भारत-तजाकिस्तान की संस्कृतियों पर बनेगी साझा डिक्शनरी:LU ने फॉरेन की यूनिवर्सिटी के साथ किया MOU, लेक्सीकोग्राफी पर रहेगा फोकस

भारत-तजाकिस्तान की संस्कृतियों पर बनेगी साझा डिक्शनरी:LU ने फॉरेन की यूनिवर्सिटी के साथ किया MOU, लेक्सीकोग्राफी पर रहेगा फोकस

लखनऊ विश्वविद्यालय ने तजाकिस्तान की 2 टॉप यूनिवर्सिटी के साथ MOU साइन किया है। इसके तहत एकेडमिक कॉलेब्रेशन, रिसर्च और ड्यूअल डिग्री प्रोग्राम के जरिए स्टूडेंट एक्सचेंज पर फोकस रहेगा। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अगुवाई में तजाकिस्तान के दौरे पर गई टीम की मौजूदगी में इस पर सहमति बनी है। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ.दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस MOU में दोनों देशों की साझा संस्कृतियों पर काम किया जाएगा। लेक्सीकोग्राफी जिसे ‘आर्ट ऑफ कंपायलिंग डिक्शनरी’ कहा जाता है, उस पर भी फोकस रहेगा। इस पहल से दोनों देशों के सांस्कृतिक शब्दावली के लिए साझा शब्दकोश तैयार हो​​​ सकेगा। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 94वें एपिसोड में लखनऊ विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इनफॉरमेशन पब्लिकेशन एंड पब्लिक रिलेशन के निदेशक डॉ. दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव से खास बातचीत.. डॉ. दुर्गेश ने बताया कि 104 साल पुराने लखनऊ विश्वविद्यालय की देश-दुनिया में अपनी विशेष पहचान है। साल 2019-20 में जहां 15 देशों से महज 60 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जबकि 2024-25 में 1700 से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया। NEP लागू करने में लखनऊ विश्वविद्यालय पूरे देश मे अगुवा रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने तजाकिस्तान की 2 टॉप यूनिवर्सिटी के साथ MOU साइन किया है। इसके तहत एकेडमिक कॉलेब्रेशन, रिसर्च और ड्यूअल डिग्री प्रोग्राम के जरिए स्टूडेंट एक्सचेंज पर फोकस रहेगा। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अगुवाई में तजाकिस्तान के दौरे पर गई टीम की मौजूदगी में इस पर सहमति बनी है। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ.दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस MOU में दोनों देशों की साझा संस्कृतियों पर काम किया जाएगा। लेक्सीकोग्राफी जिसे ‘आर्ट ऑफ कंपायलिंग डिक्शनरी’ कहा जाता है, उस पर भी फोकस रहेगा। इस पहल से दोनों देशों के सांस्कृतिक शब्दावली के लिए साझा शब्दकोश तैयार हो​​​ सकेगा। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 94वें एपिसोड में लखनऊ विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इनफॉरमेशन पब्लिकेशन एंड पब्लिक रिलेशन के निदेशक डॉ. दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव से खास बातचीत.. डॉ. दुर्गेश ने बताया कि 104 साल पुराने लखनऊ विश्वविद्यालय की देश-दुनिया में अपनी विशेष पहचान है। साल 2019-20 में जहां 15 देशों से महज 60 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जबकि 2024-25 में 1700 से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया। NEP लागू करने में लखनऊ विश्वविद्यालय पूरे देश मे अगुवा रहा है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर