद से मनोनीत किया है। मंगलवार हुई एक बैठक में इसका फैसला लिया गया। सभा के पदाधिकारियों की लॉरेंक को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने में सहमति बन गई थी। पंजाब के अबोहर में स्थित बिश्नोई मंदिर में हुई मीटिंग के बाद पदाधिकारियों ने एक पत्र जारी कर इस फैसले की जानकारी साझा की। बता दें कि लॉरेंस इस वक्त गुजरात की साबरमति जेल में बंद है। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश बिश्नोई द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि लॉरेंस बिश्नोई हमारे नौजवानों नशे से दूर करने का काम कर रहा है। साथ ही हमारे समाज में वन्य जीवों का अपना ही एक बड़ा महत्व है। ऐसे में लॉरेंस वन्य जीवों की रक्षा के लिए भी लोगों को प्रेरित कर रहा है। जैसा बिश्नोई समाज द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा गया…. बिश्नोई समाज द्वारा प्रमाणित किया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई पुत्र रविंद्र निवासी गांव दुतरांवाली (अबोहर, जिला फाजिल्का, पंजाब) को अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा रजिस्टर्ड को युवा मोर्चा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया जाता है। आपका यह दायित्व जीव रक्षा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में परोपकार के कार्यों को आगे बढ़ाना एवं माता अमृता देवी बिश्नोई जिनके साथ 363 बिश्नोई नर नारियों ने सन 1730 में खेजड़ी के पेड़ों को काटने से बचाने के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए थे। ऐसी विश्व में कोई घटना देखने को नहीं मिलती जीव दया पालनी के सिद्धांत और गुरु जंभेश्वर भगवान के बताए हुए नियमों के मध्य नजर रखते हुए आपकी नियुक्ति की जा रही है। आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप इस कार्य को जिम्मेदारी एवं पूर्ण निष्ठा से अपने दायित्व को निर्वहन करेंगे । गैंग का खर्च चलाने के लिए शुरू की उगाही लॉरेंस ने आगे पूछताछ में माना कि गैंग का खर्च चलाने के लिए मैंने जेल से ही रंगदारी मांगनी शुरू कर दी। उसी दौरान मेरी बुआ के बेटे का मर्डर कर दिया गया। मैंने बदला लेने के लिए जेल से भागने का प्लान बनाया। जनवरी, 2015 में कोर्ट में पेशी से लौटते वक्त मैं काली शूटर और गैंग के साथियों की मदद से भाग निकला। इसके बाद मैंने अपने भाई की मौत का बदला लिया और धंधे को फैलाना शुरू किया।‘ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान बॉर्डर और आसपास के इलाकों में शराब तस्करों को टारगेट किया। वे मुझे प्रोटेक्शन मनी देने लगे। गैंग के पास पैसा आने लगा। इन्हीं पैसों से हमने हथियार खरीदे। 2015 में गुड़गांव में रहने वाले रम्मी को मरवाने की तैयारी कर रहा था। तभी पंजाब पुलिस ने मुझे अरेस्ट कर लिया था। कैसे जग्गू, सुक्खा, राजा पहाड़िया, काला राणा और जठेड़ी से मिला लॉरेंस, पढ़ें लॉरेंस ने अपनी पूछताछ में माना कि मैं कपूरथला जेल में था। वहां सुक्खा काहलवां और जग्गू भगवानपुरिया मिले। दोनों मेरी गैंग से जुड़ गए। यहीं राजा पहाड़ी से दोस्ती हुई थी। उसने ही दिल्ली और पंजाब में नेटवर्क बढ़ाने में मदद की। इसमें संपत नेहरा और जग्गू भगवानपुरिया के साथ काम करने का भी जिक्र है। 2016 में वीरेंद्र उर्फ काला राणा को गैंग में शामिल किया। उसकी मदद से दीपक उर्फ टीनू का भोंडसी जेल में रहने का सही इंतजाम कराया। इसके बाद दीपक के जरिए भोंडसी जेल में बंद संदीप उर्फ काला जठेड़ी से दोस्ती की। फिर हम साथ मिलकर बड़े नेटवर्क के जरिए काम करने लगे।’ मई 2017 में मेरे कहने पर संपत नेहरा ने दीपक को भिवानी के पंचकूला सिविल हॉस्पिटल से पुलिस की हिरासत से छुड़वा लिया। संपत नेहरा और दीपक को कुछ दिन के लिए वीरेंद्र उर्फ काला राणा के ठिकानों पर रुकवाया। सलमान खान को पहली बार जोधपुर कोर्ट में दी धमकी मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में लॉरेंस बिश्नोई को वासुदेव इसरानी मर्डर केस में गिरफ्तार करके मुझे जोधपुर कोर्ट लाया गया था। उसी दिन सलमान खान भी वहीं कोर्ट में था। कोर्ट से बाहर निकलते वक्त मैंने सलमान को जान से मारने की धमकी दी थी। उसने काले हिरण का शिकार किया था। कोर्ट से उसे सजा नहीं मिल रही थी। मैंने सिर्फ मीडिया में आने के लिए और मेरी कम्युनिटी में नाम के लिए ये सब किया था। सलमान खान को धमकी देने के केस में भी मेरी गिरफ्तारी हुई थी। मुझे जोधपुर जेल भेज दिया गया। लॉरेंस के पिता हेड कॉन्स्टेबल नहीं थे, खानदान में कोई पुलिस में नहीं रहा इंदरपाल ने आगे बात करने के लिए शर्त रखी। बोले कि आपको धैर्य के साथ हमारे परिवार की हिस्ट्री जाननी होगी। मीडिया ने बिना फैक्ट जाने बहुत कुछ लिख दिया। सब लिख रहे हैं कि लॉरेंस के पिता हेड कॉन्स्टेबल थे। हमारे खानदान में कोई पुलिस में नहीं रहा। हम जमींदार हैं। भला हेड कॉन्स्टेबल की नौकरी क्यों करेंगे। तभी इंदरपाल के बगल में बैठे रमेश बोल पड़ते हैं, ‘और उन्हें जरूरत भी नहीं थी। उनके पास 110 एकड़ खेती है। इतनी खेती जिसके पास होगी, वो क्या हेड कॉन्स्टेबल बनेगा।’ कस्टडी से लॉरेंस के इंटरव्यू केस में 2 DSP समेत 7 अफसर सस्पेंड 14 मार्च 2023 को गैंगस्टर लॉरेंस का एक इंटरव्यू ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें उसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का मर्डर करवाने की बात कबूली थी। इसके बाद लॉरेंस ने एक और इंटरव्यू दिया। इसमें जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। इस मामले में सरकार ने दो DSP, तीन SI, एक ASI और एक हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी SIT ने इन्हें ड्यूटी के दौरान कोताही और लापरवाही का आरोपी माना है। कनाडा ने गोल्डी बराड़ का नाम वांटेड लिस्ट से हटाया बीते दिनों कनाडा भारत विवाद के बीच ये भी खबर सामने आई थी कि कनाडा ने वांटेड लिस्ट से लॉरेंस के साथी गोल्डी बराड़ का नाम हटा दिया है। ये दावा कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा ने एक इंटरव्यू में किया था। दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला कि मई 2023 में गोल्डी बराड़ को टॉप-25 की वांटेड लिस्ट में शामिल किया गया था। लॉरेंस के भाई अनमोल पर 10 लाख का इनाम नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने लॉरेंस के भाई अनमोल पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। अनमोल का नाम सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में सामने आया था। उस पर 18 से ज्यादा केस दर्ज हैं। अनमोल जोधपुर जेल में सजा काट चुका है। 7 अक्टूबर, 2021 को जमानत पर बाहर आया था। इसके बाद फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भाग गया। सूत्र बताते हैं कि अनमोल काफी वक्त कनाडा में रहा। अभी अमेरिका में कहीं छिपा है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कहा जा रहा है कि वो बाबा सिद्दीकी के मर्डर में शामिल शूटर्स के कॉन्टैक्ट में था।