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शिमला के अफसर ने किया महिला का उत्पीड़न:स्वास्थ्य विभाग में तैनात, पीड़िता बोली- फोन-इंटरनेट कॉल पर किए यौन संबंधी कमेंट
शिमला के अफसर ने किया महिला का उत्पीड़न:स्वास्थ्य विभाग में तैनात, पीड़िता बोली- फोन-इंटरनेट कॉल पर किए यौन संबंधी कमेंट हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में शिमला में तैनात एक कार्यक्रम अधिकारी पर कुल्लू जिले के मनाली की महिला ने उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। महिला द्वारा इस संबंध में कुल्लू के महिला थाना में आरोपी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित महिला द्वारा महिला थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है कि, शिमला स्वास्थ्य विभाग में तैनात एक कार्यक्रम अधिकारी वर्ष 2022 से लगातार उसे फोन के माध्यम से यौन संबंधी टिप्पणियां करता आ रहा है। मनाली की 42 वर्षीय महिला के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी लगातार उसे फोन व इंटरनेट कॉल के माध्यम से यौन संबंधी टिप्पणियां करके प्रताड़ित करता आ रहा है। इतना ही नहीं वह उसे ब्लैकमेल भी करता रहा है। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी अधिकारी उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां भी दे रहा है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा के पूर्व CM की मुश्किलें बढ़ीं:PMLA केस में हाईकोर्ट पहुंची ED; 6 महीने पहले पंचकूला कोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगाई थी
हरियाणा के पूर्व CM की मुश्किलें बढ़ीं:PMLA केस में हाईकोर्ट पहुंची ED; 6 महीने पहले पंचकूला कोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगाई थी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ पंचकूला स्थित प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) की विशेष अदालत की ओर से सुनवाई पर रोक लगाए जाने के करीब 6 महीने बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी है। भूपेंद्र हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अयोग्य आवेदकों को प्लॉट बांटे। इसके लिए उन्होंने अपने अनुसार नियमों में बदलाव भी किया। ED की ओर से जारी लेटर… अगली सुनवाई 9 दिसंबर को
मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने अगली सुनवाई की तारीख 9 दिसंबर तय करने से पहले याचिका पर नोटिस जारी किया। इस मामले पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ED की वकील डॉ. नेहा अवस्थी के साथ बहस की। अन्य बातों के अलावा, ED ने अपनी याचिका में कहा कि मामला इंडस्ट्रियल प्लॉट के आवंटन से संबंधित है। हुड्डा ने आवंटन मानदंडों को अंतिम रूप देने के लिए फाइल को लंबे समय तक अपने पास रखा। उस समय पूर्व CM हुडा के अध्यक्ष थे। ED की दलील- हुड्डा ने पद का दुरुपयोग किया
सुनवाई के दौरान ED की ओर से दलील दी गई कि पूर्व CM ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और आवेदन आमंत्रित करने की 6 जनवरी, 2016 की अंतिम तिथि के बाद 24 जनवरी, 2016 को मानदंडों को बदल दिया। इसमें यह भी कहा गया कि प्लॉट का आवंटन प्रस्तावित मानदंडों के अनुसार नहीं किया गया था। समय सीमा बीत जाने के बाद इसे बदल दिया गया और गलत तरीके से अयोग्य आवेदकों को प्लॉट आवंटित कर दिए गए। ED ने अपने आवेदन में कहा कि पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गहन जांच करने के बाद फरवरी 2021 में पंचकूला की विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष की शिकायत दर्ज की गई थी। अदालत ने फरवरी 2021 में शिकायत का संज्ञान लिया, लेकिन अदालत ने 15 मई के आदेश के तहत पीएमएलए मुकदमे की कार्यवाही को CBI द्वारा अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने तक रोक दिया। विशेष न्यायालय ने वैधानिक प्रावधानों को नजरअंदाज किया: ED
आदेश को चुनौती देने के आधार पर ED ने कहा कि विशेष न्यायाधीश ने इस तथ्य को गलत तरीके से नजरअंदाज कर दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध स्वतंत्र और अलग है। इस प्रकार अनुसूचित अपराध से संबंधित कार्यवाही पर रोक के आधार पर मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाना कानून की दृष्टि से गलत है। इसमें यह भी कहा गया कि विशेष न्यायालय ने विवादित आदेश पारित करते समय वैधानिक प्रावधानों को नजरअंदाज कर दिया, जिसके अनुसार पीएमएलए के तहत मुकदमा “अनुसूचित अपराध के संबंध में पारित किसी अन्य आदेश पर निर्भर नहीं होगा और इसे अलग से चलाया जाएगा। ED ने योग्य मामलों को विफल होने का अंदेशा जताया
यह भी कहा गया है कि प्रिडिकेट एजेंसी की ओर से अंतिम रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक PMLA के तहत मुकदमे की कार्यवाही जारी रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। क्योंकि, PMLA की योजना में यह शामिल है कि मनी लॉन्ड्रिंग और अनुसूचित अपराधों के लिए मुकदमा अलग-अलग और एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि अनुसूचित अपराध में अंतिम रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक PMLA के तहत मुकदमे को रोकने से देश भर में लंबित PMLA मुकदमों के गंभीर परिणाम होंगे। इससे मनी लॉन्ड्रिंग के योग्य मामलों को शुरू में ही विफल कर दिया जाएगा और निदेशालय के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
भिवानी में मोबाइल टावर के विरोध में प्रदर्शन:डीसी कार्यालय पहुंचे लोग; SDM को बोले- रेडिएशन से बढेंगी बीमारी, प्लाट मालिक ने धमकाया
भिवानी में मोबाइल टावर के विरोध में प्रदर्शन:डीसी कार्यालय पहुंचे लोग; SDM को बोले- रेडिएशन से बढेंगी बीमारी, प्लाट मालिक ने धमकाया हरियाणा के भिवानी की संजीव कॉलोनी व ग्वार फैक्ट्री क्षेत्र के लोगों ने सोमवार को अपने क्षेत्र में मोबाइल फोन टावर लगाने के विरोध में प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर रिहायशी क्षेत्र में टावर लगाए जाने पर रोक लगाए जाने की मांग की। भिवानी की संजीव कालोनी व ग्वार फैक्ट्री क्षेत्र के लोग सोमवार दोपहर बाद डीसी कार्यालय पहुंचे। कॉलोनी वासियों का कहना था कि टावर की रेडिएशन से कॉलोनी वासियों के सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। टावर केवल खाली वन क्षेत्र में लगाए जाए। कॉलोनी वासियों ने कहा कि उनके क्षेत्र में पहले ही हृदयपात, कैंसर, सिरदर्द, याददाश्त खोने के मरीज बढ़ रहे हैं। टावर लगने से दुष्प्रभाव और बढ़ जाएगा। कॉलोनीवासी के लोग ने टावर स्थापित करवाने वाले प्लॉट मालिक पर भी धमकी देने का आरोप लगाया है। टावर का विरोध करने पर उनको धमकी दे रहा है। उन्होंने बताया कि एक निजी कंपनी के कर्मचारी टावर लगाने आए थे। उनका विरोध कर परमिशन के कागजात मांगे तो वह भड़क पड़े और प्लांट मालिक आकर डराने धमकाने लगा। कालोनी के लोगों ने टावर लगाने पर रोक लगाने की मांग की है।