भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद:जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़, राजपूताना राइफल में था भर्ती

भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद:जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़, राजपूताना राइफल में था भर्ती

जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में वीरवार रात आतंकियों से हुई भीषण मुठभेड़ में भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद हो गया। शहीद 28 वर्षीय जीवन सिंह सिरसा जिला के गांव रोहण का रहने वाला है। भारतीय सेना की ओर से जीवन सिंह के शहीद होने की सूचना शुक्रवार सुबह परिजनों को दी गई। गांव रोहण में लाया जाएगा पार्थिव शरीर शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर शाम को गांव रोहण लाया जाएगा। घरवालों को सुबह जैसे ही जीवन सिंह शहीद होने की सूचना मिली तो पत्नी कोमल व मां गोलो कौर का रो रोकर बुरा हाल हो गया। पिता सुखदेव सिंह का कहना है कि मुझे गर्व है कि मेरा जीवन सिंह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। चार पहले हुई थी शादी जानकारी अनुसार गांव रोहण निवासी जीवन सिंह वर्ष 2016 में राजपूताना राइफल में भर्ती हुआ था। जीवन सिंह का परिवार बहुत गरीब है। जीवन सिंह की शादी चार साल पहले कोमल से हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी चार साल व छोटी दो साल की है। इस समय जीवन की तैनाती जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में थी। सेना की ओर से बताया गया है कि वीरवार रात को इलाके में आतंकवादी होने की सूचना मिली थी। आतंकियों से डटकर किया मुकाबला जवान जीवन सिंह ने आतंकियों से डटकर मुकाबला किया। इसी दौरान जीवन सिंह को कई गोलियां लगी, लेकिन जीवन सिंह आखिरी तक लड़ता रहा। इस मुकाबले में जीवन सिंह आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। घायल जीवन सिंह को सेना के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी रात को मौत हो गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे सेना के अधिकारी ने जीवन सिंह के घरवालों को उसके शहीद होने की सूचना दी। शहीद जीवन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांव रोहण में शाम को किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में वीरवार रात आतंकियों से हुई भीषण मुठभेड़ में भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद हो गया। शहीद 28 वर्षीय जीवन सिंह सिरसा जिला के गांव रोहण का रहने वाला है। भारतीय सेना की ओर से जीवन सिंह के शहीद होने की सूचना शुक्रवार सुबह परिजनों को दी गई। गांव रोहण में लाया जाएगा पार्थिव शरीर शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर शाम को गांव रोहण लाया जाएगा। घरवालों को सुबह जैसे ही जीवन सिंह शहीद होने की सूचना मिली तो पत्नी कोमल व मां गोलो कौर का रो रोकर बुरा हाल हो गया। पिता सुखदेव सिंह का कहना है कि मुझे गर्व है कि मेरा जीवन सिंह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। चार पहले हुई थी शादी जानकारी अनुसार गांव रोहण निवासी जीवन सिंह वर्ष 2016 में राजपूताना राइफल में भर्ती हुआ था। जीवन सिंह का परिवार बहुत गरीब है। जीवन सिंह की शादी चार साल पहले कोमल से हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी चार साल व छोटी दो साल की है। इस समय जीवन की तैनाती जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में थी। सेना की ओर से बताया गया है कि वीरवार रात को इलाके में आतंकवादी होने की सूचना मिली थी। आतंकियों से डटकर किया मुकाबला जवान जीवन सिंह ने आतंकियों से डटकर मुकाबला किया। इसी दौरान जीवन सिंह को कई गोलियां लगी, लेकिन जीवन सिंह आखिरी तक लड़ता रहा। इस मुकाबले में जीवन सिंह आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। घायल जीवन सिंह को सेना के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी रात को मौत हो गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे सेना के अधिकारी ने जीवन सिंह के घरवालों को उसके शहीद होने की सूचना दी। शहीद जीवन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांव रोहण में शाम को किया जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर